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5ण्1 भूमिका आपने इस पर अवश्य ध्यान दिया होगा कि प्रवृफति में, अनेक वस्तुएँ एक निश्िचत प्रतिरूप ;चंजजमतदद्ध का अनुसरण करती हंै, जैसे कि सूरजमुखी के पूफल की पंखुडि़याँ, मध्ु - कोष ;या मध्ु - छत्तेद्ध में छिद्र, एक भुट्टे पर दाने, एक अनन्नास और एक पाइन कोन ;चपदम बवदमद्ध पर स£पल, इत्यादि अब हम अपने दैनिक जीवन में आने वाले प्रतिरूपों की ओर देखते हैं। ऐसे वुफछ उदाहरण हैं: ;पद्ध रीना ने एक पद के लिए आवेदन किया और उसका चयन हो गया। उसे यह पद ृ 8000 के मासिक वेतन और ृ 500 वा£षक की वेतन वृि के साथ दिया गया। उसका वेतन ;ृ मेंद्ध पहले वषर्, दूसरे वषर्, तीसरे वषर्, इत्यादि के लिए क्रमशः 8000ए 8500ए 9000ए ण् ण् ण् होगा। ;पपद्ध एक सीढ़ी के डंडों की लंबाइयाँ नीचे से ऊपर की ओर एक समान रूप से 2 बउ घटती जाती हैं। ;देख्िाए आवृफति 5ण्1द्ध। सबसे नीचे वाला डंडा लंबाइर् में 45 बउ है। नीचे से, पहले, दूसरे, आवृफति 5ण्1 तीसरे, . . . डंडों की लंबाइयाँ ;बउ मेंद्ध क्रमशः 45ए 43ए 41ए 39ए 37ए 35ए 33 और 31 हैं। 5 ;पपपद्ध किसी बचत योजना में, कोइर् ध्नराश्िा प्रत्येक 3 वषो± के बाद स्वयं की गुनी हो जाती 4 है। 8000 रु के निवेश की 3ए 6ए 9 और 12 वषो± के बाद परिपक्वता राश्िायाँ ;रुपयों मेंद्ध क्रमशः 10000ए 12500ए 15625ए और 19531ण्25 हैं। ;पअद्ध भुजाओं 1ए 2ए 3ए ण् ण् ण् मात्राकों ;नदपजेद्ध वाले वगो± में मात्राक वगो± की संख्याएँ ;देख्िाए आवृफति 5ण्2 ;अद्ध शकीला अपनी पुत्राी की गुल्लक में ृ 100 तब डालती है, जब वह एक वषर् की हो जाती है तथा प्रत्येक वषर् इसमें ृ 50 की वृि करती जाती है। उसके पहले, दूसरे, तीसरे, चैथे, ... जन्म दिवसों पर उसकी गुल्लक में डाली गइर् राश्िायाँ ;रुपयों मेंद्ध क्रमशः 100ए 150ए 200ए 250ए ण् ण् ण् होंगी। ;अपद्ध खरगोशों का एक युग्म अपने पहले महीने में प्रजनन करने के योग्य नहीं है। दूसरे और प्रत्येक आने वाले महीने में वे एक नए युग्म का प्रजनन करते हैं। प्रत्येक नया युग्म अपने दूसरे महीने और प्रत्येक आने वाले महीने में एक नए युग्म का प्रजनन करता है ;देख्िाए आवृफति 5ण्3द्ध। यह मानते हुए कि किसी खरगोश की मृत्यु नहीं होती है, पहले, दूसरे, तीसरे, . . ., छठे महीने के प्रारंभ में खरगोशों के युग्मों की संख्या क्रमशः 1ए 1ए 2ए 3ए 5 और 8 होगी। आवृफति 5ण्3 उपरोक्त उदाहरणों में, हम वुफछ प्रतिरूप देखते हैं। वुफछ में, हम देखते हैं कि उत्तरोत्तर पद अपने से पहले पद में एक स्िथर संख्या जोड़ने से प्राप्त होते हैंऋ वुफछ में ये पद अपने से पहले पद को एक निश्िचत संख्या से गुणा करके प्राप्त होते हैं तथा वुफछ अन्य में हम यह देखते हैं कि ये क्रमागत संख्याओं के वगर् हैं, इत्यादि। इस अध्याय में, हम इनमें से एक प्रतिरूप का अध्ययन करेंगे जिसमें उत्तरोत्तर पद अपने से पहले पदों में एक निश्िचत संख्या जोड़ने पर प्राप्त किए जाते हैं। हम यह भी देखेंगे कि इनके दवें पद और द क्रमागत पदों के योग किस प्रकार ज्ञात किए जाते हैं तथा इस ज्ञान का प्रयोग वुफछ दैनिक जीवन की समस्याओं को हल करने में करेंगे। 5ण्2 समांतर श्रेढि़याँ संख्याओं की निम्नलिख्िात सूचियों ;सपेजेद्ध पर विचार कीजिएः ;पद्ध 1ए 2ए 3ए 4ए ण् ण् ण् ;पपद्ध 100ए 70ए 40ए 10ए ण् ण् ण् ;पपपद्ध दृ3ए दृ2ए दृ1ए 0ए ण् ण् ण् ;पअद्ध 3ए 3ए 3ए 3ए ण् ण् ण् ;अद्ध दृ1ण्0ए दृ1ण्5ए दृ2ण्0ए दृ2ण्5ए ण् ण् ण् सूची की प्रत्येक संख्या एक पद ;जमतउद्ध कहलाता है। उपरोक्त सूचियों में से प्रत्येक सूची में, यदि आपको एक पद दिया हो, तो क्या आप उसका अगला पद लिख सकते हैं? यदि हाँ, तो आप ऐसा वैफसे करेंगे? शायद, किसी प्रतिरूप या नियम का अनुसरण करते हुए, आप ऐसा करेंगे। आइए, उपरोक्त सूचियों को देखें और इनमें संब( नियम को लिखें। ;पद्ध में प्रत्येक पद अपने पिछले पद से 1 अध्िक है। ;पपद्ध में प्रत्येक पद अपने पिछले पद से 30 कम है। ;पपपद्ध में प्रत्येक पद अपने पिछले पद में 1 जोड़ने से प्राप्त होता है। ;पअद्ध में सभी पद 3 हैं, अथार्त् प्रत्येक पद अपने पिछले पद में शून्य जोड़कर ;या उसमें से शून्य घटा कर 0 प्राप्त होता है।द्ध ;अद्ध में प्रत्येक पद अपने पिछले पद में दृ 0ण्5 जोड़कर ;अथार्त् उसमें से 0ण्5 घटाकरद्ध प्राप्त होता है। उपरोक्त सूचियों में से प्रत्येक में हम देखते हैं कि उत्तरोत्तर पदों को इनसे पहले पदों में एक निश्िचत संख्या जोड़कर प्राप्त किया जाता है। संख्याओं की ऐसी सूची को यह कहा जाता है कि वे एक समांतर श्रेढ़ी ;।तपजीउमजपब च्तवहतमेेपवद या ।ण्च्ण्द्ध बना रहे हैं। अतः, एक समांतर श्रेढ़ी संख्याओं की एक ऐसी सूची है जिसमें प्रत्येक पद ;पहले पद के अतिरिक्तद्ध अपने पद में एक निश्िचत संख्या जोड़ने पर प्राप्त होता है। यह निश्िचत संख्या ।ण्च्ण् का सावर् अंतर ;बवउउवद कपमिितमदबमद्ध कहलाती है। याद रख्िाए, यह सावर् अंतर ध्नात्मक, )णात्मक या शून्य हो सकता है। आइए एक।ण्च्ण् के पहले पद को ं दूसरे पद को ं ए ण् ण् ण्ए दवें पद को ं तथा सावर् 1 2द अंतर को क से व्यक्त करें। तब, ।ण्च्ण्ए ं 1ए ं 2ए ं 3ए ण् ण् ण्ए ंद हो जाती है। अतः ं दृ ं त्र ं दृ ं त्र ण् ण् ण् त्र ं दृ ं त्र क है। 2132दद दृ 1 ।ण्च्ण् के वुफछ अन्य उदाहरण निम्नलिख्िात हैं: ;ंद्ध किसी स्वूफल की प्रातःकालीन सभा में एक पंक्ित में खड़े हुए वुफछ विद्या£थयों की ऊँचाइयाँ ; बउ में द्ध 147 ए 148ए 149ए ण् ण् ण्ए 157 हैं। ;इद्ध किसी शहर में, जनवरी मास में किसी सप्ताह में लिए गए न्यूनतम तापमान ;डिग्री सेल्िसयस मेंद्ध आरोही क्रम में लिखने पर दृ 3ण्1ए दृ 3ण्0ए दृ 2ण्9ए दृ 2ण्8ए दृ 2ण्7ए दृ 2ण्6ए दृ 2ण्5 हैं। ;बद्ध ृ 1000 के एक )ण में से प्रत्येक मास 5ः )ण की राश्िा वापिस करने पर शेष राश्िायाँ ;ृ मेंद्ध950, 900, 850, 800, ण् ण् ण्ए 50 हैं। ;कद्ध किसी स्वूफल द्वारा कक्षाओं प् से ग्प्प् तक के सवार्ध्िक अंक पाने वाले विद्या£थयों को दिए जाने वाले नकद पुरस्कार ;ृ मेंद्ध क्रमशः 200ए 250ए 300ए 350ए ण् ण् ण्ए 750 हैं। ;मद्ध जब प्रति मास ृ 50 की बचत की जाती है, तो 10 मास के लिए, प्रत्येक मास के अंत में वुफल बचत की राश्िायाँ ;ृ मेंद्ध50ए 100ए 150ए 200ए 250ए 300ए 350ए 400ए 450 और 500 हैं। यह आपके अभ्यास के लिए छोड़ा जा रहा है कि आप स्पष्ट करें कि उपरोक्त में प्रत्येक सूची एक ।ण्च्ण् क्यों है। आप यह देख सकते हैं कि ंए ं ़ कए ं ़ 2कए ं ़ 3कए ण् ण् ण् एक समांतर श्रेढ़ी को निरूपित करती है, जहाँ ं पहला पद है औरक सावर् अंतर है। इसे ।ण्च्ण् का व्यापक रूप ;हमदमतंस वितउद्ध कहते हैं। ध्यान दीजिए कि उपरोक्त उदाहरणों ;ंद्ध से ;मद्ध में, पदों की संख्या परिमित ;पिदपजमद्ध है। ऐसी ।ण्च्ण् को एक परिमित।ण्च्ण् कहते हैं। आप यह भी देख सकते हैं कि इनमें से प्रत्येक ।ण्च्ण् का एक अंतिम पद ;संेज जमतउद्ध है। इसी अनुच्छेद के उदाहरणों ;पद्ध से ;अद्ध में दी हुइर् ।ण्च्ण् परिमित ।ण्च्ण् नहीं हैं। ये अपरिमित ।ण्च्ण् ;प्दपिदपजम ।तपजीउमजपब च्तवहतमेेपवदेद्ध कहलाती है। ऐसी ।ण्च्ण् में अंतिम पद नहीं होते। अब एक।ण्च्ण् के बारे में जानने के लिए आपको न्यूनतम किस सूचना की आवश्यकता होती है? क्या इसके प्रथम पद की जानकारी पयार्प्त है? या क्या इसके केवल सावर् अंतर की जानकारी पयार्प्त है? आप पाएँगे कि आपको इन दोनों अथार्त् प्रथम पद ं और सावर् अंतर क की जानकारी होना आवश्यक है। उदाहरणाथर्, यदि प्रथम पद ं त्र 6 है और सावर् अंतर क त्र 3 है तो 6ए 9ए12ए 15ए ण् ण् ण् ।ण्च्ण् है। तथा यदि ं त्र 6 है और क त्र दृ 3 है तो 6ए 3ए 0ए दृ3ए ण् ण् ण् ।ण्च्ण् है। इसी प्रकार, जब ं त्र दृ 7ए क त्र दृ 2ए तो दृ 7ए दृ 9ए दृ 11ए दृ 13ए ण् ण् ण् ।ण्च्ण् है। ं त्र 1ण्0ए क त्र 0ण्1ए तो 1ण्0ए 1ण्1ए 1ण्2ए 1ण्3ए ण् ण् ण् ।ण्च्ण् है। 1 11 ं त्र 0ए क त्र 1 ए तो 0ए 1 ए 3ए 4 ए 6ए ण् ण् ण् ।ण्च्ण् है। 2 22 ं त्र 2ए क त्र 0ए तो 2ए 2ए 2ए 2ए ण् ण् ण् ।ण्च्ण् है। अतः यदि आपको ं और क ज्ञात हों तो ।ण्च्ण् लिख सकते हैं। इसकी विपरीत प्रिया के बारे में आप क्या कह सकते हैं? अथार्त् यदि आपको संख्याओं की एक सूची दी हुइर् है, तो क्या आप कह सकते हैं कि यह एक ।ण्च्ण् है और पिफर इसके ं और क ज्ञात कर सकते हैं? क्योंकि ं प्रथम पद है, इसलिए इसे सरलता से लिखा जा सकता है। हम जानते हैं कि एक।ण्च्ण् में, प्रत्येक उत्तरोत्तर पद अपने से पहले पद में क जोड़कर प्राप्त होता है। अतः, एक।ण्च्ण् के लिए, उसके प्रत्येक पद को उससे अगले पद में से घटाने से प्राप्त क सभी पदों के लिए एक ही होगा। उदाहरणाथर्, संख्याओं की सूची 6ए 9ए 12ए 15ए ण् ण् ण् के लिए हमें प्राप्त हैः ं 2 दृ ं 1 त्र 9 दृ 6 त्र 3 ं दृ ं त्र 12 दृ 9 त्र 3 32 ं दृ ं त्र 15 दृ 12 त्र 3 43 यहाँ, प्रत्येक स्िथति में, किन्हीं दो क्रमागत पदों का अंतर 3 है। अतः, संख्याओं की उपरोक्त दी हुइर् चचार् सूची एक।ण्च्ण् है, जिसका प्रथम पद ंत्र 6 है तथा सावर् अंतर कत्र 3 है। संख्याओं की सूची रू 6ए 3ए 0ए दृ 3ए ण् ण् ण् के लिए ं दृ ं त्र 3 दृ 6 त्र दृ 3 2 1 ं दृ ं त्र 0 दृ 3 त्र दृ 3 32 ं दृ ं त्र दृ3 दृ 0 त्र दृ3 43 अतः यह भी एक ।ण्च्ण् है जिसका प्रथम पद 6 है और सावर् अंतर दृ3 है। व्यापक रूप में, ।ण्च्ण् ं 1ए ं 2ए ण् ण् ण्ए ंद के लिए, क त्र ं दृ ं ा ़ 1ा जहाँ ं और ं क्रमशः ; ा ़ 1 द्धवें और ावें पद हैं। ा ़ 1 ा एक दी हुइर् ।ण्च्ण् का क ज्ञात करने के लिए, हमें ं दृ ं ए ं दृ ं ए ं दृ ं ए ण् ण् ण् ण् में से 213243 सभी को ज्ञात करने की आवश्यकता नहीं है। इनमें से किसी एक का ज्ञात करना ही पयार्प्त है। संख्याओं की सूची 1ए 1ए 2ए 3ए 5ए ण् ण् ण् ण् पर विचार कीजिए। केवल देखने से ही यह पता चल जाता है कि किन्हीं दो क्रमागत पदों का अंतर सदैव समान नहीं है। अतः यह एक ।ण्च्ण् नहीं है। ध्यान दीजिए कि।ण्च्ण् रू 6ए 3ए 0ए दृ 3ए ण् ण् ण् का क ज्ञात करने के लिए, हमने 3 में से 6 को घटाया था, 6 में से 3 को नहीं घटाया था। अथार्त् क ज्ञात करने के लिए हमें ;ा ़ 1द्ध वें पद मंे ावें पद को ही घटाना चाहिए, चाहे ;ा ़ 1द्ध वाँ पद छोटा ही क्यों न हो। आइए वुफछ उदाहरणों की सहायता से इन अवधरणाओं को और अध्िक स्पष्ट करें। 31 1 3 उदाहरण 1 रू ।ण्च्ण् रू ए ए दृ ए दृ ए ण् ण् ण्ए के लिए प्रथम पदं और सावर् अंतरक लिख्िाए। 22 2 2 3 13 हल रू यहाँ ं त्रए क त्र दृ त्र दृ 1 है। 2 22 याद रख्िाए कि यदि हमें यह ज्ञात हो जाए कि संख्याएँ ।ण्च्ण् में हैं, तो हम किन्हीं भी दो क्रमागत पदों का प्रयोग करके क ज्ञात कर सकते हैं। उदाहरण 2 रू संख्याओं की निम्नलिख्िात सूचियों में से कौन - कौन से ।ण्च्ण् नहीं हंै? यदि इनसे कोइर् ।ण्च्ण् है तो उसके अगले दो पद लिख्िाए। ;पद्ध 4ए 10ए 16ए 22ए ण् ण् ण् ;पपद्ध 1ए दृ 1ए दृ 3ए दृ 5ए ण् ण् ण् ;पपपद्ध दृ 2ए 2ए दृ 2ए 2ए दृ 2ए ण् ण् ण् ;पअद्ध 1ए 1ए 1ए 2ए 2ए 2ए 3ए 3ए 3ए ण् ण् ण् हल रू ;पद्ध ं 2 दृ ं 1 त्र 10 दृ 4 त्र 6 ं दृ ं त्र 16 दृ 10 त्र 6 3 2 ं दृ ं त्र 22 दृ 16 त्र 6 43 अथार्त्, प्रत्येक बार ं दृ ं एक ही है। ा ़ 1ा अतः, दी हुइर् संख्याओं की सूची एक ।ण्च्ण् है जिसका सावर् अंतर क त्र 6 है। इसके अगले दो पद 22 ़ 6 त्र 28 और 28 ़ 6 त्र 34 हैं। ;पपद्ध ं 2 दृ ं 1 त्र दृ 1 दृ 1 त्र दृ 2 ं 3 दृ ं 2 त्र दृ 3 दृ ; दृ1 द्ध त्र दृ 3 ़ 1 त्र दृ 2 ं 4 दृ ं 3 त्र दृ 5 दृ ; दृ3 द्ध त्र दृ 5 ़ 3 त्र दृ 2 अथार्त्, प्रत्येक बार ं दृ ं एक ही है। ा ़ 1ा अतः, संख्याओं की दी हुइर् सूची एक ।ण्च्ण् है जिसका सावर् अंतर क त्र दृ2 है। इसके अगले दो पद दृ 5 ़ ;दृ 2 द्ध त्र दृ 7 और दृ 7 ़ ;दृ 2 द्ध त्र दृ 9 हैं। ;पपपद्ध ं 2 दृ ं 1 त्र 2 दृ ;दृ 2द्ध त्र 2 ़ 2 त्र 4 ं दृ ं त्र दृ 2 दृ 2 त्र दृ 4 3 2 चूँकि ं दृ ं ≠ ं दृ ं हैं, इसलिए दी हुइर् संख्याओं की सूची से एक ।ण्च्ण् नहीं है। 2 1 32 ;पअद्ध ं दृ ं त्र 1 दृ 1 त्र 0ए ं दृ ं त्र 1 दृ 1 त्र 0ए ं दृ ं त्र 2 दृ 1 त्र 1 2 13243 यहाँ, ं 2 दृ ं 1 त्र ं 3 दृ ं 2 ≠ ं 4 दृ ं 3 है। अतः, दी हुइर् संख्याओं की सूची से एक ।ण्च्ण् नहीं है। प्रश्नावली 5ण्1 1ण् निम्नलिख्िात स्िथतियों में से किन स्िथतियों में संब( संख्याओं की सूची ।ण्च्ण् है और क्यों? ;पद्ध प्रत्येक किलो मीटर के बाद का टैक्सी का किराया, जबकि प्रथम किलो मीटर के लिए किराया ृ 15 है और प्रत्येक अतिरिक्त किलो मीटरके लिए किराया ृ 8 है। ;पपद्ध किसी बेलन ;बलसपदकमतद्ध में उपस्िथत हवा की मात्रा, जबकि वायु निकालने वाला पंप प्रत्येक बार बेलन की शेष हवा का 1 भाग बाहर निकाल देता है। 4 ;पपपद्ध प्रत्येक मीटर की खुदाइर् के बाद, एक वुँफआ खोदने में आइर् लागत, जबकि प्रथम मीटर खुदाइर् की लागत ृ 150 है और बाद में प्रत्येक मीटर खुदाइर् की लागत ृ 50 बढ़ती जाती है। ;पअद्ध खाते में प्रत्येक वषर् का मिश्रध्न, जबकि ृ 10000 की राश्िा 8: वा£षक की दर से चक्रवृि ब्याज पर जमा की जाती है। 2ण् दी हुइर् ।ण्च्ण् के प्रथम चार पद लिख्िाए, जबकि प्रथम पद ं और सावर् अंतरक निम्नलिख्िात हैंः ;पद्ध ं त्र 10ए क त्र 10 ;पपद्ध ं त्र दृ2ए क त्र 0 1 ;पपपद्ध ं त्र 4ए क त्र दृ 3 ;पअद्ध ं त्र दृ 1ए क त्र 2 ;अद्ध ं त्र दृ 1ण्25ए क त्र दृ 0ण्25 3ण् निम्नलिख्िात में से प्रत्येक ।ण्च्ण् के लिए प्रथम पद तथा सावर् अंतर लिख्िाए: ;पद्ध 3ए 1ए दृ 1ए दृ 3ए ण् ण् ण् ;पपद्ध दृ 5ए दृ 1ए 3ए 7ए ण् ण् ण् 1 5 913 ए एए ए ;पपपद्ध ण् ण् ण् ;पअद्ध 0ण्6ए 1ण्7ए 2ण्8ए 3ण्9ए ण् ण् ण् 3 33 3 4ण् निम्नलिख्िात में से कौन - कौन ।ण्च्ण् हैं? यदि कोइर् ।ण्च्ण् है, तो इसका सावर् अंतर ज्ञात कीजिए और इनके तीन और पद लिख्िाए। 5 ;पद्ध 2ए 4ए 8ए 16ए ण् ण् ण् ;पपद्ध 2ए ए3ए 7ए ण् ण् ण् 22 ;पपपद्ध दृ 1ण्2ए दृ 3ण्2ए दृ 5ण्2ए दृ 7ण्2ए ण् ण् ण् ;पअद्ध दृ 10ए दृ 6ए दृ 2ए 2ए ण् ण् ण् ;अद्ध 3ए 3 ़ 2ए 3 ़ 2 2ए 3 ़3 2 ए ण् ण् ण् ;अपद्ध 0ण्2ए 0ण्22ए 0ण्222ए 0ण्2222ए ण् ण् ण् 1 1 1 1 ;अपपद्ध 0ए दृ 4ए दृ 8ए दृ12ए ण् ण् ण् ;अपपपद्ध दृ 2 ए दृ 2 ए दृ 2 ए दृ 2 ए ण् ण् ण् ;पगद्ध 1ए 3ए 9ए 27ए ण् ण् ण् ;गद्ध ंए 2ंए 3ंए 4ंए ण् ण् ण् ;गपद्ध ंए ं2 ए ं3 ए ं4ए ण् ण् ण् ;गपपद्ध ;गपअद्ध 12ए 32ए 52ए 72ए ण् ण् ण् ;गअद्ध 12ए 52ए 72ए 73ए ण् ण् ण् 5ण्3 ।ण्च्ण् का दवाँ पद आइए अनुच्छेद 5ण्1 में दी हुइर् उस स्िथति पर पुनः विचार करें जिसमें रीना ने एक पद के लिए आवेदन किया था और वह चुन ली गइर् थी। उसे यह पदृ 8000 के मासिक वेतन और ृ 500 वा£षक की वेतन वृि के साथ दिया गया था। पाँचवें वषर् में उसका मासिक वेतन क्या होगा? इसका उत्तर देने के लिए, आइए देखें कि उसका मासिक वेतन दूसरे वषर् में क्या होगा। यह;ृ 8000 ़ ृ 500द्ध त्र ृ 8500 होगा। इसी प्रकार, हम तीसरे, चैथे और पाँचवें वषो± के लिए, उसके मासिक वेतन, पिछले वषर् के वेतन में ृ 500 जोड़ कर ज्ञात कर सकते हैं। अतः, उसका तीसरे वषर् का वेतन त्र ृ ;8500 ़ 500द्ध त्र ृ ;8000 ़ 500 ़ 500द्ध त्र ृ ;8000 ़ 2 × 500द्ध त्र ृ ख्8000 ़ ;3 दृ 1द्ध × 500, ;तीसरे वषर् के लिएद्ध त्र ृ 9000 चैथे वषर् का वेतन त्र ृ ;9000 ़ 500द्ध त्र ृ ;8000 ़ 500 ़ 500 ़ 500द्ध त्र ृ ;8000 ़ 3 × 500द्ध त्र ृ ख्8000 ़ ;4 दृ 1द्ध × 500, ;चैथे वषर् के लिएद्ध त्र ृ 9500 पाँचवें वषर् का वेतन त्र ृ ;9500 ़ 500द्ध त्र ृ ;8000़500़500़500 ़ 500द्ध त्र ृ ;8000 ़ 4 × 500द्ध त्र ृ ख्8000 ़ ;5 दृ 1द्ध × 500, ;पाँचवें वषर् के लिएद्ध त्र ृ 10000 ध्यान दीजिए कि यहाँ हमें संख्याओं की निम्नलिख्िात सूची मिल रही है: 8000ए 8500ए 9000ए 9500ए 10000ए ण् ण् ण् ये संख्याएँ एक ।ण्च्ण् बना रही हैं। ;क्यों?द्ध अब ऊपर बनने वाले प्रतिरूप को देखकर क्या आप उसका छठे वषर् का मासिक वेतन ज्ञात कर सकते हैं? क्या 15वें वषर् का मासिक वेतन ज्ञात कर सकते हैं? साथ ही, यह मानते हुए कि वह इस पद पर आगे भी कायर् करती रहेगी, 25वें वषर् के लिए उसके मासिक वेतन के विषय में आप क्या कह सकते हैं? इसका उत्तर देने के लिए, आप पिछले वषर् के वेतन में ृ 500 जोड़कर वांछित वेतन परिकलित करेंगे। क्या आप इस प्रिया को वुफछ संक्ष्िाप्त कर सकते हैं? आइए, देखें। जिस प्रकार हमने इन वेतनों को ऊपर प्राप्त किया है, उनसे आपको वुफछ आभास तो लग गया होगा। 15वें वषर् के लिए वेतन त्र 14वें वषर् के लिए वेतन ़ ृ 500 500 ़500 ़500 ़ ण्ण्ण् ़500 ⎤ ⎡ 8000 ़़ ृ 500 त्र ृ ⎢⎥ ⎣ 13 बार ⎦ त्र ृ ख्8000 ़ 14 × 500, त्र ृ ख्8000 ़ ;15 दृ 1द्ध × 500, त्र ृ 15000 अथार्त् प्रथम वेतन ़ ;15 दृ 1द्ध × वा£षक वेतन वृि इसी प्रकार 25वें साल में उसका वेतन होगा: ृ ख्8000 ़ ;25 दृ 1द्ध × 500, त्र ृ 20000 त्र प्रथम वेतन ़ ;25 दृ 1द्ध × वा£षक वेतन वृि इस उदाहरण से, आपको वुफछ आभास तो अवश्य हो गया होगा कि एक।ण्च्ण् के 15वें पद, 25वें पद और व्यापक रूप में, दवें पद को किस प्रकार लिखा जा सकता है। मान लीजिए ं 1ए ं 2ए ं 3ए ण्ण्ण् एक ।ण्च्ण् है, जिसका प्रथम पद ं है और सावर् अंतर क है। तब दूसरा पद ं 2 त्र ं ़ क त्र ं ़ ;2 दृ 1द्ध क तीसरा पद ं 3 त्र ं 2 ़ क त्र ;ं ़ कद्ध ़ क त्र ं ़ 2क त्र ं ़ ;3 दृ 1द्ध क चैथा पद ं 4 त्र ं 3 ़ क त्र ;ं ़ 2कद्ध ़ क त्र ं ़ 3क त्र ं ़ ;4 दृ 1द्ध क ण् ण् ण् ण् ण् ण् ण् ण् ण् ण् ण् ण् ण् ण् ण् ण् इस प्रतिरूप को देखते हुए, हम कह सकते हैं कि दवाँ पद ंद त्र ं ़ ;द दृ 1द्ध क है। अतः, प्रथम पद ं और सावर् अंतर क वाली एक ।ण्च्ण् का दवाँ पद ंद त्र ं ़ ;द दृ 1द्ध क द्वारा प्राप्त होता है। ंद को ।ण्च्ण् का व्यापक पद ;हमदमतंस जमतउद्ध भी कहते हैं। यदि किसी ।ण्च्ण् में उ पद हैं, तो ंउ इसके अंतिम पद को निरूपित करता है, जिसे कभी - कभी स द्वारा भी व्यक्त किया जाता है। आइए अब वुफछ उदाहरणों पर विचार करें। उदाहरण 3 रू ।ण्च्ण् रू 2ए 7ए 12ए ण् ण् ण् का 10वाँ पद ज्ञात कीजिए। हल रू यहाँ ं त्र 2ए क त्र 7 दृ 2 त्र 5 और द त्र 10 है। चूँकि ंद त्र ं ़ ;द दृ 1द्ध क है, इसलिए ं 10 त्र 2 ़ ;10 दृ 1द्ध × 5 त्र 2 ़ 45 त्र 47 अतः दी हुइर् ।ण्च्ण् का 10वाँ पद 47 है। उदाहरण 4 रू ।ण्च्ण् रू 21ए 18ए 15ए ण् ण् ण् का कौन - सा पद दृ 81 है? साथ ही क्या इस ।ण्च्ण् का कोइर् पद शून्य है? सकारण उत्तर दीजिए। हल रू यहाँ, ं त्र 21ए क त्र 18 दृ 21 त्र दृ 3 और ंद त्र दृ 81 है। हमें द ज्ञात करना है। चूँकि ंद त्र ं ़ ; द दृ 1द्ध कए अतः दृ 81 त्र 21 ़ ;द दृ 1द्ध;दृ 3द्ध या दृ 81 त्र 24 दृ 3द या दृ 105 त्र दृ 3द अतः द त्र 35 इसलिए दी हुइर् ।ण्च्ण् का 35वाँ पद दृ 81 है। आगे, हम यह जानना चाहते हैं कि क्या कोइर् द ऐसा है कि ंद त्र 0 हो। यदि ऐसा कोइर् द है तो 21 ़ ;द दृ 1द्ध ;दृ3द्ध त्र 0ए अथार्त् 3;द दृ 1द्ध त्र 21 या द त्र8 अतः, 8वाँ पद 0 है। उदाहरण 5 रू वह ।ण्च्ण् निधर्रित कीजिए जिसका तीसरा पद 5 और 7वाँ पद 9 है। हल रू हमें प्राप्त है ं 3 त्र ं ़ ;3 दृ 1द्ध क त्र ं ़ 2क त्र 5 ;1द्ध और ं 7 त्र ं ़ ;7 दृ 1द्ध क त्र ं ़ 6क त्र 9 ;2द्ध समीकरणों ;1द्ध और ;2द्ध के युग्म को हल करने पर, हमें प्राप्त होता है: ं त्र 3ए क त्र 1 अतः वांछित ।ण्च्ण् रू 3ए 4ए 5ए 6ए 7ए ण् ण् ण् है। उदाहरण 6 रू क्या संख्याओं की सूची 5ए 11ए 17ए 23ए ण् ण् ण् का कोइर् पद 301 है? क्यों? हल रू हमें प्राप्त है: ं दृ ं त्र 11 दृ 5 त्र 6ए ं दृ ं त्र 17 दृ 11 त्र 6ए ं दृ ं त्र 23 दृ 17 त्र 6 213243 चूँकि ा त्र 1ए 2ए 3ए आदि के लिए, ं दृ ं एक समान संख्या होती है, इसलिए दी हुइर् सूची ा ़ 1ा एक ।ण्च्ण् है। यहाँ ं त्र 5 और क त्र 6 मान लीजिए इस ।ण्च्ण् का दवाँ पद 301 है। हम जानते हैं कि ंद त्र ं ़ ;द दृ 1द्ध क इसलिए 301 त्र 5 ़ ;द दृ 1द्ध × 6 अथार्त् 301 त्र 6द दृ 1 302 151 अतः द त्र त्र 63 परंतु द एक ध्नात्मक पूणा±क होना चाहिए ;क्यों?द्ध। अतः, 301 संख्याओं की दी हुइर् सूची का पद नहीं है। उदाहरण 7 रू दो अंकों वाली कितनी संख्याएँ 3 से विभाज्य हैं? हल रू 3 से विभाज्य होने वाली दो अंकों की संख्याओं की सूची है: 12ए 15ए 18ए ण् ण् ण् ए 99 क्या यह एक।ण्च्ण् है? हाँ, यह है। यहाँ ं त्र 12ए क त्र 3 और ंद त्र 99 है। चूँकि ंद त्र ं ़ ;द दृ 1द्ध कए इसलिए 99 त्र 12 ़ ;द दृ 1द्ध × 3 अथार्त् 87 त्र ;द दृ 1द्ध × 3 87 अथार्त् द दृ 1 त्र त्र 29 3अथार्त् द त्र 29 ़ 1 त्र 30 अतः, 3 से विभाज्य दो अंकों वाली 30 संख्याएँ हैं। उदाहरण 8 रू ।ण्च्ण् रू 10ए 7ए 4ए ण् ण् ण्ए दृ 62 का अंतिम पद से ;प्रथम पद की ओरद्ध 11वाँ पद ज्ञात कीजिए। हल रू यहाँ, ं त्र 10ए क त्र 7 दृ 10 त्र दृ 3ए स त्र दृ 62ए जहाँ स त्र ं ़ ;द दृ 1द्ध क अंतिम पद से 11वाँ पद ज्ञात करने के लिए, हम इस ।च् के वुफल पदों की संख्या ज्ञात करेंगे। अतः दृ 62 त्र 10 ़ ;द दृ 1द्ध;दृ3द्ध या दृ 72 त्र ;द दृ 1द्ध;दृ3द्ध अथार्त् द दृ 1 त्र 24 या द त्र 25 अतः, दी हुइर् ।ण्च्ण् में 25 पद हैं। अंतिम पद से 11वाँ पद ।च् का 15वाँ पद होगा। ;ध्यान दीजिए कि यह 14वाँ पद नहीं होगा। क्यों?द्ध अतः, ं 15 त्र 10 ़ ;15 दृ 1द्ध;दृ3द्ध त्र 10 दृ 42 त्र दृ 32 इसलिए, अंतिम पद से 11वाँ पद दृ 32 है। वैकल्िपक हलः यदि हम।ण्च्ण् को विपरीत ओर से देखंे, तो इसका प्रथम पद ं त्र दृ 62 है और सावर् अंतर क त्र 3 है। ;क्यों?द्ध अब, प्रश्न यह बन जाता है कि इस ।च् का 11वाँ पद ज्ञात किया जाए। अतः ं 11 त्र दृ 62 ़ ;11 दृ 1द्ध × 3 त्र दृ 62 ़ 30 त्र दृ 32 अतः अंतिम पद से 11वाँ वांछित पद दृ 32 है। उदाहरण 9 रू ृ 1000 की एक ध्नराश्िा 8ः वा£षक साधरण ब्याज पर निवेश की जाती है। प्रत्येक वषर् के अंत में ब्याज परिकलित कीजिए। क्या ये ब्याज एक ।ण्च्ण् बनाते हैं? यदि ऐसा है, तो इस तथ्य का प्रयोग करते हुए 30 वषो± के अंत में ब्याज परिकलित कीजिए। हल रू हम जानते हैं कि साधरण ब्याज परिकलित करने के लिए सूत्रा निम्नलिख्िात हैः च्×त्×ज् साधरण ब्याज त्र 100 1000 × 8×1 अतः, प्रथम वषर् के अंत में ब्याज त्र ृ त्र ृ 80 100 1000 × 8× 2 दूसरे वषर् के अंत में ब्याज त्र ृ त्र ृ 160 100 1000× 8× 3 तीसरे वषर् के अंत में ब्याज त्र ृ त्र ृ 240 100 इसी प्रकार, हम चैथे, पाँचवें, इत्यादि वषो± के अंत में ब्याज परिकलित कर सकते हैं। अतः, पहले, दूसरे, तीसरे, ... वषो± के अंत में ब्याज ;ृ मेंद्ध क्रमशः हैं: 80ए 160ए 240ए ण् ण् ण् यह एक ।ण्च्ण् है, क्योंकि किन्हीं दो क्रमागत पदों का अंतर 80 है, अथार्त् क त्र 80 है। साथ ही, इसमें ं त्र 80 है। अतः, 30 वषो± के अंत में ब्याज ज्ञात करने के लिए हम ं 30 ज्ञात करेेंगे। अब ं 30 त्र ं ़ ;30 दृ 1द्ध क त्र 80 ़ 29 × 80 त्र 2400 अतः 30 वषो± के अंत में ब्याज ृ 2400 होगा। उदाहरण 10 रू पूफलों की एक क्यारी की पहली पंक्ित में 23 गुलाब के पौध्े हैं, दूसरी पंक्ित में 21 गुलाब के पौध्े हैं, तीसरी पंक्ित में 19 गुलाब के पौध्े हैं, इत्यादि। उसकी अंतिम पंक्ित में 5 गुलाब के पौध्े हैं। इस क्यारी में वुफल कितनी पंक्ितयाँ हैं? हल रू पहली, दूसरी, तीसरी, ... पंक्ितयों में गुलाब के पौधें की संख्याएँ क्रमशः निम्नलिख्िात हैंः 23ए 21ए 19ए ण् ण् ण्ए 5 ये एक ।ण्च्ण् बनाती हैं ;क्यों?द्ध। मान लीजिए पंक्ितयों की संख्या द है। तब ं त्र 23ए क त्र 21 दृ 23 त्र दृ 2 और ंद त्र 5 है। चूँकि ंद त्र ं ़ ;द दृ 1द्ध क इसलिए 5 त्र 23 ़ ;द दृ 1द्ध;दृ 2द्ध अथार्त् दृ 18 त्र ;द दृ 1द्ध;दृ 2द्ध या द त्र 10 अतः पूफलों की क्यारी में 10 पंक्ितयांँ हैं। प्रश्नावली 5ण्2 1ण् निम्नलिख्िात सारणी में, रिक्त स्थानों को भरिए, जहाँ ।च् का प्रथम पद ंए सावर् अंतर क और दवाँ पद ंद हैः ;पद्ध ;पपद्ध ;पपपद्ध ;पअद्ध ;अद्ध ं क द ं द 7 3 8 ण् ण् ण् दृ 18 ण् ण् ण् 10 0 ण् ण् ण् दृ 3 18 दृ 5 दृ 18ण्9 2ण्5 ण् ण् ण् 3ण्6 3ण्5 0 105 ण् ण् ण् 2ण् निम्नलिख्िात में सही उत्तर चुनिए और उसका औचित्य दीजिएः ;पद्ध ।ण्च्ण्रू 10ए 7ए 4ए ण् ण् ण् ए का 30वाँ पद हैः ;।द्ध 97 ;ठद्ध 77 ;ब्द्ध दृ77 ;क्द्ध दृ 87 ;पपद्ध ।ण्च्ण्रू दृ 3ए 1 2 − ए 2ए ण् ण् ण्ए का 11वाँ पद हैः ;।द्ध 28 ;ठद्ध 22 ;ब्द्ध दृ38 ;क्द्ध दृ 48 1 2 3ण् निम्नलिख्िात समांतर श्रेढि़यों में, रिक्त खानों ;इवगमेद्ध के पदों को ज्ञात कीजिए: ;पद्ध 2ए ए 26 ;पपद्ध ए 13ए ए 3 1 ;पपपद्ध 5ए ए ए 9 2 ;पअद्ध दृ 4ए ए ए ए ए6 ;अद्ध ए 38ए ए ए ए दृ 22 4ण् ।ण्च्ण् रू 3ए 8ए 13ए 18ए ण् ण् ण् का कौन सा पद 78 है? 5ण् निम्नलिख्िात समांतर श्रेढि़यों में से प्रत्येक श्रेढ़ी में कितने पद हैं? 1 ;पद्ध 7ए 13ए 19ए ण् ण् ण् ए 205 ;पपद्ध 18ए 15 ए 13ए ण् ण् ण् ए दृ 47 2 6ण् क्या।ण्च्ण्ए 11ए 8ए 5ए 2 ण् ण् ण् का एक पददृ 150 है? क्यों? 7ण् उस।ण्च्ण् का 31वाँ पद ज्ञात कीजिए, जिसका 11वाँ पद 38 है और 16वाँ पद 73 है। 8ण् एक ।ण्च्ण् में 50 पद हैं, जिसका तीसरा पद 12 है और अंतिम पद 106 है। इसका 29वाँ पद ज्ञात कीजिए। 9ण् यदि किसी ।ण्च्ण् के तीसरे और नौवें पद क्रमशः 4 और - 8 हैं, तो इसका कौन - सा पद शून्य होगा? 10ण् किसी ।ण्च्ण् का 17वाँ पद उसके 10वें पद से 7 अध्िक है। इसका सावर् अंतर ज्ञात कीजिए। 11ण् ।ण्च्ण् रू 3ए 15ए 27ए 39ए ण्ण्ण् का कौन - सा पद उसके 54वें पद से 132 अध्िक होगा? 12ण् दो समांतर श्रेढि़यों का सावर् अंतर समान है। यदि इनके 100वें पदों का अंतर 100 है, तो इनके 1000वें पदों का अंतर क्या होगा? 13ण् तीन अंकों वाली कितनी संख्याएँ 7 से विभाज्य हैं? 14ण् 10 और 250 के बीच में 4 के कितने गुणज हैं? 15ण् द के किस मान के लिए, दोनों समांतर श्रेढि़यों 63ए 65ए 67ए ण्ण्ण् और 3ए 10ए 17ए ण् ण् ण् के दवें पद बराबर होंगे? 16ण् वह ।ण्च्ण् ज्ञात कीजिए जिसका तीसरा पद 16 है और 7वाँ पद 5वें पद से 12 अध्िक है। 17ण् ।ण्च्ण् रू 3ए 8ए 13ए ण्ण्ण्ए 253 में अंतिम पद से 20वाँ पद ज्ञात कीजिए। 18ण् किसी ।ण्च्ण् के चैथे और 8वें पदों का योग 24 है तथा छठे और 10वें पदों का योग 44 है। इस ।ण्च्ण् के प्रथम तीन पद ज्ञात कीजिए। 19ण् सुब्बा राव ने 1995 में ृ 5000 के मासिक वेतन पद कायर् आरंभ किया और प्रत्येेक वषर् ृ 200 की वेतन वृि प्राप्त की। किस वषर् में उसका वेतन ृ 7000 हो गया? 20ण् रामकली ने किसी वषर् के प्रथम सप्ताह में ृ 5 की बचत की और पिफर अपनी साप्ताहिक बचत ृ 1.75 बढ़ाती गइर्। यदि दवें सप्ताह में उसकी साप्ताहिक बचत ृ 20.75 हो जाती है, तो द ज्ञात कीजिए। 5ण्4 ।ण्च्ण् के प्रथम द पदों का योग आइए अनुच्छेद 5.1 में दी हुइर् स्िथति पर पुनः विचार करें, जिसमें शकीला अपनी पुत्राी की गुल्लक में, उसके 1 वषर् की हो जाने पर ृ 100 डालती है, उसके दूसरे जन्म दिवस पर ृ 150, तीसरे जन्म दिवस पर ृ 200 डालती है और ऐसा आगे जारी रखती है। जब उसकी पुत्राी 21 वषर् की हो जाएगी, तो उसकी गुल्लक में कितनी ध्नराश्िा एकत्रिात हो जाएगी? यहाँ, उसके प्रथम, दूसरे, तीसरे, चैथे, ... जन्म दिवसों पर, उसकी गुल्लक में डाली गइर् राश्िायाँ ;ृ मेंद्ध क्रमशः 100ए 150ए 200ए 250ए ण्ण्ण् हैं तथा यही क्रम उसके 21वें जन्म दिवस तक चलता रहा। 21वें जन्म दिवस तक एकत्रिात हुइर् वुफल ध्नराश्िा ज्ञात करने के लिए, हमें उपरोक्त सूची की संख्याओं को जोड़ने की आवश्यकता है। क्या आप यह नहीं सोचते कि यह एक जटिल प्रिया होगी और इसमें समय भी अध्िक लगेगा? क्या हम इस प्रिया को संक्ष्िाप्त बना सकते हैं? यह तभी संभव होगा, जब हम इसका योग निकालने की कोइर् विध्ि ज्ञात कर लें। आइए देखें। हम गाॅस ;जिसके बारे में आप अध्याय 1 में पढ़ चुके हैंद्ध को दी गइर् समस्या पर विचार करते हैं, जो उसे हल करने के लिए उस समय दी गइर् थी, जब वह केवल 10 वषर् का था। उससे 1 से 100 तक के ध्न पूणा±कों का योग ज्ञात करने को कहा गया। उसने तुरंत उत्तर दिया कि योग 5050 है। क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि उसने ऐसा वैफसे किया था? उसने इस प्रकार लिखाः ै त्र 1 ़ 2 ़ 3 ़ ण् ण् ण् ़ 99 ़ 100 पिफर, उसने उल्टे क्रम संख्याओं को इस प्रकार लिखाः ै त्र 100 ़ 99 ़ ण् ण् ण् ़ 3 ़ 2 ़ 1 उपरोक्त को जोड़ने पर उसने प्राप्त कियाः 2ै त्र ;100 ़ 1द्ध ़ ;99 ़ 2द्ध ़ ण् ण् ण् ़ ;3 ़ 98द्ध ़ ;2 ़ 99द्ध ़ ;1 ़ 100द्ध त्र 101 ़ 101 ़ ण् ण् ण् ़ 101 ़ 101 ;100 बारद्ध 100 ×101 अतः ैत्र त्र 5050 ए अथार्त् योगत्र 5050 2 अब, हम इसी तकनीक का उपयोग करते हुए, एक ।ण्च्ण् के प्रथमद पदों का योग ज्ञात करेंगे। मान लीजिए यह ।ण्च्ण् है: ंए ं ़ कए ं ़ 2कए ण् ण् ण् इस।ण्च्ण् का दवाँ पद ं ़ ;द दृ 1द्ध क है। माना ै इस ।ण्च्ण् के प्रथम द पदों के योग को व्यक्त करता है। तब ै त्र ं ़ ;ं ़ कद्ध ़ ;ं ़ 2कद्ध ़ ण्ण्ण् ़ ख्ं ़ ;द दृ 1द्ध क, ;1द्ध पदों को विपरीत क्रम में लिखने पर हमें प्राप्त होता हैः ै त्र ख्ं ़ ;द दृ 1द्ध क, ़ ख्ं ़ ;द दृ 2द्ध क, ़ ण्ण्ण् ़ ;ं ़ कद्ध ़ ं ;2द्ध अब, ;1द्ध और ;2द्ध को पदों के अनुसार जोड़ने पर, हमें प्राप्त होता है: ख्2 ं ़ ;द −1द्ध क , ़ ख्2 ं ़ ;द −1द्ध क , ़़ ख्2 ं ़ ;द −1द्ध क , ़ ख्2 ं ़ ;द −1द्ध क , 2ै त्र द बार या 2ै त्र द ख्2ं ़ ;द दृ 1द्ध क, ;चूँकि इसमें द पद हैंद्ध द या ै त्र ख्2ं ़ ;द दृ 1द्ध क , 2 अतः किसी ।ण्च्ण् के प्रथम द पदों का योग ै निम्नलिख्िात सूत्रा से प्राप्त होता हैः द ै त्र ख्2ं ़ ;द दृ 1द्ध क, 2 हम इसे इस रूप में भी लिख सकते हैं द ै त्र ख्ं ़ ं ़ ;द दृ 1द्ध क, 2 द अथार्त् ै त्र ;ं ़ ं द्ध ;3द्ध 2 द अब, यदि किसी ।ण्च्ण् में केवल द ही पद हंै, तो ंद अंतिम पद स के बराबर होगा। अतः ;3द्ध से हम देखते हैं कि द ै त्र ;ं ़ सद्ध ;4द्ध 2 परिणाम का यह रूप उस स्िथति में उपयोगी है, जब ।ण्च्ण् के प्रथम और अंतिम पद दिए हों तथा सावर् अंतर नहीं दिया गया हो। अब हम उसी प्रश्न पर वापस आ जाते हैं, जो प्रारंभ में हमसे पूछा गया था। शकीला की पुत्राी की गुल्लक में उसके पहले, दूसरे, तीसरे, ण् ण् ण्ए जन्मदिवसों पर डाली गइर् ध्नराश्िायाँ ;ृ मेंद्ध क्रमशः100ए 150ए 200ए 250ए ण् ण् ण्ए हैं। यह एक ।ण्च्ण् है। हमें उसके 21वें जन्मदिवस तक एकत्रिात हुइर् वुफल ध्नराश्िा ज्ञात करनी है, अथार्त् हमें इस।ण्च्ण् के प्रथम 21 पदों का योग ज्ञात करना है। यहाँ ं त्र 100ए क त्र 50 और द त्र 21 है। सूत्रा द ै त्र ख्2ं ़;द −1द्ध क,का प्रयोग करने पर, 2 21 21 ै त्र ख्2 ×100 ़;21 −×50 200 ़1000 1द्ध ,त्र ख्,22 21 त्र ×1200 त्र 12600 2 अतः उसके 21वें जन्म दिवस तक एकत्रिात हुइर् गुल्लक में ध्नराश्िा ृ 12600 है। क्या सूत्रा के प्रयोग से प्रश्न हल करना सरल नहीं हो गया है? किसी ।ण्च्ण् के द पदों के योग को व्यक्त करने के लिए, हम ै के स्थान पर ै द का भी प्रयोग करते हैं। उदाहरणाथर्, हम।ण्च्ण् के 20 पदों के योग को व्यक्त करने के लिए ै20 का प्रयोग करते हैं। प्रथम द पदों के योग के सूत्रा में, चार राश्िायाँ ैए ंए क और द संब( हैं। यदि इनमें से कोइर् तीन राश्िायाँ ज्ञात हों, तो चैथी राश्िा ज्ञात की जा सकती है। टिप्पणी रू किसी ।ण्च्ण् का दवाँ पद उसके प्रथम द पदों के योग और प्रथम ;द दृ 1द्ध पदों के योग के अंतर के बराबर है। अथार्त् ंद त्र ै द दृ ै द दृ 1 है। आइए वुफछ उदाहरणों पर विचार करें। उदाहरण 11 रू ।ण्च्ण् रू 8ए 3ए दृ2ए ण् ण् ण् के प्रथम 22 पदों का योग ज्ञात कीजिए। हल रू यहाँ ं त्र 8ए क त्र 3 दृ 8 त्र दृ5 और द त्र 22 है। हम जानते हैं कि द ैत्र ख्2ं ़;द −1द्ध क, 2 22 − अतः ैत्र ख्16 ़21; 5द्ध , त्र 11;16 दृ 105द्ध त्र 11;दृ89द्ध त्र दृ 979 2 इसलिए दी हुइर् ।ण्च्ण् के प्रथम 22 पदों का योग दृ 979 है। उदाहरण 12 रू यदि किसी ।ण्च्ण् के प्रथम 14 पदों का योग 1050 है तथा इसका प्रथम पद 10 है तो 20वाँ पद ज्ञात कीजिए। हल रू यहाँ ै14 त्र 1050ए द त्र 14 और ं त्र 10 है। द चूँकि ै द त्र ख्2ं ़;द −1द्ध क , 2 14 इसलिए 1050 त्र ख्20 ़13 क ,त्र 140 ़ 91क 2 अथार्त् 910 त्र 91क या क त्र 10 अतः ं 20 त्र 10 ़ ;20 दृ 1द्ध × 10 त्र 200 अथार्त् 20वाँ पद 200 है। उदाहरण 13 रू ।ण्च्ण् रू 24ए 21ए 18ए ण् ण् ण् के कितने पद लिए जाएँ, ताकि उनका योग 78 हो? हल रू यहाँ ं त्र 24ए क त्र 21 दृ 24 त्र दृ3 और ै द त्र 78 है। हमें द ज्ञात करना है। द हम जानते हैं कि ै त्र ख्2ं ़;द −1द्ध क , द2 दद अतः 78 त्र ख्48 ़;द−1द्ध; −3द्ध ,त्र ख्51 −3द, 22 या 3द2 दृ 51द ़ 156 त्र 0 या द2 दृ 17द ़ 52 त्र 0 या ;द दृ 4द्ध;द दृ 13द्ध त्र 0 अतः द त्र4 या 13 द के ये दोनों मान संभव हैं और स्वीकार किए जा सकते हैं। अतः, पदों की वांछित संख्या या तो 4 है या 13 है। टिप्पणी रू 1ण् इस स्िथति में, प्रथम 4 पदों का योग त्र प्रथम 13 पदों का योग त्र 78 है। 2ण् ये दोनों उत्तर संभव हैं, क्योंकि 5वें से 13वें पदों तक का योग शून्य हो जाएगा। यह इसलिए है कि यहाँ ं ध्नात्मक है और क )णात्मक है, जिससे वुफछ पद ध्नात्मक और वुफछ पद )णात्मक हो जाते हैं तथा परस्पर कट जाते हैं। उदाहरण 14 रू निम्नलिख्िात का योग ज्ञात कीजिए: ;पद्ध प्रथम 1000 ध्न पूणा±क ;पपद्ध प्रथम द ध्न पूणा±क हल रू ;पद्ध मान लीजिए ै त्र 1 ़ 2 ़ 3 ़ ण् ण् ण् ़ 1000 है। द ।ण्च्ण् के प्रथम द पदों के योग के सूत्रा ै त्र ;ं ़सद्ध का प्रयोग करने पर हमें प्राप्त द2 होता हैः 1000 ै त्र ;1 ़1000द्ध त्र 500 × 1001 त्र 500500 10002 अतः, प्रथम 1000 ध्न पूणा±कों का योग 500500 है। ;पपद्ध मान लीजिए ै द त्र 1 ़ 2 ़ 3 ़ ण् ण् ण् ़ द है। यहाँ ं त्र 1 और अंतिम पद स त्र द है। द ;1 ़दद्ध द ;द ़1द्ध अतः ै त्र या ैत्र द2 द 2 इस प्रकार, प्रथम द ध्न पूणा±कों का योग सूत्रा ; ़1द्ध दद ै त्र द2 से प्राप्त किया जाता है। उदाहरण15 रू संख्याओं की उस सूची के प्रथम 24 पदों का योग ज्ञात कीजिए, जिसका दवाँ पद ंद त्र 3 ़ 2द से दिया जाता है। हल रू चूँकि ंद त्र 3 ़ 2द है इसलिए ं 1 त्र 3 ़ 2 त्र 5 ं त्र 3 ़ 2 × 2 त्र 7 2 ं त्र 3 ़ 2 × 3 त्र 9 3 इस प्रकार प्राप्त संख्याओं की सूची 5ए 7ए 9ए 11ए ण् ण् ण् है। यहाँ 7 दृ 5 त्र 9 दृ 7 त्र 11 दृ 9 त्र 2 इत्यादि हैं। अतः इनसे एक ।ण्च्ण् बनती है, जिसका सावर् अंतर 2 है। ै24 ज्ञात करने के लिए, हमें प्राप्त हैः द त्र 24ए ं त्र 5ए क त्र 2 24 अतः ै24 त्र 2 ख्2 ×़ 5 ;24 1द्ध त्र 12 10 ़46,−×2,ख् त्र 672 इसलिए संख्याओं की दी हुइर् सूची के प्रथम 24 पदों का योग 672 है। उदाहरण 16 रू टी.वी. सेटों का निमार्ता तीसरे वषर् में 600 टी.वी. तथा 7वें वषर् में 700 टी.वी. सेटों का उत्पादन करता है। यह मानते हुए कि प्रत्येक वषर् उत्पादन में एक समान रूप से एक निश्िचत संख्या में वृि होती है, ज्ञात कीजिएः ;पद्ध प्रथम वषर् में उत्पादन ;पपद्ध 10वें वषर् में उत्पादन ;पपपद्ध प्रथम 7 वषो± में वुफल उत्पादन हल रू ;पद्ध चूँकि प्रत्येक वषर् उत्पादन में समान रूप से एक निश्िचत संख्या में वृि होती है, इसलिए पहले, दूसरे, तीसरे, ... वषो± में उत्पादित टी.वी. सेटों की संख्याएँ एक ।च् में होंगी। आइए दवें वषर् में उत्पादित टी.वी. सेटों की संख्या को ंद से व्यक्त करें। अतः ं 3 त्र 600 और ं 7 त्र 700 या ं ़ 2क त्र 600 और ं ़ 6क त्र 700 इन्हें हल करने पर, हमें क त्र 25 और ं त्र 550 प्राप्त होता है। अतः प्रथम वषर् में उत्पादित टी.वी. सेटों की संख्या 550 है। ;पपद्ध अब ं 10 त्र ं ़ 9क त्र 550 ़ 9 × 25 त्र 775 अतः 10वें वषर् में उत्पादित टी.वी. सेटों की संख्या 775 है। 7 × −× ;पपपद्ध साथ ही ै7 त्र ख्2 550 ़;7 1द्ध 25 , 2 7 त्र ख्1100 ़150 ,त्र 4375 2 अतः प्रथम 7 वषो± में वुफल उत्पादित हुए सभी टी.वी. सेटों की संख्या 4375 है। प्रश्नावली 5ण्3 1ण् निम्नलिख्िात समांतर श्रेढि़यों का योग ज्ञात कीजिए: ;पद्ध 2ए 7ए 12ए ण् ण् ण्ए 10 पदों तक ;पपद्ध दृ37ए दृ33ए दृ29ए ण् ण् ण्ए 12 पदों तक 111 ;पपपद्ध 0ण्6ए 1ण्7ए 2ण्8ए ण् ण् ण्ए 100 पदों तक ;पअद्ध ए ए ए ण् ण् ण्ए 11 पदों तक 15 12 10 2ण् नीचे दिए हुए योगपफलों को ज्ञात कीजिए: 1 ;पद्ध 7 ़ 10 ़ 14 ़ ण् ण् ण् ़ 84 ;पपद्ध 34 ़ 32 ़ 30 ़ ण् ण् ण् ़ 10 2 ;पपपद्ध दृ5 ़ ;दृ8द्ध ़ ;दृ11द्ध ़ ण् ण् ण् ़ ;दृ230द्ध 3ण् एक।ण्च्ण् में, ;पद्ध ं त्र 5ए क त्र 3 औरंद त्र 50 दिया है। द और ै द ज्ञात कीजिए। ;पपद्ध ं त्र 7 और ं 13 त्र 35 दिया है। क और ै13 ज्ञात कीजिए। ;पपपद्ध ं 12 त्र 37 औरक त्र 3 दिया है। ं औरै12 ज्ञात कीजिए। ;पअद्ध ं 3 त्र 15 औरै10 त्र 125 दिया है।क औरं 10 ज्ञात कीजिए। ;अद्ध क त्र 5 औरै9 त्र 75 दिया है। ं औरं 9 ज्ञात कीजिए। ;अपद्ध ं त्र 2ए क त्र 8 और ै द त्र 90 दिया है। द औरंद ज्ञात कीजिए। ;अपपद्ध ं त्र 8ए ंद त्र 62 औरै द त्र 210 दिया है। द औरक ज्ञात कीजिए। ;अपपपद्ध ं द त्र 4ए क त्र 2 और ै द त्र दृ14 दिया है। द औरं ज्ञात कीजिए। ;पगद्ध ं त्र 3ए द त्र 8 औरै त्र 192 दिया है। क ज्ञात कीजिए। ;गद्ध स त्र 28ए ै त्र 144 और वुफल 9 पद हैं। ं ज्ञात कीजिए। 4ण् 636 योग प्राप्त करने के लिए, ।ण्च्ण् रू 9ए 17ए 25ए ण् ण् ण् के कितने पद लेने चाहिए? 5ण् किसी ।ण्च्ण् का प्रथम पद 5, अंतिम पद 45 और योग 400 है। पदों की संख्या और सावर् अंतर ज्ञात कीजिए। 6ण् किसी ।ण्च्ण् के प्रथम और अंतिम पद क्रमशः 17 और 350 हैं। यदि सावर् अंतर 9 है, तो इसमें कितने पद हैं और इनका योग क्या है? 7ण् उस ।ण्च्ण् के प्रथम 22 पदों का योग ज्ञात कीजिए, जिसमें क त्र 7 है और 22वाँ पद 149 है। 8ण् उस ।ण्च्ण् के प्रथम 51 पदों का योग ज्ञात कीजिए, जिसके दूसरे और तीसरे पद क्रमशः 14 और 18 हैं। 9ण् यदि किसी ।ण्च्ण् के प्रथम 7 पदों का योग 49 है और प्रथम 17 पदों का योग 289 है, तो इसके प्रथम द पदों का योग ज्ञात कीजिए। 10ण् दशार्इए कि ं 1ए ं 2ए ण् ण् ण्ए ंदए ण् ण् ण् से एक ।ण्च्ण् बनती है, यदि ंद नीचे दिए अनुसार परिभाष्िात है: ;पद्ध ंद त्र 3 ़ 4द ;पपद्ध ंद त्र 9 दृ 5द साथ ही, प्रत्येक स्िथति में, प्रथम 15 पदों का योग ज्ञात कीजिए। 11ण् यदि किसी ।ण्च्ण् के प्रथम द पदों का योग 4द दृ द2 है, तो इसका प्रथम पद ;अथार्त् ै1 द्ध क्या है? प्रथम दो पदों का योग क्या है? दूसरा पद क्या है? इसी प्रकार, तीसरे, 10वें और दवें पद ज्ञात कीजिए। 12ण् ऐसे प्रथम 40 ध्न पूणा±कों का योग ज्ञात कीजिए जो 6 से विभाज्य हैं। 13ण् 8 के प्रथम 15 गुणजों का योग ज्ञात कीजिए। 14ण् 0 और 50 के बीच की विषम संख्याओं का योग ज्ञात कीजिए। 15ण् निमार्ण कायर् से संबंध्ित किसी ठेके में, एक निश्िचत तिथ्िा के बाद कायर् को विलंब से पूरा करने के लिए, जुमार्ना लगाने का प्रावधन इस प्रकार है: पहले दिन के लिए ृ 200, दूसरे दिन के लिए ृ 250, तीसरे दिन के लिए ृ 300 इत्यादि, अथार्त् प्रत्येक उतरोत्तर दिन का जुमार्ना अपने से ठीक पहले दिन के जुमार्ने से ृ 50 अध्िक है। एक ठेकेदार को जुमार्ने के रूप में कितनी राश्िा अदा करनी पड़ेगी, यदि वह इस कायर् में 30 दिन का विलंब कर देता है? 16ण् किसी स्वूफल के विद्या£थयों को उनके समग्र शैक्ष्िाक प्रदशर्न के लिए 7 नकद पुरस्कार देने के लिए ृ 700 की राश्िा रखी गइर् है। यदि प्रत्येक पुरस्कार अपने से ठीक पहले पुरस्कार से ृ 20 कम है, तो प्रत्येक पुरस्कार का मान ज्ञात कीजिए। 17ण् एक स्वूफल के विद्या£थयों ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए स्वूफल के अंदर और बाहर पेड़ लगाने के बारे में सोचा। यह निणर्य लिया गया कि प्रत्येक कक्षा का प्रत्येक अनुभाग अपनी कक्षा की संख्या के बराबर पेड़ लगाएगा। उदाहरणाथर्, कक्षा प् का एक अनुभाग 1 पेड़ लगाएगा, कक्षा प्प् का एक अनुभाग 2 पेड़ लगाएगा, कक्षा प्प्प् का एक अनुभाग 3 पेड़ लगाएगा, इत्यादि और ऐसा कक्षा ग्प्प् तक के लिए चलता रहेगा। प्रत्येक कक्षा के तीन अनुभाग हैं। इस स्वूफल के विद्या£थयों द्वारा लगाए गए वुफल पेड़ों की संख्या कितनी होगी? 18ण् वेंफद्र । से प्रारंभ करते हुए, बारी - बारी से वेंफद्रों । और ठ को लेते हुए, त्रिाज्याओं 0ण्5 बउए 1ण्0 बउए 1ण्5 बउए 2ण्0 बउए ण् ण् ण् ण् वाले उतरोत्तर अध्र्वृत्तों को खींचकर एक स£पल ;ेचपतंसद्ध बनाया गया है, जैसाकि आवृफति 5.4 में दशार्या गया है। तेरह क्रमागत अध्र्वृत्तों से बने इस स£पल की वुफल 22 लंबाइर् क्या है? ;πत्र लीजिए।द्ध 7 आवृफति 5ण्4 ख्संकेतरू क्रमशः वेंफद्रों ।ए ठए ।ए ठए ण् ण् ण् वाले अध्र्वृत्तों की लंबाइयाँ स 1ए स 2ए स 3ए स 4 हैं। , 19ण् 200 लट्ठों ;सवहेद्ध को ढेरी के रूप में इस प्रकार रखा जाता है: सबसे नीचे वाली पंक्ित में 20 लट्ठे, उससे अगली पंक्ित में 19 लट्ठे, उससे अगली पंक्ित में 18 लट्ठे, इत्यादि ;देख्िाए आवृफति 5.5द्ध। ये 200 लट्टòे कितनी पंक्ितयों में रखे गए हैं तथा सबसे ऊपरी पंक्ित में कितने लट्ठे हैं? आवृफति 5ण्5 20ण् एक आलू दौड़ ;चवजंजव तंबमद्ध में, प्रारंभ्िाक स्थान पर एक बाल्टी रखी हुइर् है, जो पहले आलू से 5उ की दूरी पर है, तथा अन्य आलुओं को एक सीध्ी रेखा में परस्पर 3उ की दूरियों पर रखा गया है। इस रेखा पर 10 आलू रखे गए हैं ;देख्िाए आवृफति 5.6द्ध। आवृफति 5ण्6 प्रत्येक प्रतियोगी बाल्टी से चलना प्रारंभ करती है, निकटतम आलू को उठाती है, उसे लेकर वापस आकर दौड़कर बाल्टी में डालती है, दूसरा आलू उठाने के लिए वापस दौड़ती है, उसे उठाकर वापस बाल्टी में डालती है, और वह ऐसा तब तक करती रहती है, जब तक सभी आलू बाल्टी में न आ जाएँ। इसमें प्रतियोगी को वुफल कितनी दूरी दौड़नी पड़ेगी? ख्संकेत रू पहले और दूसरे आलुओं को उठाकर बाल्टी में डालने तक दौड़ी गइर् दूरी त्र 2 × 5 ़ 2 × ;5 ़ 3द्ध है।, प्रश्नावली 5ण्4 ;ऐच्िछकद्ध’ 1ण् ।ण्च्ण् रू 121ए 117ए 113ए ण् ण् ण्ए का कौन - सा पद सबसे पहला )णात्मक पद होगा? ख्संकेतरू ंद ढ 0 के लिए द ज्ञात कीजिए।, 2ण् किसी ।ण्च्ण् के तीसरे और सातवें पदों का योग 6 है और उनका गुणनपफल 8 है। इस ।ण्च्ण् के प्रथम 16 पदों का योग ज्ञात कीजिए। 3ण् एक सीढ़ी के क्रमागत डंडे परस्पर25 बउ की दूरी पर हैं ;देख्िाए आवृफति 5.7द्ध। डंडों की लंबाइर् एक समान रूप से घटती जाती हैं तथा सबसे निचले डंडे की लंबाइर् 45 बउ है और सबसे ऊपर वाले डंडे की लंबाइर् 25 बउ है। यदि ऊपरी और निचले 1 डंडे के बीच की दूरी 2उ है, तो डंडों 2 को बनाने के लिए लकड़ी की कितनी लंबाइर् की आवश्यकता होगी? 250 ख्संकेतरू डंडों की संख्यात्र ़1है। , 25 आवृफति 5ण्7 ’ यह प्रश्नावली परीक्षा की दृष्िट से नहीं है। 4ण् एक पंक्ित के मकानों को क्रमागत रूप से संख्या 1 से 49 तक अंकित किया गया है। दशार्इए कि ग का एक ऐसा मान है कि ग से अंकित मकान से पहले के मकानों की संख्याओं का योग उसके बाद वाले मकानों की संख्याओं के योग के बराबर है। ग का मान ज्ञात कीजिए। ख्संकेतरू ै त्र ै दृ ै है। , ग दृ 149ग 5ण् एक पुफटबाल के मैदान में एक छोटा चबूतरा है जिसमें 15 सीढि़याँ बनी हुइर् हैं। इन सीढि़यों में से प्रत्येक की लंबाइर् 50 उ है और वह ठोस वंफक्रीट ;बवदबतमजमद्ध की बनी है। प्रत्येक सीढ़ी 11 में उ की चढ़ाइर् है और उ का पैफलाव ;चैड़ाइर्द्ध है। ;देख्िाए आवृफति 5.8द्ध। इस चबूतरे 4 2 को बनाने में लगी वंफक्रीट का वुफल आयतन परिकलित कीजिए। 11 3 ख्संकेत रू पहली सीढ़ी को बनाने में लगी वंफक्रीट का आयतन त्र ××50 उ है।, 42 आवृफति 5ण्8 5ण्5 सारांश इस अध्याय में, आपने निम्नलिख्िात तथ्यों का अध्ययन किया है: 1ण् एक समांतर श्रेढ़ी संख्याओं की ऐसी सूची होती है, जिसमें प्रत्येक पद ;प्रथम पद के अतिरिक्तद्ध अपने से ठीक पहले पद में एक निश्िचत संख्या क जोड़कर प्राप्त होता है। यह निश्िचत संख्या क इस समांतर श्रेढ़ी का सावर् अंतर कहलाती है। एक।ण्च्ण् का व्यापक रूपंए ं ़ कए ं ़ 2कए ं ़ 3कए ण् ण् ण् है। 2ण् संख्याओं की एक दी हुइर् सूची ।ण्च्ण् होती है, यदि अंतरों ं दृ ं ए ं दृ ं ए ं दृ ं ए ण् ण् ण्ए से एक 2 13243 ही ;समानद्ध मान प्राप्त हो, अथार्त् ा के विभ्िान्न मानों के लिए ं दृ ं एक ही हो। ा ़ 1ा 3ण् प्रथम पद ं और सावर् अंतर क वाली ।ण्च्ण् का दवाँ पद ;या व्यापक पदद्ध ंद निम्नलिख्िात सूत्रा द्वारा प्राप्त होता हैः ंद त्र ं ़ ;द दृ 1द्ध क 4ण् किसी ।ण्च्ण् के प्रथम द पदों का योग ै सूत्रा द ै त्र ख्2ं ़ ;द −1द्ध क,से प्राप्त होता है। 2 5ण् यदि एक परिमित, ।ण्च्ण् का अंतिम पद ;मान लीजिए द वाँ पदद्ध स है, तो इस ।ण्च्ण् के सभी पदों का योग ै सूत्रा द ै त्र ;ं ़सद्ध से प्राप्त होता है। 2

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