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निदेर्शांक ज्यामिति 7ण्1 भूमिका कक्षा प्ग् में, आप पढ़ चुके हैं कि एक तल पर किसी ¯बदु की स्िथति निधर्रित करने के लिए, हमें निदेर्शांक अक्षों के एक युग्म की आवश्यकता होती है। किसी ¯बदु की ल.अक्ष से दूरी उस ¯बदु का ग.निदेर्शांक या भुज ;ंइेबपेेंद्ध कहलाती है। किसी ¯बदु की ग.अक्ष से दूरी, उस ¯बदु का ल.निदेर्शांक या कोटि ;वतकपदंजमद्ध कहलाती है। ग.अक्ष पर स्िथत किसी ¯बदु के निदेर्शांक ;गए 0द्ध के रूप के होते हैं तथा ल.अक्ष पर स्िथत किसी ¯बदु के निदेर्शांक ;0ए लद्ध के रूप के होते हैं। यहाँ आपके लिए एक खेल दिया जा रहा है। एक आलेख कागज़ पर लांबिक अक्षों ;चमतचमदकपबनसंत ंगमेद्ध का एक युग्म खींचिए। अब निम्नलिख्िात ¯बदुओं को आलेख्िात कीजिए और दिए गए निदेर्शों के अनुसार उन्हें मिलाइए। ¯बदु ।;4ए 8द्ध को ठ;3ए 9द्ध से, ठ को ब्;3ए 8द्ध से, ब् को क्;1ए 6द्ध से, क् को म्;1ए 5द्ध से, म् को थ्;3ए 3द्ध से, थ् को ळ;6ए 3द्ध से, ळ को भ्;8ए 5द्ध से, भ् को प्;8ए 6द्ध से, प् को श्र;6ए 8द्ध से, श्र को ज्ञ;6ए 9द्ध से, ज्ञ को स्;5ए 8द्ध से और स् को । से मिलाइए। इसके बाद, ¯बदुओं च्;3ण्5ए 7द्धए फ ;3ए 6द्ध और त्;4ए 6द्ध को जोड़ कर एक त्रिाभुज बनाइए। साथ ही, एक त्रिाभुज बनाने के लिए ¯बदुओं ग्;5ण्5ए 7द्धए ल्;5ए 6द्ध और र्;6ए 6द्ध को मिलाइए। अब एक और त्रिाभुज बनाने के लिए, ¯बदुओं ै;4ए 5द्धए ज्;4ण्5ए 4द्ध और न्;5ए 5द्ध को मिलाइए। अंत में, ¯बदु ै को ¯बदुओं ;0ए 5द्ध और ;0ए 6द्ध से मिलाइए तथा ¯बदु न् को ¯बदुओं ;9ए 5द्ध और ;9ए 6द्ध से मिलाइए। आपको कौन - सा चित्रा प्राप्त होता है? साथ ही, आप यह भी देख चुके हैं किंग ़ इल ़ ब त्र 0 ;जहाँ ं और इ एक साथ शून्य न होंद्ध के रूप की दो चरों वाली एक समीकरण को जब आलेखीय रूप से निरूपित करते हैं, तो एक सरल रेखा प्राप्त होती है। साथ ही, अध्याय 2 में आप देख चुके हैं कि ल त्र ंग2 ़ इग ़ ब ;ं ≠ 0द्ध का आलेख एक परवलय ;चंतंइवसंद्ध होता है। वस्तुतः, आवृफतियों की ज्यामिति का अध्ययन करने के लिए, निदेर्शांक ज्यामिति ;बववतकपदंजम हमवउमजतलद्ध एक बीजीय साध्न ;ंसहमइतंपब जववसद्ध के रूप में विकसित की गइर् है। यह बीजगण्िात का प्रयोग करके ज्यामिति का अध्ययन करने में सहायता करती है तथा बीजगण्िात को ज्यामिति द्वारा समझने में भी सहायक होती है। इसी कारण, निदेर्शांक ज्यामिति के विभ्िान्न क्षेत्रों में व्यापक अनुप्रयोग हैं, जैसे भौतिकी, इंजीनिय¯रग, समुद्री - परिवहन ;या नौ - गमनद्ध ;दंअपहंजपवदद्धए भूवंफप शास्त्रा संबंध्ी ;ेमपेउवसवहलद्ध और कला। इस अध्याय में, आप यह सीखेंगे कि दो ¯बदुओं, जिनके निदेर्शांक दिए हुए हों, के बीच की दूरी किस प्रकार ज्ञात की जाती है तथा तीन दिए हुए ¯बदुओं से बने त्रिाभुज का क्षेत्रापफल किस प्रकार ज्ञात किया जाता है। आप इसका भी अध्ययन करेंगे कि दिए हुए दो ¯बदुओं को मिलाने से बने रेखाखंड को एक दिए गए अनुपात में विभाजित करने वाले ¯बदु के निदेर्शांक किस प्रकार ज्ञात किए जाते हैं। 7ण्2 दूरी सूत्रा आइए निम्नलिख्िात स्िथति पर विचार करेंः एक शहर ठ एक अन्य शहर। से 36 ाउ पूवर् ;मंेजद्ध और 15 ाउ उत्तर ;दवतजीद्ध की ओर है। आप शहर ठ की शहर। से दूरी बिना वास्तविक मापन के किस प्रकार ज्ञात कर सकते हैं? आइए देखें। इस स्िथति को, आलेखीय रूप से, आवृफति 7ण्1 की तरह दशार्या जा सकता है। अब, आप वांछित दूरी ज्ञात करने आवृफति 7ण्1 वे फ लिए, पाइथागोरस प्रमेय का प्रयोग कर सकते हैं। अब, मान लीजिए दो ¯बदु गदृअक्ष पर स्िथत हैं। क्या हम इनके बीच की दूरी ज्ञात कर सकते हैं? उदाहरणाथर्, आवृफति 7ण्2 के दो ¯बदुओं ।;4ए 0द्ध और ठ;6ए 0द्ध पर विचार कीजिए। ¯बदु। और ठए ग.अक्ष पर स्िथत है। आवृफति से आप देख सकते हैं कि व्। त्र 4 मात्राक ;इकाइर्द्ध और व्ठ त्र 6 मात्राक हैं। अतः, । से ठ की दूरी ।ठ त्र व्ठ दृ व्।त्र ;6 दृ 4द्ध मात्राक त्र 2 मात्राक है। इस प्रकार, यदि दो ¯बदु गदृअक्ष पर स्िथत हों, तो हम उनके बीच की दूे री सरलता सज्ञात कर सकते हैं। अब, मान लीजिए, हम लदृअक्ष पर स्िथत कोइर् दो ¯बदु लेते हैं। क्या हम इनके बीच की दूरी ज्ञात कर सकते हैं? यदि ¯बदु ब्;0ए 3द्ध और क्;0ए 8द्धए लदृअक्ष पर स्िथत हों, तो हमदूरी ऊपर की भाँति ज्ञात कर सकते हैं अथार्त् दूरीब्क् त्र ;8 दृ 3द्ध मात्राक त्र 5 मात्राक है ;देख्िाए आवृफति 7ण्2द्ध। पुनः, क्या आप आवृफति 7ण्2 में, ¯बदु ब् से ¯बदु । की दूरी ज्ञात कर सकते हैं? चूँकि 22 व्। त्र 4 मात्राक और व्ब् त्र 3 मात्राक हैं, इसलिए ब् से । की दूरी ।ब् त्र 3 ़ 4 त्र 5 मात्राक है। इसी प्रकार, आप क् से ठ की दूरी ठक् त्र 10 मात्राक ज्ञात कर सकते हैं। अब, यदि हम ऐसे दो ¯बदुओं पर विचार करें, जो निदेर्शांक अक्षों पर स्िथत नहीं हैं, तो क्या हम इनके बीच की दूरी ज्ञात कर सकते हैं? हाँ! ऐसा करने के लिए, हम पाइथागोरस प्रमेय का प्रयोग करेंगे। आइए एक उदाहरण लेकर देखें। आवृफति 7ण्3 में, ¯बदु च्;4ए 6द्ध और फ;6ए 8द्ध प्रथम चतुथा±श ;पितेज ुनंकतंदजद्ध में स्िथत हैं। इनके बीच की दूरी ज्ञात करने के लिए, हम पाइथागोरस प्रमेय का प्रयोग वैफसे करते हैं? आइए च् और फ से ग.अक्ष पर क्रमशः लंब च्त् और फै खीचें। साथ ही,च् से फै पर एक लंब डालिए जोफै को ज् पर प्रतिच्छेद करे। तबत् और ै के निदेर्शांक क्रमशः ;4ए 0द्ध और ;6ए 0द्ध हैं। अतः, त्ै त्र 2 मात्राक है। साथ ही, फै त्र 8 मात्राक और ज्ै त्र च्त् त्र 6 मात्राक है। स्पष्ट है कि फज् त्र 2 मात्राक और च्ज् त्र त्ै त्र 2 मात्राक। अब, पाइथागोरस प्रमेय के प्रयोग से, हमें प्राप्त होता हैः च्फ2 त्रच्ज्2 ़ फज्2 त्र22 ़ 22 त्र 8 अतः च्फ त्र 22 मात्राक हुआ। आप दो भ्िान्न - भ्िान्न चतुथा±शों में स्िथत ¯बदुओं के बीच की दूरी वैफसे ज्ञात करेंगे? ¯बदुओंच्;6ए 4द्ध औरफ;दृ5ए दृ3द्ध पर विचार कीजिए ;देख्िाए आवृफति 7.4द्ध। ग.अक्ष पर लंब फै खींचिए। साथ ही, ¯बदु च् से बढ़ाइर् हुइर् फै पर च्ज् लंब खींचिए जो ल.अक्ष को ¯बदु त् पर प्रतिच्छेद करे। आवृफति 7ण्3 आवृफति 7ण्4 तब, च्ज् त्र 11 मात्राक और फज् त्र 7 मात्राक है ;क्यों?द्ध समकोण त्रिाभुज च्ज्फ में, पाइथागोरस प्रमेय के प्रयोग से, हमें प्राप्त होता हैः आइए, अब किन्हीं दो ¯बदुओं च्;ग1ए ल1द्ध और फ;ग2ए ल2द्ध के बीच की दूरी ज्ञात करें।ग.अक्ष पर लंब च्त् और फै खींचिए। च् से फै पर एक लंब खींचिए, जो उसे ज् पर प्रतिच्छेद करे ;देख्िाए आवृफति 7.5द्ध। तब, व्त् त्र गए व्ै त्र गहै। अतः, त्ै त्र ग दृ ग त्र च्ज् है। 12 21 साथ ही, ैफ त्र लऔर ैज् त्र च्त् त्र लहै। अतः, फज् त्र ल दृ लहै। 2 1 21 अब, Δ च्ज्फ में, पाइथागोरस प्रमेय के प्रयोग से, हमें प्राप्त होता हैः च्फ2 त्रच्ज्2 ़ फज्2 त्र;ग2 दृ ग1द्ध2 ़ ;ल2 दृ ल1द्ध2 अतः च्फ त्र ; ग − ग द्ध2 ़; ल − ल द्ध2 21 21 ध्यान दें कि चूँकि दूरी सदैव )णेतर होती है, हम केवल ध्नात्मक वगर्मूल लेते हैं। अतः च्;गए लद्ध और फ;ग2ए लद्ध के ¯बदुओं के बीच की दूरी है 112 च्फ त्र ; ग2 − ग1 द्ध2 ़; ल2 − ल1 द्ध2 जो दूरी सूत्रा ;कपेजंदबम वितउनसंद्ध कहलाता है। टिप्पण्िायाँ रू 1ण् विशेष रूप से, ¯बदु च्;गए लद्ध की मूल ¯बदु व्;0ए 0द्ध से दूरी व्च् त्र ग2 ़ ल2 होती है। 2ण् हम च्फ त्र ;ग1 − ग2 द्ध2 ़; ल1 − ल2 द्ध2 भी लिख सकते हैं ;क्यों?द्ध उदाहरण 1 रू क्या ¯बदु ;3ए 2द्धए ;दृ2ए दृ3द्ध और ;2ए 3द्ध एक त्रिाभुज बनाते हैं? यदि हाँ, तो बताइए कि किस प्रकार का त्रिाभुज बनता है। हल रू आइए च्फए फत् और च्त् ज्ञात करने के लिए दूरी सूत्रा का प्रयोग करें, जहाँ च्;3ए 2द्धए फ;दृ2ए दृ3द्ध और त्;2ए 3द्ध दिए हुए ¯बदु हैं। हमें प्राप्त होता हैः 2 2 22 च्फ त्र ;3 ़ 2द्ध ़ ;2 ़ 3द्ध त्र 5 ़ 5 त्र 50 त्र 7ण्07 ;लगभगद्ध 2 2 22 फत् त्र ;दृ2दृ2द्ध ़ ;दृ3 दृ3द्ध त्र ;दृ 4द्ध ़ ;दृ 6द्ध त्र 52 त्र 7ण्21 ;लगभगद्ध 2 2 22 −त्र 2 त्र 1ण्41 ;लगभगद्धच्त् त्र ;3दृ2द्ध ़ ;2दृ3द्ध त्र 1 ़ ; 1द्ध चूँकि इन तीन दूरियों में से किन्हीं दो का योग तीसरी दूरी से अध्िक है, इसलिए इन ¯बदुओं च्ए फ और त् से एक त्रिाभुज बनता है। साथ ही, यहाँ च्फ2 ़ च्त्2 त्र फत्2 है। अतः, पाइथागोरस प्रमेय के विलोम से, हमें ज्ञात होता है कि ∠ च् त्र 90° है। इसलिए, च्फत् एक समकोण त्रिाभुज है। उदाहरण 2 रू दशार्इए कि ¯बदु ;1ए 7द्धए ;4ए 2द्धए ;दृ1ए दृ1द्ध और ;दृ 4ए 4द्ध एक वगर् के शीषर् हैं। हल रू मान लीजिए दिए हुए ¯बदु।;1ए 7द्धए ठ;4ए 2द्धए ब्;दृ1ए दृ1द्ध और क्;दृ 4ए 4द्ध हैं।।ठब्क् को एक वगर् दशार्ने की एक विध्ि यह है कि उसका गुणध्मर् जैसा कि वगर् की सभी भुजाएँ बराबर तथा दोनों विकणर् बराबर होती हैं, का प्रयोग किया जाए। अब, ।ठ त्र ;1दृ4द्ध 2 ़ ;7 − 2द्ध 2 त्र 9 ़ 25 त्र 34 ठब् त्र ;4 ़ 1द्ध 2 ़ ;2 ़ 1द्ध 2 त्र 25 ़ 9 त्र 34 ब्क् त्र ;दृ1 ़ 4द्ध 2 ़ ;दृ1 दृ 4द्ध 2 त्र 9 ़ 25 त्र 34 क्। त्र ;1 ़ 4द्ध 2 ़ ;7दृ 4द्ध 2 त्र 25 ़ 9 त्र 34 ।ब् त्र ;1़ 1द्ध 2 ़ ;7 ़ 1द्ध 2 त्र 4 ़ 64 त्र 68 ठक् त्र ;4 ़ 4द्ध 2 ़ ;2 − 4द्ध 2 त्र 64 ़ 4 त्र 68 यहाँ, ।ठ त्र ठब् त्र ब्क् त्र क्। है और।ब् त्र ठक् है, अथार्त् चतुभुर्ज ।ठब्क् की चारों भुजाएँ बराबर हैं और दोनों विकणर् भी बराबर हैं। अतः चतुभुर्ज।ठब्क् एक वगर् है। वैकल्िपक हल रू हम चारों भुजाएँ और एक विकणर्, मान लीजिए ।ब् ऊपर की तरह ज्ञात करते हैं। यहाँ ।क्2 ़ क्ब्2 त्र 34 ़ 34 त्र 68 त्र ।ब्2 है। अतः, पाइथागोरस प्रमेय के विलोम द्वारा∠ क् त्र 90° है। चारों भुजाएँ बराबर होने और एक कोण समकोण होने से चतुभुर्ज एक वगर् हो जाता है। अतः ।ठब्क् एक वगर् है। उदाहरण 3 रू आवृफति 7ण्6 किसी कक्षा में रखे डेस्कों ;कमेोद्ध की व्यवस्था दशार्ती है। आश्िामा, भारती और वैफमिला क्रमशः।;3ए 1द्धए ठ;6ए 4द्ध और ब्;8ए 6द्ध पर बैठी हैं। क्या आप सोचते हैं कि आवृफति 7ण्6 वे एक ही सीध् ;पद ं सपदमद्ध में बैठीहैं? सकारण उत्तर दीजिए। हल रू दूरी सूत्रा के प्रयोग से, हमें प्राप्त होता है: ।ठ त्र ;6 − 3द्ध 2 ़ ;4 − 1द्ध 2 त्र 9 ़ 9 त्र 18 त्र 32 ठब् त्र ;8दृ6द्ध 2 ़ ;6दृ4द्ध 2 त्र 4 ़ 4 त्र 8 त्र 22 ।ब् त्र ;8दृ3द्ध 2 ़ ;6 दृ1द्ध 2 त्र 25 ़ 25 त्र 50 त्र 5 2 चूँकि।ठ ़ ठब् त्र 32 ़ 2 2 त्र 5 2 त्र ।ब् है, अतः हम कह सकते हैं कि ।ए ठ और ब् संरेखी ;बवससपदमंतद्ध हैं। अथार्त्, वे तीनों एक ही सीध् में बैठी हैं। उदाहरण 4 रू ग और ल में एक संबंध् ज्ञात कीजिए, ताकि ¯बदु ;ग ए लद्ध ¯बदुओं ;7ए 1द्ध और ;3ए 5द्ध से समदूरस्थ ;मुनपकपेजंदजद्ध हो। हल रू मान लीजिए च्;गए लद्ध ¯बदुओं ।;7ए 1द्ध और ठ;3ए 5द्ध से समदूरस्थ है। हमें।च् त्र ठच् दिया है। अतः, ।च्2 त्र ठच्2 है। अथार्त् ;ग दृ 7द्ध2 ़ ;ल दृ 1द्ध2 त्र;ग दृ 3द्ध2 ़ ;ल दृ 5द्ध2 अथार्त् ग2 दृ 14ग ़ 49 ़ ल2 दृ 2ल ़ 1 त्र ग2 दृ 6ग ़ 9 ़ ल2 दृ 10ल ़ 25 अथार्त् ग दृ ल त्र2 यही ग और ल में वांछित संबंध् है। टिप्पणीरू ध्यान दीजिए कि समीकरणग दृ ल त्र 2 का आलेख एक रेखा होता है। आप अपने पिछले अध्ययन से यह जानते हैं कि वह ¯बदु जो दो दिए हुए ¯बदुओं । और ठ से समदूरस्थ होता है रेखाखंड।ठ के लंब समद्विभाजक पर स्िथत होता है। अतः, ग दृ ल त्र 2 का आलेख रेखाखंड ।ठ का लंब समद्विभाजक है ;देख्िाए आवृफति 7.7द्ध। उदाहरण 5 रू ल.अक्ष पर एक ऐसा ¯बदु ज्ञात कीजिए, जो ¯बदुओं ।;6ए 5द्ध और ठ;दृ 4ए 3द्ध से समदूरस्थ हो। हल रू हम जानते हैं कि ल.अक्ष पर स्िथत कोइर् आवृफति 7ण्7 भी ¯बदु ;0ए लद्ध के रूप का होता है। अतः, मान लीजिए कि ¯बदु च्;0ए लद्ध ¯बदुओं । और ठ से समदूरस्थ है। तब, ;6 दृ 0द्ध2 ़ ;5 दृ लद्ध2 त्र ;दृ 4 दृ 0द्ध2 ़ ;3 दृ लद्ध2 या 36 ़ 25 ़ ल2 दृ 10ल त्र 16 ़ 9 ़ ल2 दृ 6ल या 4ल त्र36 या ल त्र9 अतः, वांछित ¯बदु ;0ए 9द्ध है। आइए अपने हल की जाँच करेंः ।च् त्र ;6दृ0द्ध 2 ़ ;5दृ9द्ध 2 त्र 36 ़ 16 त्र 52 ठच् त्र ;दृ4दृ 0द्ध 2 ़ ;3दृ 9द्ध 2 त्र 16 ़ 36 त्र 52 टिप्पणी रू ऊपर दी गइर् टिप्पणी का प्रयोग करने से, हम देखते हैं कि;0ए 9द्धए ल.अक्ष और रेखाखंड।ठ के लंब समद्विभाजक का प्रतिच्छेद ¯बदु है। प्रश्नावली 7ण्1 1ण् ¯बदुओं के निम्नलिख्िात युग्मों के बीच की दूरियाँ ज्ञात कीजिएः ;पद्ध ;2ए 3द्धए ;4ए 1द्ध ;पपद्ध ;दृ 5ए 7द्धए ;दृ 1ए 3द्ध ;पपपद्ध ;ंए इद्धए ;दृ ंए दृइद्ध 2ण् ¯बदुओं ;0ए 0द्ध और;36ए 15द्ध के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए। क्या अब आप अनुच्छेद 7ण्2 में दिए दोनों शहरों । और ठ के बीच की दूरी ज्ञात कर सकते हैं? 3ण् निधर्रित कीजिए कि क्या ¯बदु;1ए 5द्धए ;2ए 3द्ध और ;दृ 2ए दृ 11द्ध संरेखी हैं। 4ण् जाँच कीजिए कि क्या ¯बदु;5ए दृ 2द्धए ;6ए 4द्ध और;7ए दृ 2द्ध एक समद्विबाहु त्रिाभुज के शीषर् हैं। 5ण् किसी कक्षा में, चार मित्रा ¯बदुओं ।ए ठए ब् और क् पर बैठे हुए हैं, जैसाकि आवृफति7ण्8 में दशार्या गया है। चंपा और चमेली कक्षा के अंदर आती हैं और वुफछ मिनट तक देखने के बाद, चंपा चमेली से पूछती है, ‘क्या तुम नहीं सोचती हो कि।ठब्क् एक वगर् है?’ चमेली इससे सहमत नहीं है। दूरी सूत्रा का प्रयोग करके, बताइए कि इनमें कौन सही है। 6ण् निम्नलिख्िात ¯बदुओं द्वारा बनने वाले चतुभुर्ज का प्रकार ;यदि कोइर् है तोद्ध बताइए तथा अपने आवृफति 7ण्8 उत्तर के लिए कारण भी दीजिएः ;पद्ध ;दृ 1ए दृ 2द्धए ;1ए 0द्धए ;दृ 1ए 2द्धए ;दृ 3ए 0द्ध ;पपद्ध ;दृ3ए 5द्धए ;3ए 1द्धए ;0ए 3द्धए ;दृ1ए दृ 4द्ध ;पपपद्ध ;4ए 5द्धए ;7ए 6द्धए ;4ए 3द्धए ;1ए 2द्ध 7ण् ग.अक्ष पर वह ¯बदु ज्ञात कीजिए जो;2ए दृ5द्ध और ;दृ2ए 9द्ध से समदूरस्थ हैं। 8ण् ल का वह मान ज्ञात कीजिए, जिसके लिए ¯बदु च्;2ए दृ 3द्ध और फ;10ए लद्ध के बीच की दूरी 10 मात्राक है। 9ण् यदिफ;0ए 1द्ध¯बदुओं च्;5ए दृ3द्ध और त्;गए 6द्ध से समदूरस्थ है, तो ग के मान ज्ञात कीजिए। दूरियाँ फत् और च्त् भी ज्ञात कीजिए। 10ण् ग औरल में एक ऐसा संबंध् ज्ञात कीजिए कि ¯बदु ;गए लद्ध ¯बदुओं;3ए 6द्ध और;दृ 3ए 4द्ध से समदूरस्थ हो। 7ण्3 विभाजन सूत्रा आइए अनुच्छेद 7ण्2 में दी हुइर् स्िथति को याद करें। मान लीजिए कि टेलीपफोन वंफपनी शहरों । और ठ के बीच में एक प्रसारण टाॅवर ;तमसंल जवूमतद्ध ऐसे स्थान च् पर स्थापित करना चाहती है कि टाॅवर की ठ से दूरी उसकी। से आवृफति 7ण्9 दूरी की दुगुनी हो। यदि च् रेखाखंड ।ठ पर स्िथत है, तो यह ।ठ को 1 रू 2 के अनुपात में विभाजित करे। ;देख्िाए आवृफति7ण्9द्ध। यदि हम। को मूल¯बदु व् मानें तथा 1 ाउ को दोनों अक्षों पर 1 मात्राक मानें, तो ठ के निदेर्शांक ;36ए 15द्ध होंगे। च् की स्िथति जानने के लिए हमें च् के निदेर्शांक ज्ञात करने चाहिए। ये निदेर्शांक हम किस प्रकार ज्ञात करें? मान लीजिए च् के निदेर्शांक ;गए लद्ध हैं।च् और ठ से ग.अक्ष पर लंब खींचिए जो इसे क्रमशः क् और म् पर मिलें। ठम् पर लंब च्ब् खींचिए जो उससेब् पर मिले। तब, अध्याय 6 में, पढ़ी गइर् ।। समरूपता कसौटी के प्रयोग से, Δ च्व्क् और Δ ठच्ब् समरूप हैं। व्क्व्च्1 च्क्व्च् 1 अतः त्रत्र तथा त्रत्र है। च्ब्च्ठ2 ठब्च्ठ 2 ग 1 ल 1 अतः त्र तथा त्र है। 36− ग 2 15 − ल 2 इन समीकरणों से ग त्र 12 और ल त्र 5 प्राप्त होता है। आप इसकी जाँच कर सकते हैं कि च्;12ए 5द्ध प्रतिबंध् व्च् रू च्ठ त्र 1 रू 2 को संतुष्ट करता है। आइए अब उपरोक्त उदाहरण से प्राप्त की गइर् समझ के आधर पर विभाजन का व्यापक सूत्रा प्राप्त करने का प्रयत्न करें। किन्हीं दो ¯बदुओं ।;गए लद्ध और ठ;गए लद्ध 1122 पर विचार कीजिए और मान लीजिए ¯बदु च् ;गए लद्ध रेखाखंड।ठ को उ1 रू उ2 के अनुपात में आंतरिक रूप से ;पदजमतदंससलद्ध विभाजित करता है, अथार्त् च्। उ आवृफति 7ण्10 त्र 1 है ;देख्िाए आवृफति 7ण्10द्ध। च्ठ उ2 ग.अक्ष पर ।त्ए च्ै और ठज् लंब खींचिए। ग.अक्ष के समांतर।फ और च्ब् खींचिए। तब ।। समरूपता कसौटी से, Δ च्।फ ् Δ ठच्ब् च्।।फ च्फ अतः त्र त्र ;1द्ध ठच्च्ब् ठब् अब ।फ त्र त्ै त्र व्ै दृ व्त् त्र ग दृ ग 1 च्ब् त्र ैज् त्र व्ज् दृ व्ै त्र ग2 दृ ग च्फ त्र च्ै दृ फै त्र च्ै दृ।त् त्र ल दृ ल1 ठब् त्र ठज् दृ ब्ज् त्र ठज् दृ च्ै त्र ल2 दृ ल इन मानों को ;1द्ध में प्रतिस्थापित करने पर, हमें प्राप्त होता हैः उ1 ग− ग1 ल − ल1 त्र त्र उ2 ग2 − गल2 − ल उग ़ उग उ1 ग − ग1 12 21 त्र लेने पर हमें ग त्र प्राप्त होता है। उ2 ग2 − गउ1 ़उ2 उ1 ल − ल1 उल ़ उल 12 21 इसी प्रकार त्र लेने पर हमें ल त्र प्राप्त होता है। उ2 ल2 − लउ1 ़उ2 अतः, दो ¯बदुओं।;ग1ए लद्ध औरठ;ग2ए लद्ध को जोड़ने वाले रेखाखंड।ठ को उ रू उके अनुपात 1212 में आंतरिक रूप से विभाजित करने वाले ¯बदु च्;गए लद्ध के निदेर्शांक हैं: ⎛ उग ़ उग उल ़ उल ⎞ 12 2112 21 ए ⎜⎟ ;2द्ध उ ़ उउ ़ उ ⎝ 12 12 ⎠ उपरोक्त को विभाजन सूत्रा ;ेमबजपवद वितउनसंद्ध कहते हैं। इसी सूत्रा को ।ए च् और ठ से ल.अक्ष पर लंब डालकर और ऊपर की भाँति प्रिया अपनाकर भी प्राप्त किया जा सकता है। यदि च् रेखाखंड।ठ को ा रू 1 के अनुपात में विभाजित करे, तो ¯बदु च् के निदेर्शांक ⎛ ाग ़ ग ाल ़ ल ⎞ 21 2 1 ए ⎜⎟ होंगे। ⎝ ा ़ 1 ा ़ 1 ⎠ विश्िाष्ट स्िथतिरू एक रेखाखंड का मध्य - ¯बदु उसे 1 रू 1 के अनुपात में विभाजित करता है। अतः, ¯बदुओं ।;ग1ए ल1द्ध और ठ;ग2ए ल2द्ध को जोड़ने वाले रेखाखंड ।ठ के मध्य - ¯बदु के निदेर्शांक ⎛1⋅ ग ़ 1 ⋅ग 1⋅ ल ़ 1⋅ ल ⎞⎛ ग ़ गल ़ ल ⎞ 1 21 2 1212 ⎜ ए ⎟त्र⎜ ए ⎟ होंगे। ⎝ 11़ 11 ⎠⎝ 22 ़⎠ आइए अब विभाजन सूत्रा पर आधरित वुफछ उदाहरण हल करें। उदाहरण 6 रू उस ¯बदु के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए जो ¯बदुओं ;4ए दृ 3द्ध और ;8ए 5द्ध को जोड़ने वाले रेखाखंड को आंतरिक रूप से 3 रू 1 के अनुपात में विभाजित करता है। हल रू मान लीजिए च्;गए लद्ध वांछित ¯बदु है। विभाजन सूत्रा का प्रयोग करने पर हमें 3;8द्ध ़ 1;4द्ध 3;5द्ध ़ 1;दृ3द्ध ग त्र त्र 7ए ल त्र त्र 3 31़ 31 ़ प्राप्त होता है। अतः ;7ए 3द्ध ही वांछित ¯बदु है। उदाहरण 7 रू ¯बदु ;दृ 4ए 6द्धए ¯बदुओं ।;दृ 6ए 10द्ध और ठ;3ए दृ 8द्ध को जोड़ने वाले रेखाखंड को किस अनुपात में विभाजित करता है? हलरू मान लीजिए;दृ 4ए 6द्ध रेखाखंड।ठ को आंतरिक रूप से उ1 रू उ2 के अनुपात में विभाजित करता है। विभाजन सूत्रा के प्रयोग से, हमें प्राप्त होता हैः ⎛ 3उ − 6उ दृ8उ ़ 10 उ ⎞ 121 2 ए ;दृ 4ए 6द्ध त्र ⎜⎟ ;1द्ध उ ़ उउ ़ उ ⎝ 12 12 ⎠ याद कीजिए कि यदि ;गए लद्ध त्र ;ंए इद्ध हो, तो ग त्र ं और ल त्र इ होता है। 3उ − 6उ −8उ ़ 10 उ 12 12 अतः दृ 4 त्र और 6त्र है। उ ़ उउ ़ उ 12 12 3 − उ उ162 अब दृ 4 त्र से प्राप्त होता हैः उ ़ उ 12 दृ 4उ1 दृ 4उ2 त्र3उ1 दृ 6उ2 अथार्त् 7उ1 त्र2उ2 या उ1 रू उ2त्र2 रू 7 आपको इसकी जाँच कर लेनी चाहिए कि यह अनुपात ल.निदेर्शांक को भी संतुष्ट करता है। −8 उ1 ़ 10 −8उ ़ 10 उउ 12 2 अब त्र ;उसे ऊपर नीचे भाग देने परद्ध उ उ ़उ 12 12 ़ 1 2 उ 2 8 ़ 10 −× 7 त्र 6 त्र 2 ़ 1 7 अतः ¯बदु ;दृ 4ए 6द्धए ¯बदुओं ।;दृ 6ए 10द्ध और ठ;3ए दृ 8द्ध को जोड़ने वाले रेखाखंड को 2 रू 7 के अनुपात में विभाजित करता है। उ वैकल्िपक हलरू अनुपातउ रू उको 1 रू1ए या ा रू 1 के रूप में लिखा जा सकता है। मान 12 उ 2 लीजिए ¯बदु ;दृ 4ए 6द्ध रेखाखंड।ठ को आंतरिक रूप से ा रू 1 के अनुपात में विभाजित करता है। विभाजन सूत्रा द्वारा, हमें प्राप्त होता हैः ⎛ 3ा − 6 −8ा ़ 10 ⎞ ए ;दृ 4ए 6द्ध त्र ⎜⎟ ;2द्ध ⎝ ा ़ 1 ा ़ 1 ⎠ 3ा − 6 अतः दृ 4 त्र ा ़ 1 या दृ 4ा दृ 4 त्र 3ा दृ 6 या 7ा त्र2 या ा रू 1 त्र 2रू 7 आप ल.निदेर्शांक के लिए भी इसकी जाँच कर सकते हैं। अतः, ¯बदु ;दृ 4ए 6द्ध, ¯बदुओं।;दृ 6ए 10द्ध और ठ;3ए दृ 8द्ध को जोड़ने वाले रेखाखंड को 2 रू 7 के अनुपात में विभाजित करता है। टिप्पणी रू आप इस अनुपात को दूरियाँ च्। और च्ठ ज्ञात करके और पिफर उनके अनुपात लेकर भी प्राप्त कर सकते हंै, जबकि आपको यह जानकारी हो कि ¯बदु ।ए च् और ठ संरेखी हैं। उदाहरण 8 रू ¯बदुओं ।;2ए दृ 2द्ध और ठ;दृ 7ए 4द्ध को जोड़ने वाले रेखाखंड को सम - त्रिाभाजित करने वाले ¯बदुओं के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए। हलरू मान लीजिए रेखाखंड।ठ को सम - त्रिाभाजित करने वाले ¯बदु च् और फ हैं, अथार्त्।च् त्र च्फ त्र थ्पहण् 7ण्11 फठ है ;देख्िाए आवृफति 7ण्11द्ध। अतः, च् रेखाखंड ।ठ को आंतरिक रूप से 1 रू 2 के अनुपात में विभाजित करता है। अतः, च् के निदेर्शांक सूत्रा द्वारा, निम्नलिख्िात हैंः ए 2; 2द्ध ⎞ ⎛1; 7द्ध −़ 2;2द्ध 1;4द्ध ़− ⎜ ़⎟ ए अथार्त् ;दृ1ए 0द्ध 12़ 12 ⎝⎠ अब, फ रेखाखंड ।ठ को आंतरिक रूप से 2 रू 1 के अनुपात में विभाजित करता है। अतः फ के निदेर्शांक हैंः 1; 2द्ध ⎞⎛ 2; 7द्ध −़ 1;2द्ध 2;4द्ध ़− ए ⎜़ 1 ⎟ ए अथार्त् ;दृ 4ए 2द्ध ⎝ 21 2 ़⎠ अतः, ¯बदुओं । और ठ को जोड़ने वाले रेखाखंड को सम - त्रिाभाजित करने वाले ¯बदुओं के निदेर्शांक ;दृ1ए 0द्ध और ;दृ 4ए 2द्ध हैं। टिप्पणीरू हम फ के निदेर्शांक उसेच्ठ का मध्य - ¯बदु मानते हुए भी ज्ञात कर सकते थे। इसमें हमें मध्य - ¯बदु वाले सूत्रा का प्रयोग करना पड़ता। उदाहरण 9 रू ¯बदुओं ;5ए दृ6द्ध और ;दृ1ए दृ4द्ध को जोड़ने वाले रेखाखंड को ल.अक्ष किसअनुपात में विभाजित करती है? इस प्रतिच्छेद ¯बदु के निदेर्शांक भी ज्ञात कीजिए। हल रू मान लीजिए वांछित अनुपात ा रू 1 है। तब, विभाजन सूत्रा द्वारा, उस रेखाखंड को ⎛−़ 5 −4ा − ा 6⎞ ा रू 1 के अनुपात में विभाजित करने वाले ¯बदु के निदेर्शांक हैं: ए ⎜ ⎟ ⎝ ा ़ 1 ा ़ 1 ⎠ यह ¯बदु ल.अक्ष पर स्िथत है और हम जानते हैं कि ल.अक्ष पर भुज0 होता है। ा 5 −़ अतः त्र0 ा ़1 इसलिए ा त्र5 है। ⎛−13 ⎞ अथार्त् वांछित अनुपात 5 रू 1 है। ा का मान 5 रखने पर हमें प्रतिच्छेद ¯बदु ⎜0ए ⎟ प्राप्त ⎝ 3 ⎠ होता है। उदाहरण 10 रू यदि ¯बदु।;6ए 1द्धए ठ;8ए 2द्धए ब्;9ए 4द्ध और क्;चए 3द्ध एक समांतर चतुभुर्ज के शीषर्इसी क्रम में हों, तो च का मान ज्ञात कीजिए। हल रू हम जानते हैं कि समांतर चतुभुर्ज के विकणर् परस्पर समद्विभाजित करते हैं। अतः, विकणर्।ब् के मध्य ¯बदु के निदेर्शांक त्र विकणर् ठक् के मध्य - ¯बदु के निदेर्शांक 691 ़ 48 ़ च 2 ़ 3 ⎛़⎞⎛ ⎞ ए ए अथार्त् त्र ⎜⎟⎜ ⎟ ⎝ 22 ⎠⎝ 22 ⎠ ⎛15 5 ⎞⎛ 8 ़ च 5 ⎞ एए या ⎜⎟ त्र ⎜⎟ ⎝ 22 ⎠⎝ 22 ⎠ 15 8 ़ च अतः त्र 22 या च त्र7 प्रश्नावली 7ण्2 1ण् उस ¯बदु के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए, जो ¯बदुओं;दृ1ए 7द्ध और;4ए दृ3द्ध को मिलाने वाले रेखाखंड को2 रू 3 के अनुपात में विभाजित करता है। 2ण् ¯बदुओं;4ए दृ1द्ध और ;दृ2ए दृ3द्धको जोड़ने वाले रेखाखंड को सम - त्रिाभाजित करने वाले ¯बदुओं के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए। 3ण् आपके स्वूफल में खेल - वूफद ियाकलाप आयोजित करने के लिए, एक आयताकार मैदान।ठब्क् में, चूने से परस्पर 1उ की दूरी पर पंक्ितयाँ बनाइर् गइर् हैं। ।क् के अनुदिश परस्पर 1उ की दूरी पर 100 गमले रखे गए हैं, जैसा कि आवृफति 7.12 में दशार्या गया है। निहारिका दूसरी पंक्ित में।क् के 1 भाग के बराबर की 4 दूरी दौड़ती है और वहाँ एक हरा झंडा गाड़ देती है। प्रीत आठवीं पंक्ित में।क् के 1 भाग के बराबर की दूरी दौड़ती 5 है और वहाँ एक लाल झंडा गाड़ देती है। दोनों झंडों के बीच की दूरी क्या है? यदि रश्िम को एक नीला झंडा इन दोनों झंडों को मिलाने वाले रेखाखंड पर ठीक आधीदूरी ;बीच मेंद्ध पर गाड़ना हो तो उसे अपना झंडा कहाँ गाड़ना चाहिए? 4ण् ¯बदुओं ;दृ 3ए 10द्ध और ;6ए दृ 8द्ध को जोड़ने वाले रेखाखंड को ¯बदु ;दृ 1ए 6द्ध किस अनुपात में विभाजितकरता है। 5ण् वह अनुपात ज्ञात कीजिए जिसमें ¯बदुओं ।;1ए दृ 5द्ध और ठ;दृ 4ए 5द्ध को मिलाने वाला रेखाखंड ग.अक्ष से विभाजित होता है। इस विभाजन ¯बदु के निदेर्शांक भी ज्ञात कीजिए। 6ण् यदि ¯बदु;1ए 2द्धए ;4ए लद्धए ;गए 6द्ध और;3ए 5द्धए इसी क्रम में लेने पर, एक समांतर चतुभुर्ज के शीषर् हो तोग और ल ज्ञात कीजिए। 7ण् ¯बदु।के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए, जहाँ।ठ एक वृत्त का व्यास है जिसका वेंफद्र ;2ए दृ 3द्ध है तथा ठ के निदेर्शांक ;1ए 4द्ध हैं। 8ण् यदि । और ठ क्रमशः ;दृ 2ए दृ2द्ध और ;2ए दृ4द्ध हो तो ¯बदुच् के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए ताकि 3 ।च् त्र 7 ।ठ हो और च् रेखाखंड ।ठ पर स्िथत हो। 9ण् ¯बदुओं ।;दृ 2ए 2द्ध और ठ;2ए 8द्धको जोड़ने वाले रेखाखंड ।ठ को चार बराबर भागों में विभाजित करने वाले ¯बदुओं के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए। 10ण् एक समचतुभुर्ज का क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए जिसके शीषर्, इसी क्रम में,;3ए 0द्धए ;4ए 5द्धए ;दृ 1ए 4द्ध और 1 ;दृ 2ए दृ 1द्ध हैं।ख्संकेतरू समचतुभुर्ज का क्षेत्रापफलत्र 2 ;उसके विकणो± का गुणनपफलद्ध, 7ण्4 त्रिाभुज का क्षेत्रापफल अपनी पिछली कक्षाओं में, आप यह पढ़ चुके हैं कि एक त्रिाभुज का आधर और उसकासंगत शीषर्लंब ;ऊँचाइर्द्ध दिए रहने पर, त्रिाभुज का क्षेत्रापफल किस प्रकार परिकलित किया जाता है। आपने निम्नलिख्िात सूत्रा का प्रयोग किया थाः 1 त्रिाभुज का क्षेत्रापफल त्र 2 × आधर × शीषर्लंब कक्षा प्ग् में, आपने त्रिाभुज का क्षेत्रापफल ज्ञात करने के लिए, हीरोन के सूत्रा का भी अध्ययन किया था। अब यदि किसी त्रिाभुज के तीनों शीषो± के निदेर्शांक दिए हों, तो क्या आप इसका क्षेत्रापफल ज्ञात कर सकते हैं? एक विध्ि यह हो सकती है कि आप दूरी सूत्रा का प्रयोग करके त्रिाभुज की तीनों भुजाएँ ज्ञात करें और पिफर हीरोन के सूत्रा का प्रयोग करके क्षेत्रापफल ज्ञात कर लें। परंतु यह विध्ि जटिल हो सकती है, विशेष रूप से तब जब भुजाएँ अपरिमेय संख्याओं के रूप में प्राप्त हो जाएँ। आइए देखें कि क्या इसकी कोइर् अन्य सरल विध्ि है। मान लीजिए।ठब् एक त्रिाभुज है, जिसके शीषर् ।;ग1ए ल1द्धए ठ;ग2ए ल2द्ध और ब्;ग3ए ल3द्ध हैं। क्रमशः ¯बदुओं ।ए ठ और ब् से ग.अक्ष पर लंब ।च्ए ठफ औरब्त् खींचिए। स्पष्टतः चतुभर्ुज ।ठफच्ए ।च्त्ब् और ठफत्ब् समलंब हैं ;देख्िाए आवृफति 7ण्13द्ध। अब, आवृफति 7ण्13 से, यह स्पष्ट है कि Δ ।ठब् का क्षेत्रापफलत्र समलंब।ठफच् का क्षेत्रापफल ़ समलंब ।च्त्ब् का क्षेत्रापफल दृ समलंब ठफत्ब् का क्षेत्रापफल आप यह भी जानते हैं कि एक समलंब का क्षेत्रापफल त्र 21 ;समांतर भुजाओं का योगद्ध × ;उनके बीच की दूरीद्ध अतः 11 1 Δ ।ठब् का क्षेत्रापफल त्र ;ठफ ़ ।च्द्ध फच़् ;।च् ़ ब्त्द्ध च्त् दृ ;ठफ ़ ब्त्द्ध फत् 22 2 1 11 ; ल ़ ल द्ध; ग − ग द्ध ़ ; ल ़ ल द्ध; ग − ग द्ध − ; ल ़ ल द्ध; ग − ग द्ध त्र 2112 1331 2 332 2 22 1 ख्ग ; ल दृ ल द्ध़ ग ; ल दृ ल द्ध़ ग ; ल दृ ल द्ध, त्र 123 231 312 2 1 अतः, Δ ।ठब् का क्षेत्रापफल व्यंजक ⎣⎡ग1 ; ल2 − ल3 द्ध़ ग2;ल3 − ल1द्ध ़ ग3;ल1 − ल2 ⎦⎤ 2 का संख्यात्मक मान है आइए इस सूत्रा का उपयोग दशार्ने के लिए, वुफछ उदाहरणों पर विचार करें। उदाहरण 11 रू उस त्रिाभुज का क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए जिसके शीषर् ;1ए दृ1द्धए ;दृ 4ए 6द्ध और ;दृ3ए दृ5द्ध है। हलरू शीषो±।;1ए दृ1द्धए ठ;दृ 4ए 6द्ध और ब् ;दृ3ए दृ5द्ध वाले त्रिाभुज ।ठब् का क्षेत्रापफल, उपरोक्त सूत्रा द्वारा निम्नलिख्िात हैः 1 ख़् 5द्ध ़− −़ 1द्ध ;3द्ध;1 − 6द्ध , 1;6 ;4द्ध;5 ़− − 2 1 त्र ;11 ़ 16 ़21द्ध त्र 24 2 अतः त्रिाभुज का क्षेत्रापफल 24 वगर् मात्राक है। उदाहरण 12 रू ¯बदुओं ।;5ए 2द्धए ठ;4ए 7द्ध और ब् ;7ए दृ 4द्ध से बनने वाले Δ।ठब् का क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। हल रू शीषो±।;5ए 2द्धए ठ;4ए 7द्ध और ब् ;7ए दृ 4द्ध वाले त्रिाभुज ।ठब् का क्षेत्रापफल हैः 1 ख्5;7 ़ 4द्ध ़ 4;− 4 − 2द्ध ़ 7;2 − 7द्ध , 2 1 −4 त्र ;552435द्ध त्र त्र− 2 −− 22 चूँकि क्षेत्रापफल एक माप है, इसलिए यह )णात्मक नहीं हो सकता है। अतः, हम क्षेत्रापफल के रूप दृ 2 का संख्यात्मक मान 2 लेंगे। इसलिए त्रिाभुज का क्षेत्रापफल 2 वगर् मात्राक है। उदाहरण 13 रू ¯बदुओं च्;दृ1ण्5ए 3द्धए फ;6ए दृ2द्ध और त्;दृ3ए 4द्ध से बनने वाले त्रिाभुज का क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। हल रू दिए हुए ¯बदुओं से बनने वाले त्रिाभुज का क्षेत्रापफल हैः 1 ख्− −− 4द्ध ़ 6;4 − 3द्ध ; 3द्ध;3 ़ 2द्ध , 1ण्5; 2 ़− 2 1 त्र ;9 ़− 15द्ध 6 त्र 0 2 क्या हम 0 वगर् मात्राक क्षेत्रापफल वाला कोइर् त्रिाभुज प्राप्त कर सकते हैं? इसका अथर् क्या है? इसका अथर् है कि यदि किसी त्रिाभुज का क्षेत्रापफल 0 मात्राक हो, तो उसके शीषर् संरेखी होंगे। उदाहरण 14 रू ा का मान ज्ञात कीजिए, यदि ¯बदु ।;2ए 3द्धए ठ;4ए ाद्ध और ब्;6ए दृ3द्ध संरेखी हैं। हल रू चूँकि तीनों ¯बदु संरेखी हैं, इसलिए इनसे बनने वाले त्रिाभुज का क्षेत्रापफल 0 होगा। अथार्त् 1 ख्2;ा ़ 3द्ध ़ −−3द्ध ़ 6;3 −ाद्ध, 4;3 त्र 02 1 अथार्त् ;4द्ध − ा त्र 0 2 या ा त्र 0 अतः, ा का वांछित मान 0 है।आइए अपने उत्तर की जाँच करें। 1 Δ ।ठब् का क्षेत्रापफल त्र ख्2;03द्ध ़ 4; −3 −3द्ध ़ −,त्र 0 ़ 6 ;30द्ध 2 उदाहरण 15 रू यदि।;दृ5ए 7द्धए ठ;दृ 4ए दृ5द्धए ब्;दृ1ए दृ6द्ध और क्;4ए 5द्ध एक चतुभुर्ज।ठब्क् के शीषर् हैं, तो इस चतुभुर्ज का क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। हल रू ठ को क् से मिलाने पर, आपको दो त्रिाभुज ।ठक् और ठब्क् प्राप्त होते हैं। 1 अब Δ ।ठक् का क्षेत्रापफल त्र ख् 5;5 5द्ध ़ ; 4द्ध;5 − 7द्ध ़ 4 ;7 , −−−− ़ 5द्ध 2 1 106 त्र ;50848द्ध ़़त्र त्र 53 वगर् मात्राक 22 1 −−− 4; 5 साथ ही, Δ ठब्क् का क्षेत्रापफल त्र ख् 4; 6 5द्धदृ1;5 ़ 5द्ध ़ −़ 6द्ध , 2 त्र 1 ;44 − 10 ़ 4द्ध त्र 19 वगर् मात्राक 2 अतः, चतुभुर्ज।ठब्क् का क्षेत्रापफल त्र 53 ़ 19 त्र 72 वगर् मात्राक टिप्पणीरू किसी बहुभुज का क्षेत्रापफल ज्ञात करने के लिए, हम उसे ऐसे त्रिाभुजों में बाँटते हैं, जिनमें कोइर् क्षेत्रा सावर्निष्ठ न हो और पिफर इन सभी त्रिाभुजों के क्षेत्रापफलों को जोड़ लेते हैं। प्रश्नावली 7ण्3 1ण् उस त्रिाभुज का क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए जिसके शीषर् हैं: ;पद्ध ;2ए 3द्धए ;दृ1ए 0द्धए ;2ए दृ 4द्ध ;पपद्ध ;दृ5ए दृ1द्धए ;3ए दृ5द्धए ;5ए 2द्ध 2ण् निम्नलिख्िात में से प्रत्येक में षष् का मान ज्ञात कीजिए, ताकि तीनों ¯बदु संरेखी हों: ;पद्ध ;7ए दृ2द्धए ;5ए 1द्धए ;3ए ाद्ध ;पपद्ध ;8ए 1द्धए ;ाए दृ 4द्धए ;2ए दृ5द्ध 3ण् शीषो±;0ए दृ1द्धए ;2ए 1द्ध और;0ए 3द्ध वाले त्रिाभुज की भुजाओं के मध्य - ¯बदुओं से बनने वाले त्रिाभुज का क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। इस क्षेत्रापफल का दिए हुए त्रिाभुज के क्षेत्रापफल के साथ अनुपात ज्ञात कीजिए। 4ण् उस चतुभुर्ज का क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए जिसके शीषर्, इसी क्रम में, ;दृ 4ए दृ 2द्धए ;दृ 3ए दृ 5द्धए ;3ए दृ 2द्ध और ;2ए 3द्ध हैं। 5ण् कक्षा प्ग्में आपने पढ़ा है ;अध्याय 9, उदाहरण 3द्ध कि किसी त्रिाभुज की एक माियका उसे बराबर क्षेत्रापफलों वाले दो त्रिाभुजों में विभाजित करती है। उस त्रिाभुज।ठब् के लिए इस परिणाम का सत्यापन कीजिए जिसके शीषर् ।;4ए दृ 6द्धए ठ;3ए दृ2द्ध औरब्;5ए 2द्ध हैं। प्रश्नावली 7ण्4 ;ऐच्िछकद्ध’ 1ण् ¯बदुओं ।;2ए दृ 2द्ध और ठ;3ए 7द्ध को जोड़ने वाले रेखाखंड को रेखा 2ग ़ ल दृ 4 त्र 0 जिस अनुपात में विभाजित करती है उसे ज्ञात कीजिए। 2ण् ग और ल में एक संबंध् ज्ञात कीजिए, यदि ¯बदु ;गए लद्धए ;1ए 2द्ध और ;7ए 0द्ध संरेखी हैं। 3ण् ¯बदुओं ;6ए दृ 6द्धए ;3ए दृ 7द्ध और;3ए 3द्ध से होकर जाने वाले वृत्त का वेंफद्र ज्ञात कीजिए। 4ण् किसी वगर् के दो सम्मुख शीषर्;दृ1ए 2द्ध और;3ए 2द्ध हंै। वगर् के अन्य दोनों शीषर् ज्ञात कीजिए। ’ यह प्रश्नावली परीक्षा की दृष्िट से नहीं है। 5ण् वृफष्णानगर के एक सेवेंफडरी स्वूफल के कक्षाग्के विद्या£थयों को उनके बागवानी ियाकलाप के लिए, एक आयताकार भूखंड दिया गया है। गुलमोहर की पौध् ;ेंचसपदहद्ध को परस्पर 1उ की दूरी पर इस भूखंड की परिसीमा ;इवनदकंतलद्ध पर लगाया जाता है। इस भूखंड के अंदर एक त्रिाभुजाकार घास लगा हुआ लाॅन ;संूदद्ध है, जैसाकि आवृफति 7ण्14 आवृफति 7.14 में दशार्या गया है। विद्या£थयों को भूखंड के शेष भाग में पूफलों के पौध्े के बीज बोने हैं। ;पद्ध । को मूल¯बदु मानते हुए, त्रिाभुज के शीषो± के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए। ;पपद्ध यदि मूल¯बदु ब् हो, तो Δ च्फत् के शीषो± के निदेर्शांक क्या होंगे? साथ ही, उपरोक्त दोनों स्िथतियों में, त्रिाभुजों के क्षेत्रापफल ज्ञात कीजिए। आप क्या देखते हैं? 6ण् एक त्रिाभुज ।ठब् के शीषर्।;4ए 6द्धए ठ;1ए 5द्ध औरब्;7ए 2द्ध हैं। भुजाओं।ठ और।ब्कोक्रमशः क् और ।म् 1 म् पर प्रतिच्छेद करते हुए एक रेखा इस प्रकार खींची गइर् है कि ।क् त्रत्र है। Δ ।क्म् ।ठ ।ब् 4 का क्षेत्रापफल परिकलित कीजिए और इसकी तुलना Δ ।ठब् के क्षेत्रापफल से कीजिए। ;प्रमेय 6.2 और प्रमेय 6.6 का स्मरण कीजिए।द्ध 7ण् मान लीजिए । ;4ए 2द्धए ठ;6ए 5द्ध औरब्;1ए 4द्ध एक त्रिाभुज ।ठब् के शीषर् हैं। ;पद्ध । से होकर जाने वाली माियका ठब् से क् पर मिलती है। ¯बदु क् के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए। ;पपद्ध ।क् पर स्िथत ऐसे ¯बदुच् के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए कि।च् रू च्क् त्र 2 रू 1 हो। ;पपपद्ध माियकाओं ठम् और ब्थ् पर ऐसे ¯बदुओं फ और त् के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए कि ठफ रू फम् त्र 2 रू 1 हो औरब्त् रू त्थ् त्र 2 रू 1 हो। ;पअद्ध आप क्या देखते हैं? ख्नोटरू वह ¯बदु जो तीनों माियकाओं में सावर्निष्ठ हो, उस त्रिाभुज का वेंफद्रक ;बमदजतवपकद्ध कहलाता है और यह प्रत्येक माियका को 2 रू 1 के अनुपात में विभाजित करता है। , ;अद्ध यदि।;गए लद्धए ठ;गए लद्ध औरब्;गए लद्ध त्रिाभुज ।ठब् के शीषर् हैं, तो इस त्रिाभुज के वंेफद्रक 1 12233 के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए। 8ण् ¯बदुओं ।;दृ1ए दृ1द्धए ठ;दृ1ए 4द्धए ब्;5ए 4द्धऔर क्;5ए दृ1द्ध से एक आयत ।ठब्क् बनता है। च्ए फए त् और ै क्रमशः भुजाओं ।ठए ठब्ए ब्क् और क्।के मध्य ¯बदु हैं। क्या चतुभुर्ज च्फत्ैएक वगर् है? क्यायह एक आयत है? क्या यह एक समचतुभुर्ज है? सकारण उत्तर दीजिए। 7ण्5 सारांश इस अध्याय में, आपने निम्नलिख्िात तथ्यों का अध्ययन किया हैः 1ण् च्;ग1ए लद्ध और फ;ग2ए लद्ध के बीच की दूरी ;ग − ग द्ध2 ़ ;ल − ल द्ध2 है। 1 22121 2ण् ¯बदु च्;गए लद्ध की मूल¯बदु से दूरी ग2 ़ ल2 होती है। 3ण् उस ¯बदुच्;गए लद्ध के निदेर्शांक जो ¯बदुओं।;ग1ए ल1द्ध और ठ;ग2ए ल2द्ध को जोड़ने वाले रेखाखंड को उ1 रू उ2 के अनुपात में आंतरिक रूप से विभाजित करता है, निम्नलिख्िात होते हैंः ⎛ उग ़ उग ए उल ़ उल ⎞ 12 2112 21 ⎜⎟ उ ़ उउ ़ उ ⎝ 12 12 ⎠ 4ण् ¯बदुओं च्;ग1ए ल1द्ध और फ;ग2ए ल2द्ध को जोड़ने वाले रेखाखंड च्फ के मध्य¯बदु के निदेर्शांक ⎛ ग ़ गल ़ ल ⎞ 121 2 ⎜ ए ⎟ होते हैं। ⎝ 22 ⎠ 5ण् ¯बदुओं ;गए लद्धए ;गए लद्ध और ;गए लद्ध से बनने वाले त्रिाभुज का क्षेत्रापफल 112233 व्यंजक 1ख् ; − ल द्ध ़ ग ; ल − ल द्ध ़ ग ; गल ल − ल द्ध, 123 231 312 2 का संख्यात्मक मान होता है।

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