Ganit-II

अध्याय ज्ीम उवअपदह चवूमत व िउंजीमउंजपबंस पदअमदजपवद पे दवज तमंेवदपदह इनज पउंहपदंजपवदण् दृ ।ण्क्म्डव्त्ळ।छ ऽ 11ण्1 भूमिका ;प्दजतवकनबजपवदद्ध कक्षा ग्प् में, वैश्लेष्िाक ज्यामिति का अध्ययन करते समय द्वि - विमीय और त्रिा - विमीय विषयों के परिचय में हमने स्वयं को केवल कातीर्य विध्ि तक सीमित रखा है। इस पुस्तक के पिछले अध्याय में हमने सदिशों की मूल संकल्पनाओं का अध्ययन किया है। अब हम सदिशों के बीजगण्िात का त्रिा - विमीय ज्यामिति में उपयोग करेंगे। त्रिा - विमीय ज्यामिति में इस उपागम का उद्देश्य है कि यह इसके अध्ययन को अत्यंत सरल एवं सुरुचिपूणर् ;सुग्राहयद्ध बना देता है।’ इस अध्याय में हम दो ¯बदुओं को मिलाने वाली रेखा के दिक् - कोज्या व दिव्फ - अनुपात का अध्ययन करेंगे और विभ्िान्न स्िथतियों में अंतरिक्ष में रेखाओं और तलों के समीकरणों, दो रेखाओं, दो तलों व एक रेखा और एक तल के बीच का कोण, दो विषमतलीय रेखाओं के बीच न्यूनतम दूरी व एक तल की एक ¯बदु से दूरी के विषय में भी विचार विमशर् करेंगे। उपरोक्त परिणामों में से अध्िकांश परिणामों को सदिशों के रूप में प्राप्त करते हैं। तथापि हम इनका कातीर्य रूप में भी अनुवाद करेंगे जो कालांतर में स्िथति का स्पष्ट ज्यामितीय और विश्लेषणात्मक चित्राण प्रस्तुत कर सकेगा। 11ण्2 रेखा के दिव्फ - कोसाइन और दिव्फ - अनुपात ;क्पतमबजपवद ब्वेपदमे ंदक क्पतमबजपवद त्ंजपवे व िं स्पदमद्ध अध्याय 10 में, स्मरण कीजिए, कि मूल ¯बदु से गुजरने वाली सदिश रेखा स् द्वारा गए ल और ्र.अक्षों के साथ क्रमश α, β और γ बनाए गए कोण दिव्फ - कोण कहलाते हैं तब इन कोणों की कोसाइन नामतः बवेαए बवेβ और बवेγ रेखा स् के दिव्फ - कोसाइन ;कपतमबजपवद बवेपदमे वत कबश्ेद्धकहलाती हैं। ’ थ्वत अंतपवने ंबजपअपजपमे पद जीतमम कपउमदेपवदंस हमवउमजतलए वदम उंल तममित जव जीम ठववा श्। भ्ंदक ठववा वित कमेपहदपदह डंजीमउंजपबे स्ंइवतंजवतल पद ैबीववसेश्ए छब्म्त्ज्ए 2005 यदि हमस् की दिशा विपरीत कर देते हैं तो दिव्फ - कोण, अपने संपूरकों में अथार्त् π.αए π.β और π.γ से बदल जाते हैं। इस प्रकार, दिव्फ - कोसाइन के चिÉ बदल जाते हैं। ध्यान दीजिए, अंतरिक्ष में दी गइर् रेखा को दो विपरीत दिशाओं में बढ़ा सकते हैं और इसलिए इसके दिव्फ - कोसाइन के दो समूह हैं। इसलिए अंतरिक्ष में ज्ञात रेखा के लिए दिव्फ - कोसाइन के अद्वितीय समूह के लिए, हमें ज्ञात रेखा को एक सदिश रेखा लेना चाहिए। इन अद्वितीय दिव्फ - कोसाइन को सए उ और द के द्वारा निदिर्ष्ट किए जाते हैं। टिप्पणी अंतरिक्ष में दी गइर् रेखा यदि मूल ¯बदु से नहीं गुजरती है तो इसकी दिव्फ - कोसाइन को ज्ञात करने के लिए, हम मूल ¯बदु से दी गइर् रेखा के समांतर एक रेखा खींचते हैं। अब मूल ¯बदु से इनमें से एक सदिश रेखा के दिव्फ - अनुपात ज्ञात करते हैं क्योंकि दो समांतर रेखाओं के दिव्फ - अनुपातों के समूह समान ;वहीद्ध होते हैं। एक रेखा के दिव्फ - कोसाइन के समानुपाती संख्याओं को रेखा के दिव्फ - अनुपात ;कपतमबजपवद तंजपवे वत कतश्ेद्ध कहते हैं। यदि एक रेखा के दिव्फ - कोसाइन सए उए द व दिव्फ - अनुपात ंए इए ब हों तब किसी शून्येतर λ ∈ त् के लिए ं त्र λसए इत्रλउ और ब त्र λद मान लीजिए एक रेखा के दिव्फ - अनुपात ंए इए ब और रेखा की दिव्फ - कोसाइन सए उए द है। तब सउद त्र त्र त्रा ;मान लीजिएद्धए ा एक अचर है। ंइब त्रिा - विमीय ज्यामिति 479 इसलिए स त्र ंाए उ त्र इाए द त्र बा ण्ण्ण् ;1द्ध परंतु स2 ़ उ2 ़ द2 त्र1 इसलिए ा2 ;ं2 ़ इ2 ़ ब2द्ध त्र 1 या ा त्र ± 1 अतः ;1द्ध से, रेखा की दिव्फ - कोसाइन ;कण्बण्ष्े द्ध ंइब स त्र± एउत्र± एद त्र± 222 222 222 ं ़इ ़बं ़इ ़बं ़इ ़ ब किसी रेखा के लिए यदि रेखा के दिव्फ - अनुपात क्रमशः ंए इए ब है, तो ांए ाइए ाबय ा ≠ 0 भी दिव्फ - अनुपातों का एक समूह है। इसलिए एक रेखा के दिव्फ - अनुपातों के दो समूह भी समानुपाती होंगे। अतः किसी एक रेखा के दिव्फ - अनुपातों के असंख्य समूह होते हैं। 11ण्2ण्1 रेखा की दिव्फ - कोसाइन में संबंध् ;त्मसंजपवद इमजूममद जीम कपतमबजपवद बवेपदमे व िं सपदमद्ध मान लीजिए कि एक रेखा त्ै की दिव्फ - कोसाइन सए उए द है। मूल ¯बदु से दी गइर् रेखा के समांतर एक रेखा खींचिए और इस पर एक ¯बदु च्;गए लए ्रद्ध लीजिए। च् से ग.अक्ष पर लंब च्। खींचिए ;आवृफति 11.2द्ध। व्। ग यदि व्च् त्र तण् तो बवे αत्र त्र ण् जिससे ग त्र सत प्राप्त होता है। व्च् त इसी प्रकार ल त्र उत और ्र त्र दतण् 222 इसलिए ग2 ़ ल ़ ्र त्र त2 ;स2 ़ उ ़ द2द्ध परंतु ग2 ़ ल2 ़ ्र2 त्र त2 आवृफति 11.2 22 अतः स2 ़ उ ़ द त्र 1 11ण्2ण्2 दो ¯बदुओं को मिलाने वाली रेखा की दिव्फ - कोसाइन ;क्पतमबजपवद बवेपदमे व िं सपदम चंेेपदह जीतवनही जूव चवपदजेद्ध क्योंकि दो दिए ¯बदुओं से होकर जाने वाली रेखा अद्वितीय होती है। इसलिए दो दिए गए ¯बदुओं च्;ग ए लए ्र द्ध और फ;ग ए लए ्र द्ध से गुजरने वाली रेखा की दिव्फ - कोसाइन को निम्न प्रकार से ज्ञात 111222 कर सकते हैं ;आवृफति 11.3;ंद्ध। मान लीजिए कि रेखा च्फ की दिव्फ - कोसाइन सए उए द हैं और यह गए ल और ्र.अक्ष के साथ कोण क्रमशः αए βए γ बनाती हैं। मान लीजिए च् और फ से लंब खींचिए जो ग्ल्.तल को त् तथा ै पर मिलते हैं। च् से एक अन्य लंब खींचिए जो फै को छ पर मिलता है। अब समकोण त्रिाभुज च्छफ मेंए ∠च्फछ त्र γ ;आवृफति 11ण्3 ;इद्धद्ध इसलिए आवृफति 11.3 बवेγ त्र छफ त्र 2्र 1− ्र च्फ च्फ इसी प्रकार बवेα त्र 2 1 च्फ ग ग− और बवे β त्र 2 1 च्फ ल ल− अतः ¯बदुओं च्;ग ए लए ्र द्ध तथा फ;ग ए लए ्र द्ध को जोड़ने वाले रेखाखंड च्फ कि दिव्फ - कोसाइन 111222 ग − गल − ल्र2 − ्र1 21 2 1 ए ए हैं। च्फ च्फ च्फ टिप्पणी ¯बदुओं च्;ग ए लए ्र द्ध तथा फ;ग ए लए ्र द्ध को जोड़ने वाले रेखाखंड के दिव्फ - अनुपात निम्न 111222 प्रकार से लिए जा सकते हैं। ग दृ ग ए लदृ लए ्र दृ ्र ए या ग दृ ग ए लदृ लए ्र दृ ्र 2 12 12 11 21 21 2 उदाहरण1 यदि एक रेखा गए ल तथा्र.अक्षों की ध्नात्मक दिशा के साथ क्रमशः 90°ए 60° तथा 30° का कोण बनातीे है तो दिव्फ - कोसाइन ज्ञात कीजिए। 1 हल मान लीजिए रेखा की दिव्फ - कोसाइन स ए उए द है। तब स त्र बवे 90° त्र 0ए उ त्र बवे 60° त्र ए 2 3 द त्र बवे 30° त्र 2 त्रिा - विमीय ज्यामिति 481 उदाहरण 2 यदि एक रेखा के दिव्फ - अनुपात 2, - 1, - 2 हैं तो इसकी दिव्फ - कोसाइन ज्ञात कीजिए। हल दिव्फ - कोसाइन निम्नवत् हैं 2 −1 −2 ए ए 222 222 2 2 2 ़ ;−1द्ध ़ ;−2द्ध 2 ़ ;−1द्ध ़ ;−2द्ध 2 ़ ;−1द्ध2 ़ ;−2द्ध 2 −1 −2 एए अथार्त् 33 3 उदाहरण 3 दो ¯बदुओं ;दृ 2ए 4ए दृ 5द्ध और ;1ए 2ए 3द्ध को मिलाने वाली रेखा की दिव्फ - कोसाइन ज्ञात कीजिए। हल हम जानते हैं कि दो ¯बदुओं च्;ग ए लए ्र द्ध और फ;ग ए लए ्र द्ध को मिलाने वाली रेखा की 111222 दिव्फ - कोसाइन ग − गल − ल्र − ्र 212 121 एए च्फ च्फ च्फ यहाँ च् और फ क्रमशः ;दृ 2ए 4ए दृ 5द्ध और ;1ए 2ए 3द्ध हैं। 22 2 इसलिए च्फ त्र ;1 ;2द्धद्ध ़ ;2 − 4द्ध ़ ;3 ;5द्धद्ध त्र 77 −− −− इसलिए दो ¯बदुओं को मिलाने वाली रेखा की दिव्फ - कोसाइन हैंः 3 −28 ए ए 77 77 77 उदाहरण 4 गए ल और ्र.अक्षों की दिव्फ - कोसाइन ज्ञात कीजिए। हल ग.अक्ष क्रमशः गए ल और ्र.अक्ष के साथ 0°ए 90° और 90° के कोण बनाता है। इसलिए ग.अक्ष की दिव्फ - कोसाइन बवे 0°ए बवे 90°ए बवे 90° अथार्त् 1ए0ए0 हैं। इसी प्रकार ल.अक्ष और ्र.अक्ष की दिव्फ - कोसाइन क्रमशः 0ए 1ए 0 और 0ए 0ए 1 हैं। उदाहरण 5 दशार्इए कि ¯बदु । ;2ए 3ए दृ 4द्धए ठ ;1ए दृ 2ए 3द्ध और ब् ;3ए 8ए दृ 11द्ध संरेख हैं। हल । और ठ को मिलाने वाली रेखा के दिव्फ - अनुपात 1 दृ2ए दृ2 दृ3ए 3 ़ 4 अथार्त् दृ 1ए दृ 5ए 7 हैं। ठ और ब् को मिलाने वाली रेखा के दिव्फ - अनुपात 3 दृ1ए 8 ़ 2ए दृ 11 दृ 3ए अथार्त्ए 2ए 10ए दृ 14 हैं। स्पष्ट है कि।ठ और ठब् के दिव्फ - अनुपात समानुपाती हैं। अतः ।ठ और ठब् समांतर हैं।ु परंतु ।ठ और ठब् दोनों में ठ उभयनिष्ठ है। अतः ।ए ठए और ब् संरेख ¯बदु हैं। प्रश्नावली 11.1 1ण् यदि एक रेखा गए ल और ्र.अक्ष के साथ क्रमशः 90°ए 135°ए 45° के कोण बनाती है तो इसकी दिव्फ - कोसाइन ज्ञात कीजिए। 2ण् एक रेखा की दिव्फ - कोसाइन ज्ञात कीजिए जो निदेर्शांक्षों के साथ समान कोण बनाती है। 3ण् यदि एक रेखा के दिव्फ - अनुपात दृ18ए 12ए दृ 4ए हैं तो इसकी दिव्फ - कोसाइन क्या हैं? 4ण् दशार्इए कि ¯बदु ;2ए 3ए 4द्धए ;दृ 1ए दृ 2ए 1द्धए ;5ए 8ए 7द्ध संरेख हैं। 5ण् एक त्रिाभुज की भुजाओं की दिव्फ - कोसाइन ज्ञात कीजिए यदि त्रिाभुज के शीषर् ¯बदु ;3ए 5ए दृ 4द्धए ;दृ 1ए 1ए 2द्ध और ;दृ 5ए दृ 5ए दृ 2द्ध हैं। 11ण्3 अंतरिक्ष में रेखा का समीकरण ;म्ुनंजपवद व िं स्पदम पद ैचंबमद्ध कक्षा ग्प् में द्वि - विमीय तल में रेखाओं का अध्ययन करने के पश्चात् अब हम अंतरिक्ष में एक रेखा के सदिश तथा कातीर्य समीकरणों को ज्ञात करेंगे। एक रेखा अद्वितीयतः निधर्रित होती है, यदि ;पद्ध यह दिए ¯बदु से दी गइर् दिशा से होकर जाती है, या ;पपद्ध यह दो दिए गए ¯बदुओं से होकर जाती है। 11ण्3ण्1 दिए गए ¯बदु । से जाने वाली तथा दिए गए सदिश इ के समांतर रेखा का समीकरण ;म्ुनंजपवद व िं सपदम जीतवनही ं हपअमद चवपदज । ंदक चंतंससमस जव ं हपअमद अमबजवत इ द्ध समकोण्िाक निदेर्शांक्ष निकाय के मूल ¯बदु व् के सापेक्ष मान लीजिए कि ¯बदु । का सदिश ंहै। मान लीजिए कि ¯बदु । से जाने वाली तथा दिए गए सदिश इके समांतर रेखा स है। मान लीजिए कि स पर स्िथत किसी स्वेच्छ ¯बदु च् का स्िथति सदिश तहै ;आवृफति 11.4द्ध। तब ।च्सदिश इ के समांतर है अथार्त् ।च्त्र λ इए जहाँ λ एक वास्तविक संख्या है। आवृफति 11.4 परंतु ।च् त्र व्च्दृव्। अथार्त् λ इ त्र त − ंविलोमतः प्राचल λ के प्रत्येक मान के लिए यह समीकरण रेखा के किसी ¯बदु च् की स्िथति प्रदान करता है। अतः रेखा का सदिश समीकरण हैः त त्र ं ़λ इ ण्ण्ण् ;1द्ध त्रिा - विमीय ज्यामिति 483 टिप्पणी यदि इ त्र ंप ६ ़ इर ६ ़ बा ६ है तो रेखा के दिव्फ - अनुपात ंए इए ब है और विलोमतः यदि एक रेखा के दिव्फ - अनुपात ंए इए ब हों तो इ त्र ंप ६ ़ इर ६ ़ बा ६ रेखा के समांतर होगा। यहाँ इ को द्य इ द्य न समझा जाए। सदिश रूप से कातीर्य रूप व्युत्पन्न करना ;क्मतपअंजपवद व िब्ंतजमेपंद थ्वतउ तिवउ टमबजवत थ्वतउद्ध मान लीजिए कि दिए ¯बदु । के निदेर्शांक ;ग 1ए ल1ए ्र 1द्ध हैं और रेखा की दिव्फ - कोसाइन ंए इए ब हैं मान लीजिए किसी ¯बदु च् के निदेर्शांक ;गए लए ्रद्ध हैं। तब ६६६ ६६६ त त्र गप ़ लर ़ ्रा य ं त्र गप ़ लर ़ ्रा 111 और इ त्र ंप ६ ़ इर ६ ़ बा ६ इन मानों को ;1द्ध में प्रतिस्थापित करके प६ए ६र और ा६ए के गुणांकों की तुलना करने पर हम पाते हैं कि ग त्र ग 1 ़ λंय ल त्र ल1 ़ λ इय ्र त्र ्र 1़ λब ण्ण्ण् ;2द्ध ये रेखा के प्राचल समीकरण हैं। ;2द्ध से प्राचल λ का विलोपन करने पर, हम पाते हैंः ग −गल − ल्र − ्र 1 11 त्र त्र ण्ण्ण् ;3द्ध ं इब यह रेखा का कातीर्य समीकरण है। टिप्पणी यदि रेखा की दिव्फ - कोसाइन सए उए द हैं, तो रेखा का समीकरण ग −ग1 ल − ल1 ्र − ्र1 त्र त्र हैं। स उद उदाहरण 6 ¯बदु ;5ए 2ए दृ 4द्ध से जाने वाली तथा सदिश 3प६ ़ 2६र − 8ा६ के समांतर रेखा का सदिश तथा कातीर्य समीकरणों को ज्ञात कीजिए। हल हमें ज्ञात है, कि ं त्र5प६ ़ 2६र − 4 ा६ और इ त्र 3प६ ़ 2६र − 8 ा६ इसलिए, रेखा का सदिश समीकरण हैः त त्र5 प६ ़ 2६र − 4 ा६ ़λ ;3 प६ ़ 2६र −8 ा६द्ध ख्;1द्ध से, चूँकि रेखा पर स्िथत किसी ¯बदु च्;गए लए ्रद्ध की स्िथति सदिश त है, इसलिए गप ६ ़ लर ६ ़्रा ६ त्र5प६ ़ 2६र − 4ा६ ़λ ;3 प६ ़ 2६र − 8 ा६द्ध ɵɵ ɵ त्र ;5 ़λद्ध प ़ ;2 ़ 2λद्ध र ;4 − 8 3 ़− λद्ध ा 484 गण्िात λ का विलोपन करने पर हम पाते हैं कि 5ग − 2ल − त्र 4्र ़ त्र 3 2 8− जो रेखा के समीकरण का कातीर्य रूप है। 11ण्3ण्2 दो दिए गए ¯बदुओं से जाने वाली रेखा का समीकरण ;म्ुनंजपवद व िं सपदम चंेेपदह जीतवनही जूव हपअमद चवपदजेद्ध मान लीजिए एक रेखा पर स्िथत दो ¯बदुओं ।;ग ए लए ्र द्ध औरठ;ग ए लए ्र द्धए के स्िथति सदिश क्रमशः 111222 ं और इ हैं ;आवृफति 11ण्5द्ध। मान लीजिए त एक स्वेच्छ ¯बदु च् का स्िथति सदिश है। तब च् रेखा पर है यदि और केवल यदि ।च् त्र त −ं तथा ।ठ त्र इ −ं संरेख सदिश हैं। इसलिए च् रेखा पर स्िथत है यदि और केवल यदि त − ं त्रλ ;इ − ंद्ध या त त्र ं ़λ ;इ दृ ंद्धए λ ∈ त् ण्ण्ण् ;1द्ध जो रेखा का सदिश समीकरण है। सदिश रूप से कातीर्य रूप व्युत्पन्न करना हम पाते हैं कि त त्र गप६ ़ लर६ ़ ्रा६ए ं त्र गप६ ़ ल ६र ़ ्रा६ए और इ त्र गप६ ़ ल ६र ़ ्रा६ 111 22 2 इन मानों को ;1द्ध में प्रतिस्थापित करने पर हम पाते हैं कि ɵɵɵɵɵɵ ɵ ɵɵ गप ़ लर ़ ्रा त्र गप ़ लर ़ ्रा ़λ ख्;ग − ग द्धप ़ ; ल − ल द्ध र ़ ;्र − ्र द्ध ा, 111 2121 21 प६एर६एा६ के गुणांकों की तुलना करने पर हम पाते हैं कि ग त्र ग ़ λ ;ग दृ ग द्धय ल त्र ल ़ λ ;ल दृ लद्धय ्र त्र ्र ़ λ ;्र दृ ्र द्ध 121121121 λ का विलोपन करने पर हम पाते हैं कि ग − गल − ल्र − ्र 1 11 त्रत्र ग − गल − ल्र − ्र 21 2121 जो रेखा के समीकरण का कातीर्य रूप है। उदाहरण 7 ¯बदुओं ;दृ1ए 0ए 2द्ध और ;3ए 4ए 6द्ध से होकर जाने वाली रेखा का सदिश समीकरण ज्ञात कीजिए। हल मान लीजिए ं और इ ¯बदुओं ।;दृ 1ए 0ए 2द्ध और ठ;3ए 4ए 6द्ध के स्िथति सदिश हैं। त्रिा - विमीय ज्यामिति 485 ६६ तब ं त्र− प ़ 2ा और इ त्र 3प६़ 4६र ़ 6ा६ इसलिए इ − ं त्र 4प६़ 4६र ़ 4ा६ मान लीजिए कि रेखा पर स्िथत किसी स्वेच्छ ¯बदु च् का स्िथति सदिश त है। अतः रेखा का सदिश समीकरण त त्र− प६़ 2ा६ ़λ ;4 प६़ 4६र ़ 4ा६द्ध ग ़ 3 ल −5 ्र ़ 6 उदाहरण 8 एक रेखा का कातीर्य समीकरण त्रत्र है। इस रेखा का सदिश समीकरण 242 ज्ञात कीजिए। हल दिए गए समीकरण का मानक रूप ग − गल − ल्र − ्र 1 11 त्रत्र ं इब से तुलना करने पर हम पाते हैं कि ग 1 त्र दृ 3ए ल1 त्र 5ए ्र 1 त्र दृ 6य ं त्र 2ए इ त्र 4ए ब त्र 2 इस प्रकार अभीष्ट रेखा ¯बदु ;दृ 3ए 5ए दृ 6द्ध से होकर जाती है तथा सदिश 2प६़ 4६र ़ 2ा६ के समांतर है। मान लीजिए कि रेखा पर स्िथत किसी ¯बदु की स्िथति सदिश त है तो रेखा का सदिश समीकरण ६ त त्र ; −3 प६़ 5६र − 6ा६द्ध ़ λ ;2 प६ ़ 4६र ़ 2ाद्ध द्वारा प्रदत्त है। 11ण्4 दो रेखाओं के मध्य कोण ;।दहसम इमजूममद जूव सपदमेद्ध मान लीजिए कि स्1 और स्2 मूल ¯बदु से गुजरने वाली दो रेखाएँ हैं जिनके दिव्फ - अनुपात क्रमशः ं ए इ ए ब और ं ए इ ए ब ए है। पुनः मान लीजिएकि स् पर एक ¯बदु च् तथा स् पर एक ¯बदु फ है। 1112221 2 आवृफति 11.6 में दिए गए सदिश व्च् और व्फ पर विचार कीजिए। मान लीजिए कि व्च् और व्फ के बीच न्यून कोण θ है। अब स्मरण कीजिए कि सदिशों व्च् और व्फ के घटक क्रमशः ं 1ए इ 1ए ब और ं ए इ ए ब हैं। इसलिए उनके बीच का कोण θ 1 222 ं ़ इइ ़ बब 12 1212 बवेθ त्र द्वारा प्रदत्त है। 222 222 ं ़इ ़ बं ़इ ़ ब 111 222 पुनः ेपद θ के रूप में, रेखाओं के बीच का कोण ेपद θ त्र 1 −बवे2 θ से प्रदत्त है ;ं ़ इइ ़ बब द्ध2 12 1212 त्र 1 − 222 222 ;ं ़इ ़ ब द्ध; ं ़इ ़ ब द्ध 111 222 आवृफति 11.6 त्र 222 222 ं ़इ ़ बं ़इ ़ ब ; 111 द्ध; 222 द्ध 2 22 ;ंइ − ंइ द्ध ़ ;इब − इब द्ध ़ ;बं − बं द्ध 1221 12 21 12 21 त्र ण्ण्ण् ;2द्ध 222 222 ;ं ़ इ ़ बं ़ इ ़ ब 111 222 उस स्िथति में जब रेखाएँ स्1 और स्2 मूल ¯बदु से नहीं गुजरती है तो हम स् आरै स् के समांतर, मूल ¯बदु से गुजरने वाली रेखाएँ क्रमशः स्′ व स्′ लेते हैं। यदि रेखाओं 12 12 स् और स् के दिव्फ - अनुपातों के बजाय दिव्फ - कोसाइन दी गइर् हो जैसे स् के लिए स ए उ ए द और 12 1111 स् के लिए स ए उ ए द तो ;1द्ध और ;2द्ध निम्नलिख्िात प्रारूप लेंगे। 2 222 222 222 बवे θ त्रद्यसस ़ उउ ़ दद द्य ;क्योंकि स ़ उ ़ द त्र1 त्र स ़ उ ़ द द्ध ण्ण्ण् ;3द्ध 1 21212111 222 दिव्फ - अनुपात ं ए इ ए ब और ं ए इ ए ब वाली रेखाएँ 111 222 ;पद्ध लंबवत्् है, यदि θ त्र 90°ए अथार्त् ;1द्ध से ं ़ इइ ़ बब त्र 0 121212 ंइब 11 1 ;पपद्ध समांतर है, यदि θ त्र 0ए अथार्त् ;2द्ध से त्र त्र ंइब 222 अब हम दो रेखाओं के बीच का कोण ज्ञात करेंगे जिनके समीकरण दिए गए हैं। यदि उन रेखाओं त त्र ं ़λइ और त त्र ं ़ - इ के बीच न्यून कोण θ है 11 22 इ1 ⋅इ2 तब बवेθ त्र इ1 इ2 ग −गल − ल्र − ्र 1 11 कातीर्य रूप में यदि रेखाओंः त्र त्र ण्ण्ण् ;1द्ध ं इब 1 11 ग −गल − ल्र − ्र 2 22 और त्र त्र ण्ण्ण् ;2द्ध ं इब 2 22 के बीच का कोण θ है जहाँ रेखाएँ ;1द्ध व ;2द्ध के दिव्फ - अनुपात क्रमशः ं 1ए इ 1ए ब 1 तथा ंइ ए ब है तब 2ए22 ं ़ इइ ़ बब 12 1212 बवे θ त्र 222 222 ं ़इ ़ बं ़इ ़ ब 111 222 त्रिा - विमीय ज्यामिति 487 उदाहरण 9 दिए गए रेखा - युग्म त त्र3प६ ़ 2६र − 4ा६ ़λ;प६ ़ 2६र ़ 2ा६द्ध और त त्र5प६ − 2६र ़ - ;3प६ ़ 2६र ़ 6ा६द्ध के मध्य कोण ज्ञात कीजिए हल मान लीजिए इ1 त्र प६ ़ 2६र ़ 2ा६ और इ2 त्र 3प६ ़ 2६र ़ 6ा६ दोनों रेखाओं के मध्य कोण θ है, इसलिए इ1 ⋅इ2 त्र बवे θ त्र इ1 इ2 3 ़ 4 ़12 त्र 3× 7 ६६६ ६६६ ;प ़ 2 र ़ 2ाद्ध ;3प ़ 2 र ़ 6ाद्ध ⋅ 1़ 4 ़ 49 ़ 4 ़ 36 19 त्र 21 ⎛ 19 ⎞ दृ1 अतः θ त्र बवे⎜⎟ ⎝ 21⎠ उदाहरण 10 रेखा - युग्मः ग ़3 ल −1 ्र ़ 3 त्र त्र 3 54 ग ़1 ल − 4 ्र − 5 और त्र त्र 1 12 के मध्य कोण ज्ञात कीजिए। हल पहली रेखा के दिव्फ - अनुपात 3, 5, 4 और दूसरी रेखा के दिव्फ - अनुपात 1, 1, 2 हैं। यदि उनके बीच का कोण θ हो तब 3ण्1़ 5ण्1़ 4ण्2 16 16 8 3 त्रत्रत्र बवे θ त्र 22 222 2 50 6 5 26 15 3 ़ 5 ़ 41 ़1 ़ 2 ⎛ 8 3 ⎞ अतः अभीष्ट कोण बवेहै। दृ1  15  ⎝⎠ 11ण्5 दो रेखाओं के मध्य न्यूनतम दूरी ;ैीवतजमेज क्पेजंदबम इमजूममद जूव सपदमेद्ध अंतरिक्ष में यदि दो रेखाएँ परस्पर प्रतिच्छेद करती है तो उनके बीच की न्यूनतम दूरी शून्य है। और अंतरिक्ष में यदि दो रेखाएँ समांतर है तो उनके बीच की न्यूनतम दूरी, उनके बीच लंबवत्् दूरी होगी अथार्त् एक रेखा के एक ¯बदु से दूसरी रेखा पर खींचा गया लंब। इसके अतिरिक्त अंतरिक्ष में, ऐसी भी रेखाएँ होती है जो न तो प्रतिच्छेदी और न ही समांतर होती है। वास्तव में ऐसी रेखाओं के युग्म असमतलीय होते हैं और इन्हें विषमतलीय रेखाएँ ;ेामू सपदमेद्ध कहते हैं। उदाहरणतया हम आवृफति 11.7 में गए ल और ्र.अक्ष के अनुदिश क्रमशः 1, 3, 2 इकाइर् के आकार वाले कमरे पर विचार करते हैं। रेखा ळम् छत के विकणर् के अनुदिश है और आवृफति 11.7 रेखा क्ठए । के ठीक ऊपर छत के कोने से गुजरती हुइर् दीवार के विकणर् के अनुदिश है। ये रेखाएँ विषमतलीय हैं क्योंकि वे समांतर नहीं है और कभी मिलती भी नहीं हैं। दो रेखाओं के बीच न्यूनतम दूरी से हमारा अभ्िाप्राय एक ऐसे रेखाखंड से है जो एक रेखा पर स्िथत एक ¯बदु को दूसरी रेखा पर स्िथत अन्य ¯बदु को मिलाने से प्राप्त हों ताकि इसकी लंबाइर् न्यूनतम हो। न्यूनतम दूरी रेखाखंड दोनों विषमतलीय रेखाओं पर लंब होगा। 11ण्5ण्1 दो विषमतलीय रेखाओं के बीच की दूरी ;क्पेजंदबम इमजूममद जूव ेामू सपदमेद्ध अब हम रेखाओं के बीच की न्यूनतम दूरी निम्नलिख्िात विध्ि से ज्ञात करते हैं। मान लीजिए स 1 और स 2 दो विषमतलीय रेखाएँ है जिनके समीकरण ;आवृफति 11ण्8द्ध निम्नलिख्िात हैंः त त्र ं1 ़λ इ1 ण्ण्ण् ;1द्ध और त त्र ं2 ़ - इ2 ण्ण्ण् ;2द्ध रेखा स 1 पर कोइर् ¯बदु ै जिसकी स्िथति सदिश ं1और स 2 पर कोइर् आवृफति 11.8 ¯बदु ज् जिसकी स्िथति सदिश ं2ण् है, लीजिए। तब न्यूनतम दूरी सदिश का परिमाण, ैज् का न्यूनतम दूरी की दिशा में प्रक्षेप की माप के समान होगा ;अनुच्छेद 10ण्6ण्2द्ध। यदि स और स के बीच की न्यूनतम दूरी सदिश च्फ है तो यह दोनों इ और इ पर लंब होगी। च्फ 1 2 12 की दिशा में इकाइर् सदिश द६ इस प्रकार होगी कि इ1 × इ2 द६ त्र ण्ण्ण् ;3द्ध द्य इ1 × इ2द्य त्रिा - विमीय ज्यामिति 489 तब च्फ त्र कद६ जहाँकए न्यूनतम दूरी सदिश का परिमाण है। मान लीजिए ैज् और च्फ के बीच का कोण θ है, तब च्फ त्र ैज् द्यबवे θद्य च्फ ैज् ⋅ परंतु बवे θ त्र द्यच्फ द्यद्यैज्द्य कद ६ ⋅ ;ं2 −ं1द्ध त्र ;क्योंकि ैज् त्र ं2 − ं1द्ध क ैज् ;इ × इ द्ध; ⋅ ं − ं द्ध 1 221 त्र ;;3द्ध के द्वाराद्ध ैज् इ1 ×इ2 इसलिए अभीष्ट न्यूनतम दूरी क त्र च्फ त्र ैज् द्यबवे θद्य ; इ1 × इ2द्ध ; ⋅ ं2 − ं1द्ध या क त्र है। द्य इ1 ×इ2द्य कातीर्य रूप ;ब्ंतजमेपंद थ्वतउद्ध रेखाओंः ग −गल − ल्र − ्र 11 1 स रू त्र त्र 1 ंइब 111 ग −ग2 ल − ल2 ्र − ्र2 और स 2 रू त्र त्र ं2 इ2 ब2 के बीच की न्यूनतम दूरी हैः ग − गल − ल्र − ्र 212 121 ं 1 इ1 ब1 ं 2 इ2 ब2 222 ;इब − इब द्ध ़ ;बं − बं द्ध ़ ;ंइ − ंइ द्ध 1221 1221 12 21 11ण्5ण्2 समांतर रेखाओं के बीच की दूरी ;क्पेजंदबम इमजूममद चंतंससमस सपदमेद्ध यदि दो रेखाएँ स 1 यदि स 2 समांतर हैं तो वे समतलीय होती हैं। माना दी गइर् रेखाएँ क्रमशः त त्र ं1़λ इ ण्ण्ण् ;1द्ध और त त्र ं2़ - इ ३ ;2द्ध हैं, जहाँ स 1 पर ¯बदु ै का स्िथति सदिश ं1और स 2 पर ¯बदु ज् का स्िथति सदिश ं2 है ;आवृफति 11ण्9द्ध क्योंकि स 1ए और स 2 समतलीय है। यदि ¯बदु ज् से स 1 पर डाले गए लंब का पाद च् है तब रेखाओं स 1 और स 2 के बीच की दूरी त्र द्यज्च्द्य आवृफति 11.9 मान लीजिए कि सदिशों ैज् और इ के बीच का कोण θ है। तब, इ ×ैज् त्र ;द्य इ द्य द्य ैज्द्य ेपद θद्ध द६ ण्ण्ण् ;3द्ध जहाँ रेखाओं स 1 और स 2 के तल पर लंब इकाइर् सदिश द६ है। परंतु ैज् त्र ं2 − ं1 इसलिए ;3द्ध से हम पाते हैं कि इ × ;ं2 −ं1द्ध त्र द्य इ द्य च्ज् द६ ;क्योंकि च्ज् त्र ैज् ेपद θद्ध अथार्त् द्य इ × ;ं2 −ं1द्धद्य त्र द्य इ द्य च्ज् ⋅1 ;ंे द्य द६ द्य त्र 1द्ध इसलिए ज्ञात रेखाओं के बीच न्यूनतम दूरी इ × ;ं2 − ं1द्ध क त्र द्यच्ज्द्य त्र है। द्य इ द्य उदाहरण 11 रेखाओं स 1 और स 2 के बीच की न्यूनतम दूरी ज्ञात कीजिए जिनके सदिश समीकरण हैः त त्र प६ ़ ६र ़λ ;2 प६ − ६र ़ ा६ द्ध ण्ण्ण् ;1द्ध और त त्र2 प६ ़ ६र − ा६ ़ - ;3 प६ −5६र ़ 2 ा६ द्ध ण्ण्ण् ;2द्ध हल समीकरण ;1द्ध व ;2द्ध की त त्र ं1 ़λ इ1 और त त्र ं2 ़ - इ2ए से तुलना करने पर हम पाते हैं कि ं1 त्र प६ ़ ६र ए इ1 त्र 2 प६ − ६र ़ ा६ ६६ ं2 त्र2 प६ ़ र दृ ा और इ2 त्र 3 प६ दृ 5 ६र ़ 2 ा६ त्रिा - विमीय ज्यामिति 491 इसलिए ं2 − ं1 त्र प६ − ा६ और इ1 × इ2 त्र ;2 प६ − ६र ़ ा६द्ध × ;3 प६ − 5६र ़ 2 ा६द्ध ६प ६र ६ा त्र 2 1− 1 ६६ ६3 7प र ात्र − − 3 5− 2 इस प्रकार द्यइ1 × इ2द्य त्र इसलिए दी गइर् रेखाओं के बीच की न्यूनतम दूरी द्य3 − 0 ़ 7द्य 10 ; इ × इ द्ध; ⋅ ं − ं द्ध 12 21 त्रत्र क त्र 59 59 द्य इ1 × इ2द्य उदाहरण 12 निम्नलिख्िात दी गइर् रेखाओं स 1 और स 2 रू त त्र प६ ़ 2६र − 4 ा६ ़λ ;2 प६ ़3६र ़ 6 ा६द्ध ६६ और त त्र3प६ ़ 3६र − 5 ा ़ - ;2 प६ ़3६र ़ 6 ा द्ध के बीच न्यूनतम दूरी ज्ञात कीजिए। हल दोनों रेखाएँ समातंर हैं। ;क्यों?द्ध हमें प्राप्त है कि ं1 त्र प६ ़ 2६र − 4 ा६ए ं2 त्र इसलिए रेखाओं के बीच की दूरी इ × ;ं2 −ं1द्ध क त्र त्र द्यइ द्य द्य − 9प६ ़ 14 ६र − 4 ा६द्य त्र 49 ६ ६६६ 3प६ ़ 3६र − 5 ा और इ त्र 2 प ़ 3 र ़ 6 ा ६६ ६ प रा 23 6 21 −1 4 ़ 9 ़ 36 293 293 त्र त्र है। 49 7 प्रश्नावली 11.2 12 −3 − 4 412 3 3 − 4 12 1ण् दशार्इए कि दिव्फ - कोसाइन एएय एएय एए वाली तीन 13 13 13 13 13 13 13 13 13 रेखाएँ परस्पर लंबवत् हैं। 2ण् दशार्इए कि ¯बदुओं ;1ए दृ 1ए 2द्धए ;3ए 4ए दृ 2द्ध से होकर जाने वाली रेखा ¯बदुओं ;0ए 3ए 2द्ध और ;3ए 5ए 6द्ध से जाने वाली रेखा पर लंब है। 3ण् दशार्इए कि ¯बदुओं ;4ए 7ए 8द्धए ;2ए 3ए 4द्ध से होकर जाने वाली रेखा, ¯बदुओं ;दृ 1ए दृ 2ए 1द्धए ;1ए 2ए 5द्ध से जाने वाली रेखा के समांतर है। 4ण् ¯बदु ;1ए 2ए 3द्ध से गुशरने वाली रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए जो सदिश3 प६ ़ 2६र − 2 ा६ के समांतर है। ६ ६६ 5ण् ¯बदु जिसकी स्िथति सदिश 2 प६ − र ़ 4 ा से गुशरने व सदिश प ़ 2६र − ा की दिशा में जाने वाली रेखा का सदिश और कातीर्य रूपों में समीकरण ज्ञात कीजिए। 6ण् उस रेखा का कातीर्य समीकरण ज्ञात कीजिए जो ¯बदु ;दृ 2ए 4ए दृ 5द्ध से जाती है और ग ़ 3 ल − 4 ्र ़ 8 त्रत्र के समांतर है। 356 ग − 5 ल ़ 4 ्र − 6 7ण् एक रेखा का कातीर्य समीकरण त्रत्र है। इसका सदिश समीकरण ज्ञात 372 कीजिए। 8ण् मूल ¯बदु और ;5ए दृ 2ए 3द्ध से जाने वाली रेखा का सदिश तथा कातीर्य रूपों में समीकरण ज्ञात कीजिए। 9ण् ¯बदुओं ;3ए दृ 2ए दृ 5द्धए और ;3ए दृ 2ए 6द्ध से गुशरने वाली रेखा का सदिश तथा कातीर्य रूपों में समीकरण को ज्ञात कीजिए। 10ण् निम्नलिख्िात रेखा - युग्मों के बीच का कोण ज्ञात कीजिएः ;पद्ध त त्र 2प६ − 5६र ़ ा६ ़λ ;3 प६ ़ 2६र ़ 6 ा६द्ध और त त्र 7 प६ − 6 ा६ ़ - ;प६ ़ 2६र ़ 2 ा६द्ध ;पपद्ध त त्र 3प६ ़ ६र − 2 ा६ ़λ ; प६ − ६र − 2 ा६द्ध और त त्र 2प६ − ६र − 56 ा६ ़ - ;3 प६ − 5६र − 4 ा६द्ध 11ण् निम्नलिख्िात रेखा - युग्मों के बीच का कोण ज्ञात कीजिएः ग − 2 ल −1 ्र ़ 3 ग ़ 2 ल − 4 ्र − 5 ;पद्ध त्रत्र आरै त्रत्र 25 − 3 −18 4 गल्र ग − 5 ल − 2 ्र − 3 ;पपद्ध त्रत्र आरै त्रत्र 221 418 1 − ग 7 ल −14 ्र − 3 12ण् च का मान ज्ञात कीजिए ताकि रेखाएँ त्रत्र 32 च 2 − 7गल − 56 − ्र और 7 त्रत्र परस्पर लंब हों। 3 च 15 त्रिा - विमीय ज्यामिति 493 ग − 5 ल ़ 2 ्र गल्र 13ण् दिखाइए कि रेखाएँ त्रत्र और त्रत्र परस्पर लंब हैं। 7 −5 1 123 14ण् रेखाओं त त्र ; प६ ़ 2६र ़ा६द्ध ़ λ ;प६ − ६र ़ ा६द्ध और त त्र 2 प६ − ६र − ा६ ़ - ;2 प६ ़ ६र ़ 2 ा६द्ध के बीच की न्यूनतम दूरी ज्ञात कीजिएः ग ़ 1 ल ़ 1 ्र ़ 1 ग − 3 ल − 5 ्र − 7 15ण् रेखाओं त्रत्र और त्रत्र के बीच की न्यूनतम दूरी ज्ञात 7 − 61 1 −21 कीजिए। 16ण् रेखाएँ, जिनके सदिश समीकरण निम्नलिख्िात है, के बीच की न्यूनतम दूरी ज्ञात कीजिएः त त्र ;प६ ़ 2६र ़3 ा६द्ध ़ λ ;प६ − 3६र ़ 2 ा६द्ध और त त्र 4 प६ ़5६र ़ 6 ा६ ़ - ;2 प६ ़ 3६र ़ ा६द्ध 17ण् रेखाएँ, जिनकी सदिश समीकरण निम्नलिख्िात हैं, के बीच की न्यूनतम ज्ञात कीजिएः त त्र ;1 − जद्ध प६ ़ ;ज − 2द्ध ६र ़ ;3 − 2 जद्ध ा६ और त त्र ;े ़1द्ध प६ ़ ;2 े −1द्ध ६र − ;2 े ़ 1द्ध ा६ 11ण्6 समतल ;च्संदमद्ध एक समतल को अद्वितीय रूप से ज्ञात किया जा सकता है यदि निम्नलिख्िात में से कोइर् एक शतर् ज्ञात होः ;पद्ध समतल का अभ्िालंब और मूल ¯बदु से समतल की दूरी ज्ञात है, अथार्त् अभ्िालंब रूप में समतल का समीकरण ;पपद्ध यह एक ¯बदु से गुशरता है और दी गइर् दिशा के लंबवत् है। ;पपपद्ध यह दिए गए तीन असंरेख ¯बदुओं से गुशरता है। अब हम समतलों के सदिश और कातीर्य समीकरणों को प्राप्त करेंगे। 11ण्6ण्1 अभ्िालंब रूप में समतल का समीकरण ;म्ुनंजपवद व िं च्संदम पद दवतउंस वितउद्ध एक समतल पर विचार कीजिए जिसकी मूल ¯बदु से लंबवत् दूरी क ;क ≠ 0द्ध है ;आवृफति 11.10द्ध। यदि व्छ मूल ¯बदु से तल पर लंब है तथा व्छ के अनुदिश द६ मात्राक अभ्िालंब सदिश है तब व्छ त्र कद६ है। मान लीजिए कि समतल पर कोइर् ¯बदु च् है। इसलिए, छच् ए व्छ पर लंब है। अतः छच् ⋅ व्छ त्र 0 ण्ण्ण् ;1द्ध मान लीजिए च् की स्िथति सदिश त है तो छच् त्र त −कद६ ;क्योंकि व्छ ़ छच् त्र व्च् द्ध इस प्रकार ;1द्ध का रूप निम्नलिख्िात हैः ;त − कद ∧ द्ध ⋅कद ∧ त्र 0 या ;त − कद ∧ द्ध ⋅द ∧ त्र 0 ;क ≠ 0द्ध ∧ ∧∧ या त ⋅ द − कद ⋅द त्र 0 ∧ ∧∧ अथार्त् त ⋅द त्र क ;क्योिंक द ⋅ द त्र1द्ध ३ ;2द्ध यह समतल का सदिश समीकरण है। कातीर्य रूप ;ब्ंतजमेपंद थ्वतउद्ध समतल का सदिश समीकरण है जहाॅ द६ समतल के अभ्िालंब इकाइर् सदिश है। मान लीजिए समतल पर कोइर् ¯बदु च्;गए लए ्रद्ध है। तब ६ ६६ व्च् त्र त त्र गप ़ लर ़ ्रा मान लीजिए द६ की दिव्फ - कोसाइन सए उए द हैं। तब त्र ६ ६६ द६सप ़ उर ़ दा त ⋅ द ∧ के मानों को ;2द्ध में प्रतिस्थापित करने पर हम पाते हैं, ;गप ६ ़ लर ६ ़ ्रा ६द्ध ; ⋅ सप ६ ़ उर ६ ़ दा ६द्ध त्र क अथार्त् सग ़ उल ़ द्र त्र क ण्ण्ण् ;3द्ध यह समतल का कातीर्य समीकरण है। 6 उदाहरण 13 उस समतल का सदिश समीकरण ज्ञात कीजिए जो मूल ¯बदु से की दूरी पर है 29 और मूल ¯बदु से इसका अभ्िालंब सदिश 2 प६ − 3६र ़ 4 ा६ है। हल मान लीजिए द त्र 2 प६ − 3६र ़ 4 ा६ है। तब द 2 प६ − 3६र ़ 4 ा६2 प६ − 3६र ़ 4 ा६ द६ त्र त्र त्र द्य द द्य4 ़ 9 ़ 16 29 त्रिा - विमीय ज्यामिति 495 इसलिए समतल का अभीष्ट समीकरण ⎛ 2 −34 ⎞ 6 ६६ ६ त ⋅ र ़प ़ ा त्र है। ⎜ ⎟ ⎝ 29 29 29 ⎠ 29 उदाहरण14 समतल त ⋅ ;6 प६ − 3६र − 2 ा६द्ध ़1 त्र 0 पर मूल ¯बदु से डाले गए लंब इकाइर् सदिश की दिव्फ - कोसाइन ज्ञात कीजिए। हल समतल के ज्ञात समीकरण को इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता हैः त ⋅ ; −6 प६ ़ 3६र ़ 2 ा द्ध त्र 1 ण्ण्ण् ;1द्ध अब द्य − 6 प६ ़ 3६र ़2 ा६द्य त्र इसलिए ;1द्ध के दोनों पक्षों को 7 से भाग करने पर हम पाते हैं कि ⎛ 632 ⎞ 1 त ⋅− प६ ़ ६र ़ ा६ त्र ⎜⎟ ⎝ 777 ⎠7 जो कि समतल का समीकरण त ण् द६ त्र क के रूप का है। 63 2 इससे स्पष्ट है कि द६ त्र− प६ ़ ६र ़ ा६ समतल के लंब इकाइर् सदिश है जो मूल ¯बदु 77 7 − 6 32 से गुजरता है। इस प्रकार द६ की दिव्फ - कोसाइन एए हैं। 7 77 उदाहरण 15 समतल 2ग दृ 3ल ़ 4्र दृ 6 त्र 0 की मूल ¯बदु से दूरी ज्ञात कीजिए। हल क्योंकि तल के अभ्िालंब के दिव्फ - अनुपात 2ए दृ3ए 4 हैं इसलिए इसकी दिव्फ - कोसाइन हैंः 2 −34 2 −34 ए ए ए ए 2 22 2 22 2 22 ए अथार्त् 2 ;3द्ध ़ 4 2 ;3द्ध ़ 4 2 ;3द्ध ़4 29 29 29 ़− ़− ़− इसलिए समीकरण 2ग दृ 3ल ़ 4्र दृ 6 त्र 0 अथार्त् 2ग दृ 3ल ़ 4्र त्र 6 को 29 से भाग करने पर हम प्राप्त करते हैंः 2 −346 ग ़ ल ़ ्र त्र 29 29 29 29 और यह सग ़ उल ़ द्र त्र कए के रूप में है जहाँ मूल ¯बदु से समतल की दूरी क है। इसलिए 6 समतल की मूल ¯बदु से दूरी है। 29 उदाहरण 16 मूल ¯बदु से समतल 2ग दृ 3ल ़ 4्र दृ 6 त्र 0 पर डाले गए लंब के पाद के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए। हल मान लीजिए मूल ¯बदु से समतल पद डाले गए लंब के पाद च् के निदेर्शांक ;ग 1ए ल1ए ्र 1द्ध है ;आवृफति 11ण्11द्ध। तब रेखा व्च् के दिव्फ - अनुपात गलए ्र हैं। 1ए11 समतल की समीकरण को अभ्िालंब के रूप में लिखने पर हम पाते हैं कि 23 46 ग − ल ़ ्र त्र 29 29 29 29 2 −34 जहाँ व्च् के दिव्फ - अनुपात क्योंकि एक रेखा के दिव्फ - कोसाइन और दिव्फ - अनुपात समानुपाती होते हैं। अतः गल्र 1 11 त्र त्र त्र ा 2 −34 29 29 29 2ा −3ा 4ा ए अथार्त् ग 1 त्र ए ल त्र ्र1 त्र 29129 29 6 इन मानों को समतल के समीकरण में प्रतिस्थापित करने पर हम पाते हैं कि ा त्र 29 ⎛ 12 −18 24 ⎞ अतः लंब के पाद के निदेर्शांक ⎜ एए ⎟ है। ⎝ 29 29 29 ⎠ 11ण्6ण्2 एक दिए सदिश के अनुलंब तथा दिए ¯बदु से होकर जाने वाले समतल का समीकरण ;म्ुनंजपवद व िं चसंदम चमतचमदकपबनसंत जव ं हपअमद अमबजवत ंदक चंेेपदह जीतवनही ं हपअमद चवपदजद्ध अंतरिक्ष में, एक दिए गए सदिश के अनुलंब अनेवफ समतल हो सकते हैं परंतु एक दिए गए ¯बदु च्;ग 1ए ल1ए ्र 1द्ध से इस प्रकार का केवल एक समतल का अस्ितत्व होता है ;देख्िाए आवृफति 11.12द्ध। त्रिा - विमीय ज्यामिति 497 मान लीजिए कि समतल एक ¯बदु ।ए जिसकी स्िथति सदिश ं है, से जाता है और सदिश छ के अनुलंब है। मान लीजिए कि समतल पर किसी ¯बदु च् का स्िथति सदिश त है ;आवृफति 11.13द्ध। तब ¯बदु च् समतल में स्िथत होता है, यदि और केवल यदि ।च् ए छ पर लंब है, अथार्त् ।च् ण्छत्र 0ण् परंतु ।च् त्र त − ं ण् इसलिए आवृफति 11.13 ;त − ंद्ध ⋅ छ त्र0 ३ ;1द्ध यह समतल का सदिश समीकरण है। कातीर्य रूप ;ब्ंतजमेपंद थ्वतउद्ध मान लीजिए कि दिया ¯बदु । ;ग 1ए ल1ए ्र 1द्ध और समतल पर कोइर् ¯बदु च् ;गए लए ्रद्ध है तथा छ के दिव्फ - अनुपात ।ए ठ तथा ब् हैं, तब ं त्र गप ६ ़ ल ६र ़ ्रा ६ए त त्र गप ६ ़ लर ६ ़्रा ६ और छ त्र । प६ ़ ठ६र ़ ब् ा६ 11 1 अब ;त दृ ंद्ध ⋅ छत्र 0 ६ ६ ६६६६ इसलिए ⎡⎣; ग − ग द्धप ़; ल − ल द्ध र ़; ्र − ्र द्ध ा ⎤⎦⋅;। प ़ ठ र ़ब् ाद्ध त्र0 1 11 अथार्त् ।;ग दृ ग 1द्ध ़ ठ;ल दृ ल1द्ध ़ ब्;्र दृ ्र 1द्ध त्र 0 उदाहरण17 उस समतल का सदिश और कातीर्य समीकरण ज्ञात कीजिए, जो ¯बदु ;5ए 2ए दृ 4द्ध से जाता है और 2ए 3ए दृ 1 दिव्फ - अनुपात वाली रेखा पर लंब है। हल हम जानते हैं कि ¯बदु ;5ए 2ए दृ 4द्ध का स्िथति सदिश ं त्र5प६ ़ 2६र − 4ा६ है और समतल के लंब का अभ्िालंब सदिश छत्र2प६़3 ६र − ा६ है। इसलिए समतल का सदिश समीकरण ;त − ंद्ध ⋅ छ त्र 0 से प्रदत्त है। या ख्त −;5 ६ ़ 2 र − 4 ाद्ध, ;2 ६ ़3 र − ाद्ध प ६६ ⋅ प ६६ त्र0 ण्ण्ण् ;1द्ध ;1द्ध को कातीर्य रूप में रूपांतरण करने पर हम पाते हैं, कि ख्; ग दृ 5द्ध प६ ़ ; ल − 2द्ध ६र ़ ;्र ़ 4द्ध ा६ ⋅ प६ ़3६र −ा६द्ध त्र 0 , ;2 या 2; ग −5द्ध ़ 3; ल − 2द्ध −1; ्र ़ 4द्ध त्र 0 अथार्त् 2ग ़ 3ल दृ ्र त्र 20 जो समतल का कातीर्य समीकरण है। 11ण्6ण्3 तीन असंरेखीय ¯बदुओं से होकर जाने वाले समतल का समीकरण ;म्ुनंजपवद व िं चसंदम चंेेपदह जीतवनही जीतमम दवद.बवससपदमंत चवपदजेद्ध मान लीजिए समतल पर स्िथत तीन असंरेख ¯बदुओं त्ए ै और ज् के स्िथति सदिश क्रमशः ं ए इ और ब हैं ;आवृफति 11ण्14द्ध। सदिश त्ै और त्ज् दिए समतल में हैं। इसलिए सदिश त्ै × त्ज् ¯बदुओं त्ए ै और ज् को अन्तविर्ष्ट आवृफति 11.14 करने वाले समतल पर लंब होगा। मान लीजिए समतल में कोइर् ¯बदु च् का स्िथति सदिश त है। इसलिए त् से जाने वाले तथा सदिश त्ै × त्ज् पर लंब, समतल त ⋅ का समीकरण ; − ंद्ध ;त्ै× त्ज्द्ध त्र 0 है। या ;त − ंद्धण् ख्;इ दृ ंद्ध × ;ब दृ ंद्ध, त्र 0 ३ ;1द्ध यह तीन असंरेख ¯बदुओं से गुजरने वाले समतल के समीकरण का सदिश पुस्तक के पृष्ठों के बंध्न वाले स्थान का सदस्य है। आवृफति 11.15 कातीर्य रूप ;ब्ंतजमेपंद थ्वतउद्ध मान लीजिए ¯बदुओं त्ए ै और ज् के निदेर्शांक क्रमशः ;ग1ए ल1ए ्र1द्धए ;ग2ए ल2ए ्र2द्ध और ;ग3ए ल3ए ्र3द्ध हैं। मान लीजिए कि समतल पर किसी ¯बदु च् के निदेर्शांक ;गए लए ्रद्ध व इसका स्िथति सदिश त है। तब त्च् त्र ;ग दृ ग द्ध प६ ़ ;ल दृ लद्ध६र ़ ;्र दृ ्र द्ध ६ 111ा त्ै त्र ;ग2 दृ ग1द्ध प६ ़ ;ल2 दृ ल1द्ध ६र ़ ;्र2 दृ ्र1द्ध ा६ त्ज् त्र ;ग3 दृ ग1द्ध प६़ ;ल3 दृ ल1द्ध ६र ़ ;्र3 दृ ्र1द्ध ा६ इन मानों को सदिश प्रारूप के समीकरण ;1द्ध में प्रतिस्थापन करने पर हम पाते हैं कि ग − गल − ल्र − ्र 1 11 ग − गल − ल ्र दृ्र त्र0 21 2121 ग − गल − ल ्र दृ्र 31 3131 जो तीन ¯बदुओं ;ग1ए ल1ए ्र1द्धए ;ग2ए ल2ए ्र2द्ध और ;ग3ए ल3ए ्र3द्ध से गुशरने वाले समतल के समीकरण का कातीर्य प्रारूप है। त्रिा - विमीय ज्यामिति 499 उदहारण18 ¯बदुओं त्;2ए 5ए दृ 3द्धए ै;दृ 2ए दृ 3ए 5द्ध औरज्;5ए 3एदृ 3द्ध से जाने वाले समतल का सदिश समीकरण ज्ञात कीजिए। हल मान लीजिए ं त्र 2प६़ 5६र −3ा६ए इ त्र− 2प६ −3६र ़5ा६ए ब त्र 5प६़ 3६र −3ा६ तब ं ए इ और ब से जाने वाले समतल का सदिश समीकरण निम्नलिख्िात हैंः ;त − ंद्ध ;त्ै त्र 0 ;क्योंघ्द्ध ⋅×त्ज्द्ध या ;त − ं ⋅ इ − ंद्ध×;ब − ंद्ध, द्ध ख्; त्र 0 अथार्त् ६६६ ६६६ ६६ ख्त −;2प ़5 र −3ा ⋅−4प −8 र ़8ाद्ध×;3प − 2 रद्ध, द्ध, ख्; त्र0 11ण्6ण्4 समतल के समीकरण का अंतः खंड - रूप ;प्दजमतबमचज वितउ व िजीम मुनंजपवद व िं चसंदमद्ध इस अनुच्छेद में, हम समतल के समीकरण को, उसके द्वारा निदेर्शांक्षों पर कटे अंतः खंड के रूप में ज्ञात करेंगे। मान लीजिए समतल का समीकरण ।ग ़ ठल ़ ब््र ़ क् त्र 0 ;क् ≠ 0द्ध है। ण्ण्ण् ;1द्ध मान लीजिए समतल द्वारा गए लए और ्र.अक्षों पर कटे अंतः खंड क्रमशः ंए इ औरब ;आवृफति 11ण्16द्ध हैं। स्पष्टतः समतल गए ल और ्र.अक्षों से क्रमशः ¯बदुओं ;ंए 0ए 0द्धए ;0ए इए 0द्धए और ;0ए 0ए बद्ध पर मिलता है। −क् इसलिए ।ं ़ क् त्र 0 या । त्र ं −क् ठइ ़ क् त्र 0 या ठ त्र इ −क् ब्ब ़ क् त्र 0 या ब् त्र ब इन मानों को समतल के समीकरण ;1द्ध में प्रतिस्थापित करने और सरल करने पर हम पाते हैं कि गल्र ़़ त्र 1 ण्ण्ण् ;2द्ध ंइब जो अंतः खंड रूप में समतल का अभीष्ट समीकरण है। उदाहरण 19 उस समतल का समीकरण ज्ञात कीजिए जो गए ल और ्र.अक्षों पर क्रमशः 2, 3 और 4 अंतः खंड काटता है। हल मान लीजिए, समतल का समीकरण है। गल्र ़़ त्र 1 ण्ण्ण् ;1द्ध ंइब यहाँ ं त्र 2ए इ त्र 3ए ब त्र 4 ज्ञात हैं। 500 गण्िात ंए इ और ब के इन मानों को ;1द्ध में प्रतिस्थापित करने पर हम समतल का अभीष्ट समीकरण ग ल ्र ़़त्र1 या 6ग ़ 4ल ़ 3्र त्र 12 प्राप्त करते हैं। 234 11ण्6ण्5 दो दिए समतलों के प्रतिच्छेदन से होकर जाने वाला समतल ;च्संदम चंेेपदह जीतवनही जीम पदजमतेमबजपवद व िजूव हपअमद चसंदमेद्ध मान लीजिए π 1 और π 2 दो समतल, जिनके समीकरण क्रमशः त ण् द६ त्र क और त ण् द६ त्र क हैं इनके प्रतिच्छेदन 11 22 रेखा पर स्िथत किसी ¯बदु का स्िथति सदिश इन दोंनों समीकरणों को संतुष्ट करेगा ;आवृफति 11ण्17द्ध। यदि इस रेखा पर स्िथत किसी ¯बदु की स्िथति सदिश ज है, तो ज ⋅ द1 त्र क और ज ⋅ द2 त्र क 12 आवृफति 11.17 इसीलिए λ के सभी वास्तविक मानों के लिए हम पाते हैं कि ज ⋅ ;द1 ़λद2द्ध त्र क1 ़λक2 क्योंकि ज स्वेच्छ है इसलिए यह रेखा के किसी ¯बदु को संतुष्ट करता है। इस प्रकार समीकरण त ⋅ ;द1 ़λद2द्ध त्र क1 ़λक2 समतल π 3 को निरूपित करता है जो ऐसा है कि यदि कोइर् सदिश त ए π 1 और π 2ए के समीकरणों को संतुष्ट करता है तो वह π 3 को अवश्य संतुष्ट करेगा। अतः समतलों त ⋅ द1 त्र क1 और त ⋅ द2 त्र क2 के प्रतिच्छेदन रेखा से जाने वाले किसी समतल का समीकरण त ⋅;द1 ़ λ द2द्धत्र क 1़ λ क 2 है। ण्ण्ण् ;1द्ध कातीर्य रूप ;ब्ंतजमेपंद थ्वतउद्ध कातीर्य रूप के लिए माना ६६६ द त्र। प ़ ठ र ़ ब् ा 1121 द2 त्र। प६़ ठ६र ़ ब् ा६ 22 2 और त त्र गप६़ लर६ ़ ्रा६ तो ;1द्ध का परिवतिर्त रूप हैः ग ;। ़ λ।द्ध ़ ल ;ठ ़ λठद्ध ़ ्र ;ब् ़ λब्द्ध त्र क ़ λक 12121212 या ;।ग ़ ठ ल ़ ब् ्र दृ क द्ध ़ λ ;।ग ़ ठ ल ़ ब् ्र दृ क द्ध त्र 0 ण्ण्ण् ;2द्ध 11112222 जो प्रत्येक λ के लिए दिए समतलों के प्रतिच्छेदन रेखा से होकर जाने वाले किसी समतल का कातीर्य समीकरण है। त्रिा - विमीय ज्यामिति 501 उदाहरण 20 समतलों त ⋅ ;प६ ़ ६र ़ ा६द्ध त्र 6 और त ⋅ ;2 प६ ़ 3६र ़ 4ा६द्ध त्र− 5ए के प्रतिच्छेदन तथा ¯बदु ;1ए1ए1द्ध से जाने वाले समतल का सदिश समीकरण ज्ञात कीजिए। हल यहाँ द1 त्र प६ ़ ६र ़ ा६ और द2 त्र 2प६़ 3६र ़4ा६ और क 1 त्र 6 और क 2 त्र दृ5 हैं। इसलिए सूत्रा त ⋅ ;द ़λ द द्ध त्र क ़λ क का प्रयोग करने पर, 121 2 −λ त ⋅ख्प६ ़ ६र ़ ा६ ़λ ;2 प६ ़3६र ़ 4ा६द्ध, त्र 6 5 त्र 5 या त ⋅ख्;1 ़ 2λद्धप६ ़ ;1 ़3λद्ध६र ़ ;1 ़ 4λद्ध, ा६6−λ ३ ;1द्ध जहाँ λ एक वास्तविक संख्या है। त त्र गप ६़ लर ६ ़ ्रा ६ए रखने पर हम पाते हैं कि ६६६ ६६६ ;गप ़ लर ़ ्रा द्ध ख्;1 ़λद्धप ़ ;1 ़3द्ध र ़ ;1 ़λद्ध, त्र65 ⋅ 2 λ 4 ा −λ या ;1 ़ 2λ द्ध ग ़ ;1 ़ 3λद्ध ल ़ ;1 ़ 4λद्ध ्र त्र 6 दृ 5λ या ;ग ़ ल ़ ्र दृ 6 द्ध ़ λ ;2ग ़ 3ल ़ 4 ्र ़ 5द्ध त्र 0 ण्ण्ण् ;2द्ध अब प्रश्नानुसार अभीष्ट समतल ¯बदु ;1,1,1द्ध से जाता है, अतः यह ¯बदु, ;2द्ध को संतुष्ट करेगा अथार्त् ;1 ़ 1 ़ 1 दृ 6द्ध ़ λ ;2 ़ 3 ़ 4 ़ 5द्ध त्र 0 3 या λ त्र 14 λ के इस मान को ;1द्ध में प्रतिस्थापित करने पर हम पाते हैं, कि ी⎡⎛ 3⎞⎛ 9 ⎞⎛ 6⎞⎤ 15 त ⋅ ⎢⎜1़⎟ प६ ़⎜1़⎟ ६र ़⎜1़⎟ ा६⎥ त्र 6− ⎝ 7⎠⎝ 14 ⎠⎝ 7⎠ ⎣⎦ 14 ी⎛ 10 23 13 ६⎞ 69 या त ⋅ प६़ ६र ़ ा त्र ⎜⎟ ⎝ 714 7 ⎠ 14 या त ⋅ ;20 प६ ़ 23 ६र ़ 26 ा६द्ध त्र 69 जो समतल का अभीष्ट सदिश समीकरण है। 11ण्7 दो रेखाओं का सह - तलीय होना ;ब्वचसंदंतपजल व िजूव सपदमेद्ध मान लीजिए कि दो ज्ञात रेखाएँः त त्र ं1 ़λइ1 ण्ण्ण् ;1द्ध तथा ती त्र ंी2 ़ - इी 2 हैं ण्ण्ण् ;2द्ध रेखा ;1द्ध ¯बदु ।ए जिसकी स्िथति सदिश ंी1है, से होकर जाती है तथा इी 1के समांतर है। रेखा ;2द्ध ¯बदु ठ जिसकी स्िथति सदिश ंी2है, से होकर जाती है तथा इी 2के समांतर है। तब ीीी ।ठ त्र ं2 − ं1 ीी ी ज्ञात रेखाएँ सह - तलीय हैं, यदि और केवल यदि ।ठएइ1 और इ2 सह - तलीय हैं। अथार्त् ीीीीी ।ठण्; इ × इद्ध त्र 0 या ;ंी − ीं द्ध; ⋅ इ ×इ द्ध त्र 0 12 2112 कातीर्य रूप ;ब्ंतजमेपंद थ्वतउद्ध मान लीजिए कि ¯बदुओं । और ठ के निदेर्शांक क्रमशः ;ग ए लए ्र द्ध और ;ग ए लए ्र द्ध हैं। मान लीजिए 111222 कि इी और इी के दिव्फ - अनुपात क्रमशः ं ए इ ए ब तथा ं ए इ ए ब है। तब 12111 222 ी ।ठ त्र ;ग − ग द्धप६़ ; ल − ल द्ध६र ़ ;्र −्र द्धा६ 2121 21 इी त्र ंप६ ़ इ ६र ़ बा६य और इी त्र ंप६ ़ इ ६र ़ बा६ 1111 222 2 ीी ी ज्ञात रेखाएँ सह - तलीय हैं, यदि और केवल यदि ।ठ ; ⋅ इ1 ×इ2द्ध त्र0 जिसे निम्नलिख्िात कातीर्य रूप में व्यक्त कर सकते हैं। ग − गल − ल्र − ्र 21 2121 त्र0 ण्ण्ण् ;4द्ध ं इब 1 11 ं इब 2 22 उदाहरण 21 दशार्इए कि रेखाएँ ग ़3 ल − 1 ्र − 5 ग ़1 ल − 2 ्र − 5 त्रत्र तथा त्रत्र सह - तलीय हैं। दृ315 दृ1 25 हल यहाँ हमें ज्ञात है कि ग त्र दृ 3ए ल त्र 1ए ्र त्र 5ए ं त्र दृ 3ए इ त्र 1ए ब त्र 5 111111 ग त्र दृ 1ए ल त्र 2ए ्र त्र 5ए ं त्र दृ1ए इ त्र 2ए ब त्र 5 222222 अब निम्नलिख्िात सारण्िाक लेने पर हम पाते हैं कि ग − गल − ल्र − ्र 21 2121 ंइब 111 ंइब 22 2 त्र 210 −315 त्र 0 −125 इसलिए रेखाएँ सम - तलीय हैं। त्रिा - विमीय ज्यामिति 503 11ण्8 दो समतलों के बीच का कोण ;।दहसम इमजूममद जूव चसंदमेद्ध परिभाषा 2 दो समतलों के बीच का कोण उनके अभ्िालंबों के मध्यस्थ कोण द्वारा परिभाष्िात है ;आवृफति 11ण्18 ;ंद्धद्ध। ध्यान दीजिए कि यदि दो समतलों के बीच का कोण θ है तो 180 दृ θ ;आवृफति 11ण्18 ;इद्धद्ध भी उनके बीच का कोण है। हम न्यून कोण को ही समतलों के बीच का कोण लेंगे। ी ीी मान लीजिए कि समतलों, त ⋅ द त्र क और त ⋅ द त्र क के बीच का कोणθ है। तब किसी सावर् 11 22 ¯बदु से समतलों पर खींचे गए अभ्िालंबों के बीच का कोण θ है। ीी द1 ⋅ द2 तब बवे θ त्र ीी द्य द1द्यद्य द2द्य आवृफति 11.18 कातीर्य रूप ;ब्ंतजमेपंद थ्वतउद्ध मान लीजिए समतलोंः । ग ़ ठ ल ़ ब् ्र ़ क् त्र 0 और । ग ़ ठ ल ़ ब् ्र ़ क् त्र 0 1 1 1122 2 2 के बीच का कोण θ है। तो समतलों के अभ्िालंब के दिव्फ - अनुपात क्रमशः ।ए ठए ब्और ।ए ठए ब्है। इसलिए 111 222 ।। ़ ठठ ़ ब्ब् 12 12 12 बवे θ त्र 222 222 । ़ ठ ़ ब्। ़ ठ ़ ब् 111 222 । ठब् 1 11 2ण् यदि दोनों समतल समांतर हैं तो त्रत्र । ठब् 2 22 उदाहरण 22 दो समतलों 2ग ़ ल दृ 2्र त्र 5 और 3ग दृ 6ल दृ 2्र त्र 7 के बीच का कोण सदिश विध्ि द्वारा ज्ञात कीजिए। हल दो समतलों के बीच का कोण वही है जो उनके अभ्िालंबों के बीच का कोण है। समतलों के दिए गए समीकरणों से समतलों के सदिश अभ्िालंब ी ी ६६६ ६६६ छ1 त्र 2 प ़ र − 2 ा और छ2 त्र 3 प − 6 र − 2 ा हैं। ीी छ1 ⋅ छ2 ;2प६ ़ ६र − 2 ा६ ⋅ प६ − 6६र − 2 ा६द्ध द्ध ;3 ⎛ 4 ⎞ ीी त्र इसलिए बवे θ त्र त्र ⎜⎟ ⎝ 21⎠ द्यछ1द्य द्यछ2द्य 4 ़ 1 ़ 49 ़ 36 ़ 4 ⎛ 4 ⎞ दृ1 अतः θ त्र बवे ⎟ ⎝ 21⎠ उदाहरण23 दो समतलों 3ग दृ 6ल ़ 2्र त्र 7 और 2ग ़ 2ल दृ 2्र त्र 5 के बीच का कोण ज्ञात कीजिए। हल समतलों की ज्ञात समीकरणों की तुलना समीकरणों । ग ़ ठ ल ़ ब् ्र ़ क् त्र0 और । ग ़ ठ ल ़ ब् ्र ़ क् त्र 0 11112222 से करने पर हम पाते हैं किः ।1 त्र 3ए ठ1 त्र दृ 6ए ब्1 त्र 2 ।2 त्र 2ए ठ2 त्र 2ए ब्2 त्र दृ 2 3 × 2 ़ ;−6द्ध ;2द्ध ़ ;2द्ध ;−2द्ध पुनः बवे θ त्र 2 2 2222 ;3 ़ ;−6द्ध ़ ;−2द्ध द्ध;2 ़ 2 ;2द्ध द्ध ़− −10 5 5 3 त्रत्र त्र 7 × 2 3 7 3 21 ⎛ 5 3 ⎞ .1   इसलिए θ त्र बवे 21 ⎝⎠ त्रिा - विमीय ज्यामिति 505 11ण्9 समतल से दिए गए ¯बदु की दूरी ;क्पेजंदबम व िं चवपदज तिवउ ं चसंदमद्ध सदिश रूप ;टमबजवत थ्वतउद्ध ी ी एक ¯बदु च् जिसका स्िथति सदिश ं और एक समतल π 1 जिसका समीकरण त ⋅ द६ त्र क ;आवृफति 11ण्19द्ध पर विचार कीजिए। पुनः ¯बदु च् से समतल π के समांतर समतल π पर विचार कीजिए। समतल π के अभ्िालंब 1 2 2 ीी इकाइर् सदिश द६ है। अतः इसका समीकरण ; त − ं द्ध ⋅ द६ त्र 0 है। ीी अथार्त् त ⋅ द६ त्र ं ⋅ द६ ी अतः, मूल ¯बदु से इस समतल की दूरी व्छ′ त्र द्यं ⋅ द६द्य है। इसलिए च् से समतल π 1 से दूरी ;आवृफति 11ण्21 ;ंद्धद्ध ी च्फ त्र व्छ दृ व्छ′ त्र द्यक दृ ं ⋅ द६द्य है, जो एक ¯बदु से ज्ञात समतल पर लंब की लंबाइर् है। आवृफति 11ण्19 ;इद्ध के लिए हम इसी प्रकार का परिणाम स्थापित कर सकते हैं। ी ी ी 1ण् यदि समतल π 2 का समीकरण त ण्छ त्र क ए के रूप का है, जहाँ छ समतल पर अभ्िालंब है ी ी ं ण्छ − क द्य तो लांबिक दूरी द्य ी है। द्यछद्य ीी द्य क द्य ी 2ण् मूल ¯बदु व् से समतल त ण्छ त्र क की दूरी ी है ;क्योंकि ं त्र 0द्ध। द्यछद्य कातीर्य रूप ;ब्ंतजमेपंद थ्वतउद्ध ी मान लीजिए कि च्;ग 1ए ल1ए ्र 1द्ध एक दिया ¯बदु है जिसका स्िथति सदिश ं है तथा दिए समतल का कातीर्य समीकरण ।ग ़ ठल ़ ब््र त्रक् है ी ६६६ तब ं त्र गप ़ लर ़ ्रा 111 ी छ त्र । प६़ ठ६र ़ ब् ा६ अतः ;1द्ध के द्वारा च् से समतल पर लंब की लंबाइर् ; गप६ ़ ल ६र ़ ्रा६द्ध ;। प६ ़ ठ६र ़ ब् ा६द्ध − क् ⋅ 111 222 । ़ ठ ़ ब् । ग ़ ठ ल ़ ब् ्र − क् 1 11 त्र 222 । ़ ठ ़ ब् ी उदाहरण 24 ¯बदु ;2ए 5ए दृ 3द्ध की समतल त ⋅ ;6 प६ − 3६र ़ 2 ा६द्ध त्र 4 से दूरी ज्ञात कीजिए। ी ी हल यहाँ ं त्र 2 प६ ़ 5६र − 3 ा६ए छ त्र 6 प६ − 3६र ़ 2 ा६ और क त्र 4ण् इसलिए ¯बदु ;2ए 5ए दृ 3द्ध की दिए समतल से दूरी हैः द्य ;2 प६ ़5६र − 3 ा६द्ध ;6 प६ − 3६र ़ 2 ा६द्ध − 4द्य ⋅ द्य6 प६ −3६र ़ 2 ा६द्य द्य 12 − 15 − 6 − 4द्य 13 त्र 11ण्10 एक रेखा और एक समतल के बीच का कोण ;।दहसम इमजूममद ं सपदम ंदक ं चसंदमद्ध परिभाषा 2 एक रेखा और एक समतल के बीच का कोण, रेखा और समतल के अभ्िालंब के बीच के कोण का कोण ;बवउचसमउमदजंतल ंदहसमद्ध पूरक होता है ;आवृफति 11ण्20द्ध। सदिश रूप ;टमबजवत थ्वतउद्ध ी ीी मान लीजिए कि रेखा का समीकरण त त्र ं ़λ इ है तथा ीी समतल का समीकरण त ⋅ द त्र क है। तब रेखा और समतल के आवृफति 11.20 त्रिा - विमीय ज्यामिति 507 अभ्िालंब के बीच का कोण θए निम्नलिख्िात सूत्रा द्वारा व्यक्त किया जा सकता है। ी ी इ ⋅ द ी ी बवे θ त्र द्य इ द्यद्य ⋅ द द्य और इस प्रकार रेखा और समतल के बीच का कोण φए 90° दृ θए द्वारा प्रदत्त है अथार्त् ेपद ;90° दृ θद्ध त्र बवे θ ी ी इ ⋅ द इ ⋅ द ी अथार्त्, ेपद φ त्र या φ त्र ेपद दृ1 ी द्य इ द्यद्य द द्य इ द ग ़1 ल्र − 3 उदाहरण 25 रेखा त्र त्र और समतल10 ग ़ 2ल दृ 11 ्र त्र 3 के बीच का कोण ज्ञात 23 6 कीजिए। हल मान लीजिए कि रेखा ओर समतल के अभ्िालंब के बीच का कोणθ है। दिए गए रेखा तथा समतल के समीकरणों को सदिश रूप में व्यक्त करने पर हम ी त त्र ;दृ प६ ़ 3 ा६द्ध ़λ ;2 प६ ़ 3६र ़ 6 ा६द्ध ी और त ⋅ ; 10 प६ ़ 2६र − 11 ा६द्ध त्र 3 प्राप्त करते हैं। ीी यहाँ इ त्र 2 प६ ़ 3६र ़ 6 ा६ और द त्र 10 प६ ़ 2६र − 11 ा६ ;2 प६ ़3६र ़ 6 ा६द्ध ;10 प६ ़ 2६र − 11 ा६द्ध ⋅ अतः ेपद φ त्र 222 222 2 ़ 3 ़ 6 10 ़ 2 ़ 11 −8 − 40 8 8 −1 ⎛⎞ त्र त्र त्र या φ त्र ेपद ⎜⎟ 21 7 ×15 21 ⎝ 21 ⎠ प्रश्नावली 11.3 1ण् निम्नलिख्िात प्रश्नों में से प्रत्येक में समतल के अभ्िालंब की दिव्फ - कोसाइन और मूल ¯बदु से दूरी ज्ञात कीजिएः ;ंद्ध ्र त्र 2 ;इद्ध ग ़ ल ़ ्र त्र 1 ;बद्ध 2ग ़ 3ल दृ ्र त्र 5 ;कद्ध5ल ़ 8 त्र 0 2ण् उस समतल का सदिश समीकरण ज्ञात कीजिए, जो मूल ¯बदु से 7 मात्राक दूरी पर है, और सदिश 3 प६ ़ 5६र − 6 ा६ पर अभ्िालंब है। 3ण् निम्नलिख्िात समतलों का कातीर्य समीकरण ज्ञात कीजिएः ी ी ;ंद्ध त ⋅ ;प६ ़ ६र − ा६द्ध त्र 2 ;इद्ध त ⋅ ;2 प६ ़ 3६र − 4ा६द्ध त्र 1 ी ;बद्ध त ⋅ख्; े − 2द्ध जप६ ़ ;3 − जद्ध६र ़ ;2 े ़ज द्ध ा६, त्र 15 4ण् निम्नलिख्िात स्िथतियों में, मूल ¯बदु से खींचे गए लंब के पाद के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए। ;ंद्ध 2ग ़ 3ल ़ 4्र दृ 12 त्र 0 ;इद्ध 3ल ़ 4्र दृ 6 त्र 0 ;बद्ध ग ़ ल ़ ्र त्र 1 ;कद्ध5ल ़ 8 त्र 0 5ण् निम्नलिख्िात प्रतिबंधें के अंतगर्त समतलों का सदिश एवं कातीर्य समीकरण ज्ञात कीजिए जोः ;ंद्ध ¯बदु ;1ए 0ए दृ 2द्ध से जाता हो और प६ ़ ६र − ा६ समतल पर अभ्िालंब है। ;इद्ध ¯बदु ;1ए4ए 6द्ध से जाता हो और प६−2६र ़ा६ समतल पर अभ्िालंब सदिश है। 6ण् उन समतलों का समीकरण ज्ञात कीजिए जो निम्नलिख्िात तीन ¯बदुओं से गुजरता है। ;ंद्ध ;1ए 1ए दृ 1द्धए ;6ए 4ए दृ 5द्धए ;दृ 4ए दृ 2ए 3द्ध ;इद्ध ;1ए 1ए 0द्धए ;1ए 2ए 1द्धए ;दृ 2ए 2ए दृ 1द्ध 7ण् समतल 2ग ़ ल दृ ्र त्र 5 द्वारा काटे गए अंतः खंडों को ज्ञात कीजिए। 8ण् उस समतल का समीकरण ज्ञात कीजिए जिसका ल - अक्ष पर अंतःखंड 3 और जो तल र् व्ग् के समांतर है। 9ण् उस समतल का समीकरण ज्ञात कीजिए जो समतलों 3ग दृ ल ़ 2्र दृ 4 त्र 0 और ग ़ ल ़ ्र दृ 2 त्र 0 के प्रतिच्छेदन तथा ¯बदु ;2ए 2ए 1द्ध से होकर जाता है। ी ६ ६६ 10ण् उस समतल का सदिश समीकरण ज्ञात कीजिए जो समतलों त ण्;2 प ़ 2 र − 3 ा द्ध त्र 7ए ी ६ ६६ त ण्;2 प ़ 5 र ़ 3 ा द्ध त्र 9 के प्रतिच्छेदन रेखा और ;2ए 1ए 3द्ध से होकर जाता है। 11ण् तलों ग ़ ल ़ ्र त्र 1 और 2ग ़ 3ल ़ 4्र त्र 5 के प्रतिच्छेदन रेखा से होकर जाने वाले तथा तल ग दृ ल ़ ्र त्र 0 पर लंबवत् तल का समीकरण ज्ञात कीजिए। 12ण् समतलों, जिनके सदिश समीकरण त ⋅ ;2 प६ ़ 2६र − 3 ा६द्ध त्र 5 और ी ी ६ ६६ त ⋅ ;3 प − 3 र ़ 5 ाद्ध त्र 3हैं, के बीच का कोण ज्ञात कीजिए। 13ण् निम्नलिख्िात प्रश्नों में ज्ञात कीजिए कि क्या दिए गए समतलों के युग्म समांतर है अथवा लंबवत् हैं, और उस स्िथति में, जब ये न तो समांतर है और न ही लंबवत्् तो उनके बीच का कोण ज्ञात कीजिए। ;ंद्ध 7ग ़ 5ल ़ 6्र ़ 30 त्र 0 और 3ग दृ ल दृ 10्र ़ 4 त्र 0 ;इद्ध 2ग ़ ल ़ 3्र दृ 2 त्र 0 और ग दृ 2ल ़ 5 त्र 0 ;बद्ध 2ग दृ 2ल ़ 4्र ़ 5 त्र 0 और 3ग दृ 3ल ़ 6्र दृ 1 त्र 0 ;कद्ध 2ग दृ ल ़ 3्र दृ 1 त्र 0 और 2ग दृ ल ़ 3्र ़ 3 त्र 0 ;मद्ध 4ग ़ 8ल ़ ्र दृ 8 त्र 0 और ल ़ ्र दृ 4 त्र 0 त्रिा - विमीय ज्यामिति 509 14ण् निम्नलिख्िात प्रश्नों में प्रत्येक दिए गए ¯बदु से दिए गए संगत समतलों की दूरी ज्ञात कीजिए। ¯बदु समतल ;ंद्ध ;0ए 0ए 0द्ध 3ग दृ 4ल ़ 12 ्र त्र 3 ;इद्ध ;3ए दृ 2ए 1द्ध 2ग दृ ल ़ 2्र ़ 3 त्र 0 ;बद्ध ;2ए 3ए दृ 5द्ध ग ़ 2ल दृ 2्र त्र 9 ;कद्ध ;दृ 6ए 0ए 0द्ध 2ग दृ 3ल ़ 6्र दृ 2 त्र 0 विविध् उदाहरण उदाहरण 26 एक रेखा, एक घन के विकणो± के साथ αए βए γए δए कोण बनाती है तो सि( कीजिए कि 4 बवे2 α ़ बवे2 β ़ बवे2 γ ़ बवे2 δ त्र 3 हल एक घन, एक समकोण्िाक षट्पफलकीय होता है जिसकी लंबाइर्, चैड़ाइर् और ऊँचाइर् समान होते हैं। मान लीजिए कि व्।क्ठम्थ्ब्ळ एक घन जिसकी प्रत्येक भुजा ं लंबाइर् की है ;आवृफति 11ण्21द्ध। व्म्ए ।थ्ए ठळ और ब्क् चार विकणर् हैं। दो ¯बदुओं व् तथा म् को मिलाने वाली रेखा व्म् अथार्त् आवृफति 11.21 विकणर् व्म् के दिव्फ - कोसाइन ं −0 ं −0 ं −0 ए ए 222 222 222 ं ़ ं ़ ं ़ ं ़ ं ़ ं ़ ं 11 1 अथार्त् ए ए 3 3 3 हैं। इसी प्रकार ।थ्ए ठळ और ब्क् की दिव्फ - कोसाइन क्रमशः 111111 111 दृ ए ए य ए दृ ए और ए ए दृ ए हैं। 333333 333 मान लीजिए दी गइर् रेखा जो व्म्ए ।थ्ए ठळए और ब्क्ए के साथ क्रमशः αए βए γए और δ कोण बनाती है, की दिव्फ - कोसाइन सए उए द हैं। 11 तब बवे α त्र ;स ़ उ़ दद्धय बवे β त्र ;दृ स ़ उ ़ दद्ध 3 3 11 बवे γ त्र ;स दृ उ ़ दद्धय बवे δ त्र ;स ़ उ दृ दद्ध 3 3 वगर् करके जोड़ने पर हम पाते हैं कि बवे2 α ़ बवे2 β ़ बवे2 γ ़ बवे2 δ 1 त्र ख् ;स ़ उ ़ द द्ध2 ़ ;दृस ़ उ ़ दद्ध2 , ़ ;स दृ उ ़ दद्ध2 ़ ;स ़ उ दृदद्ध2, 3 14 22 त्र ख् 4 ;स2 ़ उ ़ द2 द्ध , त्र ;क्योंकि स2 ़ उ ़ द2 त्र 1द्ध 33 उदाहरण 27 उस तल का समीकरण ज्ञात कीजिए जिसमें ¯बदु ;1ए दृ 1ए 2द्ध अंतविर्ष्ट है और जो समतलों 2ग ़ 3ल दृ 2्र त्र 5 और ग ़ 2ल दृ 3्र त्र 8 में से प्रत्येक पर लंब है। हल दिए गए ¯बदु को अंतविर्ष्ट करने वाले समतल का समीकरण । ;ग दृ 1द्ध ़ ठ;ल ़ 1द्ध ़ ब् ;्र दृ 2द्ध त्र 0 है। ण्ण्ण् ;1द्ध समतलों 2ग ़ 3ल दृ 2्र त्र 5 और ग ़ 2ल दृ 3्र त्र 8ए के साथ ;1द्ध द्वारा प्रदत्त समतल पर लंब होने के प्रतिबंध् का प्रयोग करने पर हम पाते हैं कि 2। ़ 3ठ दृ 2ब् त्र 0 और । ़ 2ठ दृ 3ब् त्र 0 इन समीकरणों को हल करने पर हम पाते हैं कि । त्र दृ 5ब् और ठ त्र 4ब् अतः अभीष्ट समीकरण हैः दृ 5ब् ;ग दृ 1द्ध ़ 4 ब् ;ल ़ 1द्ध ़ ब्;्र दृ 2द्ध त्र 0 अथार्त् 5ग दृ 4ल दृ ्र त्र 7 उदाहरण 28 ¯बदु च्;6ए 5ए 9द्ध से ¯बदुओं । ;3ए दृ 1ए 2द्धए ठ ;5ए 2ए 4द्ध और ब्;दृ 1ए दृ 1ए 6द्ध द्वारा निधर्रित समतल की दूरी ज्ञात कीजिए। हल मान लीजिए कि समतल में तीन ¯बदु ।ए ठए तथा ब् हैं। ¯बदु च् से समतल पर लंब का पाद ी ीी क् है। हमें अभीष्ट दूरी च्क् ज्ञात करनी है जहाँ च्क् ए ।च् का ।ठ × ।ब् पर प्रक्षेप है। ी ीी अतः च्क् त्र ।ठ × ।ब् के अनुदिश इकाइर् सदिश तथा ।च् का अदिश गुणनपफल है। ी पुनः ।च् त्र 3 प६ ़ 6६र ़ 7 ा६ ६प ६र ६ा और ।ठ × ।ब् ी ी त्र 2 3 2 ६६ ६12 16 12 प र ात्र − ़ 4− 0 4 ीी 3 प६ − 4६र ़ 3 ा६ ।ठ × ।ब् के अनुदिश इकाइर् सदिश त्र 34 त्रिा - विमीय ज्यामिति 511 ी 3 प६ − 4६र ़ 3 ा६ अतः च्क् त्र;3 प६ ़ 6६र ़ 7 ा६द्धण् 34 त्र 17 विकल्पतः ¯बदु ।ए ठ और ब् से गुशरने वाले समतल का समीकरण ज्ञात कीजिए और तब ¯बदु च् की समतल से दूरी ज्ञात कीजिए। उदाहरण 29 दशार्इए कि रेखाएँ ग − ं ़ कल − ं्र − ं − क त्र त्र α−δα α़δ ग − इ ़ बल − इ्र − इ − ब त्र और β−γ हल यहाँ ज्ञात है कि ग त्र ं दृ क 1 ल त्र ं 1 ्र त्र ं ़ क 1 और ं 1 त्र α दृ δ इ त्र α 1 ब त्र α ़ δ 1 अब सारण्िाक ग − गल − ल्र −्र 21 2121 ंइब 111 ंइब 222 पर विचार कीजिए। त्र सह - तलीय हैं। β β़γ और ग 2 त्र इ दृ ब त्र ल2 त्र इ ्र त्र इ ़ ब 2 ं त्र β दृ γ 2 इ त्र β 2 ब त्र β ़ γ 2 इ −ब − ं ़ कइ − ंइ ़ ब − ं − क α−δ α α़δ β−γ β β़γ तीसरे स्तंभ को पहले स्तंभ में जोड़ने पर हम पाते हैं। इ − ंइ − ंइ ़ ब − ं − क α α α़δ 2 त्र 0 β β β़γ क्योंकि प्रथम और द्वितीय स्तंभ समान हैं। अतः दोनों रेखाएँ सह - तलीय हैं। उदाहरण30 उस ¯बदु के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए जहाँ ¯बदुओं ।;3ए 4ए 1द्ध और ठ;5ए 1ए 6द्ध को मिलाने वाली रेखा ग्ल्.तल को काटती हैं। हल ¯बदुओं । और ठ से जाने वाली रेखा का सदिश समीकरणः ी त त्र 3 प६ ़ 4६र ़ ा६ ़λ ख् ;5 −3द्ध प६ ़ ;1 − 4द्ध ६र ़ ;6 − 1द्ध ा६, ी अथार्त् त त्र3 प६ ़ 4६र ़ ा६ ़λ ;2 प६ −3६र ़5 ा६द्ध है ण्ण्ण् ;1द्ध मान लीजिए च् वह ¯बदु है जहाँ रेखा ।ठए ग्ल्.तल को प्रतिच्छेद करती है। तब ¯बदु च् का स्िथति सदिश गप६ ़ ल ६र के रूप में है। यह ¯बदु अवश्य ही समीकरण ;1द्ध को संतुष्ट करता है। ;क्योंघ्द्ध अथार्त् गप ६ ़ लर६ त्र ;3 ़ 2 λ द्ध प६ ़ ;4 − 3 λद्ध६र ़ ;1 ़ 5 λ द्ध ा६ प६ए ६र और ा६ए के गुणांकों की तुलना करने पर हम पाते हैं ग त्र3 ़ 2 λ ल त्र4 दृ 3 λ 0 त्र 1 ़ 5 λ उपरोक्त समीकरणों को हल करने पर हम पाते हैं कि 13 23 ग त्र और ल त्र 55 ⎛13 23 ⎞ अतः अभीष्ट ¯बदु के निदेर्शांक ⎜ ए ए0⎟ हैं। ⎝ 55 ⎠ अध्याय 11 पर विविध् प्रश्नावली 1ण् दिखाइए कि मूल ¯बदु से ;2, 1, 1द्ध मिलाने वाली रेखा, ¯बदुओं ;3, 5 - 1द्ध और ;4, 3, - 1द्ध से निधर्रित रेखा पर लंब है। 2ण् यदि दो परस्पर लंब रेखाओं की दिव्फ - कोसाइन स ए उ ए द और स ए उ ए द हांे तो दिखाइए कि 1 11222 इन दोनों पर लंब रेखा की दिव्फ - कोसाइन उद दृ उद ए दस दृ दस ए सउ दृ स दृ उ हैं। 122112211221 3ण् उन रेखाओं के मध्य कोण ज्ञात कीजिए, जिनके दिव्फ - अनुपात ंए इए ब और इ दृ बए ब दृ ंए ं दृ इ हैं। 4ण् ग.अक्ष के समांतर तथा मूल - ¯बदु से जाने वाली रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए। 5ण् यदि ¯बदुओं ।ए ठए ब्ए और क् के निदेर्शांक क्रमशः ;1ए 2ए 3द्धए ;4ए 5ए 7द्धए ;दृ 4ए 3ए दृ 6द्ध और ;2ए 9ए 2द्ध हैं तो ।ठ और ब्क् रेखाओं के बीच का कोण ज्ञात कीजिए। त्रिा - विमीय ज्यामिति 513 ग − 1 ल − 2 ्र − 3 ग −1 ल − 1 ्र − 6 6ण् यदि रेखाएँ त्रत्र आरै त्रत्र परस्पर लंब हों −32ा 23ा 1 −5 तो ा का मान ज्ञात कीजिए। ी 7ण् ¯बदु ;1ए 2ए 3द्ध से जाने वाली तथा तल त ण्; प६ ़ 2६र − 5 ा६द्ध ़ 9 त्र 0 पर लंबवत् रेखा का सदिश समीकरण ज्ञात कीजिए। ी 8ण् ¯बदु ;ंए इए बद्ध से जाने वाले तथा तल त ⋅ ;प६ ़ ६र ़ ा६द्ध त्र 2 के समांतर तल का समीकरण ज्ञात कीजिए। ी 9ण् रेखाओं त त्र 6 प६ ़ 2६र ़ 2 ा६ ़λ ;प६ − 2६र ़ 2 ा६द्ध और ी त त्र− 4 प६ − ा६ ़ - ;3 प६ − 2६र − 2 ा६द्ध के बीच की न्यूनतम दूरी ज्ञात कीजिए। 10ण् उस ¯बदु के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए जहाँ ¯बदुओं ;5ए 1ए 6द्ध और ;3ए 4ए1द्ध को मिलाने वाली रेखा ल्र्.तल को काटती है। 11ण् उस ¯बदु के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए जहाँ ¯बदुओं ;5ए 1ए 6द्ध और ;3ए 4ए 1द्ध को मिलाने वाली रेखा र्ग्.तल को काटती है। 12ण् उस ¯बदु के निदेर्शांक ज्ञात कीजिए जहाँ ¯बदुओं ;3ए दृ 4ए दृ 5द्ध और;2ए दृ 3ए 1द्ध से गुशरने वाली रेखा, समतल 2ग ़ ल ़ ्र त्र 7 के पार जाती है। 13ण् ¯बदु ;दृ 1ए 3ए 2द्ध से जाने वाले तथा समतलों ग ़ 2ल ़ 3्र त्र 5 और 3ग ़ 3ल ़ ्र त्र 0 में से प्रत्येक पर लंब समतल का समीकरण ज्ञात कीजिए। ी ६ 14ण् यदि ¯बदु ;1ए 1ए चद्ध और ;दृ 3ए 0ए 1द्ध समतल त ⋅ ;3 प६ ़ 4६र − 12 ाद्ध ़ 13 त्र 0 से समान दूरी पर स्िथत हों, तो च का मान ज्ञात कीजिए। ी ी 15ण् समतलों त ⋅ ;प६ ़ ६र ़ ा६द्ध त्र 1 और त ⋅ ;2 प६ ़ 3६र − ा६द्ध ़ 4 त्र 0 के प्रतिच्छेदन रेखा से जाने वाले तथा ग.अक्ष के समांतर तल का समीकरण ज्ञात कीजिए। 16ण् यदि व् मूल ¯बदु तथा ¯बदु च् के निदेर्शांक ;1ए 2ए दृ 3द्धए हैं तो ¯बदु च् से जाने वाले तथा व्च् के लंबवत् तल का समीकरण ज्ञात कीजिए। ण् 17ण् समतलों त ⋅ ;प६ ़ 2६र ़ 3 ा६द्ध − 4 त्र 0 और त ⋅ ;2 प६ ़ ६र − ा६द्ध ़ 5 त्र 0 के प्रतिच्छेदन रेखा को ी ी ी अंतविर्ष्ट करने वाले तथा तल त ⋅ ;5 प६ ़ 3६र − 6ा६द्ध ़ 8 त्र 0 के लंबवत् तल का समीकरण ज्ञात कीजिए। ी 18ण् ¯बदु ;दृ 1ए दृ 5ए दृ 10द्ध से रेखा त त्र 2 प६ − ६र ़ 2 ा६ ़λ ;3 प६ ़ 4६र ़ 2 ा६द्ध और समतल ी त ⋅ ;प६ − ६र ़ ा६द्ध त्र 5 के प्रतिच्छेदन ¯बदु के मध्य की दूरी ज्ञात कीजिए। 514 गण्िात ी ी 19ण् ¯बदु ;1ए 2ए 3द्ध से जाने वाली तथा समतलों त ⋅ ;प६ − ६र ़ 2ा६द्ध त्र 5 और त ⋅ ;3 प६ ़ ६र ़ ा६द्ध त्र 6 के समांतर रेखा का सदिश समीकरण ज्ञात कीजिए। ग − 8 ल ़ 19 ्र −10 20ण् ¯बदु ;1ए 2ए दृ 4द्ध से जाने वाली और दोनों रेखाओं त्रत्र और 3 −16 7 ग −15 ल − 29 ्र − 5 त्र त्र पर लंब रेखा का सदिश समीकरण ज्ञात कीजिए। 38 −5 21ण् यदि एक समतल के अंतःखंड ंए इए ब हैं और इसकी मूल ¯बदु से दूरी च इकाइर् हैं तो सि( 111 1 कीजिए कि ़़ त्र 2 22 2 ं इब च प्रश्नों 22 और 23 में सही उत्तर का चुनाव कीजिए। 22ण् दो समतलों 2ग ़ 3ल ़ 4्र त्र 4 और 4ग ़ 6ल ़ 8्र त्र 12 के बीच की दूरी हैः ;।द्ध 2 इकाइर् ;ठद्ध 4 इकाइर् ;ब्द्ध 8 इकाइर् ;क्द्ध 2 इकाइर् 29 23ण् समतल 2ग दृ ल ़ 4्र त्र 5 और 5ग दृ 2ण्5ल ़ 10्र त्र 6 हैंः ;।द्ध परस्पर लंब ;ठद्ध समांतर ⎛ 5  ;ब्द्ध ल.अक्ष पर प्रतिच्छेदन करते हैं। ;क्द्ध ¯बदु ⎜ 0ए0ए ⎟ से गुजरते हैं।  4 ⎠ कृऽ कृ

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