
बहुविकल्पी प्रश्न प् ;डब्फ प्द्ध 3ण्1 वृत की आवृफति के किसी धरावाही तार ;धरा प्द्ध पर विचार कीजिए। ध्यान दीजिए जैसे - जैसे तार के अनुदिश धरा विकसित होती है, र ;धरा घनत्वद्ध की दिशा यथाथर् ढंग से परिवतिर्त होती है, जबकि धरा प् अप्रभावित रहती है। इसके लिए अनिवायर् रूप सेउत्तरदायी ऐजेन्ट है - ;ंद्ध स्रोत का विद्युतवाहक बल ;मउद्धि ;इद्ध तार के पृष्ठ पर संचित आवेशों द्वारा उत्पन्न विद्युत क्षेत्रा ;बद्ध तार के दिए गए खण्ड के ठीक पीछे के आवेश जो प्रतिकषर्ण द्वारा 1 आवेशों को मात्रा सही ढंग से ध्केलते हैं। ;कद्ध आगे के आवेश । ठ 3ण्2 दो बैटरियाँ जिनके मउ िεतथा ε ख्εझ ε, तथा आन्तरिक प्रतिरोध् व्रफमशः 1 22 1 ततथा तहैं, चित्रा 3ण्1 में दशार्ए अनुसार पाश्वर् व्रफम में संयोजित हैं। 1 2 ;ंद्ध दोनों सेलों का तुल्य मउ िε, εतथा εके बीच अथार्त्, εढ εढ εहै। तुल्य1 2 1तुल्य 2 चित्रा 3ण्1 3ण्3 3ण्4 3ण्5 3ण्6 ;इद्ध तुल्य मउ िεतुल्य,εसे कम है। ;बद्ध सदैव εत्र ε़ εहोता है। 1 तुल्य 1 2 ;कद्ध εआन्तरिक प्रतिरोधें ततथा तपर निभर्र नहीं है। तुल्य 1 2 मीटर सेतु के उपयोग द्वारा प्रतिरोध् त् मापा जाना है। एक छात्रा मानक प्रतिरोध् ै का चयन 100Ω करता है। वह शून्य विक्षेप बिन्दु स त्र 2ण्9 बउ पर पाता है। उसे परिशु(ता में 1 सुधार के लिए प्रयत्न करने को कहा जाता है। इसके लिए निम्नलिख्िात में कौन उपयोगी ढंग है? ;ंद्ध उसे सको और अध्िक परिशु(ता से मापना चाहिए। ;इद्ध उसे ै को 1000Ω लेकर प्रयोग दोहराना चाहिए। ;बद्ध उसे ै को 3Ω लेकर प्रयोग दोहराना चाहिए। ;कद्ध उसे मीटर सेतु के उपयोग द्वारा अध्िक परिशु( माप की आशा छोड़ देनी चाहिए। 5ट तथा 10ट सन्िनकट मउ िके दो सेलों की तुलना परिशु( रूप से 400 बउ लम्बाइर् के विभवमापी द्वारा की जानी है। ;ंद्ध विभवमापी में उपयोग होने वाली बैटरी की वोल्टता 8ट होनी चाहिए। ;इद्ध विभवमापी की वोल्टता 15ट हो सकती है तथा त् को इस प्रकार समायोजित कर सकते हैं कि तार के सिरों पर विभवपात 10ट से थोड़ा अध्िक हो। ;बद्ध स्वयं तार के पहले 50 बउ भाग पर विभवपात 10ट होना चाहिए। ;कद्ध विभवमापी का उपयोग प्रायः प्रतिरोधें की तुलना के लिए किया जाता है, विभवों के लिए नहीं। 1 1 आयताकार अनुप्रस्थकाट 1बउ × बउ तथा 10 बउ लम्बाइर् की कोइर् धातु की छड़ 2 विपरीत पफलकों पर किसी बैटरी से संयोजित है। इसका प्रतिरोध् 1 ;ंद्ध तब अध्िकतम होगा जब बैटरी 1 बउ × बउ पफलकों के बीच संयोजित है। ;इद्ध तब अध्िकतम होगा जब बैटरी 10 बउ × 1 बउ पफलकों के बीच संयोजित है। 2 1 ;बद्ध तब अध्िकतम होगा जब बैटरी 10 बउ × बउ पफलकों के बीच संयोजित है। 2 ;कद्ध समान रहेगा चाहे तीनों पफलकों में से किसी के बीच भी बैटरी को संयोजित करें। इलेक्ट्राॅनों का कौन सा अभ्िालक्षण चालक में धरा के प्रवाह को निधर्रित करता है? ;ंद्ध केवल अपवाह वेग ;इद्ध केवल तापीय वेग ;बद्ध अपवाह वेग तथा तापीय वेग दोनों ;कद्ध न तो अपवाह और न तापीय वेग 18 बहुविकल्पी प्रश्न प्प् ;डब्फ प्प्द्ध 3ण्7 किरखोपफ संध्ि नियम अनुचिन्तन है ;ंद्ध धरा घनत्व सदिश के संरक्षण का। ;इद्ध आवेश के संरक्षण का। ;बद्ध इस तुल्य का कि आवेश्िात कण जिस संवेग से किसी संिा के समीप पहुँचता है, उस संिा को छोड़ते समय यह संवेग अपरिवतिर्त ;सदिश की भाँतिद्ध रहता है। ;कद्ध किसी संध्ि पर आवेश का संचय नहीं होने का। 3ण्8 चित्रा 3ण्2ण् में दशार्ए सरल परिपथ पर विचार कीजिए। अवयव परिवतीर् प्रतिरोध् त्′ को दशार्ता है। त्′ को त्से अनन्त तक परिवतिर्त किया जा सकता है। त बैटरी का 0 आन्तरिक प्रतिरोध् है ;तढढत्ढढत्द्ध। 0 ;ंद्ध जैसे त्′ में परिवतर्न होता है ।ठ के सिरों पर विभवपात लगभग नियत रहता है। । ;इद्ध जैसे त्′ में परिवतर्न होता है, त्′ से प्रवाहित धरा लगभग नियत रहती है। ;बद्ध धरा प् सुग्राही रूप से त्′ पर निभर्र करती है। ;कद्ध सदैव ही प् ≥ प् ट तत् ़ 3ण्9 अध्र्चालकों, विद्युतरोध्ियों तथा धतुओं की प्रतिरोध्कता ρ;ज्द्ध की ताप - निभर्रता नीचे दिए गए कारकों पर साथर्क रूप से निभर्र करती हैः ;ंद्ध आवेश वाहकों की संख्या ताप ज् के साथ परिवतिर्त हो सकती है। ;इद्ध दो व्रफमागत संघट्टð ों के बीच काल - अन्तराल ज् पर निभर्र कर सकता है। ;बद्ध पदाथर् की लम्बाइर्, ज् का पफलन हो सकती है। ;कद्ध आवेश वाहकों का द्रव्यमान, ज् का पफलन है। 3ण्10 व्हीटस्टोन सेतु के द्वारा किसी अज्ञात प्रतिरोध् त् की माप की जानी है ;एन.सी.इर्.आर.टीकी पुस्तक का चित्रा 3.25 देखेंद्ध। दो छात्रा प्रयोग को दो विभ्िान्न ढंगों से करते हैं। पहला छात्रा ष्त्ष् त्र 10Ω तथा ष्त्ष् त्र 5Ω लेता है। दूसरा छात्रा त् त्र 1000Ω तथा त् त्र 21 21 500Ω लेता है। मानक भुजा में दोनों त् त्र 5Ω लेते हैं। दोनों छात्रा त्राुटियों की सीमाओं 3 त् में, त् त्र 2 त्3 त्र 10Ω पाते हैं। त्1 ;ंद्ध दोनों छात्रों की माप में त्राुटियाँ समान हैं। ;इद्ध माप में त्राुटियाँ उस परिशु(ता पर भी निभर्र करती हैं जिससे त्तथा त्को मापा 2 1 जा सकता है। ;बद्ध यदि छात्रा अध्िक मानों के त्तथा त्का उपयोग करता है तो भुजाओं से प्रवाहित 21 धरा क्षीण होगी जिसके कारण यथाथर् शून्य विक्षेप स्िथति निधर्रित करना अध्िक कठिन हो जाएगा। ;कद्ध व्हीटस्टोन सेतु अत्यंत यथाथर् उपकरण है तथा इसकी माप में त्राुटियाँ नहीं होतीं। ठ त् त ट चित्रा 3ण्2 19 3ण्11 किसी मीटर सेतु में बिन्दु क् शून्य विक्षेप बिन्दु है ;चित्रा 3ण्3द्ध। त्ै ;ंद्ध मीटर सेतु में प्रतिरोधें के इस समुच्चय के लिए कोइर् अन्य शून्य विक्षेप बिन्दु नहीं हो सकता। ;इद्ध जब जाॅकी बिन्दु क् के बायीं ओर मीटर सेतु के तार के किसी बिन्दु से सम्पवर्फ करती है तो तार से ठ में धरा प्रवाहित होती है। ;बद्ध जब जाॅकी बिन्दु क् के दायीं ओर मीटर सेतु के तार के किसी बिन्दु से सम्पवर्फ करती है तो तार में गैल्वेनोमीटर से होते हुए ठ से धरा प्रवाहित होती है। ;कद्ध जब त् बढ़ता है तो, शून्य विक्षेप बिन्दु, बायीं ओर विस्थापित हो जाता है। चित्रा 3ण्3 अति लघुउत्तरीय ;टै।द्ध 3ण्12 क्या किसी विद्युत नेटववर्फ में किसी संिा के पार गति में, आवेश का संवेग संरक्ष्िात रहता है? 3ण्13 विश्रांति काल τ अनुप्रयुक्त क्षेत्रा म् पर लगभग निभर्र नहीं करता जबकि ताप के साथ इसमेंसाथर्क रूप से परिवतर्न हो जाता है। पहला तथ्य ;अंश मेंद्ध ओम - नियम के लिए उत्तरदायी है जबकि दूसरा तथ्य ताप के साथ ρ में परिवतर्न की ओर ले जाता है। ऐसा क्यों है? सविस्तार प्रतिपादित कीजिए। 3ण्14 व्हीटस्टोन सेतु में शून्य विक्षेप विध्ि के क्या लाभ हैं? अन्य किसी विध्ि द्वारा त्अज्ञात परिकलित करने के लिए किस अतिरिक्त माप की आवश्यकता होगी? 3ण्15 विभवमापी में तारों को संयोजित करने के लिए धतु की मोटी पियों को उपयोग करने ðका क्या लाभ है? 3ण्16 घरों में विद्युत के लिए तांबे ;ब्नद्ध अथवा ऐलुमिनियम ;।सद्ध के तारों का उपयोग किया जाता है। ऐसा करने के पीछे किन - किन विचारों को ध्यान में रखा जाता है? 3ण्17 मानक प्रतिरोध् वुफण्डलियों को बनाने में मिश्रातुओं का उपयोग क्यों किया जाता है? त्प्रतिरोध् की संचार केबिलों से होकर किसी युक्ित को शक्ित च् प्रदान की जानी है। ब् यदि त् के सिरों पर वोल्टता ट तथा इससे प्रवाहित धरा प् है तो शक्ित - क्षय ज्ञात कीजिए। इसे किस प्रकार कम किया जा सकता है? ।ठ कोइर् विभवमापी - तार है ;चित्रा 3ण्4द्ध। यदि त् के मान में वृि कर दें, तो विक्षेप बिन्दु ;श्रद्ध किस दिशा में स्थानान्तरित हो जाएगा? चित्रा 3ण्4 20 3ण्20 विभवमापी से कोइर् प्रयोग करते समय यह पाया गया कि, विक्षेप एक ही दिशा म् ; द्ध में होता है ;चित्रा 3ण्5द्ध तथा ;पद्ध तार के सिरे । से सिरे ठ की ओर जाने पर विक्षेप कम हो जाता है, ;पपद्ध जबकि जाॅकी को सिरे ठ की ओर ले जाने पर विक्षेप बढ़ जाता है। । ठ ;ंद्ध सेल म्1 का कौन सा टमिर्नल, धनात्मक या )णात्मक, प्रकरण ग् म्1 ल ळ ;पद्ध में ग् से संयोजित हेै? चित्रा 3ण्5 ;इद्ध प्रकरण ;पपद्ध में सेल म्का कौन सा टमिर्नल ग् से संयोजित है? 1 3ण्21 कोइर् सेल जिसका मउ िम् तथा आन्तरिक प्रतिरोध् त है किसी बाह्य प्रतिरोध् त् के सिरों से संयोजित है। त् के सिरों के बीच विभवान्तर में परिवतर्न तथा त् के बीच ग्रापफ खींचिए। लघुउत्तरीय ;ै।द्ध 3ण्22 पहले त् प्रतिरोध् के द समान प्रतिरोध्कों के समुच्चय को श्रेणीव्रफम में मउ िम् तथा आन्तरिक प्रतिरोध् त् की बैटरी से संयोजित किया गया। परिपथ में धरा प् प्रवाहित होती है। तत्पश्चात् द प्रतिरोध्कों को इसी बैटरी से पाश्वर्व्रफम में संयोजित किया गया। यह पाया गया कि धरा 10 गुना बढ़ गइर्। ष्दष् का क्या मान है? 3ण्23 मान लीजिए द प्रतिरोध्क त् ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्त् जिनमें त् त्र अध्िकतम क्ष्त्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण्ण् त् द्व 1द अध्िकतम1द तथा त् त्र न्यूनतम क्ष्त् ण्ण्ण्ण्ण् त् द्व। यह दशार्इए कि जब इन्हें पाश्वर्व्रफम में संयोजित करते न्यूनतम1द हैं तो परिणामी प्रतिरोध् त्ढ त्तथा जब इन्हें श्रेणीव्रफम में संयोजित करते हैं तो च्न्यूनतम परिणामी प्रतिरोध् त् झ त्होता है। इसकी भौतिक व्याख्या कीजिए। ैअिाकतम । ठ 3ण्24 चित्रा 3ण्6 में दशार्ए परिपथ में दो सेल एक दूसरे के साथ प्रतिवूफलता से म् 1 म्2 संयोजित हैं। सेल म्का मउ ि6ट तथा आन्तरिक प्रतिरोध् 2Ωए और सेल 1 म्का मउ ि4ट तथा आन्तरिक प्रतिरोध् 8Ω है। बिन्दु । तथा ठ के बीच 2 विभवान्तर ज्ञात कीजिए। चित्रा 3ण्6 3ण्25 समान विद्युत वाहक बल म्ए परन्तु आन्तरिक प्रतिरोध् ततथा तके दो म्म् 12 ठ सेल श्रेणीव्रफम मंे किसी बाह्य प्रतिरोध् त् से संयोजित हैं ;चित्रा 3ण्7द्ध। त् का क्या मान होना चाहिए ताकि पहले सेल के टमिर्नलों के बीच विभवान्तर शून्य हो जाए। 3ण्26 दो चालक समान पदाथर् के बने हैं तथा इनकी लम्बाइर् भी समान हैं। त् चित्रा 3ण्7 21 चालक 1उउ व्यास का ठोस तार है। चालक ठ 2उउ बाह्य व्यास तथा 1उउ आंतरिक व्यास की खोखली नलिका है। प्रतिरोधें त्तथा त्का अनुपात ज्ञात कीजिए। । ठ 3ण्27 मान लीजिए कोइर् ऐसा परिपथ है जिसमें केवल प्रतिरोध् एवं बैटरियाँ हैं। मान लीजिए हमें सभी वोल्टताओं तथा सभी प्रतिरोधें को दो गुना ;अथवा द गुनाद्ध करना है यह दशार्इए कि धराएँ अपरिव£तत रहती हैं। इसे कक्षा 12 की एन.सी.इर्.आर.टी.की पाठ्यपुस्तक के अभ्यास 3ण्7 के लिए परिकलित कीजिए। दीघर्उत्तरीय ;स्।द्ध त् 3ण्28 दो सेल जिनकी वोल्टता 10ट तथा 2ट एवं आन्तरिक प्रतिरोध् व्रफमशः 10Ω तथा 5Ω हैं, पाश्वर्व्रफम में इस प्रकार संयोजित हैं कि 10ट बैटरी का धनात्मक टमिर्नल 2ट बैटरीके ट्टणात्मक टमिर्नल से संयोजित है ;चित्रा 3ण्8द्ध। संयोजन की प्रभावी वोल्टता तथा प्रभावी प्रतिरोध् ज्ञात कीजिए। 3ण्29 किसी कमरे में 220ट की वोल्टता पर कोइर् एयर कन्डीशनर प्रतिदिन 5 घन्टे चलता है। 10ट कमरे में बिछे विद्युत तार ताँबे के बने हैं जिनकी त्रिाज्या 1 उउ तथा लम्बाइर् 10उ है। चित्रा 3ण्8 प्रतिदिन उफजार् की खपत 10 व्यापारिक मात्राक है। इसका कितना भाग तारों में जूल - तापन में नष्ट हो जाता है। यदि तार इसी लम्बाइर् और व्यास के हों परन्तु ऐलुमिनियम के बने हों तो क्या होगा? ख्ρ त्र 1ण्7 × 10दृ8 ए ρत्र 2ण्7 × 10दृ8 Ωउ, बन Ωउ ।स 3ण्30 विभवमापी के किसी प्रयोग में, ट त्र 10ट है। त् को 50Ω पर समायोजित किया गया ठ है ;चित्रा 3ण्9द्ध। कोइर् छात्रा जो किसी बैटरी की वोल्टता म्;लगभग 8टद्ध मापना चाहता 1 है यह पाता है कि कोइर् शून्य विक्षेप बिन्दु संभव नहीं है। पिफर वह त् को घटाकर 10Ω कर देता है और विभवमापी के अंतिम ;चैथेद्ध खण्ड में शून्य विक्षेप बिन्दु प्राप्त कर लेता है। दूसरे प्रकरण में विभवमापी के तार का प्रतिरोध् तथा तार के सिरों पर विभवपात प्रति ज्ञ1 एकांक लम्बाइर् ज्ञात कीजिए। चित्रा 3ण्9 3ण्31 ;पद्ध चित्रा 3ण्10 के परिपथ पर विचार कीजिए। शून्य धरा की आरम्िभक अवस्था से त्त्र 6 अपवाह वेग की स्िथति तक ;तापीय गति की उपेक्षा करते हुएद्ध इलेक्ट्राॅनों द्वारा प् कितनी उफजार् अवशोष्िात की जाती है? प् ;पपद्ध इलेक्ट्राॅन, तापीय उफजार् को प्रति सेकण्ड त्प्2 की दर से उफजार् प्रदान करते हैं। प्रश्न ;पद्ध में उफजार् के साथ आप क्या समय स्केल संब( करेंगे? द त्र प्रति आयतन ट त्र 6ट इलेक्ट्राॅनों की संख्या त्र 1029ध्उ3ए परिपथ की लम्बाइर् त्र 10 बउए अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रापफल त्र । त्र ;1उउद्ध2 चित्रा 3ण्10 22