Aas-Paas

भारत में प्रयोग किए जाते हैं। 15 यादें दादाजी की मेरे दादा - परदादा सभी सँपेरे थे। हमारी िांदगी साँपों से ही जुड़ी रही। वंफध्े पर काँवड़ जैसी पिटारी लटकाए, हम एक गाँव से दूसरे गाँव घूमते। हम जहाँ भी जाते, हमें देखकर लोगों की भीड़ इकऋी हो जाती। पिफर हम पिटारी में रखी बाँस की टोकरी में से निकालते अपने प्यारे साँप! साँपों का नाच देख लेने के बाद भी लोग वहीं रुके रहते। उन्हें पता होता कि हमारे टिन के डिब्बे में लोगों के कइर् रोगों की दवा होगी। ये सभी जड़ी - बूटियाँ हम जंगल से इकऋी करते। मैंने भी यह सब अपने दादाजी से सीखा। मुझे अच्छा लगता कि जहाँ डाॅक्टर नहीं है, वहाँ भी मैं अपनी दवाइयों से लोगों की वुफछ मदद कर पाता। दवाइयों के बदले लोग हमें कभी अनाज दे देते, तो कभी पैसे। बस इसी तरह गुशर - बसर हो जाती। कइर् बार मुझे ऐसे घरों में भी बुलाया जाता, जहाँ किसी को साँप ने काटा हो। तब मैं साँप के डंक के निशान से यह जानने की कोश्िाश करता कि किस साँप ने काटा है। उसे मैं साँप के काटने की दवा देता। पर मैं हमेशा समय पर नहीं पहुँच पाया हूँ। जानते हो न, वुफछ साँप ऐसे भी होते हैं, जिनके काटते ही जान चली जाती है। पर श्यादातर साँप शहरीले नहीं होते। कभी - कभी जब कोइर् किसान फ्साँप - साँपय् चिल्लाता हुआ भागा आता, तब मैं ही उस साँप को पकड़ता। आख्िारकार, मैं बचपन से ही साँप पकड़ना जानता हूँ। 16 आस - पास वे बहुत बढि़या दिन थे। लोगों की हम बहुत मदद कर पाते थे। लोग भी हमारी बहुत इज्शत करते थे। आजकल की तरह नहीं था। अब तो मनोरंजन के लिए श्यादातर लोग टी.वी. देखते हैं। जब मैं बड़ा हुआ तो मेरे पिताजी ने मुझे साँप के डसने वाले दाँत निकालने सिखाए। बताओ ऽ क्या तुमने कभी किसी को बीन बजाते देखा है? कहाँ? ऽ क्या तुमने कभी साँप देखा है? कहाँ? ऽ क्या तुम्हें उससे डर लगा? क्यों? ऽ तुम्हें क्या लगता है, सभी साँप शहरीले होते हैं? ऽ तुमने पिछले पाठ में पढ़ा कि साँप के बाहरी कान नहीं होते। सोचो, क्या वह बीन की ध्ुन सुन पाता होगा या पिफर बीन के हिलने से ही वह नाचता होगा? आयर्नाथ! तुम्हारे पिताजी बहुत छोटी उम्र से ही मेरे साथ गाँव - गाँव घूमा करते थे। उन्होंने बीन बजाना अपने - आप ही सीख लिया था। आज की सोचूँ तो बहुत परेशानी होती है। सरकार ने कानून बना दिया है कि न तो कोइर् जंगली जानवरों को पकड़ सकता है और न ही उन्हें अपने पास रख सकता है। वुफछ लोग जानवरों को मारते हैं और उनकी खाल उँफचे दामों में बेचते हैं। इसीलिए ऐसा कानून बनाया गया। पर ऐसे कानून बनाने से हमारी रोशी - रोटी का क्या होगा? हम सँपेरों ने कभी भी साँपों को नहीं मारा, न ही कभी उनकी खाल बेची। वुफछ लोग कहते हैं कि हम साँपों को बुरी हालत में रखते हैं। चाहते तो हम भी साँपों को मारकर खूब पैसा कमा सकते थे। तब हमारी िांदगी इतनी मुश्िकल भरी न होती। साँपों को मारने की बात तो दूर, ये तो हमारी पूँजी हैं जो हम अपनी आने वाली पीढ़ी को सौंपते हैं। साँपों को तो हम अपनी बेटियों को शादी में तोहप़्ोफ के रूप में भी देते हैं। हमारे कालबेलिया नाच में भी साँप जैसी मुद्राएँ होती हैं। आयर्नाथ, तुम्हें अपने लिए अलग तरह की िांदगी सोचनी पड़ेगी। तुम भी अपने पिताजी की तरह बीन बजाने में माहिर हो। तुम अपने साथ्िायों के साथ मिलकर एक बीन पाटीर् बनाकर लोगों का मनोरंजन कर सकते हो। पर तुम पीढि़यों से मिले साँपों के इस ज्ञान को व्यथर् न गँवाना। तुम शहरों और गाँवों के बच्चों को बताना कि साँपों से न तो डरने की शरूरत है और न ही नप़्ाफरत करने की। उन्हें सिखाना कि वैफसे शहरीले साँपों को पहचानना है। उन्हें यह भी बताना कि साँप तो किसान के दोस्त हैं। साँप न हों तो खेतों में प़्ाफसलों को चूहों से कौन बचाएगा? अब तुम उन सभी बच्चों को मेरी यह कहानी सुनाना। अपनी िांदगी की एक नइर् कहानी भी बनाना, अपने पोते - पोती को सुनाने के लिए। लिखो ऽ क्या तुमने कभी जानवरों के खेल या नाच होते देखे हैं? जैसेμ सरकस में, सड़क पर, पावर्फ में। - कब और कहाँ देखा? - किस जानवर का खेल देखा? ऽ जानवरों के प्रति लोगों का क्या व्यवहार था? ऽ क्या कोइर् जानवर को परेशान भी कर रहा था? वैफसे? ऽ वह खेल देखकर तुम्हारे दिमाग में किस - किस तरह के सवाल उठे? मान लो, तुम एक जानवर हो, जो वैफद में है। अब तुम इन वाक्यों को पूरा करो। ऽ मुझे डर लगता है जब ऽ मेरी इच्छा है कि मैं ऽ मैं उदास होता हूँ जब ऽ अगर मुझे मौका मिलता तो मैं ऽ मुझे यह बिल्वुफल भी पसंद नहीं कहानी सँपेरों की 19 क्या तुम जानते हो? हमारे देश में पाए जाने वाले साँपों में से केवल चार तरह के साँप ही शहरीले होते हैं। ये हैंμनाग, करैत, दुबोइर्या, अपफाइर्।़ साँप जब किसी को काटता है, तो उसके दो खोखले शहर वाले दाँतों से उस व्यक्ित के शरीर में शहर चला जाता है। इस शहर से बचने का एक ही उपाय है कि जिस व्यक्ित को साँप ने काटा है, उसे तुरंत शहर के असर को खत्म करने वाली दवाइर् ;सीरमद्ध दी जाए। यह सीरम साँप के शहर से ही बनाया जाता है और सभी सरकारी स्वास्थ्य वेंफद्रों में मिलता है। करैत दुबोइर्या लिखो ऽ सँपेरों के अलावा और कौन - कौन लोग अपनी रोशी - रोटी के लिए जानवरों पर निभर्र होते हैं? सवेर्μजानवर पालने वालों का अपने स्वूफल या घर के आस - पास वुफछ ऐसे लोगों से बात करो, जिन्होंने अपनी रोशी - रोटी के लिए कोइर् जानवर पाला हो। जैसेμताँगे के लिए घोड़ा, अंडों के लिए मुगिर्याँ, आदि। ऽ कौन - सा जानवर है? ऽ कितने जानवर पाले हैं? ऽ क्या जानवरों को रखने के लिए अलग जगह है? 20 आस - पास ऽ उनकी देखभाल कौन करता है? ऽ वे क्या खाते हैं? ऽ क्या कभी जानवर बीमार भी पड़ते हैं? तब पालने वाला क्या करता है? ऽ इसी तरह अपने मन से और प्रश्न भी पूछो। ऽ अपने इस सवेर् की रिपोटर् तैयार करो और कक्षा में पढ़कर सुनाओ। कहानी सँपेरों की 21

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