Samajik Evam Rajnitik Jivan

इकाइर्.प्प् लोकतंत्रा में एक काटूर्निस्ट का काम है कि वह काटूर्नों के शरिए अपने अध्िकारों का प्रयोग आलोचना करने, व्यंग्य करने तथा राजनेताओं की गलतियों को ढूँढने के लिए करे - आरकेलक्ष्मण अध्याय 3 आपने ‘सरकार’ शब्द का िाक्र कइर् बार सुेेआप ना हागा। इस पाठ मं यह पढंे़गी कि सरकार क्या है और यह हमारे जीवन मंेकितनी महत्त्वपणूर् सरकार भूेक्या करती हैंे निणर्य कैसे लती है?ं मिका निभाती है। सरकारं ? वेअलग - अलग तरह की सरकारांे, जैसे लोकतांत्रिाक सरकार एवं राजतंत्राीय क्या है? सरकार वेंतर है? चलिए, पढ़ कर पता लगाते हैं फ बीच क्या अ ह होती है। ये निणर्य कइर् विषयों से संबंध्ित हो सकते हैं - सड़कें और स्कूल कहाँ बनाए जाएँ, बहुत श्यादा महँगी हो जाने पर किसी चीश के दाम कैसे घटाए जाएँ अथवा बिजली की आपूतिर् को कैसे बढ़ाया जाए। सरकार कइर् सामाजिक मुद्दों पर भी कारर्वाइर् करती है। उदाहरण के लिए सरकार गरीबों की मदद 32 ध् सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन करने के लिए कइर् कायर्क्रम चलाती है। इनकेअलावा वह अन्य महत्त्वपूणर् काम भी करती है, जैसे डाक एवं रेल सेवाएँ चलाना। सरकार का काम देश की सीमाओं की सुरक्षा करना और दूसरे देशों से शांतिपूणर् संबंध् बनाए रखना भी है। उसकी िाम्मेदारी यह सुनिश्िचत करना है कि देश के सभी नागरिकों को पयार्प्त भोजन और अच्छी स्वास्थ्य सुविधएँ मिलें। जब प्राकृतिक विपदा घेरती है, जैसे सुनामी या भूवंफप, तो मुख्य रूप से सरकार ही पीडि़त लोगों कीे सहायता करती है। अगर कहीं कोइर् विवाद होता है या कोइर् अपराध् करता है तो लोग न्यायालय जाते हैं। न्यायालय भी सरकार का ही अंग है। शायद आपको यह जानकर अचरज हो रहा होगा कि सरकार इतना सब कुछ कैसे कर पाती है और सरकार के लिए इन कामों को कुछ उदाहरण जो सरकार के अंग हैं - सवोर्च्च न्यायालय, भारत पेट्रोलियम, भारतीय रेल क्या आप सरकार के ऐसे कुछ और कामों के उदाहरण दे सकती हैं जिनकी चचार्ऊपर नहीं की गइर् है? 1ण् 2ण् 3ण् करना क्यों शरूरी है। जब लोग इकऋे रहते हंै और काम करते हैं तो कुछ हद तक एक व्यवस्था की शरूरत होती है जिससे आवश्यक निणर्य लिए जा सकें। कुछ नियमों की शरूरत होती है जो सब पर लागू हांे। उदाहरण के लिए संसाध्नों के नियंत्राण और देश की सीमा की सुरक्षा की शरूरत होती है ताकि लोग सुरक्ष्िात महसूस कर सकें। लोगों के लिए सरकार कइर् तरह के काम करती है। वह नियम बनाती है, निणर्य लेती है और अपनी सीमा में रहने वाले लोगों पर उन्हें लागू करती है। सरकार के स्तर अब आपको पता है कि सरकार कितनी सारी अलग - अलग चीशों के लिए िाम्मेदार है तो क्या आप सोच सकती हैं कि सरकार ये सारे इंतज़ाम कैसे करती होगी? दरअसल सरकार अलग - अलग स्तरों पर काम करती है - स्थानीय सरकार क्या है? ध् 33 स्तर पर, राज्य के स्तर पर एवं राष्ट्रीय स्तर पर। स्थानीय स्तर का मतलब आपके गाँव, शहर या मोहल्ले से है। राज्य स्तर का मतलब है जो पूरे राज्य कोे ध्यान में रखे, जैसे हरियाणा या असम की सरकार पूरे राज्य में काम करती है। राष्ट्रीय स्तर की सरकार का संबंध् पूरे देश से होता है। इस किताब में आप आगे चलकर पढ़ेंगी कि स्थानीय सरकार कैसे काम करती है और आगे की कक्षाओं में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सरकार के कामों के बारे में जानेंगी। 34 ध् सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन स्थानीय राज्य राष्ट्रीय हरियाणा सरकार का सारे किसानों को मुफ्ऱत बिजली देने का निणर्य पश्िचम बंगाल की सरकार का सारे सरकारी स्कूलों में कक्षा 8 में बोडर् की परीक्षा लेने का निणर्य गाँव में एक सावर्जनिक कुएँ के स्थान को चुनने का निणर्य जम्मू एवं भुवनेश्वर के बीच में नइर् रेल सेवाएँ शुरू करने का निणर्य पटना में बच्चों के लिए बड़ा - सा पाकर् बनाने का निणर्य भारतीय सरकार का रूस के साथ मैत्राी संबंध् बनाने का निणर्य 1000 रुपये का नया नोट शुरू करने का निणर्य सरकार एवं कानून सरकार कानून बनाती है और देश में रहने वाले सभी लोगों को वे कानून मानने होते हैं। केवल यही वह तरीका है जिससे सरकार काम कर सकती है। सरकार के पास जैसे कानून बनाने की ताकत होती है वैसे ही यह ताकत भी होती है कि लोगों को कानून मानने के लिए बाध्य करे। उदाहरण के लिए एक कानून है कि गाड़ी चलाने वाले के पास लाइसेंस होना चाहिए। अगर कोइर् लाइसेंस के बिना गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाए तो उसे जेल की सशा काटनी पड़ती है या जुमार्ना भरना पड़ता है। किसी दूसरे कानून को लेकर यह विचार कीजिए कि लोगों के लिए उसे मानना क्यों शरूरी है। सरकार जो कारर्वाइर् कर सकती है, उसके अलावा अगर लोगों को लगे कि किसी कानून का ढंग से पालन नहीं हो रहा है तो वे भी कुछ कदम उठा सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर किसी व्यक्ित को यह लगे कि उसको उसके ध्मर् या उसकी जाति के कारण किसी नौकरी में नहीं लिया गया तो वह न्यायालय जा सकती है और यह दावा कर सकती है कि कानून का पालन नहीं हो रहा है। तब न्यायालय आदेश देगा कि क्या कदम उठाने की शरूरत है। सरकार के प्रकार सरकार को निणर्य लेने और कानूनों का पालन करवाने यानी उन्हें बाध्य बनाने की शक्ित कौन देता है? इस प्रश्न का उत्तर इस बात पर निभर्र करता है कि उस देश में कैसी सरकार है। सरकार क्या है? ध् 35 लोकतंत्रा में तो लोग ही सरकार को यह शक्ित देते हैं। लोग ऐसा चुनाव के माध्यम से करते हैं। वे अपनी पसंद के नेता को वोट देकर चुनते हैं। एक बार चुन लिए जाने के बाद यही लोग सरकार बनाते हैं। लोकतंत्रा में सरकार को अपने निणर्यों एवं उठाए गए कदमों का आधर बताना होता है और सपफाइर् देनी होती है। एक दूसरी तरह की सरकार होती है जिसे राजतंत्राीय सरकार कहते हैं। इसमें राजा या रानी के पास निणर्य लेने और सरकार चलाने की शक्ित होती है। राजा के पास सलाहकारों का एक छोटा - सा समूह होता है जिससे वह विभ्िान्न मुद्दों पर चचार् कर सकता है। अंतिम निणर्य लेने की शक्ित उसी के पास रहती है। लोकतंत्रा के समान राजतंत्रा में राजा या रानी को अपने निणर्य के आधर नहीं बताने पड़ते और न ही अपने निणर्यों की सप़फाइर् देनी पड़ती है। 36 ध् सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन लोकतांत्रिाक सरकार भारत एक लोकतंत्रा है। इस लोकतांत्रिाक व्यवस्था को पाने के लिए हमने लंबी लड़ाइर् लड़ी है। संसार में और भी कइर् देश हैं जहाँ लोगों ने लोकतंत्रा लाने के लिए संघषर् किएहैं। ऊपर बताया जा चुका है कि लोकतंत्रा की मुख्य बात यह है कि लोगों के पास अपने नेता को चुनने की शक्ित होती है। इसलिए एक अथर् में लोकतंत्रा लोगों का ही शासन होता है। लोकतंत्रा में मूलभूत विचार यह है कि लोग नियमों को बनाने में भागीदार बनकर खुद ही शासन करें। आज के समय में लोकतांत्रिाक सरकार को प्रायः प्रतिनिध्ि लोकतंत्रा कहते हैं। प्रतिनिध्ि लोकतंत्रा में लोग सीध्े भाग नहीं लेते हैं, बल्िक चुनाव की प्रिया के द्वारा अपने प्रतिनिध्ि को चुनते हैं। ये प्रतिनिध्ि मिलकर सरकार क्या है? ध् 37 सारी जनता के लिए निणर्य लेते हैं। आजकल कोइर् भी सरकार अपने आपको तब तक लोकतांत्रिाक नहीं कह सकती जब तक वह देश के सभी वयस्क नागरिकों को वोट देने का अध्िकार न दे। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं था। क्या आप विश्वास कर सकती हैं कि एक समय ऐसा था जब लोकतांत्रिाक सरकारें औरतों और गरीबों को चुनाव में भाग नहीं लेने देती थीं? अपने शुरुआती दौर में सरकारें केवल उन्हीं पुरुषों को वोट देने देती थीं जो पढे़ - लिखे थे और जिनकेपास अपनी संपिा होती थी। इसका मतलब था कि औरतों, गरीबों और अश्िाक्ष्िातों को वोट देने का अध्िकार नहीं था। ऐसी स्िथति में देश उन्हीं नियमों के सहारे चलते थे जो ये गिने - चुने पुरुष बनाते थे। भारत में आशादी से पहले बहुत ही कम लोगों को वोट देने का अध्िकार था। इसीलिए जनता ने संगठित होकर इस अध्िकार की माँग की। गाँध्ीजी समेत कइर् नेताओं ने इस अन्यायपूणर् व्यवहार का विरोध् किया। उन्होंने भी शोर - शोर से यह माँग उठाइर्। 1931 में यंग इंडिया पत्रिाका में लिखते हुए गाँध्ीजी ने कहा था, फ्मैं यह विचार सहन नहीं कर सकता किजिस आदमी के पास संपिा है वह वोट दे सकता है, लेकिन वह आदमी जिसके पासचरित्रा है पर संपिा या श्िाक्षा नहीं, वह वोट नहीं दे सकता या जो दिनभर अपना पसीना बहाकर इर्मानदारी से काम करता है वह वोट नहीं दे सकता क्योंकि उसने गरीब आदमी होने का गुनाह किया है।’’ संसार में कहीं भी सरकारों ने स्वेच्छा से अपनी शक्ित लोगों के साथ नहीं बाँटी है। पूरे यूरोप और अमरीका में महिलाओं और गरीबों को सरकार के कायो± में भागीदारी के लिए संघषर् करना पड़ा। महिलाओं द्वारा मताध्िकार के लिए किए गए संघषर् ने प्रथम विश्व यु( के दौरान और मशबूती पकड़ी। इस आंदोलन को महिला मताध्िकारआंदोलन कहते हैं और अंग्रेशी में इसे ‘सÚेजमूवमेंट’ कहते हैं। ‘सÚेश’ का मतलब होता है वोट देने का अध्िकार। यु( के दौरान बहुत - से पुरुष लड़ाइर् में थे, इसीलिए महिलाओं को उन कामों को करने के लिए बुलाया गया जो पहले पुरुषों के काम माने जाते थे। जब महिलाओं ने विभ्िान्न प्रकार के काम और उनकी व्यवस्था करना शुरू किया तो लोगों को यह देखकर बड़ा आश्चयर् हुआ कि उन्होंने महिलाओं और उनकी क्षमताओं के बारे में क्यों इतनी गलत रूढि़ब( धरणाएँ बना रखीं थीं कि महिलाएँ ये काम नहीं कर सकतीं। इस तरह महिलाओं को निणर्य लेने में समान रूप से योग्य माना जाने लगा। महिला मताध्िकार आंदोलन की साथ्िायों ने सभी महिलाओं के लिए वोट देने के अध्िकार की माँग की। उनकी आवाश सुनी जाए, इसके लिए उन्होंने जगह - जगह पर अपने आपको लोहे की शंजीरों से बाँध्कर प्रदश्र्ान किया। उनमें से कइर् क्रांतिकारी महिलाएँ जेल गईं और भूख हड़ताल पर बैठीं। अमरीका में औरतों को वोट देने का अध्िकार 1920 में मिला, जबकि इंग्लैंड की औरतों को यह अध्िकार वुफछ सालों बाद 1928 में मिला। 38 ध् सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन अभ्यास 1आप ‘सरकार’ शब्द से क्या समझती हैं? एक सूची बनाइए कि किस तरह से सरकार आपके जीवन को प्रभावित करती है। 2सरकार को कानून के रूप में सबके लिए नियम बनाने की क्या शरूरत है? 3लोकतांत्रिाक सरकार के आवश्यक लक्षण क्या हैं? 4महिला मताध्िकार आंदोलन क्या है? उसकी उपलब्िध् क्या थी? 5गांध्ीजी का दृढ़ विश्वास था कि भारत में हरएक वयस्क को वोट देने का अध्िकार मिलना चाहिए। लेकिन बहुत सारे लोग उनके विचारों से सहमत नहीं हैं। बहुत लोगों को लगता है कि अश्िाक्ष्िात लोगों को, जो ज़्यादातर गरीब हैं, वोट देने का अध्िकार नहीं मिलना चाहिए। आपका क्या विचार है? क्या आपको लगता है कि यह भेदभाव का एक रूप होगा?

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