
नगर प्रशासन एक गाँव के मुकाबले शहर श्यादा बड़ा और अध्िक पफैला हुआ होता है। शहर की गलियाँ श्यादा चैड़ी होती हैं, यहाँ के बाशारों में श्यादा भीड़ - भाड़ होती है। पानी और बिजली की सुविधएँ होती हैं, अस्पताल होते हैं। यहाँ बहुत श्यादा वाहन होते हैं और यातायात को नियंत्रिात करना पड़ता है। क्या आपने कभी सोचा है कि यह सब इतने सुचारु रूप से कैसे चलता है, कौन - सी संस्था इन सबके लिए िाम्मेदार होती है? कैसे निणर्य लिए जाते हैं? कैसे योजनाएँ बनाइर् जाती हैं? कौन लोग हैंजो यह सारा काम करते हैं? आइए, उत्तर ढूँढ़ने की कोश्िाश करते हैं। इ जहाँेेिवेेल रहे गीर और रहाना गली मं फट खथेंबड़ेें । शकर ना अच्छा आवर पफका था और हाना आउट हाततहाना वफ रेे - होेे बची थी। रेेआउटनहोे ेशंे नसकर हताश हारहा था। इसीलिए उसने इस उम्मीद से कि वह कैच आउट हो जाएगी एक शाटर् बाॅेक दी। हु ल पफंआ उल्टा ही। रेे ेे ुमाया हाना नइतनी तशी सबल्ला घकि गंेद ऊपर गइर् और गली की ट्यूबलाइट टूट गइर्।रेें हाना चिल्लाइर्, फ्अर! यह मैनक्या कर गेद से गली की ट्यूट जाएगी तो तमु ंबलाइट टूआउट मानी जाओेनही तब शकर गी।य् तीनां े ंको विकेट की चिंता छाडे़ने वे फ लिए कहा क्योकि जाहुे उस बारमेश्यादा चिं ंेआवें तित और परेे रहे थे शान हा। पिछले हफ्ऱते उनसे निमर्ला मौसी की ख्िाड़की टट गइर् थी जिसको े ूे बदलनवफ लिए अपने ेेसेपैसेदनपड़े जब - खचर् मं ेे े थ। क्या बारा जब - खचर् मे ेे ेगेअबदोेंसपैसेदनपड़ं? और ये पैसे दंेगे किसको? गली की ट्यूबलाइट बदलता कौन है? माला का घर सबसे पास था। चारांेभाग कर माला के घर गए और उसकी माँ को सब कुु छ बता दिया। सारी बात सनकर माला की माँ े ेंइसबारेमं ु नकहा कि उन्हेकछ खास तोंू पता नही, बस यही मालम है कि यह नगर निगम की िाम्मेेती है। उन्हांे सझाया, दारीहोनु फ्यास्मीन खाला से ूे पछना चाहिए, वहाल ही मेनगर निगम से सवानिवृइर् है। जाआ ं ेत्तहुंे उनसेूे ु पछ लाऔर माला, तम जल्दी घर वापस आना।य् यास्मीन खाला उसी गली मंेरहती थीं और माला की माँ से उनकी बहुे त अच्छी दास्ती भी थी। चारांेदौड़कर खाला के घर पहुँचे और जैसे ही उन्होनदरवाजा खोे एक साथ परा ंेलावूकिस्सा सुे लगेु नान। उनका सवाल सनकर यास्मीन खाला बडे़जोर से हँस पड़ीं और बों, फ्काइर् एक व्यक्ित नहीे ु लीेंहैजिसकातम पैसादेसकते े।एकबहतबडंे हाु़ी सस्था हाती है जिसको नगर निगम कहते हैं। यह सड़कांेपररोू़े शनी की व्यवस्था, कडा इकऋा करन, पानी की सुे और सड़े विध उपलब्ध् करानकां व बाशारांेकी सप़फाइर् का काम करती है।य् मालाबोँँंेनगरनिगमवे ली, फ्हा - हा, मैनफ ं ुंे ेडर्दख बारे मेसना है। मैनशहर मं बोेे हैं जो गारिया वे नगर निगम द्वारा लोें को मलेफ बारे में बताने के लिए लगाए जाते है।य् ं खाला बों, फ्तम बिल्क लीुलसहीकहरही ुहोु । नगर निगम का काम यह सनिश्िचत करना भी है कि शहर मेबीमारियान पफैलंू ं ँ ।यहस्केल स्थापित करता है और उन्हंेचलाता है। शहर मंेदवाखाने और अस्पताल चलाता है। यह बाग - बगीचों का रख - रखाव भी करता है।य् उन्होनंे आगे जाडे़ा, फ्हमारा पुणे शहर बहुत ही बडा़शहर है और यहाँ नगर प्रशासन चलाने वाले ंेनगरनिगमकहते ंेे सस्थान काहै। छाटकस्बों में इसे नगर पालिका कहते हैं।य् क्या आप नगर पालिका के कायो± की सूची बनाने में शंकर की मदद कर सकती हैंः 1 2 3 4 निगम पाषर्ं ्रर् द एवपशासनिक कमचारी झी उत्सफ्यास्मीन खाला, मुे बड़ुकता हो रही है कि यह पफैसला लेता कौन है कि पाकर् कहाँ बनाया जाए? जब आप नगर निगम में काम करती थीं तो क्या एसेे मशदार निणर्य भी लेनेे पड़तथेेे पूछा। े ?य् रहाना नखालाने ंरेंतो जवाब दिया, फ्नहीहाना, मैनिगमवेेंथी,बस फ लखा विभाग ;एकाउटद्ध मलोगों की मासिक तनख्वाह की पचिर्याँ बनाती थी। चूकि शहर का आकार बहुा हाता है, ँतबड़ेइसलिए नगर निगम को कइर् निणर्य लेने होते हैंे़ेे । इसी तरह शहर कासापफ रखनवफ लिए बहु़ त काम करना पडता है। श्यादातर निगम पाषर्द ही यह निणर्य लतेे हैं कि अस्पताल या पावर्फ कहाँ े बनगा।य् शहरको ेमं ँ अलग - अलग वाडा± ेबाटा जाता हैऔरहरवाडर्से ुे एक पाषर्द का चनाव हाता है।नगरनिगमवेुेे ेतंजो फ कछ निणर्य एसहो हैशहर काप्रभावित करत। एस सारे े ेहैंेेजटिल निणर्य पाषर्दोवेह द्वारा लिए जातहै। कु ंफसमूें छ पाषर्द मिलकर समितियाँ बनाते हैं जो विभ्िान्न मद्दाुें पर विचार - विमशर् करके निणर्य लें - ती हैउदाहरणस्वरूप एक बस स्टैंे े ड काबहतर बनाना है या किसी भीड़भाड़ वाले बाशार का कचरा श्यादा नियमित रूप से साप़फ करना है या पिफर शहरवेुे ़ेे फ मख्य नालकी सपफाइर् हानी है। पाषर्दां की समितियाँ ही पानी, कचरा जमा करने और सड़ेपर रो कां शनी आदि की व्यवस्था करती हैं। नगर प्रशासन ध् 67 निम्नलिख्िात वाक्यों के खाली स्थान भरिए: ’ पंचायत के चुने हुए सदस्यों को कहते हैं। ’ शहर विभ्िान्न में बँटा हुआ होता है। ’ नगर निगम के चुने हुए सदस्यों को कहते हैं। ’ पाषर्दों के समूह उन मुद्दों पर काम करते हैं जो को प्रभावित करते हैं। ’ पंचायत और नगर पालिका के चुनाव प्रत्येक वषर् में होते हैं ’ पाषर्द अगर निणर्य लेते हैं तो आयुक्त के नेतृत्व में दफ्रतर के प्रशासनिक कमर्चारी उन निणर्यों । जब एक वाडर् के अंदर की समस्या होती है तो वाडर् के लोग पाषर्द से संपवर्फ कर सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर बिजली के खतरनाक तार लटक कर नीचे आ जाएँ तो स्थानीय पाषर्द बिजली विभाग के अध्िकारियों से बात करने में मदद कर सकते हैं। जहाँ पाषर्दों की समितियाँ एवं पाषर्द विभ्िान्न मद्दाुंेपर निणर्य लनेे का काम करते हैं। वहीं उन्हंेलागू करने का काम आयुक्त ;कमिश्नरद्ध और प्रशासनिक कमर्चारी करते है।ंआयुेकी सरकार क्त और प्रशासनिक कमर्चारियां द्वारा नियु क्ित की जाती है, जबकि पाषर्द निवार्चित हातेे है।ंफ्तो नगर निगम मंेये निणर्य लिए कैसे जातेंेूें है?य् रहाना नपछा। वह कभी साचना बद ही नहीं करती। बच्चोवेंसे ुेतहु ं फ सवालोखश हो ए यास्मीन खालाने े ेवे जवाब दिया, फ्सारवाडा± फ पाषर्द मिलते हैं और सबकी सम्िमलित राय से एक बजट बनाया जाता है। उसी बजट वेु फ अनसार पैसा खचर् किया जाता है। पाषर्द यह प्रयास करते हैं कि उनवेें परिषद् वफ फ वाडर् की विश्िाष्ट शरूरतेसामने रखी जा सवफें। पिफर ये निणर्य प्रशासनिक कमर्चारियांेद्वारा ियान्िवत किए जाते है।य्ंखाला बड़ुं क्योकि किसी बडे ी खश थीं़व्यक्ित ने ेआजतकउनवेेे ेपछा ताफकामवफबारमं ू नगर निगम को पैसा कहाँ से मिलता है? इतने सारे काम करने के लिए बहुत सारा पैसा चाहिए। निगम यह राश्िा अलग - अलग तरीकों से इकऋा करता है। इस राश्िा का बड़ा भाग लोगों द्वारा दिए गए कर ;टैक्सद्ध से आता है। कर वह राश्िा है जो लोग सरकार द्वारा उपलब्ध् कराइर् गइर् सुविधओं के लिए सरकार को देते हैं। जिन लोगों के अपने घर होते हैं उन्हें संपिा कर देना होता है और साथ ही पानी एवं अन्य सुविधओं के लिए भी कर देना होता है। जितना बड़ा घर उतना श्यादा कर। निगम के पास जितना पैसा आता है उसमें संपिा कर से केवल 25 - 30 प्रतिशत पैसा ही आता है। श्िाक्षा पर भी कर लगता है। अगर आप किसी दुकान या होटल के मालिक हैं तो उस पर भी कर देना पड़ता है। अगली बार जब आप सिनेमा देखने जाइएगा तो टिकट पर ध्यान से देख्िाएगा, हमें मनोरंजन के लिए भी कर देना पड़ता है। इस तरह अमीर लोग संपिा कर देते हैं, वहीं जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा सामान्य तरह के कर अध्िक देता है। नहीं था। बच्चांेके सवालों ने उन्हंेअपने अनुँे का एक मौका दिया था। भव बाटन शंे़ुेू कर नबडी उत्सकता सपछा, फ्अपना शहर तो इतना बड़ेेफ ा है। इसकी दखभाल वलिए बहुलोंकीज़़ेगी! त गोरूरत पडती हाखाला, तब तो नगर निगम में ढेर सारे लोग काम करते हांेगे?य् वह अब तक िकेट के मैच और अपने अध्ूरे ओवर की बात बिल्वुफल भूु ल चका था। फ्दरअसल शहर मंेकाम को अलग - अलग विभागोमं बाँेे ं । जैसे े ं ेट दतहैजल विभाग हाता है, कचरा जमा करने का विभाग, बागों की देका विभाग, सडक व्यवस्था का खभाल ़विभाग इत्यादि। मैनगर - निगम वेर् ं फ सपफाइविभाग में थी, उसी के लेखा विभाग मंेहिसाब - किताब का काम करती थी।य् खाला बडे़इत्मीनान से बता रहीं थीं। पिफर बच्चों वफेखाने ेेे ेचलपड़ं वफ लिए रसाइर् सकबाब लानी। गीर नइर् मं ़ - खडतअपन जहाँे रसोेखडे़े ेशी से े कबाब खा लिए, पिफर उफची आवाश मँें वहीं से बोास्मीन खाला, नगर निगम जिस ला, फ्यवफडूे़ - कचरे को इकट्ठा करता है वह जाता कहाँ है?य् बाकी बच्चे अभी कबाब खा ही रहे थे। यास्मीन खाला ने बताना शरू किया, फ्इसुसवाल का जवाब बड़ा मशेदार है। जैसा कि तमुजानते हो कचरा लगभग हर गली में ही पैफला रहता है। पहले े पड़े हमारास का भी यही हाल था, चारां फड़फडे ेतरपफ वूा पफैला रहता था। अगर वू़को òेा न जाए तो मक्िखयाँ इकट्टा करवफ हटायभ्िानभ्िानाती रहती हैं और आस - पास वुफत्तोंहांे , चू नगर प्रशासन ध् 69 का जमावडा हा़े जाता है। लोू सबीमार ग इसकी बदबे भी पड़ जाते हैं । एक और बुां री बत यह थी कि बच्चोने गली मंेिवेेलना फट खछोड़ दिया था क्योकि उनवंेफ घरवालांेको यही डर लगा रहता था कि गली में अध्िक समय रहने से बच्चे बीमार न पड़ जाएँ। लोगांेका विरोध् यास्मीन खाला ने अपनी बात जारी रखी, फ्मोे हल्लकी औरतंेइन सबसे बड़ी नाराश थींे सलाह लेे ।वनमेरे पास भी आईं। मैनंे उन्हें कहा कि मैं विभाग के किसी अध्िकारी से इस मामले मेबात करनकी कोगी। मगर ं े श्िाश करूँमैं भी निश्िचत तौर पर यह बात नहीं कह सकती थी कि इसमंेकितना समय लगेगा। इस परगंे ेअपनवाडर्वफ गाबाइर् नबताया कि हमं े ेपाषर्द वेे े फ पास इस समस्या कालकर जाना चाहिए, आख्िार वोेे े ु ट दकर उसहमनचना है। उसवेे ेविरो फ सामनहमं ध् प्रदशर्न करना चाहिए। गंे महिलाओवेटसमह गाबाइर्नं फएकछोे ूकोइकट्टòेुँ। ा किया और पाषर्द वफ घर पहच गईंसभी औरतें घर वफ सामनेे जाकर नारे लगाने लगीं ेे तब पाषर्द घर वफ बाहर निकलऔर उन्हांेने उनकी समस्या के बारे में पछा। गूंर् गाबाइने े मोे की खराब हालत बयान की। अपनहल्लपाषर्द ने उन महिलाआंेसे वादा किया कि वे अगले दिन उनवफ साथ आयुे मिलने ेक्त सजाएँेेनगंेमोेवफे ग। साथ ही उन्हांे गाबाइर् काहल्लसारे वयस्कों से एक अशीर् पर दस्तखत करवाने वेेेे फ लिए कहा। अशीर् यह थी कि उनवफ माहल्लसे कचरा उठाने की नियमित व्यवस्था की जाए। उन्हों सुुक्त से नझाव दिया कि कल आयमिलने जाते समय स्थानीय सपफाइर् अभ्िायता ंयानी इंे े जाना अच्छा जीनियर काभी साथ लरहेइससपफायदा होक्योकि ़र् गा। े़गा ंसपफाइअभ्िायंुे े ता भी आयक्त काबता सवफगा कि हालत कितनी ख़राब है। उस दिन परी ूशाम बच्चे घर - घर का चक्कर लगाते रहे ताकि अशीर् पर श्यादा से श्यादा परिवारोवफ लों े ं ेगोवफ दस्तखत लिए जा सवेंुुबडीसंे फ। अगली सबह बहत ़ख्या मं महिलाएँ, पाषर्द और सपंे ़फाइर् अभ्िायता वफ साथ नगर निगम वे़तर गईं। आयक्त पुरे ू फ दफ्रूसमह से ेे बहाना बनाने लगे कि नगर मिल, पर वनिगम वेंट्रक उपलब्ध् फ पास पयार्प्त सख्या मं नहीं ं। गगाबाइर् ने े े हैंतपाक सकहा, फ्लकिन लगता है कि आपवेें फ पास अमीर इलाकासे कचराउठाने ेूे ªकहै वफलिएपरट।य् ंजहाँे झट से कहा, फ्इससे ुक्त गीर नआय का तो मुह ही बँद हांे गया होगा।य् फ्और नहीं तो क्या! उसने प़फौरन इं तशाम करनेेे वफ लिए कहा।य् यास्मीन खाला नबताया, फ्गंगाबाइर् ने आयक्त काुे े चतावनी दी कि अगर दो ेंुे दिन वफ अदर काम नहीहआ तानगर निगम के सामने बहुी स़ंेमहिलाएध्रने तबडख्यामँ पर बैठ जाएँ गीय्। फ्तो क्या गलियांेकी सप़फाइर् हो गइर्?य् रेहाना ने झट से पछा, जाूे कभी चीशांेको अध्ूंे़ रा नहीछाडती थी। फ्दो ुं हुआ। वो तो दिन तक वफछ भी नहीजब एक बहु़समह नविरो त बडे ूे ध् प्रदशर्न किया, शोे रदार नारलगाए तब जाकर बात बनी। अब मोे ़फाइर् नियमित रूप सहोने हल्लकीसपे लगी है।य् गंबात का विराध् कर गाबाइर् किस ेरही थी? आपवेे गंे पाषर्द के फ हिसाब सगाबाइर् नपास जाने की बात क्यांेसोची? जबआयुे े क्त नयहकहाकि शहर मं ट्रकों की संख्या पयार्प्त नहीं है तो गंे गाबाइर् नक्या कहा? फ्यहतो ुंे बिल्कल बबइया सिनमा की तरह सुंुे े खद अत हआय्, माला नकहा। वह अपनआप को ेृत्व करने वाली गं नतगाबाइर् की भूें दखने ख रही थी। मिकामेकासपनादेसभी बच्चों को गंनकर गाबाइर् की कहानी सुबहुेइसका आभास तो था त मशा आया। उन्हं नगर प्रशासन ध् 71 ही कि मोे ें गाबाइर् की खासी इज़्प्लास्िटक, काँच जैसी न गलने हल्लमगंशत वाली चीशों थी और लोेबहुथे ग उन्हं त मानते , मगर उसका को दूसरे कूड़ेदान में। जब हम अपने कचरे कारण उन्हंेअब समझ मंेआया था। की छँटाइर् कर देते हैं तो निगम वालों का काम बच्चों ने खाला का शुिया अदा किया थोड़ा आसान हो जाता है।य् और जाने के लिए उठ खडे़हुए। जाते - जाते बच्चांेने इतने सारे सवालांेका जबाब देने रेहाना ने कहा, फ्खाला, बस एक आख्िारी वेे ु फ लिए खाला का पिफर सशिया अदा किया दाकेएगलीकीतरपफचलपडेु सवाल और है! घर पर अभी जो े डू़दान और टहलते हु़। बहत हैं ेभीक्यागंुदेहो ुेजल्दीसजल्दी वागाबाइर् का सझाव था?य् र चकी थी और उन्हं े चना था। आज हम ुेफ मकाबले खाला हँसने लगीं। बोलीं, फ्अरे घर पहँशा वेुगली नहीं - नहीं! यह तो नगर निगम ने ही सुझाव मं ँेे़़ेनऊपर दखा, ेअध्रा थाडा ज्यादा था। उन्हांे ेदिया था कि हम खाने - पीने और गलने वाली पिफर मस्वफरातुे हुए एक - दूसरे को देखा और चीशों को एक कूड़ेदान में डालें और े़ ़ वापस खाला वफ घर की तरपफ दौडपडे 1994 मेसरत शहर मं भयंेूेफ सबसे ं ूेकर प्लग पफैला था। सरत भारत वगंे शहरोमं एक था। लोेका और हों ू़ा - कचरा दं ेग घरां टलोका भी कडपास की नाली मेया सड़ंेे थेे सप़फाइर् ं कपरहीपफेकदत।इससकमर्चारियांेको कूड़ा - कचरा उठाने तथा उसे ठिकाने लगाने में कापफी मुेे नगर निगम अपना काम नियमित रूप से श्िकल हाती थी। ऊपर सनहीं कर रही थी जिससे स्िथति और भी बदतर हो गयी थी। ग हवा वफ शरिए पफैलता है। जिन लागोजाए उन्हे प्लेेेंकोप्लगहो ं सरां ़रतमतसगांे दूेसेअलगरखनापडताहै।सूेंउससालबहुेलोेनअपनी जान गँे ेेको शहर छाडना वाइर्। करीब तीन लाख सअध्िक लागां े़पड़ेेे ु ा। प्लग वफ डर नयह अनिवायर् कर दिया कि नगर पालिका मस्तैदी से ेे े़ु काम कर। सारशहर की अच्छी तरह ससपफाइर् हइर्। आज की तारीख मेचं ़ के सबससाप़ेमेदूसरा स्थान ं डीगढफ बाद भारत वेे फ शहरां ं सूरत का है। क्या आप जानती हैं कि आपवेेहल्लेकब और कितनी बार कड़ फमोमं ूा उठाया जाता है? क्या आपको लगता है कि सभी मोेमे हल्लां ं उतनी ही बारकू़ं,तों ं। डा उठाया जाता है ? यदि नहीे क्या? चचार् करे अभ्यास 1 बच्चे यास्मीन खाला के घर पर क्यों गए? 2 नगर निगम के कायर् शहर के निवासियों के जीवन को किस तरह प्रभावित करते हैं? ऐसे चार तरीकों के बारे में लिख्िाए। 3 नगर निगम पाषर्द कौन होता है? 4 गंगाबाइर् ने क्या किया और क्यों? पफोटो 1 नगर प्रशासन ध् 73 पफोटो 2 5चचार् कीजिए: ऊपर वेे चित्रोमेे कू़े एवं उसको ठिकाने े फदां ंआपनडाइकऋा करनलगानकी विभ्िान्न विध्ियांेको देखा। ;कद्ध आपके विचार से कौन - सी विध्ि कडूे़का निपटारण करने वाले व्यक्ित वेु फ लिए सरक्ष्िात है? ;खद्ध पहले चित्रा में कूडा इक़ऋा करने का जो तरीका दिखाया गया है उसमें क्या - क्या जो ख्िाम है? ;गद्ध आप क्या सों े लोेमं काम करते ं उनके चती हैकि जाग नगर निगमां ेहैपास अपने ू़वफ निपटारण की व्यवस्िथत सुँ क्यां ं ं कडे ेविधऐनहीहै? 6नगर निगम अपने काम वफ लिए ध्न कहोँ से प्राप्त करता है? 7शहर में बहुे लोग घरलेू नौकरों की तरह काम करते हैं और दसरूत सारे वेेंकोसापे ंुेलोे फ घरा़फ रखतहै। उसी तरह बहत सग नगर निगम वफ लिए काम करते ं और शहर को ़फ - सुे ंेू हैसापथरा रखतहै। इसवफ बावजद जिन बस्ितयोमं वे े ंँ ़फी गदगी हो ं ेरहतहै, वहाकापंती है। इसका कारण यह है कि इन बस्ितयोमं पानी एवं ़फाइर् की सुे ही हो ं ेसपविध विरलती है। नगर निगम इसवेेकाही दाषी ठहराती है कि जिस फ लिए अक्सर बस्तीवासियां े ेशमीन पर वे गरीब लोे ं ं हो ग अपना मकान बनातहैवह उनकी नहीती और नहीवेसरकारको ेेेहैंेे काइर् कर दत। जबकि मध्यवगर् वफ रिहायशी इलाकां मेपावर्फ बनान, गलियां मेरोे और नियमित कड़ा ं ेें शनी की व्यवस्था करनूजमा करने े आदि वफ काम पर जितना नगर निगम खचर् करता है, उसकी ेवहोगबहें तुलना मं ँ रहने वाललोुत कम कर दते है। पाठ मंेभी आपने पढ़ै े ंपिाकरसु ा हकि नगर निगम कासे कल 25 - 30 प्रतिशत ही आय होती है। क्या आपको लगता है कि निगम को बस्ितयोकी सप़फाइर् पर ज़् ं यादा खचर् करना चाहिए? यह क्योमहत्त्वपूं ं णर् है? और यह क्योशरूरी है कि शहर मेनगर निगम जासुँ ध्नी व्यक्ितयां को ु ं े विधऐमहैया कराता है वही गरीबांेको भी मिल?ें