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14ण्1 भूमिका सममिति ;ैलउउमजतलद्ध एक महत्वपूणर् ज्यामितीय अवधारणा है, जो सामान्यतः प्रकृति में प्रद£शत होती है तथा ियाकलाप के लगभग सभी क्षेत्रों में इसका प्रयोग होता है । कलाकार, व्यवसायी, कपड़े या ज्वैलरी डिशाइन करने वाले, कार निमार्ता, आ£कटेक्ट तथा अनेक अन्य सममिति कीसंकल्पना का प्रयोग करते हैं । मधुमक्िखयों के छत्तों, पफूलों, पेड़ की पिायों, धा£मक चिÉों, कंबलों और रूमालों, इन सभी स्थानों पर आपको सममित डिशाइन दिखाइर् देंगे। आ£कटेक्चर इंजीनिय¯रंग प्रकृति आप पिछली कक्षा में, रैख्िाक सममिति का कुछ ‘अनुभव’ कर चुके हैं ।एक आकृति मे रैख्िाक सममिति होती है, यदि उसमें एक रेखा ऐसी हो जिसके अनुदिश उस आकृति को मोड़ने पर, आकृति के दोनों भाग परस्पर संपाती हो जाते हों । इन अवधारणाओं को आप याद कर सकते हैं । आपकी सहायता के लिए यहाँ कुछ ियाकलाप दिए जा रहे हैं । सममिति दशार्ने वाली एक कुछ रंगीन आकषर्क कागश के कटे हुए कुछ पिक्चर एलबम बनाइए इंक - डाट डेविल्स बनाइए सममिति डिशाइन बनाइए आपके द्वारा एकत्रिात किए गए डिशाइन में सममित रेखाओं ;या अक्षोंद्ध को पहचानने का आनंद लीजिए । आइए अब सममिति पर अपनी अवधारणाओं को और अिाक प्रबल बनाएँ । निम्नलिख्िातआकृतियों का अध्ययन कीजिए, जिनमें सममित रेखाओं को ¯बदुकित रेखाओं से अंकित किया गया है ;आकृति 14ण्1 ;पद्ध.;पअद्धद्ध । ;पद्ध ;पपद्ध ;पपपद्ध ;पअद्ध आकृति 14ण्1 14ण्2 सम बहुभुजों के लिए सममित रेखाएँ आप जानते हैं कि बहुभुज ;चवसलहवदद्ध एक ऐसी बंद आकृति है, जो अनेक रेखाखंडों से बनी होती है। सबसे कम रेखाखंडों से बना बहुभुज एक त्रिाभुज है । ;क्या आप इन रेखाखंडों से कम रेखाखंडों वाला कोइर् अन्य बहुभुज बना सकते हैं ? इसके बारे में सोचिए ।द्ध एक बहुभुज, सम बहुभुज ;तमहनसंत चवसलहवदद्ध कहलाता है, यदि इसकी सभी भुजाओं की लंबाइयाँ बराबर हों तथा सभी कोणों के माप बराबर हों । इस प्रकार, एक समबाहु त्रिाुभज, तीन भुजाओं वाला एक सम बहुभुज होता है । क्या चार भुजाओं वाला एक सम बहुभुज होता है ? क्या आप चार भुजाओं वाले एक सम बहुभुज का नाम बता सकते हैं ? एक समबाहु त्रिाभुज एक सम बहुभुज है, क्योंकि इसकी प्रत्येक भुजा की लंबाइर् समान होती है तथा इसके प्रत्येक कोण की माप 60° होती है ;आकृति 14ण्2द्ध । ं वगर् भी एक सम बहुभुज है, क्योंकि इसकी सभी भुजाएँ समान लंबाइयों की होती हैं तथा इसका प्रत्येक कोण एक समकोण ;अथार्त्् 90°द्ध होता है । इसके विकणर् परस्पर समकोण पर समद्विभाजित होते हैं ;आकृति 14ण्3द्ध। यदि एक पंचभुज ;चमदजंहवदद्ध एक सम बहुभुज है, तो स्वाभाविक है कि इसकी भुजाएँ बराबर लंबाइयों की होनी चाहिए तथा इसके कोणों के माप बराबर होने चाहिए । बाद में आप पढ़ेंगे कि इसके प्रत्येक कोण की माप 108° होती है ;आकृति 14ण्4द्ध । एक सम षड्भुज ;तमहनसंत ीमगंहवदद्ध की सभी भुजाएँ बराबर होती हैं तथा इसके प्रत्येक कोण की माप 120° होती है । इस आकृति के बारे में आप और अिाक बाद में पढ़ंेगे ;आकृति 14ण्5द्ध । सम बहुभुज सममित आकृतियाँ होती हैं और इसीलिए इनकी सममित रेखाएँ बहुत रोचक हैं । प्रत्येक समबहुभुज की उतनी ही सममित रेखाएँ होती हैं, जितनी उसकी भुजाएँ हैं ख्आकृति 14ण्6 ;पद्ध से ;पअद्ध,। आकृति 14ण्5 आकृति 14ण्6 एक आकार ;ेींचमद्ध में रैख्िाक सममिति तब होती है, जब उसका एक आधा भाग दूसरे आधे भाग आकृति 14ण्7 का दपर्ण प्रतिबिंब ;उपततवत पउंहमद्ध हो;आकृति 14.7द्ध। इस प्रकार एक दपर्ण रेखा हमें एकसममित रेखा देखने या ज्ञात करने में सहायता करती है ;आकृति 14.8द्ध । दपर्ण रेखा है? हाँ। दपर्ण रेखा है? नहीं। यहाँ आकार तो समान हैंऋ परंतु दिशाएँ विपरीत हैं। दपर्ण परावतर्न के साथ कायर् करते समय, यह ध्यान रखना चाहिए कि एक आकृति के अभ्िामुखों ;वतपमदजंजपवदेद्ध में दाएँ - बाएँ ;समजि.तपहीजद्ध परिवतर्न हो जाता है ;आकृति 14ण्9द्ध। छेद करने वाला यह खेल खेलिए ! एक कागश को 2 आधों में मोडि़ए एक छेद करिए मोड़ के निशान के अनुदिश दो छेद आकृति 14ण्10 मोड़ का निशान एक सममित रेखा ;या अक्षद्ध है । मोड़े हुए कागश पर विभ्िान्न स्थानों पर बनाए गए छेदों तथा संगत सममित रेखाओं का अध्ययन कीजिए ;आकृति 14ण्10द्ध। 1ण् निम्नलिख्िात छेद की हुइर् आकृतियों की प्रतिलिपियाँ बनाकर ;खींच करद्ध उनमें से प्रत्येक 2ण् नीचे सममित रेखा ;रेखाएँद्ध दी हुइर् हंै । अन्य छेद ज्ञात कीजिए । 3ण् निम्नलिख्िात आकृतियों में, दपर्ण रेखा ;अथार्त्् सममित रेखाद्ध ¯बदुकित रेखा के रूप मंे दी गइर् है ।¯बदुकित ;दपर्णद्ध रेखा में प्रत्येक आकृति का परावतर्न करके, प्रत्येक आकृति को पूरा कीजिए । ;आप ¯बदुकित रेखा के अनुदिश एक दपर्ण रख सकते हैं और पिफर प्रतिबिंब ;पउंहमद्ध के लिए दपर्ण में देख सकते हैं द्ध। क्या आपको पूरी की गइर् आकृति का नाम याद है ? ;ंद्ध ;इद्ध ;बद्ध ;कद्ध ;मद्ध ;द्धि 4ण् निम्नलिख्िात आकृतियों की एक से अिाक सममित रेखाएँ हैं । ऐसी आकृतियों के लिए यह कहा जाता है कि इनकी अनेक सममित रेखाएँ हैं । ;ंद्ध ;इद्ध ;बद्ध निम्नलिख्िात आकृतियों में से प्रत्येक में विविध सममित रेखाओं ;यदि हों तोद्ध, की पहचान कीजिए: 6ण् निम्नलिख्िात आरेखों की प्रतिलिपियाँ बनाइए तथा प्रत्येक आकार को इस तरह पूरा कीजिए ताकि वह आकार दपर्ण रेखा ;या रेखाओंद्ध के अनुदिश सममित हो: ;ंद्ध ;इद्ध ;बद्ध ;कद्ध 7ण् निम्नलिख्िात आकृतियों के लिए सममित रेखाओं की संख्याएँ बताइए: ;ंद्ध एक समबाहु त्रिाभुज ;इद्ध एक समद्विबाहु त्रिाभुज ;बद्ध एक विषमबाहु त्रिाभुज ;कद्ध एक वगर् ;मद्ध एक आयत ;द्धि एक समचतुभुर्ज ;हद्ध एक समांतर चतुभर्ुज ;ीद्ध एक चतुभुर्ज ;पद्ध एक सम षड्भुज ;रद्ध एक वृत्त 8ण् अंग्रेजी वणर्माला के किन अक्षरों में निम्नलिख्िात के अनुदिश परावतर्न सममिति ;दपर्ण परावतर्न से संबंिात सममितिद्ध है: ;ंद्ध एक उफध्वार्धर दपर्ण ;इद्ध एक क्षैतिज दपर्ण ;बद्ध उफध्वार्धर और क्षैतिज दपर्ण दोनों 9ण् ऐसे आकारों के तीन उदाहरण दीजिए, जिनमें कोइर् सममित रेखा न हो । 10ण् आप निम्नलिख्िात आकृतियों की सममित रेखा के लिए अन्य क्या नाम दे सकते हैं ? ;ंद्ध एक समद्विबाहु त्रिाभुज ;इद्ध एक वृत्त 14ण्3 घूणर्न सममिति जब घड़ी की सुइयाँ घूमती हैं, तो आप क्या कहते हैं? आप कहते हैं कि ये घूणर्न ;त्वजंजमद्ध कर रही हैं। घड़ी की सुइयाँ केवल एक ही दिशा में घूमती हैं । यह घूमना एक ¯बदु के चारों ओर होता है, जो घड़ी के पटल ;ंिबमद्ध का वेंफद्र है । घडि़यों की सुइयाँ जिस दिशा में घूमती हैं, वह घूणर्न ;तवजंजपवदद्ध दक्ष्िाणावतर् ;बसवबाूपेमद्ध घूणर्न कहलाता है, अन्यथा घूणर्न वामावतर् ;ंदजपबसवबाूपेम तवजंजपवदद्ध कहलाता है। छत के पंखे की पँखुडि़यों के घूणर्न के बारे में आप क्या कह सकते हैं ? क्या ये दक्ष्िाणावतर् दिशा में घूमती हैं या वामावतर् दिशा में घूमती हैं ? अथवा क्या ये दोनों दिशाओं में घूमती हैं ? यदि आप साइकिल के एक पहिए को घुमाते हैं, तो वह घूणर्न करता है । यह दोनों ही दिशाओं, अथार्त्् दक्ष्िाणावतर् और वामावतर् दिशाओं में घूणर्न कर सकता है । ;पद्ध दक्ष्िाणावतर् घूणर्न और ;पपद्ध वामावतर् घूणर्न में से प्रत्येक के लिए तीन उदाहरण दीजिए । जब कोइर् वस्तु घूणर्न करती है, तो उसके आकार और माप में कोइर् परिवतर्न नहीं होता है । घूणर्न उस वस्तु को एक निश्िचत ¯बदु के चारों तरपफ घुमाता है । यह निश्िचत ¯बदु घूणर्न का वेंफद्र ;बमदजतम व ितवजंजपवदद्ध कहलाता है । घड़ी की सुइर्यों के घूणर्न का वेंफद्र क्या है ? इसके बारे में सोचिए । घूणर्न के दौरान घूमे गए कोण को घूणर्न कोण ;ंदहसम व ितवजंजपवदद्ध कहते हैं । आप जानते हैं कि एक पूरे चक्कर में 360° का घूणर्न होता है । ;पद्ध एक आधे या अधर् चक्कर और ;पपद्ध एक चैथाइर् चक्कर के घूणर्न कोणों के क्रमशः क्या माप हैं ? एक अधर् चक्र का अथर् 180° का घूणर्न है तथा एक - चैथाइर् चक्कर का अथर् 90° का घूणर्न है । जब 12 बजते हैं, तो घड़ी की दोनों सुइयाँ एक साथ होती हैं । 3 बजने तक मिनट की सुइर् तो तीन पूरे चक्कर लगा लेती है, परंतु घंटे की सुइर् केवल एक - चैथाइर् चक्कर ही लगा पाती है । 6 बजे की उनकी स्िथतियों के बारे में आप क्या कह सकते हैं ? क्या आपने कभी कागश की हवाइर् चकरी ;या पिफरकीद्ध ;चंचमत ूपदकउपससद्ध बनाइर् है ? आकृति में दिखाइर् गइर् कागश की हवाइर् चकरी सममित दिखाइर् देती है ;आकृति 14ण्11द्धए परंतु आपको इसकी कोइर् सममिति रेखा प्राप्त नहीं होती है । इसको किसी प्रकार से मोड़ने पर भी दोनों आधे भाग संपाती नहीं होंगे । यदि आप इसके वेंफद्र ;बीचद्ध वाले स्िथर ;या निश्चतद्ध ¯बदु के परित 90° के कोण पर घुमाएँ, तो आप देखेंगेकी हवाइर् चकरी का आकार, आकृति 14.11 की स्िथति के अनुसार, पहले जैसा ही है । हम कहते हैं कि चकरी में एक घूणर्न सममिति ;तवजंजपवदंस ेलउउमजतलद्ध है । क्ब्ठ। क् ब्क् ठब् क्। ब् । ।ठ ठ । क् ब् ठ 90° 90° 90° 90° आकृति 14ण्12 एक पूरे चक्कर में, ऐसी चार स्िथतियाँ हैं ;90°ए 180°ए 270° और 360° के कोणों पर घुमानेया घूणर्न करने परद्ध, जब चकरी पहली जैसी ही दिखती है। ;आकृति 14.12द्ध। इसी कारण, हम कहते हैं कि चकरी में क्रम 4 ;वतकमत 4द्ध की घूणर्न सममिति है । घूणर्न सममिति का एक और उदाहरण देख्िाए । एक वगर् पर विचार कीजिए, जिसका एक कोना ;या शीषर्द्ध च् है;आकृति 14.13द्ध। आइए इस वगर् के वेंफद्र को × से अंकित करके इसके परित इस वगर् को एक - चैथाइर् चक्कर पर घुमाएँ। ;पद्ध ;पपद्ध ;पपपद्ध ;पअद्ध ;अद्ध आकृति ण्14ण्13 आकृति 14.13 ;पद्ध इसकी प्रारंभ्िाक स्िथति है । वेंफद्र के चारों ओर 90° घूमाने परआकृति 14.13 ;पपद्ध प्राप्त होती है । अब ¯बदु च् की स्िथति को देख्िाए । वगर् को पुनः 90° के कोण पर घुमाइए ;घूणर्न दीजिएद्ध । आपको आकृति 14.13;पपपद्ध प्राप्त होती है । इस प्रकार, जब आप वगर् को चार एक - चैथाइर् चक्कर घुमा देते हैं, तो वह अपनी प्रारंभ्िाक स्िथति पर आ जाती है ।अब यह आकृति 14.13 ;पद्ध जैसी ही दिखती है । इसे च् द्वारा ली गइर् विभ्िान्न स्िथतियों से देखा जा सकता है। इस प्रकार, एक वगर् में उसके वेंफद्र के चारों ओर क्रम 4 की घूणर्न सममिति होती है । ध्यान दीजिए कि इस स्िथति में, ;पद्ध घूणर्न का वेंफद्र वगर् का वेंफद्र है । ;पपद्ध घूणर्न का कोण 90° है । ;पपपद्ध घूणर्न की दिशा दक्ष्िाणावतर् है । ;पअद्ध घूणर्न सममिति का क्रम 4 है । उदाहरणाथर्, जब कुछ पफलों को काटते हैं, तो उनके अनुप्रस्थ काट ;बतवेे.ेमबजपवदद्ध ऐसे आकारों के होते हैं, जिनमें घूणर्न सममिति होती है । जब आप इन्हें देखेंगे तो आप आश्चयर्चकितहो सकते हैं ¹आकृति 14.17;पद्धह्। पफल सड़क संकेत पहिया ;पद्ध ;पपद्ध ;पपपद्ध आकृति 14ण्17 ऐसे कइर् सड़क संकेत ;तवंक ेपहदेद्ध भी हैं, जो घूणर्न सममिति प्रदश्िार्त करते हैं । अगली बार जब आप किसी व्यस्त सड़क पर घूमने निकलें, तो ऐसे सड़क संकेतों को पहचानिए और उनकी घूणर्न सममिति के क्रमों को ज्ञात कीजिए ख्आकृति 14ण्17;पपद्ध, । घूणर्न सममिति के कुछ अन्य उदाहरणों के बारे में सोचिए । प्रत्येक स्िथति में, निम्नलिख्िात की चचार् कीजिए: ;पद्ध घूणर्न का वेंफद्र ;पपद्ध घूणर्न का कोण ;पपपद्ध घूणर्न किस दिशा में किया गया है ;पअद्ध घूणर्न सममिति का क्रम 1ण् निम्नलिख्िात आकृतियों में से किन आकृतियों में 1 से अध्िक क्रम की घूणर्न सममिति है? ;ंद्ध ;इद्ध ;बद्ध ;कद्ध ;मद्ध ;द्धि 2ण् प्रत्येक आकृति के घूणर्न सममिति का क्रम बताइए । ;ंद्ध ;इद्ध ;बद्ध ;कद्ध ;मद्ध ;द्धि ;हद्ध ;ीद्ध 14ण्4 रैख्िाक सममिति और घूणर्न सममिति आप अभी तक अनेक आकारों और उनकी सममितियों को देखते आ रहे हैं । अब तक आपने यह समझ लिया होगा कि कुछ आकारों में केवल रैख्िाक सममिति होती है, कुछ में केवल घूणर्न सममिति होती है तथा कुछ आकारों में रैख्िाक तथा घूणर्न दोनों प्रकार की सममितियाँ होती हैं ।उदाहरणाथर्, एक वगर् के आकार को देख्िाए ;आकृति 14.19द्ध । इसकी कितनी सममित रेखाएँ हैं ? क्या इसमें कोइर् घूणर्न सममिति है ?यदि उत्तर ‘हाँ’ है, तो इस घूणर्न सममिति का क्रम क्या है ? इसके बारे में सोचिए । आकृति 14ण्19 एक वृत्त सबसे अिाक पूणर् सममित आकृति है, क्योंकि इसकोइसके वेंफद्र के परित किसी भी कोण पर घुमा कर वही आकृति प्राप्त की जा सकती है, अथार्त्् इसमें अपरिमित रूप से अनेक क्रम की घूणर्न सममिति है तथा साथ ही इसकी अपरिमित सममितरेखाएँ हैं । वृत्त के किसी भी प्रतिरूप को देख्िाए । वेंफद्र से होकर जाने वाली प्रत्येक रेखा ;अथार्त्् प्रत्येक व्यासद्ध परावतर्न सममिति की एक सममिति रेखा है तथा वेंफद्र के परित प्रत्येक कोण के लिए इसकी एक घूणर्न सममिति है । इन्हें कीजिए अंग्रेशी वणर्माला के कुछ अक्षरों में अद्भुत एवं आकषर्क सममितीय संरचनाएँ ;ेजतनबजनतमेद्ध हैं । किन बड़े अक्षरों में केवल एक ही सममित रेखा है ;जैसे म्द्ध? किन बड़े अक्षरों में क्रम 2 की घूणर्न सममिति है;जैसे प्द्ध? उपरोक्त प्रकार से सोचते हुए, आप निम्नलिख्िात सारणी को भरने में समथर् हो पाएँगेः वणर्माला का अक्षर रैख्िाक सममिति सममित रेखाओं की संख्या घूणर्न सममित घूणर्न सममिति का क्रम र् नहीं 0 हाँ 2 ै भ् हाँ हाँ व् हाँ हाँ म् हाँ छ हाँ ब् 1ण् किन्हीं दो आकृतियों के नाम बताइए, जिनमें रैख्िाक सममिति और क्रम 1 से अध्िक की घूणर्न सममिति दोनों ही हों । 2ण् जहाँ संभव हो, निम्नलिख्िात की एक रप़फ आकृति खींचिए: ;पद्ध एक त्रिाभुज, जिसमें रैख्िाक सममिति और क्रम 1 से अध्िक की घूणर्न सममिति दोनों ही हों। ;पपद्ध एक त्रिाभुज, जिसमें केवल रैख्िाक सममिति और क्रम 1 से अध्िक की घूणर्न सममिति न हो। ;पपपद्ध एक चतुभुर्ज जिसमें क्रम 1 से अध्िक की घूणर्न सममिति हो, पंरतु रैख्िाक सममिति न हो। ;पअद्ध एक चतुभुर्ज जिसमें केवल रैख्िाक सममिति हो और क्रम 1 से अध्िक की घूणर्न सममिति न हो । 3ण् यदि किसी आकृति की दो या अिाक सममित रेखाएँ हों, तो क्या यह आवश्यक है कि उसमें क्रम 1 से अध्िक की घूणर्न सममिति होगी ? 4ण् रिक्त स्थानों को भरिए: आकार वगर् आयत समचतुभुर्ज समबाहु त्रिाभुज समषड्भुज वृत्त अधर्वृत्त घूणर्न का वेंफद्र घूणर्न सममिति का क्रम घूणर्न का कोण 5ण् ऐसे चतुभर्ुजों के नाम बताइए, जिनमें रैख्िाक सममिति और क्रम 1 से अध्िक की घूणर्न सममिति दोनों ही हों । 6ण् किसी आकृति को उसके वेंफद्र के परित 60° के कोण पर घुमाने पर, वह उसकी प्रारंभ्िाकस्िथति जैसी ही दिखाइर् देती है । इस आकृति के लिए ऐसे कौन - से अन्य कोणों के लिए भी हो सकता है ? 7ण् क्या हमें कोइर् ऐसी क्रम 1 से अध्िक की घूणर्न सममिति प्राप्त हो सकती है, जिसके घूणर्न के कोण निम्नलिख्िात हों ? ;पद्ध 45° ;पपद्ध 17 ° हमने क्या चचार् की ? 1ण् एक आकृति मे रैख्िाक सममिति तब होती है, जब कोइर् ऐसी रेखा प्राप्त की जा सकेजिसके अनुदिश उस आकृति को मोड़ने पर, उसके दोनों भाग परस्पर संपाती हो जाएँ । 2ण् सम बहुभुजों में बराबर भुजाएँ और बराबर कोण होते हैं । उनकी अनेक अथार्त्् एक से अिाक, सममित रेखाएँ होती हैं । 3ण् प्रत्येक सम बहुभुज की उतनी ही सममित रेखाएँ होती हैं, जितनी उसकी भुजाएँ होती हैं। 4ण् दपर्ण परावतर्न से ऐसी सममिति प्राप्त होती है, जिसमें बाएँ - दाएँ अभ्िामुखों का ध्यान रखना होता है । 5ण् घूणर्न में एक वस्तु को एक निश्िचत ¯बदु के परित घुमाया जाता है । यह निश्िचत ¯बदु घूणर्न का वेंफद्र कहलाता है । जिस कोण पर वस्तु घूमती है, उसे घूणर्न का कोण कहते हैं । आधे या अधर् चक्कर का अथर् 180° का घूणर्न है तथा एक - चैथाइर् चक्कर का अथर् 90° का घूणर्न है । घूणर्न दक्ष्िाणावतर् और वामावतर् दोनों ही दिशाओं में हो सकता है । 6ण् यदि घूणर्न के बाद, वस्तु, स्िथति के अनुसार, पहले जैसी ही दिखाइर् देती है, तो हम कहते हैं कि उसमें घूणर्न सममिति है । 7ण् एक पूरे चक्कर ;360° केद्ध में, एक वस्तु जितनी बार स्िथति के अनुसार, पहले जैसी हीे दिखाइर् देती है, वह संख्या उस घूणर्न सममिति का क्रम कहलाती है । उदाहरणाथर्, एक वगर् की घूणर्न सममिति का क्रम 4 है तथा एक समबाहु त्रिाभुज की घूणर्न सममिति का क्रम 3 है । कुछ आकारों में केवल एक ही सममिति रेखा होती है, जैसे अक्षरम्य कुछ में केवल घूणर्न सममिति ही होती है, जैसे अक्षर ैतथा कुछ में दोनों प्रकार की सममितियाँ होती हैं, जैसे अक्षर भ् है। सममिति का अध्ययन इसलिए महत्वपूणर् है, क्योंकि इसका दैनिक जीवन में अिाकांशतः प्रयोग होता है तथा इससे भी अिाक महत्व इस कारण है कि यह हमें सुंदर एवं आकषर्क डिज़ाइन प्रदान कर सकती है । समबहुभुज समषड्भुज समपंचभुज वगर् समबाहु त्रिाभुज सममित रेखाओं की संख्या 6 5 4 3

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