Hamara Paryavaran

2015.16 ;12.01.15द्ध चंद्रमा लघु ज्वार - भाटा सूयर् पृथ्वी बृहत् ज्वार - भाटा सूयर् पृथ्वी चंद्रमा सूयर् पृथ्वी चित्रा 55 ः लघु ज्वार - भाटा एवं बृहत् ज्वार - भाटा मछलियाँ पकड़ पाते  सूयर् एवं चंद्रमा के शक्ितशाली गुरुत्वाकषर्ण बल के कारण पृथ्वी की सतह पर ज्वार - भाटे आते हैं। जब पृथ्वी का जल चंद्रमा के निकट होता है उस समय चंद्रमा के गुरुत्वाकषर्ण बल से जल अभ्िाकष्िार्त होता हैं, जिसके कारण उच्च ज्वार आते हैं। पूण्िार्मा एवं अमावस्या के दिनों में सूयर्, चंद्रमा एवं पृथ्वी तीनों एक सीध में होते हैं और इस समय सबसे ऊँचे ज्वार उठते हैं। इस ज्वार को बृहत् ज्वार कहते हैं। लेकिन जब चाँद अपने प्रथम एवं अंतिम चतुथार्ंश में होता है, तो पृथ्वी एवं सूयर् का गुरुत्वाकषर्ण बल विपरीत दिशाआ सेे ं महासागरीय जल पर पड़ता है, परिणामस्वरूप, निम्न ज्वार - भाटा आता है। ऐसे ज्वार को लघु ज्वार - भाटा कहते हैं। उच्च ज्वार नौसंचालन में सहायक होता है। ये जल - स्तर को तट की ऊँचाइर् तक पहुँचाते हैं। ये जहाश को बंदरगाह तक पहुँचाने चंद्रमा में सहायक होते हैं। उच्च ज्वार मछली पकड़ने में भी मदद करते हैं। उच्च ज्वार के दौरान अनेक मछलियाँ तट के निकट आ जाती हैं। इसके पफलस्वरूप मछुआरे बिना कठिनाइर् के हैं। वुफछ स्थानों पर ज्वार - भाटे से होने वाले जल के एक बाल्टी को नल के पानी से तीन - चैथाइर् भरें। बाल्टी के एक ओर निमज्जन छड़ डालकर पानी को गमर् करें। दूसरी ओर पि्रफज से निकली बप़्र् ाफ डालें। एक बूँद लाल स्याही डालकर सं वहन की प्रिया के द्वारा धारा के मागर् का निरीक्षण कीजिए। उतार - चढ़ाव का उपयोग विद्युत उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। महासागरीय धाराएँ महासागरीय धाराएँ, निश्िचत दिशा में महासागरीय सतह पर नियमित रूप से बहने वाली जल की धाराएँै। महासागरीय धाराए गमर्डी हो सकती हैं।  होती हंँ या ठंसामान्यतः गमर् महासागरीय धाराएँ, भूमध्य रेखा के निकट उत्पन्न होती हैं एवं धु्रवों की ओर प्रवाहित होती हैं। ठंडी धाराएँ, धु्रवों या उच्च अक्षांशों से उष्णकटिबंधीय या निम्न अक्षांशों की ओर प्रवाहित होती हैं। लेब्राडोर महासागरीय धाराएँ, शीत जलधाराएँ होेती हैंऋ जबकि गल्पफस्ट्रीम गमर् जलधाराएँ होती हैं। महासागरीय धाराएँ, किसी क्षेत्रा के तापमान को प्रभावित करती हैं। गमर् धाराओं से स्थलीय सतह का तापमान गमर् हो जाता है। जिस स्थान पर गमर् एवं शीत जलधाराएँ मिलती हैं, वह स्थान विश्वभर में सवोर्त्तम मत्स्यन क्षेत्रा माना जाता है। जापान के आस - पास एवं उत्तर अमेरिका के पूवीर् तट इसके वुफछ उदाहरण हंै। 36 हमारा पयार्वरण 2015.16 ;12.01.15द्ध

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