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6. बहुत हुआ

Fig. 6.1

बादल भइया बहुत हुआ! कीचड़-कीचड़ पानी पानी 

याद सभी को आई नानी सारा घर दिन रात चुआ 

जाएँ कहाँ कहाँ पर खेलें ?

घर में फँसे बोरियत झेलें ज्यों पिंजरे में मौन सुआ 

सूरज दादा धूप खिलाएँ ताल नदी

सड़कों से जाएँ - तुम भी भैया करो दुआ!

बरसात

  • बारिश कहने पर तुम्हारे मन में कौन-कौन से शब्द आते हैं? सोचो और लिखो।

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तेज बरसात आ रही है और एक लड़की और एक कुत्ता पाइप में बैठे हैं।

  • जब बहुत बारिश होने लगती है तब तुम कहाँ खेलती हो? कौन-कौन से खेल खेलती हो?

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  • खूब तेज़ बारिश होगी तो तुम्हारे घर के आसपास कैसा दिखाई देगा ?
  • बारिश में कितना पानी बरसता है ? वह सब पानी कहाँ-कहाँ जाता होगा ?
  • ये सब बारिश से बचने के लिए क्या करेंगे ? बताओ।

- लोग  

- कबूतर

- केंचुआ

- कुत्ता

 - मछली

- मोर

तेज  बरसात में एक मशरूम के नीचे छुपा हुआ एक कछुआ

बहुत हुआ!

बड़े लोग ऐसा कब कहते हैं

  • बहुत हुआ , अब चुपचाप बैठो!

जब हम _____

  • बहुत हुआ , अब अंदर चलो!

जब हम _____

  • बहुत हुआ , अब सो जाओ!

जब हम _____

  • बहुत हुआ , अब टी.वी. बंद करो!

जब हम  _____  

कविता से

कविता में ऐसा क्यों कहा गया होगा ?

  • तेज़ बारिश होने पर सड़कें नदी बन जाती हैं।
  •   सब ओर कीचड़ होने पर नानी याद आती है।

तेज बरसात आ रही है और सड़क पर पानी भरा हुआ है । एक व्यक्ति सड़क पर गाड़ी में बैठा है और दूसरा सड़क पर पानी में नाव ले कर जा रहा है।

अब नहीं बरसूँगा!

एक बादल के संग दो चित्र हैं, एक में तेज धूप है और दूसरे में तेज बरसात हो रही है।

एक दिन बादल ने सोचा , मैं अब कभी नहीं बरतूंगा। जब मैं बरसता हूँ , तब भी लोग मेरी बुराई करते हैं। जब नहीं बरसता हूँ , तब भी मेरी बुराई करते हैं। आज से बरसना बिल्कुल बंद। फिर क्या हुआ । होगा ? कहानी को आगे बढ़ाओ।

एक चित्र कई काम

कविता के साथ जो चित्र दिया गया है , उसमें कौन क्या कर रहा है ?

एक बच्चा   "चित्र बना  रहा है।

दूसरा बच्चा _____  रहा है।

बिल्ली  _____ रही है।

आदमी _____ रहा है।

एक बच्ची  _____ रही है।

कुत्ता  _____ रहा है।

तुमने देखा कि चित्र में कई काम हो रहे हैं। इन वाक्यों में जो शब्द किसी काम के बारे में बता रहे हैं उनके नीचे रेखा खींचो।

इन्हें काम वाले शब्द कहते हैं।


काले मेघा पानी दे

तेज बरससत में एक गाँव में लोग अपना सर ढक कर इधर उधर भाग रहे हैं और कुछ बच्चे खेल  रहे हैं।

काले मेघा पानी दे पानी दे गुड़धानी दे।। बरसो खूब झमा-झम-झम

बरसात में एक मोर नाच रहा है।

नाचे मोर छमा छम-छम। खेतों से खलिहानों तक पर्वत से मैदानों तक।

धरती को रंग धानी दे काले मेघा पानी दे।।

बरसात हो रही और एक लड़का और एक लड़की नदी में पानी भरा देख रहे हैं और पास ही एक कछुआ भी बैठा है।

भर दे सारे ताल-तलैया

ङ्केगाएँ सब मिल छम्मक-छया। हमको नई कहानी दे

सबको दाना-पानी दे। पानी दे ज़िंदगानी दे काले मेघा पानी दे।

सावन का गीत

सावन का झूला इस बार इतना बड़ा डालना

जिसमें समा जाए संसार। उस डाली पर

जो फैली है आसमान के पार

तेज वर्षा हो रही है और एक लड़का और एक लड़की घर के बाहर खड़े हैं।

तेज वर्षा हो रही है और सड़क पर कुछ लोग छाता ले कर जा रहे हैं और कुछ लोगों ने रेन कोट  पहने हैं।

उस रस्सी का कोई न जिसका पारावार।

एक पेंग में मंगल ग्रह के द्वार

और दूसरी में

इकदम से अंतरिक्ष के पार।