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10. मीठी सारंगी
एक गाँव में एक सारंगी वाला आया। वह सारंगी बहुत अच्छी बजाता था। रात में जब उसने सारंगी बजाना शुरू किया तब गाँव। के बहुत से लोग इकट्ठे हो गए। सारंगी की मीठी आवाज़ और सारंगी वाले के बजाने की कला से गॉव के लोग दंग रह गए। सब लोग कहने लगे- कैसी मीठी सारंगी है !
अहा! कितना आनंद आ रहा है। वहीं पास में बैठा हुआ भोला भी लोगों की ये बातें सुन रहा था। वह मन ही मन कहने लगा-इन लोगों को सारंगी बहुत मीठी लगी लेकिन मेरा तो मुँह मीठा हुआ ही नहीं। ये सब झूठे हैं। - थोड़ी देर बाद उसने सोचा कि शायद सारंगी वाले के पास बैठने से मुँह मीठा हो जाए। इसलिए वह सारंगी वाले के पास जाकर बैठ गया। रात के तीन-चार बजे जब सारंगी वाले ने गाना-बजाना बंद कर दिया तब लोगों ने सारंगी वाले से कहा- महाराज! आपकी सारंगी बहुत ही मीठी है। हमें बड़ा ही आनंद आया। दो-चार दिन यहीं ठहरिए। ये बातें सुनकर भोला मन ही मन झुंझलाया और सोचने लगा- ये लोग झूठ तो नहीं बोल सकते। सारंगी मीठी ज़रूर है पर
मुझे न जाने स्वाद क्यों नहीं आया। तब तक रात ज़्यादा हो गई थी। इस कारण लोग घर नहीं गए। वहीं चौपाल में सो गए। सारंगी वाले ने भी सारंगी पर खोली चढ़ाई और उसे अपने सिरहाने रख कर सो गया। पर भोला को चैन कहाँ था ? जब लोग नींद में खर्राटे लेने लगे तब उसने चुपके से उठकर वह सारंगी उठा ली और ऊपर का खोल उतार कर उसे जीभ से चाटा। कुछ स्वाद नहीं
आया। अब उसने सारंगी को खूब हिलाया। उसके छेद को मुँह के पास लगाकर मुँह में उँडेला। पर सारंगी से एक भी मीठी बूंद नहीं निकली। वह लोगों की बेवकूफ़ी पर बहुत ही झुंझलाया। अब की बार उसने सारंगी को गाँव से बाहर दूर ले जाकर फेंक दिया। वह लोगों की बेवकूफ़ी पर हँसता हुआ अपनी जगह पर आकर चुपचाप सो गया। सवेरा होने पर जब सारंगी अपनी जगह पर नहीं मिली तो सब लोग और सारंगी वाला बड़े दुखी हुए। लोग कहने लगे- बड़ी मीठी सारंगी थी। पता नहीं कौन ले गया।
भोला इस बात को न सुन सका और गुस्से से बोला- क्या खाक मीठी थी! मैंने तो उसे अच्छी तरह चाटा था। उसमें ज़रा भी मिठास नहीं थी। तुम सब लोग झूठे हो और बाबाजी की खुशामद करते हो। लोगों ने पूछा- पर सारंगी है कहाँ ? उसने कहा- गाँव के बाहर पड़ी है। लोगों ने भोला की बेवकूफ़ी पर सिर पीट लिया।
सारंगी की मिठास
- गाँव वाले कहते थे- कैसी मीठी सारंगी है!
इसका क्या मतलब है ? सही बात पर ( ✔ ) निशान लगाओ।
| सारंगी चखने पर मीठी थी। |
| सारंगी से निकलने वाली आवाज़ सुनने में अच्छी लगती थी। |
| सारंगी के आस-पास मधुमक्खियाँ भिनभिना रही थीं। |
- अब तुम समझ गए होगे कि गाँव वाले सारंगी को मीठी क्यों कहते थे। अब बताओ कड़वी बात का क्या मतलब होगा ?
कहानी से
- भोला ने क्यों सोचा कि सभी झूठ बोल रहे हैं ?
- भोला को सारंगी का स्वाद क्यों नहीं आया ?
- भोला ने किस-किस तरह से यह जानने की कोशिश की कि सारंगी मीठी है ?
खोल
सारंगी वाले ने सारंगी पर खोल चढ़ाया और अपने सिरहाने रखकर सो गया।
- सारंगी वाले ने अपनी सारंगी पर खोल क्यों चढ़ाया होगा ?
- और किन-किन चीज़ों पर खोल चढ़ाया जाता है ?
गाओ-बजाओ
सारंगी , ढोलक , इकतारा , तबला , बाँसुरी , शहनाई , डफली , सितार , गिटार , हारमोनियम
- ऊपर संगीत के बाजों के नाम लिखे हैं। इनमें से कुछ तार छेड़ कर बजाए जाते हैं और कुछ हाथ से थाप दे कर। इनके नाम सही जगह पर लिखो।
तार वाले _____ | थाप वाले | अन्य |
_____ | _____ | _____ |
_____ | _____ | _____ |
_____ | _____ | _____ |
_____ | _____ | _____ |
कुछ नाम बच भी गए होंगे। उन्हें अन्य के नीचे लिखो।
- ऊपर लिखे बाजों को जगह-जगह पर बजाया जाता है। सोच कर लिखो इन जगहों पर क्या-क्या बजाया जाता है
रेलगाड़ी या बस में | _____ |
घर पर किसी अवसर पर | _____ |
भजन-कीर्तन में | _____ |
स्कूल में किसी अवसर पर | _____ |
चटखारे
- इस कहानी में मिठास की बात है। तुम्हें कौन-कौन सी मीठी चीजें अच्छी लगती हैं ?
- क्या खाने की चीजें सिर्फ मीठी ही होती हैं ? मीठे के अलावा उनका और क्या-क्या स्वाद होता है ?
- अब नीचे लिखी खाने-पीने की चीज़ों को स्वाद के हिसाब से लगाओ -
आम , मिर्च का अचार , जलज़ीरा , नींबू , शहद , चीनी , नमक , दूध , आँवला , करेला , अदरक
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तुम इस तालिका में कुछ नाम अपने मन से भी जोड़ सकते हो।
- नीचे लिखे शब्दों को बोलकर देखो -
बाँसुरी | बंसी | हँस | हंस |
- अब नीचे दिए गए शब्दों में ँ) या (ं) लगाओ -
चाद | चदन | झासी | झझट |
मगलवार | मागना | ककड़ | कापना |
सुदर | साप | अधा | आधी |