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14. नटखट चूहा
बच्चो , एक था चूहा। बहुत ही नटखट और बड़ा ही चालाक। कुछ न कुछ शरारत करने का उसका हमेशा मन करता रहता था।
एक दिन उसने अपने दिल में सोचा- आज मैं शहर जाऊँगा। बारिश के कारण बिल से बाहर निकले बहुत दिन बीत गए हैं। घर में बैठे-बैठे दिल घबरा गया है। नटखट चूहा झटपट तैयार होकर शहर की ) ओर निकल पड़ा।
वह मस्ती से झूमता हुआ चला जा रहा था कि रास्ते में उसे एक बड़ी-सी कपड़े की दुकान दिखाई दी। दुकानदार अपनी दुकान खोलकर अंदर जा ही रहा था कि नटखट चूहा भी चुपचाप उसके पीछे अंदर चला गया।
जैसे ही दुकानदार अपनी जगह पर बैठा. उसकी नज़र चूहे पर पड़ी। दुकानदार ने कहा- अरे , तू मेरी दुकान में क्या कर रहा है ? चल भाग यहाँ से।
चूहा बोला- मैं अपनी टोपी के लिए कुछ कपड़ा खरीदने आया हूँ।
दुकानदार हँसा- हा , हा! हट यहाँ से। मैं चूहों को कुछ नहीं बेचता।
चूहा गुस्से में बोला- तुम मुझे कपड़ा नहीं बेचोगे ? दुकानदार बोला- भाग यहाँ से। बेकार मेरा समय बर्बाद न कर।
चूहा चिल्लाया- तुम मुझे कपड़ा देते हो या नहीं ? दुकानदार बोला- नहीं , बिल्कुल नहीं।
इस बार नटखट चूहे ने गाना गाया
रातों रात मैं आऊँगा
अपनी सेना लाऊँगा
तेरे कपड़े कुतरूँगा
दुकानदार डर कर बोला- चूहे भैया , ऐसा न करना , मैं अभी तुम्हें रेशमी कपड़े का टुकड़ा देता हूँ।
और उसने चूहे को रेशमी कपड़े का टुकड़ा दे दिया। कपड़ा लेकर चूहा उछलता-कूदता दुकान से बाहर निकल गया। फिर वह एक दर्ज़ी की दुकान में आ पहुँचा।
चूहे ने कहा- दर्ज़ी जी , मुझे तुमसे कुछ काम है। काम! क्या काम ?- दर्ज़ी ने गुस्से से पूछा। चूहे ने दर्ज़ी को रेशमी कपड़ा दिया और कहा- कृपया इस कपड़े की एक अच्छी टोपी सिल दो।
दर्ज़ी हँसा।
चल हट यहाँ से , मेरा समय खराब न कर। मेरे पास तेरा काम करने का समय नहीं है- दर्ज़ी ने कहा। अब चूहे को गुस्सा आ गया।
वह ज़ोर से चिल्लाया- तुम मेरी टोपी सिलोगे या नहीं ? नहीं , नहीं , नहीं- दर्ज़ी ने कहा।
तो ठीक है- चूहा बोला और गाने लगा
रातों रात मैं आऊँगा
अपनी सेना लाऊँगा
तेरे कपड़े कुतरूँगा
दर्ज़ी ने कहा- चूहे भैया , ऐसा न करना , मैं अभी तुम्हारी टोपी बनाता हूँ।
और थोड़ी ही देर में दर्ज़ी ने चूहे के लिए एक सुंदर-सी रेशमी टोपी तैयार कर दी। नटखट चूहे ने उसे पहना और फिर अपना चेहरा आइने में देखा।
यह टोपी तो एकदम सादी है। मैं इस पर चमकीले सितारे लगवाऊँगा- चूहे ने सोचा।
वह कूदता-फाँदता दुकान से बाहर निकल गया। वह सड़क पर शान से चल रहा था कि उसकी नज़र एक छोटी-सी दुकान पर पड़ी जहाँ सुनहरे और रूपहले सितारे बिक रहे थे। अंदर जा कर वह इधर-उधर उछलने-कूदने लगा।
दुकानदार ने कहा- अरे चल यहाँ से। तू यहाँ क्या करने आया है ?
चूहे ने कहा- मैं अपनी टोपी के लिए सुनहरे और रूपहले सितारे खरीदने आया हूँ।
दुकानदार ने कहा- भाग यहाँ से। मुझे बेवकूफ़ बनाने की कोशिश न कर। एक चूहे को सितारों से क्या मतलब ? तुम मुझे सितारे बेचोगे या नहीं ?- चूहे ने गुस्से से पूछा। नहीं , नहीं , नहीं , मैं तुम्हें सितारे नहीं बेचूंगा- दुकानदार ने कहा।
फिर चूहे ने उत्तर दिया रातों रात मैं आऊँगा अपनी सेना लाऊँगा सारे सितारे बिखेरूँगा
दुकानदार ने कहा- चूहे भैया , ऐसा न करना। मैं तुम्हारी टोपी के लिए रंग-बिरंगे सितारे दे दूँगा और यही नहीं , उन्हें तुम्हारी टोपी में टाँक भी दूंगा। अच्छा , तो ज़रा जल्दी करो- चूहे ने कहा।
टोपी बनकर तैयार हो गई। चूहा टोपी पहनकर आइने के सामने खड़ा हुआ तो खुशी से उसका मन नाच उठा। वह सोचने लगा- मैं भी किसी राजा से कम नहीं हूँ। मैं अपनी सुंदर टोपी किसे दिखाऊँ ? चलो अपनी चमकीली टोपी राजा को ही दिखाता हूँ।
एक घंटे के अंदर ही नटखट चूहा राजमहल में राजा के पास आ पहुँचा। वह राजा के सामने जा खड़ा हुआ। राजा अचानक चूहे को देख कर बहुत हैरान हुआ। उसने पूछा- अरे , तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?
चूहे ने कहा- महाराज , पहले यह बताइए कि मैं इस टोपी में कैसा लग रहा हूँ। राजा ने जवाब दिया- वाह , तुम तो एकदम राजकुमार लग रहे हो। चूहा झटपट बोला- अच्छा , तो फिर उतरो गद्दी से। यहाँ मैं बैलूंगा।
राजा को हँसी आ गई। उसने कहा- भाग यहाँ से। मेरा सिंहासन चूहों के लिए नहीं है। केवल एक राजा ही इस पर बैठ सकता है।
चूहे ने पूछा- तो क्या तुम मुझे अपनी गद्दी नहीं दोगे ? बिल्कुल नहीं। मैं तुम्हें अपना सिंहासन नहीं दूंगा- राजा ने उत्तर दिया।
तो तुम नहीं उतरोगे ?- चूहे ने फिर से पूछा। नहीं , नहीं- राजा अपनी बात पर अड़ा रहा।
राजा ने आदेश दिया- पकड़ लो इस चूहे को। सिपाही चूहे को पकड़ने दौड़े।
चूहा सरपट उनके बीच से निकल गया और सिपाही एक के ऊपर एक गिर पड़े।
अब चूहे ने अपनी कमर पर हाथ रखकर कहा
रातों रात मैं आऊँगा
अपनी सेना लाऊँगा
तेरे कान कुतरूँगा
राजा ने सोचा , चूहों की फ़ौज तो पूरे महल को तहस-नहस कर देगी। वह डर से काँपने लगा। चूहे ने फिर कहा
रातों रात मैं आऊँगा
अपनी सेना लाऊँगा
तेरे कान कुतरूँगा
राजा डर से काँपने लगा। काँपती आवाज़ में उसने कहा- चूहे भैया , तुम बेकार में नाराज़ हो रहे हो। मैं अपनी गद्दी से अभी उतरता हूँ और तुम शौक से जितनी देर चाहो इस पर बैठ सकते हो।
चूहा बहुत खुश हुआ। शान से , वह सिंहासन पर बैठ गया और काफी देर तक वहाँ आराम करता रहा। रात जब
काफ़ी बीत गई , वह गद्दी से कूदकर नीचे आया और खुशी-खुशी अपने घर को चल दिया।
उसने शान से अपनी चमकीली टोपी अपने सभी साथियों को दिखाई। सभी दोस्त उसकी कहानी सुनना चाहते थे।
कहानी से
- दर्ज़ी चूहे की किस बात से डर गया ?
- चूहा टोपी क्यों पहनना चाहता था ?
- चूहा टोपी पर सितारे क्यों लगवाना चाहता था ?
- दर्ज़ी ने चूहे की टोपी सिलने से क्यों मना कर दिया ?
पहले क्या हुआ
- चूहा राजा के दरबार में गया।
- दर्ज़ी ने चूहे की टोपी सिल दी।
- चूहा दुकानदार के पास सितारे लेने गया।
- चूहे को रेशमी कपड़े की कतरन मिली।
- चूहा सिंहासन पर बैठ गया।
- चूहा तैयार होकर शहर की तरफ़ निकल पड़ा।
तुम्हारी समझ से
- बारिश के मौसम में ऐसा क्या होता है जिससे चूहा अपने बिल में से निकल नहीं पाया होगा ?
- क्या तुम्हें भी चूहा नटखट लगा ? क्यों ?
- कपड़े वाले ने , दर्ज़ी ने , सितारे वाले ने चूहे की बात पर ध्यान नहीं दिया। तुम्हें इसका क्या कारण लगता है ?
अंगूठे की छाप से चूहा
पिछले साल तुमने अंगूठे की छाप से चिड़िया , अनार , गठरी , कठपुतली बनाई थी। अंगूठे की छाप से अपनी पसंद के कुछ और चित्र बनाओ।
किसके पास जाओगे
चूहा अपने कामों के लिए बहुत से लोगों के पास गया। इन कामों के लिए तुम किसके पास जाओगे ?
काम | नाम |
कपड़ा खरीदने | _____ |
लकड़ी की कुर्सी बनवाने | _____ |
किताब पर जिल्द चढ़वाने | _____ |
बाल कटवाने | _____ |
मोहल्ले की रखवाली करवाने | _____ |
मिट्टी के दीए और सुराही खरीदने | _____ |
माँ की घड़ी ठीक करवाने | _____ |
एक-अनेक
खाली जगह भरो।
- इस कमरे में दो _____ हैं। (खिड़की)
- बुआ समीना के लिए ढेरों _____ लाईं। (कॉपी)
- _____ मैदान में फुटबॉल खेल रही हैं। (लड़की)
- गोविंद तेज़ी से _____ चढ़ रहा था। (सीढ़ी)
- गंदी जगह पर _____ भिनभिनाती रहती हैं। (मक्खी)
तुम्हारी बात
- तुम बजाज होते तो चूहे को कपड़ा देते या नहीं ? क्यों ?
- चूहा राजा बनकर देखना चाहता था। तुम्हारे विचार से राजा दिन भर क्या करते होंगे ?
- तुम चूहा बनना पसंद करोगे या राजा ? क्यों ?
कैसे हो काम
दर्ज़ी अपने काम में कैंची , फ़ीते , मशीन , धागे आदि का इस्तेमाल करता है। ये लोग किन चीज़ों की मदद से अपना काम करते हैं -
बढ़ई | _____ | _____ |
रसोइया | _____ | _____ |
डॉक्टर | _____ | _____ |
कुम्हार | _____ | _____ |
चित्रकार | _____ | _____ |
किसान | _____ | _____ |
दर्ज़ी का र
दर्ज़ी शब्द में र की आवाज़ है जिसे ऊपर (ृ ) निशान लगाकर लिखा जाता है। ऐसे ही कुछ और शब्द लिखो।
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