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15. एक्की दोक्की
दो बहनें थीं। एक का नाम था एक केसवाली और दूसरी का नाम | था दोन केसवाली। दोनों बहनें अपने अम्मा और बाबा के साथ एक छोटे से घर में रहती थीं।
एककेसवाली का एक ही बाल था इसलिए सब उसे एक्की बुलाते थे। दोन केसवाली बड़ी घमंडी थी। उसके । दो बाल थे इसलिए सब उसे दोक्की बुलाते थे।
अम्मा सोचती थी कि दोक्की जैसी सुंदर लड़की तो दुनिया में है ही नहीं। और बाबा- उनको सोचने की फुरसत ही कहाँ! काम में जो उलझे रहते थे।
दोक्की हमेशा अपनी बहन पर रौब जमाती रहती। एक दिन एक्की घने जंगल में गई। चलते-चलते वह घने जंगल के बीच आ पहुँची। चारों तरफ़ सन्नाटा था। अचानक उसने एक आवाज़ सुनी- पानी! मुझे प्यास लगी है! कोई पानी पिला दो!
एक्की रुकी और उसने चारों तरफ़ घूमकर देखा। वहाँ तो कोई नहीं था। फिर उसने देखा , सूखी , मुरझाई हुई मेहँदी की एक झाड़ी , जिसके पत्ते सरसरा रहे थे।
पास में ही पानी की धारा बह रही थी। एक्की ने चुल्लू में पानी भरकर एक बार , दो बार , कई बार झाड़ी के ऊपर डाला।
मेहँदी की झाड़ी बोली- धन्यवाद एक्की! मैं तुम्हारी ये मदद याद रखूगी।
एक्की आगे बढ़ गई।
फिर अचानक सन्नाटे में उसे एक और आवाज़ सुनाई दी- मुझे भूख लगी है! कोई मुझे खाना खिला दो! एक्की ने देखा कि एक मरियल सी गाय पेड़ से बँधी हुई थी।
एक्की ने घास-फूस इकट्ठी की और गाय को खिला दी। उसके बाद उसने गाय के गले में बँधी रस्सी को खोल दिया।
धन्यवाद एक्की! मैं तुम्हारी ये मदद हमेशा याद रखूगी गाय ने कहा।
एक्की अब चलते-चलते थक गई थी। उसे गर्मी भी लग रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि अब वह क्या करे ? कहाँ जाए ?
तभी उसे दूर एक झोंपड़ी दिखाई दी। एक्की दौड़कर झोंपड़ी तक गई और आवाज़ लगाई- कोई है ? - एक बूढ़ी अम्मा ने दरवाज़ा खोला।
बूढ़ी अम्मा ने कहा- आहा! आ गई मेरी बच्ची ? मैं तुम्हारी ही राह देख रही थी। आओ , अंदर आ जाओ।
ङ्के एक्की हैरान हो गई और चुपचाप झोपड़ी में आ गई। झोंपड़ी में आकर उसे बहुत अच्छा लगा।
बूढ़ी अम्मा ने कहा- आओ बेटी , तुम्हारे लिए नहाने का पानी तैयार है। पहले अच्छी तरह से तेल लगाओ और उसके बाद नहा लो।
फिर हम खाना खाएँगे। एक्की ने शरमाते हुए कहा- नहीं! नहीं! अम्मा ने पुचकार कर कहा- अरे नहीं क्या! जैसा मैं कहती हूँ वैसा करो।
एक्की ने बूढ़ी अम्मा की बात मान ली। फिर पता है क्या हुआ ? एक्की ने जैसे ही अपने सिर से तौलिया हटाया तो उसने पाया कि उसके सिर पर एक नहीं परंतु बहुत सारे बाल थे।
एक्की इतनी खुश हुई कि वह खाना खा ही नहीं सकी। बस , बार-बार वह बूढ़ी अम्मा का धन्यवाद ही करती रही! बूढ़ी अम्मा ने मुस्कुराते हुए कहा- अब तुम घर जाओ बेटी और हमेशा खुश रहो। एक्की के तो जैसे पंख ही निकल आए। वह सरपट घर की तरफ़ दौड़ चली।
रास्ते में उसे गाय ने मीठा-मीठा दूध दिया और झाड़ी ने हाथों पर रचाने के लिए मेहँदी दी। घर पहुँचकर एक्की ने सारी कहानी सुनाई। दोक्की कहानी सुनते ही सीधे जंगल की तरफ़ भागी।
दोक्की इतना तेज़ भाग रही थी कि न उसने प्यासी झाड़ी और न ही भूखी गाय की पुकार सुनी।
वह तो धड़धड़ाती हुई झोंपड़ी में घुस गई और बूढ़ी - अम्मा को हुक्म दिया- मेरे लिए नहाने का पानी तैयार करो। ।
हाँ , आओ , मैं तुम्हारी ही राह देख रही थी। पानी तैयार है , नहा लो- बूढ़ी अम्मा ने दोक्की से कहा। झटपट नहाने के बाद जैसे ही दोक्की ने तौलिया सिर से हटाया , उसकी तो चीख निकल गई!
दोक्की के दो ही तो बाल थे और वे भी झड गए थे। रोते-रोते दोक्की घर की तरफ़ चलने लगी। रास्ते में उसे यी गाय ने सींग मारा और मेहँदी की झाड़ी ने काँटे चुभो दिए।
मगर अब दोक्की अपना सबक सीख चुकी थी। इसके बाद एक्की , दोक्की अपने अम्मा-बाबा के साथ खुशी-खुशी रहने लगीं।
कहानी से
- क्या बूढ़ी अम्मा पहले से जानती थीं कि एक्की और दोक्की उनके घर आने वाली हैं ? तुम्हें कैसे पता चला ?
- दोक्की का मेहँदी की झाड़ी और गाय पर ध्यान क्यों नहीं गया ?
- एक्की ने झाड़ी और गाय की मदद कैसे की ?
मेहँदी
- मेहँदी की झाड़ी ने एक्की को लगाने को मेहँदी दी। मेहँदी की झाड़ी से लगाने के लिए मेहँदी कैसे तैयार की जाती है ? पता करो और सही क्रम में लिखो।
पहले मेहँदी की झाड़ी से _____
_____
_____
_____
_____
- मेहँदी जब रचाई जाती है तब उसका रंग गाढ़ा होता है और धीरे-धीरे फीका पड़ता जाता है। किन-किन चीज़ों का रंग कुछ समय बाद फीका हो जाता है ?
मेहँदी | _____ |
सूती कपड़े | _____ |
नीचे दी गई जगह में अपनी हथेली को रखो। अब इसके चारों ओर पेंसिल फिराओ। लो बन गया तुम्हारा हाथ। मेहँदी से जो डिज़ाइन तुम अपनी हथेली पर बनाना चाहते हो वह बनाओ।
अपने मन से
कहानी में दोनों बहनों का नाम उनके बालों की संख्या पर पड़ा। सोच कर खाली जगह में नाम लिखो।
बालों की संख्या | पूरा नाम | छोटा नाम |
1 | एककेसवाली | एक्की |
2 | दोकेसवाली | दोक्की |
100 | _____ | _____ |
0 | _____ | _____ |
तुम्हारे वाक्य
नीचे कुछ वाक्य लिखे हैं। हर वाक्य में एक मोटा शब्द छपा है। है , उनकी मदद से तुम अपने मन से सोचकर वाक्य बनाओ और कक्षा में बताओ।
- जंगल में चारों तरफ़ सन्नाटा था।
- बाबा को सोचने की फुर्सत ही कहाँ , काम में जो उलझे रहते थे।
- वह सरपट घर की तरफ़ दौड़ चली।
- मेहँदी की झाड़ी मुरझा गई थी।
नाम-काम
एक्की ने देखा कि एक मरियल-सी गाय पेड़ से बँधी हुई थी।
एक्की , गाय और पेड़ नाम वाले शब्द हैं ।
देखा और बँधी काम वाले शब्द हैं।
कहानी में से ऐसे पाँच-पाँच शब्द और छाँटकर लिखो।
नाम वाले शब्द | काम वाले शब्द |
_____ | _____ |
_____ | _____ |
_____ | _____ |
_____ | _____ |
_____ | _____ |
रचनाकार-जिनकी कविता और कहानियाँ हमने पढ़ी
1. ऊँट चला | प्रयाग शुक्ल |
2. भालू ने खेली फुटबॉल | हरदर्शन सहगल |
3. म्याऊँ, म्याऊँ!!
| धर्मपाल शास्त्री विजय एस.सिंह |
4. अधिक बलवान कौन? | योगेश जोशी |
5. दोस्त की मदद | ए.के. रामानुजन |
6. बहुत हुआ
| हरीश निगम कौशल पाण्डेय नवीन सागर |
7. मेरी वाली किताब | होल्गर पुक |
8. तितली और कली | शोभा देवी मिश्र |
9. बुलबुल |
|
10. मीठी सारंगी | गणेश दत्त शर्मा |
11. टेसू राजा बीच बाज़ार | निरंकार देव सेवक |
12. बस के नीचे बाघ
|
प्रयाग शुक्ल |
13. सूरज जल्दी आना जी | रमेश तैलंग |
14. नटखट चूहा |
|
15. एक्की-दोक्की | संध्या राव |
16. छुट्टी हुई खेल की | रामकृष्ण शर्मा खद्दर |
भारत का संविधान
भाग-3 (अनुच्छेद 12-35)
(अनिवार्य शर्तों, कुछ अपवादों और युक्तियुक्त निर्बंधन के अधीन) द्वारा प्रदत्त
मूल अधिकार
समता का अधिकार
- विधि के समक्ष एवं विधियों के समान संरक्षण_
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिं ग या जन्मस्थान के आधार पर_
- लोक नियोजन के विषय मेंऽ अस्पृश्यता और उपाधियों का अंत।
स्वतंत्रतय-अधिकार
- अभिव्यक्ति, सम्मेलन, संघ, संचरण, निवास और वृत्ति का स्वातं=य_
- अपराधों के लिए दोष सिद्धि के संबंध में संरक्षण_
- प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण_
- छः से चौदह वर्ष की आयु के बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा_
- कुछ दशाओं में गिरफ्रतारी और निरोध से संरक्षण।
शोषण के विरुद्ध अधिकार
- मानव के दुर्व्यापार और बलात श्रम का प्रतिषेध_
- परिसंकटमय कार्यों में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध।
धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
- अंतःकरण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार की स्वतंत्रता_
- धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता_
- किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए कराें के संदाय के संबंध में स्वतंत्रता_
- राज्य निधि से पूर्णतः पोषित शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के संबंध में स्वतंत्रता।
संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार
- अल्पसंख्यक-वर्गों को अपनी भाषा, लिपि या संस्कृति विषयक हितों का संरक्षण_
- अल्पसंख्यक-वर्गों द्वारा अपनी शिक्षा संस्थाओं का स्थापन और प्रशासन।
सांविधानिक उपचारों का अधिकार
- उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के निर्देश या आदेश या रिट द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने का उपचार।