2 पौधों की परी

रविवार को हम सब बच्चे पास के बगीचे में गए। वहाँ सबने छुपनछुपाई और अंताक्षरी खेली। बहुत मज़ा आया। फिर दीदी ने कहा आओ , मैं तुम्हें एक नया खेल सिखाती हूँ। हमने पिछले कैंप में इसे खेला था। मैं बन जाती हूँ ' पौधों की परी ' ' पौधों की परी ' जिस चीज़ का नाम लेगी , तुम्हें उसे छूना होगा।

दीदी ने खेल शुरू किया। वह बोली — ‘ पौधों की परी ' कहती है , किसी पौधे को छू लो। इतना सुनते ही सब बच्चे पौधों को छूने भागे।

अम्मू क्यारी में लगे गेंदे के पौधे को पकड़ कर बैठ गई।

शबनम ने चमेली की बेल को छू लिया।  

माइकल ने मेंहदी की झाड़ी को छू लिया।

दयाराम नीम के पेड़ को पकड़ कर खड़ा हो गया।  


बच्चों से इस बारे में बातचीत की जा सकती है कि उनके यहाँ छुपनछुपाई , अंताक्षरी आदि खेलों को किस नाम से पुकारा जाता है।

दीदी बोली अरे वाह ! सबने एक - एक पौधे को छू लिया। ज़रा देखो तो , सबके पौधे कितने अलग - अलग हैं।

शबनम बोली दीदी , आप भी तो छोटे - छोटे पौधों पर बैठी हो।

सोचो तो दीदी किन पौधों पर बैठी होंगी ?

खेल फिर शुरू हुआ। अब पौधों की परी ' ने कहा एक ऐसे पेड़ को छुओ जिसका तना या तो बहुत मोटा हो या फिर पतला हो। ।

 

बच्चे फिर भागे मोटे और पतले तने वाले पेड़ों को छूने। क्या तुमने कोई ऐसा पेड़ देखा है जिसका तना चित्र में दिखाए गए पेड़ जितना मोटा हो ?

माइकल को खेल बड़ा रोचक लगने लगा था। खेल में परी बनकर वह सब बच्चों पर अपना हुक्म जो चला सकता था। वह बोला अब मैं बनूँगा ' पौधों की परी ' । पर मैं ' परी '! चलो , बन जाता हूँ। सब हँसे और करने लगे ' परी ' के आदेश का इंतज़ार।

माइकल बोला सब बच्चे जल्दी से मुझे कुछ पत्ते लाकर दो। दीदी ने कहा लेकिन ध्यान रहे तोड़कर नहीं।

सब दौड़ पड़े और जो पत्ते नीचे पड़े मिले उन्हें उठा लाए।


बच्चे   यह   खेल   खुद   खेलकर   पेड़ - पौधों   में   पाई   जाने   वाली   विविधता   को   देखकर   महसूस   कर   पाएँगे।   अलग - अलग   बच्चे   यदि   ' पौधों   की   परी ' बनेंगें   तो   अच्छा   होगा   क्योंकि   वे   खुद   वर्गीकरण   का   आधार   चुनेंगें।  

क्या सभी पत्तों का रंग , आकार और किनारे एक जैसे हैं ?

दयाराम ने कहा मुझे तो पता ही नहीं था कि पत्ते इतनी तरह के होते हैं। देखो , कोई गोल है , कोई लंबा और कोई तिकोना !

अम्मू बोली इन सबके रंग भी कितने अलग - अलग हैं कोई हल्का हरा तो कोई गाढ़ा हरा। कोई तो पीला , लाल , बैंगनी है। एक पत्ता है तो हरा , पर उसमें सफ़ेद धब्बे हैं।

शबनम बोली देखो , पत्तों के किनारे भी तो कितने अलग - अलग हैं। किसी पत्ती का किनारा सीधा है , तो किसी का कटा - फटा। कुछ के किनारे तो आरी की तरह हैं।

अब मैं बनूँगी ' पौधों की परी ' — अम्मू और शबनम इकट्ठे बोले।

दीदी ने कहा अगले इतवार को बनना। अब घर जाने का समय हो गया है। रास्ते में दीदी ने सब बच्चों को एक कविता सुनाई


अध्यापकों / अभिभावकों   के   लिए   संकेत   का   चिह्नः - बच्चे   विभिन्न   प्रकार   के   गिरे   हुए   पत्तों   को   इकट्ठा   कर   सकते   हैं   और   उनके   पौधों   के   नाम   पता   कर   सकते   हैं।  

पत्ते

हरे - हरे और गीले , ढीले , लाल , बैंगनी और कुछ पीले।

तरह - तरह के होते पत्ते , बड़ी तरह के होते पत्ते।

कुछ हाथी के कान के जैसे , फड़फड़ाएँ शैतान के जैसे।

कटे - फटे कुछ मुड़े - तुड़े से , खाएँ कुछ को पान के जैसे।

सुबह सवेरे , बड़े अँधेरे , ओस के आँसू रोते पत्ते।

लगे कोई तितली कोई भौंरा , रूएँदार कोई बिल्कुल कोरा।

बनता कोई सूख के काँटा , कोई पिचककर बने कटोरा।

साँय - साँय , सन् सन् , फड़ - फड़ , हवा चले तो करते बड़ - बड़ा।

दिन भर रहते खिले खिले से , सूरज के संग सोते पत्ते।

तरह - तरह के होते पत्ते , बड़ी तरह के होते पत्ते।

- विजेंद्र पाल सिसोदिया


बच्चों   को   कविता   गाना   अच्छा   लगता   है।   उन्हें   ज़बरदस्ती   याद   करने   को   नहीं   कहा   जाए।   अच्छा   होगा   कि   सभी   बच्चे   कक्षा   में   साथ - साथ   गाएँ।  

  • कविता   के   चारों   तरफ़   बने   पत्तों   में   रंग   भरो।

कुछ पत्ते इकट्ठे करो जैसे नींबू , आम , नीम , तुलसी , पुदीना , हरा धनिया। इन पत्तों को मसलो और उनकी महक सूंघो। क्या सभी पत्तों की महक एक - सी है ? क्या तुम सिर्फ महक से इन पत्तों को पहचान पाओगे ?

  • देखो , कितने   सुंदर   चित्र   बने   हैं।   हाँ , ये   सूखे   पत्तों   से   ही   बने   हैं।  

तुम भी अब सूखे पत्तों से अलग - अलग जानवरों के चित्र अपनी कॉपी में बनाओ।



मशहूर कलाकार विष्णु चिंचालकर ( इंदौर , मध्य प्रदेश ) ऐसे सूखे पत्तों से बढ़िया चित्र बनाते थे। यह कलाकारी भी उन्हीं से प्रेरित है।

  • दीदी   ने   सबको   पत्तों   और   तनों   की   छाप   लेना   भी   सिखाया।   देखो   कैसे।  

(1) एक कागज़ और मोमी रंग या पेंसिल लो। (2) पत्ते को मेज़ या ज़मीन पर रखो। ध्यान रहे जिस तरफ़ पत्ते की नसें उभरी हुई हैं , उसे ऊपर की तरफ़ रखना है। (3) कागज़ को पत्ते पर रखो। (4) अब हल्के हाथ से कागज़ पर मोमी रंग या पेंसिल फेरो। (5) पत्ते और कागज़ को हिलाना नहीं।

  • अब   इसी   तरह   किसी   तने   की   छाप   भी   लो।  

इसके लिए एक कागज़ को पकड़कर तने पर रखो और उस पर रंग फेरो। देखो , तुम्हारे कागज़ पर तने की छाप बन गई !

अब एक - दूसरे की बनाई छाप को देखो। क्या सब पेड़ों की छाप एक जैसी है ?

कौन - से पत्ते की छाप अच्छी बनी ? किस पेड़ की छाप लेना मुश्किल था ? क्यों ?

 

चित्र में कौन - कौन सी चीज़ों पर फूल - पत्तियों का डिज़ाइन बना हुआ है ?


पेड़ - पौधों के बारे में जानकारी लेने के लिए बच्चे अपने बड़ों से पूछे अथवा किसी किसान या माली से पता करें। पेड़ - पौधों के प्रति संवेदनशीलता , उनसे जुड़े अनुभवों को छोटे - छोटे किस्से सुनाकर विकसित करें।

  • अपने   घर   में   देखो   किन - किन   चीज़ों   पर   फूल - पत्तियों   के   डिज़ाइन   बने   हैं ?


  • तुमने   बहुत   सारे   पेड़ - पौधे   देखे   हैं।   उनमें   से   तुम   कितनों   के   नाम   जानते   हो ? उनके   नाम   लिखो।  


  • ऐसे   पेड़ - पौधों   के   नाम   लिखो   जिनको   तुमने   कभी   नहीं   देखा , लेकिन   उनके   नाम   सुने   हैं।  


  • किसी   बुजुर्ग   से   पता   करो।   क्या   कोई   ऐसे   पेड़ - पौधे   हैं , जो   उस   समय   होते   थे   जब   वे   छोटे   थे , लेकिन   अब   वे   दिखाई   नहीं   देते ?
  • क्या   कोई   ऐसे   पेड़ - पौधे   हैं , जो   पहले   नहीं   थे , पर   अब   दिखते   हैं ?

पेड़ से दोस्ती

तुम्हारे स्कूल या घर के आस - पास कोई एक पेड़ ढूँढ़ो और उससे दोस्ती करो।

एक लंबी दोस्ती !

  • यह किस चीज़ का पेड़ है ? यदि नहीं जानते तो बड़ों से पूछो।
  • क्या तुम दोस्त पेड़ को कुछ खास नाम देना चाहोगे ? क्या रखोगे उसका नाम ?


बच्चों को किसी एक पेड़ से रिश्ता बनाने के लिए प्रेरित करें उसे पानी देना , उसकी देखभाल करना , उसको बारीकी से देखना आदि। इससे   पर्यावरण के प्रति उनका लगाव भी बढ़ेगा।

  क्या   यह   पेड़   फूल   या   फल   देता   है ? बताओ   कौन - से ?

  • इस पेड़ के पत्ते कैसे हैं ?
  • क्या इस पेड़ पर पक्षी या अन्य जानवर रहते हैं ? कौन - से ?

अपने इस दोस्त पेड़ के बारे में और भी बहुत - सी बातें पता करो और सभी को बताओ।

अपने किसी दोस्त , पेड़ का चित्र नीचे बनाइए तथा रंग भरिए।