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5 छोटू का घर
छोटू पहली बार मुंबई आया ...
चित्रों में छोटू की कहानी बताई गई है। देखकर बताओ —
- छोटू ने पाइप को देखकर क्या सोचा ?
- छोटू ने पाइप का किस तरह से इस्तेमाल किया है ?
- छोटू ने पाइप और आस - पास की जगह को कौन - से हिस्सों में बाँटा है ?
- छोटू को इस घर के कौन - से हिस्से में ज़्यादा समय बिताना पसंद होगा ?
- छोटू ने मोनू को भी पाइप में रहने को क्यों कहा होगा ?
मकान कब घर बन जाता है , इस पर चर्चा करवाना ' मकान ' और ' घर ' के अंतर को स्पष्ट करेगा।
अपने घर का चित्र कॉपी में बनाओ। उसमें रंग भी भरो।
- तुम्हारे घर में कौन - कौन रहते हैं ?
- छोटू ने पाइप को अलग - अलग हिस्सों में बाँटा। तुम भी अपने घर के अलग - अलग हिस्सों के नाम लिखो।
- एक दिन में तुम घर के किस हिस्से में कितना समय बिताते हो ?
- क्या घर का कोई ऐसा हिस्सा है जिसमें घर के कुछ लोग ज्यादा समय बिताते हैं ?
- क्या घर का कोई ऐसा भी हिस्सा है जिसमें घर का कोई खास व्यक्ति जाता ही नहीं है , या बहुत कम जाता है ?
हमारे घरों में हम लोग तो रहते ही हैं , पर हमारे साथ - साथ कुछ जानवर भी रहते हैं — कुछ हमारी मर्जी से , कुछ हमारी इजाज़त के बगैर !
बच्चों से उनके घर की बातचीत को संवेदनशीलता से करने की ज़रूरत है। घर अलग - अलग तरह के होते हैं। यह बात ध्यान में रखते हुए पाठ में कमरों के बजाए ‘ घर के हिस्सों ' का प्रयोग किया गया है। घर के हिस्सों में विशिष्ट व्यक्तियों का जाना या न जाना उनके घर के तौर - तरीकों को दर्शाता है।
घर प्यारा
सदा यही तो कहती हो माँ
घर यह सिर्फ हमारा अपना।
लेकिन माँ कैसे मैं मानें पर
घर तो यह कितनों का अपना।
देखो तो कैसे ये चूहे
खेल रहे हैं पकड़म - पकड़ी।
कैसे मच्छर टहल रहे हैं
कैसे मस्त पड़ी है मकड़ी !
और छिपकली को तो देखो
चलती है जो गश्त लगाती !
अरे कतारें बाँधे - बाँधे
कहाँ चीटियाँ दौड़ी जातीं।
और उधर आँगन में देखो
पंछी कैसे झपट रहे हैं।
बिल्कुल दीदी और मुझ जैसे
किसी बात पर झगड़ रहे हैं।
इसीलिए तो कहता हूँ माँ
घर ना समझो सिर्फ हमारा
सदा - सदा से जो भी रहता
सबका ही है घर यह प्यारा।
बच्चा टोली ( भारत ज्ञान विज्ञान समिति )
क्या आप जानते हो ?
चूहों में देखने की क्षमता कम परंतु सूंघने , छूने तथा स्वाद वाली क्षमताएँ बहुत ही तीव्र होती हैं।
- ऐसे दो जानवरों के चित्र बनाओ , जो हमारी मर्जी के बिना हमारे घर में रहते हैं। चित्र के नीचे उनका नाम भी लिखो।
- क्या तुम अपने घर को साफ़ रखते हो ? कैसे ?
- तुम्हारे घर में सफ़ाई का काम कौन - कौन करते हैं ?
- तुम सुबह शौच के लिए कहाँ जाते हो ?
- क्या तुम अपने घर या घर के आस – पास किसी शौचालय का प्रयोग करते हो ?
- उसकी सफ़ाई कौन करता है ?
- तुम शौचालय की सफ़ाई में किस तरह मदद करते हो ?
टॉयलेट का उपयोग
सिम्मी ने देखा की उसका दोस्त बिल्लू अचानक ठीक महसूस नहीं कर रहा। वह उससे बात भी नहीं कर रहा।
सिम्मी — बिल्लू क्या हुआ ? तुम बहुत सुस्त लग रहे हो।
बिल्लू — मुझे नहीं पता टॉयलेट कैसे इस्तेमाल करना है ? हमेशा की तरह हीरा मैडम मुझे फिर से टॉयलेट ठीक से न इस्तेमाल करने पर डाँटेगी।
सिम्मी — तो फिर तुम टॉयलेट का प्रयोग ठीक से क्यों नहीं करते ?
बिल्लू — मुझे डर है कि मैं टॉयलेट में गिर जाऊंगा।
सिम्मी — अरे कैसी बात करते हो ! अब मुझे पता चला कि तुम और तुम्हारे जैसे मेरे कई दोस्त टॉयलेट का सही इस्तेमाल न करके उसे गंदा करते हो। तुम्हें डरना नहीं परंतु ज़िम्मेदार बनना चाहिए।
कैसे बन सकते हैं हम ज़िम्मेदार
- टॉयलेट सीट का ठीक से इस्तेमाल करें।
- इस्तेमाल करने के बाद हमेशा फ्लश करें।
- अपने आप को ठीक से साफ़ करें।
- टॉयलेट जाने के बाद अच्छी तरह हाथ धोएँ।
- तुम्हारे स्कूल में टॉयलेट की क्या व्यवस्था है ?
- क्या यह साफ़ – सुथरा रहता है ?
- इसे कौन साफ़ करता है और कैसे ?
- तुम इसकी सफ़ाई में किस तरह मदद करते हो ?
इस्तेमाल कर टॉयलेट को हमेशा ऐसा छोड़ें , जैसा साफ़ आप स्वयं के लिए चाहते हैं।
क्या तुम जानते हो ?
गांधी जी की 150 वीं वर्षगाँठ के लिए ' स्वच्छ भारत अभियान ' की शुरूआत की गई। यह हमें अहसास दिलाता है कि स्वच्छता हमारी ज़िम्मेदारी ही नहीं , बल्कि फ़र्ज़ भी है।
अब से बिल्लू भी टॉयलेट का सही इस्तेमाल करने लगा। प्रयोग करने के बाद बिल्लू टॉयलेट को साफ़ - सुथरा छोड़ , अपने हाथों को भी अच्छी तरह साफ़ करता।
- क्या तुम भी किसी साफ़ टॉयलेट में ही जाना पसंद करोगे ? अपने इस्तेमाल के बाद उसे वैसा ही छोड़ोगे जैसा तुम्हें चाहिए ?
- तुम्हें कब लगता है कि तुम्हारे हाथ गंदे हो जाते हैं ?
- खुद को साफ़ रखने के लिए तुम्हें क्या - क्या करना चाहिए ? सूची बनाओ।
- नहाना और दाँत साफ करना
- नाखून काटना
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- यदि हम ये सब न करें तो क्या हो सकता है ?
- तुम अपने घर का कूड़ा - कचरा कहाँ डालते हो ?
- क्या तुम्हारे घर के आस - पास सफ़ाई रहती है ?
लता का घर इस तरह से सजा है।
क्या तुम अपने घर को किसी खास तरह से सजाते हो ? कब और कैसे सजाते हो
अपने साथियों से पता करो कि वे अपने घर को कब और कैसे सजाते हैं ?
तुम अपने घर को किन - किन चीजों से सजाते हो ? उनके नाम लिखो।
पाठ में प्रत्येक बच्चे से उसके घर की सजावट के बारे में पूछा गया है। बच्चों से विभिन्न अवसरों पर घर सजाने की प्रकिया पर बातचीत से , स्थानीय सामग्री के उपयोग तथा त्योहार मनाने के महत्त्व को उभारा जा सकता है।