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8 पंख फैलाएँ , उड़ते जाएँ
सिर पर मेरे --- है ,
सुंदर पंखों पर नाज़ है।
सुंदर नाच दिखाता हूँ ,
राष्ट्रीय पक्षी कहलाता हूँ।
आकाश से सीधे आती हूँ ,
झपट चूहा ले जाती हूँ।
पूँछ है मेरी खाँचे वाली ,
--- हूँ मैं बड़ी निराली।
हरे - हरे हैं मेरे पंख ,
लाल है --- मेरी का रंग।
हरी मिर्च मैं खाता हूँ ,
--- मैं कहलाता हूँ।
काले - काले ---- है मेरे ,
--- रंग।
काँव - काँव मैं शोर मचाता ,
--- ।
कुहू कुहू आवाज़ लगाती ,
मधुर - मधुर मैं गीत सुनाती।
सबके मन को हूँ मैं भाती ,
देखो ---- मैं कहलाती।
मरे जानवर खाकर मैं ,
जगह साफ़ कर देता हूँ।
ऊँचे ---- में उड़ता हूँ ,
गिद्ध मैं कहलाता हूँ।
रंग सलेटी , पंजे ---
गुटर गूँ की भर कर चाबी।
दिन भर शोर मचाता हूँ ,
--- मैं कहलाता हूँ।
चोंच है मेरी बड़ी निराली ,
सुई हो जैसे सिलने वाली।
पत्ते सिल कर घर बनाऊँ ,
पेड़ के
उसमें छिपे कीड़े मैं खाऊँ।
टुक - टुक करता जाता हूँ ,
कठफोड़वा कहलाता हूँ।
अरे जगा दिया। आज जंगल में इतना शोर कैसा ...?
उल्लू जी। सारे पक्षी अपनी अपनी बड़ाई कर रहे हैं और शोर मचा रहे हैं।
उल्लू बोला – अब , बंद क्यों नहीं करते यह शोरगुल ? यह कैसा झगड़ा ? हम सभी में कुछ - न - कुछ खास है। हमारे पंख , पैर , चोंच और बोली चाहे अलग - अलग हैं , पर हम सभी पक्षी हैं। सोचो , अगर हम सब एक जैसे दिखते और एक - सा खाते। बोली भी यदि एक - सी होती , तो कितनी नीरस होती हमारी यह दुनिया !
- पाठ में आए पक्षियों में से तुमने किन - किन को देखा है ? उनके नाम लिखो।
अब बाहर जाकर देखो तुम्हें कितने पक्षी दिखते हैं। पेड़ पर ही नहीं , मैदान में , पानी में , पानी के आस - पास तथा झाड़ियों में भी देखना।
- पक्षियों के नाम भरो तथा सही जगह पर ✓ सही का निशान लगाओ। यदि नाम नहीं जानते तो उनकी कोई पहचान लिखो।
बच्चे बाहर पक्षियों को देखेंगे तो कागज़ पर आसानी से पहचान कर पाएंगे। कविता को बढ़ाने के लिए बच्चों को पक्षियों के गुण पता होने से मदद मिलेगी , चाहे वे उनके नाम न भी जानते हों।
पक्षी का नाम | जहाँ देखा है | ||||
पानी में
| पेड़ पर
| ज़मीन पर
| घर में
| उड़ते हुए
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क्या तुमने कभी ध्यान दिया है कि अलग - अलग पक्षियों की चोंच भी अलग - अलग तरह की होती हैं ? नीचे कुछ पक्षियों की चोंच के चित्र हैं। इनको ध्यान से देखो और पहचानो — ये किन पक्षियों की चोंच हैं। नीचे उनके नाम लिखो। अगले पृष्ठ पर खाली खाने में किसी अन्य पक्षी की चोंच बनाओ और उसमें रंग भरो। उस पक्षी का नाम भी लिखो।
बच्चों की पक्षियों में रुचि बढ़ाने के लिए , बच्चे चुपचाप बैठकर पक्षियों को देखें तथा अपने अवलोकनों को नोट करना सीखें तथा कक्षा में सभी को बताएँ।
देखा , पक्षियों की चोंच कितनी अलग - अलग तरह की होती है। उतना ही अलग - अलग तरह का होता है उनका भोजन ! पक्षी तरह - तरह की चीजें खाते हैं। कोई फल खाता है , तो कोई बीज। कोई कीड़े - मकौड़े खाता है , तो कोई मछली।
चित्र में दिए गए पक्षियों को उनके भोजन के साथ जोड़ो।
क्या तुमने कभी ध्यान दिया है कि पक्षियों के उड़ने , चलने और गर्दन घुमाने के तरीके अलग - अलग हैं। मैना झटके से अपनी गर्दन आगे - पीछे करती है। उल्लू तो अपनी गर्दन पीछे तक घुमा सकता है। क्या तुम भी ऐसा कर सकते हो ?
कई पक्षी ऐसे हैं , जो हमारी बोली की नकल कर सकते हैं। क्या तुम ऐसे किसी पक्षी का नाम जानते हो ? उसका चित्र अपनी कॉपी में बनाओ और उसका नाम भी लिखो।
बाहर खुले में जाओ। पक्षियों को देखो कि वे कैसे चलते हैं , उनके पंख कैसे हैं और वे गर्दन कैसे हिलाते हैं। पक्षियों की आवाजें भी सुनो। किन्हीं तीन पक्षियों की आवाज़ों की नकल करो। उनके गर्दन को हिलाने की भी नकल करो। अपने साथियों से कहो कि वे पहचानें तुमने किस पक्षी की नकल की है।
पक्षियों के पंख अलग - अलग रंगों व डिज़ाइन के होते हैं। उनके पंख उड़ने में मदद करते हैं। इतना ही नहीं , पंख उनके शरीर को गर्म भी रखते हैं। समय - समय पर पक्षियों के पुराने पंख झड़ जाते हैं और नए पंख आ जाते हैं। तुमने भी कई बार पक्षियों के गिरे हुए पंखों को देखा होगा।
पक्षियों के गिरे हुए पंखों को इकट्ठा करो और उनके रंग , आकार और आकृति पर चर्चा करो। एक पक्षी का चित्र अपनी कॉपी में बनाओ और उस पर पंख चिपकाओ। उसका नाम भी लिखो।
- पक्षियों के अलावा और कौन - कौन से जानवर उड़ सकते हैं ?
- अगर तुम भी पक्षियों की तरह उड़ सकते , तो तुम कहाँ - कहाँ जाते ? क्या - क्या करते ?
यदि पक्षी उड़ न सकें , बस अपने पैरों पर ही चलें तो क्या होगा ?
आओ बनाएँ मुर्गा
एक चौकोर कागज़ लो।
एक छोटे से काले कागज़ को गोल काटकर मुर्गे की आँख की जगह चिपका दो।