12 काम अपने - अपने

रोज़ की तरह बलबीर नाश्ता कर के पहुँच गया चाय की दुकान पर। आज उसके साथ गाँव से आया उसका भाई सतविंदर भी था। चाय वाले ने चाय पकड़ाते हुए कहा लो अखबार भी पढ़ो।

आप यहाँ दिन भर समय कैसे काटते हो ? बैठे - बैठे ऊब नहीं जाते ? — सतविंदर ने पूछा।

अरे , समय तो यूँ निकल जाता है , पता ही नहीं चलता ! वहाँ देखो , बच्चों को रोज़ की तरह स्कूल पहुँचने में देर हो गई है। भाग रहे हैं सब ! वह मैडम भी आज देर से आई हैं। अरे ! लगता है , उनकी सैंडल टूट गई है। अब जा रही हैं , जग्गू भाई के पास , सैंडल ठीक करवाने। अच्छा है , जग्गू की सुबह - सुबह कमाई हो गई।


पाठ पढ़ने से पहले यदि बच्चों को ध्यान से चित्र देखने और समझने का मौका दिया जाए तो उनमें चित्र अवलोकन का कौशल विकसित होगा।

वहाँ चंपा बैठी है , अपनी फूलों की टोकरी सजाकर। पोस्टऑफिस में काम करने वाली मैडम रोज़ सुबह उससे फूल खरीदती हैं।

ट्रक में सामान आ रहा है।मकान का काम फिर से शुरू हो गया है। मज़दूर फिर से दिन भर काम में लगे रहेंगे।

उधर अस्पताल की तरफ़ देखो , डॉक्टर और नर्स साथ - साथ आ रहे हैं।

उस रामुलू को देखो , फल के ठेले के साथ। आजकल वह चिनम्मा को भी अपने साथ काम पर लाता है। चिनम्मा दौड़कर फल पहुँचाती है , पैसे इकट्ठे करती है।

वहाँ नानू नाई अपनी दुकान खोलकर हजामत करने के लिए तैयार बैठा है पर किस की करे ?

चौराहे के बीच खड़ा है इकबाल सिंह , जो दिन - भर सीटी बजाता है। पी ई ई ... , गाड़ी इधर से निकालो ... सुना नहीं ... ठेला इधर ...

इतना कहकर बलबीर ने चाय का खाली कप रखा और चल दिया पास की दुकान की तरफ़।

एक्टिंग करके दिखाओ किसी चौराहे पर , हाट - बाज़ार में लोग क्या - क्या कर रहे होते हैं।

  • अब ध्यान से चित्र देखकर लिखो कि क्या - क्या काम हो रहे हैं।



  • तुम्हारे घर के आस - पड़ोस में होने वाले कोई पाँच काम लिखो। इन काम करने वालों को क्या कहते हैं उनके काम के सामने लिखो।

काम

क्या कहलाते हैं

स्कूटर - कार ठीक करना

मैकेनिक

पहले चित्र में कुछ इमारतें दिखाई गई हैं। यहाँ उन इमारतों के नाम पर लाल रंग से बनाओ। अब इनमें से तुम्हारे आस - पास जो इमारतें हैं , उन पर हरे या किसी और रंग से ◯   बनाओ।

  • डाकघर
  • अस्पताल
  • मंदिर
  • टेलीफोन बूथ
  • स्कूल
  • कॉलेज
  • सरकारी दफ्तर
  • गिरजाघर
  • बहुमंजिला मकान
  • मस्जिद
  • होटल
  • बस अड्डा
  • सिनेमाघर
  • पुलिस थाना
  • बैंक
  • पेट्रोल पंप
  • दुकान
  • गुरुद्वारा
  • धर्मशाला
  • रेलवे स्टेशन
  • कचहरी

  • किन्हीं पाँच इमारतों के नाम और उनमें क्या काम होते हैं , लिखो।

इमारत का नाम

क्या - क्या काम होता है

अस्पताल

बीमारों का इलाज , बच्चों का टीका



तुमने चित्र में देखा कि नई इमारत बनाने के लिए बहुत सारे लोग एक साथ काम करते हैं।

  • स्कूल भी ऐसी जगह है , जहाँ कई लोग काम करते हैं। लिखो , स्कूल में क्या - क्या काम होते हैं।



  • क्या चित्र में ऐसे बच्चे भी हैं , जो स्कूल नहीं जा रहे ? वे क्या कर रहे है ?


घर का काम

दीपाली भी ऐसी ही एक लड़की है जो स्कूल नहीं जाती। आओ , उसके बारे में जानें। दीपाली अपने भाई - बहनों में सबसे बड़ी है। उसके पिताजी सब्जी की रेहड़ी लगाते हैं।

वे सुबह चार बजे ही मंडी चले जाते हैं । उसकी माँ लोगों के घर बर्तन साफ़ करती है। वह भी सुबह जल्दी घर से चली जाती है। दीपाली अपने भाई - बहनों के लिए खाना बनाती है। घर की सफ़ाई के साथ - साथ वह बर्तन भी माँजती है। उसे रेडियो सुनने का बहुत शौक है। काम करते समय वह साथ - साथ गाने भी सुनती रहती है। काम खत्म करके वह अपने छोटे भाई राजू को पिताजी की रेहड़ी पर छोड़ती है। फिर अपनी छोटी बहनों , सुमन और शीला को स्कूल ले जाती है।  

उसके बाद दीपाली अपनी माँ के साथ काम में हाथ बँटाती है। दोपहर को वह अपने भाई - बहनों को घर लाती है। शाम को वह सभी बच्चों के साथ गली में खेलती है। शाम ढलने पर उसकी माँ घर आती है। दीपाली खाना पकाने में माँ की मदद करती है। उसके पिताजी देर रात को ही घर लौटते हैं।

दीपाली रात को बिस्तर पर लेटकर अपनी बहनों की स्कूल की किताबें पढ़ती है। वह भी तो तीसरी कक्षा तक पढ़ी है। तीन साल पहले जब उसका छोटा भाई पैदा हुआ , तब से दीपाली को घर पर रहना पड़ा उसका ध्यान रखने के लिए।   वह फिर आगे नहीं पढ़ पाई। दीपाली को लगता है कि किताबें पढ़ने से उसकी दिन भर की थकावट दूर हो जाती है। शायद आज भी उसे मौका मिले , तो वह स्कूल जाना चाहेगी। अब दीपाली ने स्कूल में दाखिला वापस ले लिया है। स्कूल भी अब वह रोज जाती है।

  • दीपाली अपने घर के क्या - क्या काम करती है ?


  • क्या तुम भी अपने घर के काम करते हो ? यदि हाँ , तो कौन - कौन से ?


  • क्या तुम घर के काम के अलावा कोई और काम भी करते हो ? क्या ?

 


नीचे कुछ काम लिखे हैं। तुम ये काम जिस समय करते हो , घड़ी में दिखाओ।

 

सुबह उठते हो

स्कूल जाते हो

स्कूल से आते हो

घर में पढ़ाई करने बैठते हो

खेलने जाते हो

रात को सोते हो

  • तुम्हारे परिवार के कौन - कौन से लोग घर के काम करते हैं ? वे क्या - क्या काम करते हैं ? तालिका में भरो।

परिवार के लोग

क्या - क्या काम करते हैं



  • तुम्हारे परिवार के कौन - कौन से लोग पैसा कमाने के लिए काम करते हैं ?

परिवार के लोग

क्या - क्या काम करते हैं



तुम्हारे परिवार में कौन - कौन से लोग ऐसे हैं जो काम करते हैं पर उन्हें पैसा नहीं मिलता ?


बातचीत के दौरान यह संदेश मिलना आवश्यक है कि सभी काम महत्त्वपूर्ण हैं कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता। यदि बच्चों द्वारा बताए गए कामों में जेंडर विषमता दिखाई दे तो उनके कारणों पर चर्चा करना अच्छा रहेगा।

 

पता लगाओ - तुम्हारे घर के बड़े लोग ( दादा - दादी , नाना - नानी ) जब बच्चे थे , तब वे क्या - क्या काम करते थे ?


साराम्मा ने घर जाकर अपनी नानी से यही सवाल पूछा। नानी ने कहा कि वह बचपन में लकड़ी इकट्ठा करना , गोबर इकट्ठा कर उसके उपले बनाना , कभी गोबर से घर की लिपाई - पुताई करना जैसे कामों में बड़ों का हाथ बँटाती थी। मगर अब तो घर में गोबर गैस का चूल्हा है। सीमेंट की दीवारें और फ़र्श है। साराम्मा अब अपने घर के कई ऐसे काम नहीं करती , जो उसकी नानी अपने बचपन में करती थीं।

तुमने पहले लिखा कि तुम क्या काम करते हो और तुम्हारे घर के बड़े लोग अपने बचपन में क्या काम करते थे। ये काम एक जैसे हैं या अलग - अलग ?

दीपाली को घर पर काम करने के लिए स्कूल छोड़ना पड़ा। पता करो क्या   तुम्हारे घर के आस - पास पाँच साल से बड़ी उम्र के बच्चे रहते हैं , जो स्कूल नहीं जाते।

ऐसे दो बच्चों से बात करके लिखो , वे स्कूल क्यों नहीं जाते।

पहले बच्चे का नाम  


स्कूल न जाने का कारण  


दूसरे बच्चे का नाम  


स्कूल न जाने का कारण