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2. शेखीबाज़ मक्खी
एक था जंगल। उस जंगल में एक शेर भोजन करके आराम कर रहा था। इतने में एक मक्खी उड़ती - उड़ती वहाँ आ पहुँची। शेर ने दो - तीन दिनों से स्नान नहीं किया था। इसलिए मक्खी शेर के कान के एकदम पास भिन - भिन - भिन करने लगी। शेर को बहुत मुश्किल से नींद आई थी। उसने पंजा उठाया। मक्खी उड़ गई ... लेकिन फिर से शेर के कान के पास भिन - भिन शुरू हो गई। अब शेर को गुस्सा आया।
वह दहाड़ा — अरे मक्खी , दूर हट। वरना तुझे अभी जान से मार डालूँगा। मक्खी ने धीरे से कहा — छि ... छि ... ! जंगल के राजा के मुँह से ऐसी भाषा कहीं शोभा देती है ?
शेर का गुस्सा बढ़ गया। उसने कहा — एक तो मुझे सोने नहीं देती , ऊपर से मेरे सामने जवाब देती है ! चुप हो जा ... वरना अभी ...
मक्खी बोली — वरना क्या कर लोगे ? मैं क्या तुमसे डर जाऊँगी ? मैं तो तुमसे भी लड़ सकती हूँ। हिम्मत हो तो आ जाओ ...!
शेर आग बबूला हो उठा। उसने कान के पास पंजा मारा। मक्खी तो उड़ गई पर कान ज़रा छिल गया। मक्खी उड़कर शेर की नाक पर बैठी तो उसने मक्खी को फिर पंजा मारा। मक्खी उड़ गई। अबकी बार शेर की नाक छिल गई।
मक्खी कभी शेर के माथे पर बैठती , कभी गाल पर , तो कभी गर्दन पर।
शेर पंजा मारता जाता और खुद को घायल करता जाता ... मक्खी तो फट से उड़ जाती।
अंत में शेर ऊब गया , थक गया। वह बोला — मक्खी बहन , अब मुझे छोड़ो। मैं हारा और तुम जीतीं , बस।
मक्खी घमंड में चूर होकर उड़ती - उड़ती आगे बढ़ी। सामने एक हाथी मिला। मक्खी ने कहा — अरे हाथी ... मुझे प्रणाम कर ... मैंने जंगल के राजा शेर को हराया है। इसलिए जंगल में अब मेरा राज चलेगा। हाथी ने सोचा , इस पागल मक्खी से बहस करने में समय कौन बर्बाद करे।
हाथी ने सूँड़ ऊपर उठाकर मक्खी को प्रणाम किया और आगे बढ़ गया। सामने से आ रही लोमड़ी ने यह सब देखा। लोमड़ी मंद - मंद मुस्कराने लगी। इतने में मक्खी ने लोमड़ी से कहा — अरे ओ लोमड़ी , चल मुझे प्रणाम कर ! मैंने जंगल के राजा शेर और विशालकाय हाथी को भी हरा दिया है।
लोमड़ी ने उसे प्रणाम किया। फिर धीरे से बोली —
धन्य हो मक्खी रानी , धन्य हो ! धन्य है आपका जीवन और धन्य हैं आपके माता - पिता। लेकिन मक्खी रानी , उधर वह मकड़ी दिखाई दे रही है न , वह आपको गाली दे रही थी। उसकी ज़रा खबर लो न !
यह सुनकर मक्खी गुस्से से लाल हो उठी। मक्खी बोली — उस मकड़ी को तो मैं चुटकी बजाते खत्म कर देती हूँ।
यह कहते हुए मक्खी मकड़ी की तरफ झपटी और मकड़ी के जाले में फँस गई। मक्खी जाले से छूटने की ज्यों - ज्यों कोशिश करती गई त्यों - त्यों और भी अधिक फँसती गई ... अंत में वह थक गई , हार गई। यह देखकर लोमड़ी मंद - मंद मुस्कराती हुई वहाँ से चलती बनी।
योगेश जोशी
कैसी लगी कहानी ?
कक्षा में साथियों के साथ बातचीत करो।
- तुम्हें कहानी में कौन सबसे अच्छा लगा ? क्यों ?
- मक्खी मकड़ी के जाल में फँस गई थी। फिर क्या हुआ होगा ? कहानी आगे बढ़ाओ।
कहानी का नाम
- अगर कहानी का नाम मक्खी को ध्यान में न रखकर लोमड़ी और शेर को ध्यान में रखकर लिखा जाता तो उसके क्या - क्या नाम हो सकते थे ?
- अब तुम कहानी के लिए एक और नया शीर्षक सोचो। यह शीर्षक कहानी के किसी पात्र पर नहीं होना चाहिए। ( कहानी की किसी घटना के बारे में शीर्षक हो सकता है। )
शेर की जगह तुम ...
- मक्खी ने जब शेर को जगाया तो वह आग बबूला हो गया। तुम्हें जब कोई गहरी नींद से जगाता है तो तुम क्या करते हो ?
- मक्खी उड़ाते - उड़ाते शेर ऊब गया था। तुम क्या करते - करते ऊब जाते हो ?
- मान लो तुम शेर हो। मक्खी ने तुम्हारे साथ जो कुछ भी किया वह लोमड़ी को बताओ।
- शेर तो भोजन करके आराम कर रहा था। तुम खाना खा कर क्या करते हो ?
- अक्सर _____
- कभी - कभी _____
- शेर ने भोजन में क्या खाया होगा ? तुम क्या - क्या खाते हो ?
किसने क्या कहा
नीचे कहानी से जुड़ी तस्वीरें दी गई हैं। उसमें कुछ न कुछ बोला जा रहा है। सोचो और लिखो कौन क्या बोल रहा है ?
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कौन क्या ?
कहानी के हिसाब से बताओ।
घमंडी _____
डरपोक _____
चतुर _____
सबसे चतुर _____
समझदार _____
आलसी _____
चुटकी बजाते ही
चुटकी बजाने का मतलब होता है ' बहुत जल्दी कर लेना। '
- तुम कौन - कौन से काम चुटकी बजाते ही कर लेते हो ? बताओ।
- अब तुम अपनी एक टोली बनाओ। तुममें से एक लीडर बनेगा। वह बाकी बच्चों को करने के लिए काम देगा जिसे चुटकी बजाते ही करना होगा। जैसे - बाहर से पाँच पत्तियाँ लाओ और उनके नाम बताओ या शेखीबाज़ मक्खी के पात्रों के नाम बताओ। जो सबसे जल्दी कर ले वह लीडर बने।
रास्ता ढूँढ़ो
यह मकड़ी उस रास्ते से जाना चाहती है , जिस पर चलकर सबसे ज़्यादा जाले मिलें। अंदर जाने के लिए 1, 2, 3, 4 और 5 में से कौन - सा रास्ता होगा ?
भाषा की बात
- इन वाक्यों को अपने ढंग से लिखकर बताओ।
- शेर आग - बबूला हो उठा।
- उसकी ज़रा खबर लो न।
- उस मकड़ी को तो मैं चुटकी बजाते ही खत्म कर देती हूँ।
- जंगल के राजा के मुँह से ऐसी भाषा कहीं शोभा देती है !
उड़ते - मँडराते
- इनके पास तुमने अक्सर किन - किन को उड़ते - मँडराते देखा है ?
- जलते बल्ब के आसपास _____
- खेतों में _____
- इकट्ठे पानी के ऊपर _____
- फूलों पर _____
- कचरे के ढेर पर _____
- हलवाई की मिठाइयों पर _____
कौन है शेखीबाज़ ?
क्या तुम किसी शेखीबाज़ को जानते हो ? कौन है वह ? वह किस चीज़ के बारे में शेखी बघारता है ?