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4. मन करता है
मन करता है सूरज बनकर
आसमान में दौड़ लगाऊँ।
मन करता है चंदा बनकर
सब तारों पर अकड़ दिखाऊँ।
मन करता है बाबा बनकर
घर में सब पर धौंस जमाऊँ।
मन करता है पापा बनकर
मैं भी अपनी मूंछ बढ़ाऊँ।
मन करता है तितली बनकर
दूर - दूर उड़ता जाऊँ।
मन करता है कोयल बनकर
मीठे - मीठे बोल सुनाऊँ।
मन करता है चिड़िया बनकर
चीं - चीं चूँ - चूँ शोर मचाऊँ।
मन करता है चर्खी लेकर
पीली - लाल पतंग उड़ाऊँ।
सुरेंद्र विक्रम
तुम्हारी बात
- तुम पर कौन - कौन धौंस जमाता है ? क्यों ?
- घर में
- स्कूल में
- मन करता है चिड़िया बनकर
ची - चीं चूँ - चूँ शोर मचाऊँ
तुम्हारा मन कब - कब चिड़िया बन जाने को करता है ?
- कौन किस पर अकड़ जमाता होगा ?
- आसमान में
- खेल में
- जंगल में
- स्कूल में
- नदी में
- घर में
मूँछे
- तुमने तरह - तरह की मूँछे देखी होंगी।
यहाँ तुम्हारे लिए एक मूंछ बनी है। कुछ मूंछे तुम भी बनाओ और सभी मूंछों को अपने मन से नाम दो।
पता करो
- तुम्हारे घर और स्कूल में किसका क्या करने का मन करता है ? लिखो और अपनी सूची अपने साथियों से मिलाकर देखो।
नाम | मन करता है |
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चलो , पतंग बनाएँ
सामान - तुम्हें चाहिए कोई पतला कागज़ , झाडू की तीलियाँ , गोंद , टेप , कैंची।
- तरीका - कागज़ को चौकोर काटो।
- उसमें गोंद या टेप से दो तीलियाँ चिपका लो , जैसा चित्र में दिखाया गया है।
- तीली के निचले हिस्से में पूँछ के लिए एक तिकोना टुकड़ा काटकर चिपका दो।
- पतंग तैयार है।
सोचो और बताओ
- सूरज आसमान में दौड़ क्यों लगाता होगा ?
- चिड़ियाँ शोर क्यों मचाती होंगी ?
- चंदा तारों पर क्यों अकड़ता होगा ?
- दादा घर में कैसे धौंस जमाते होंगे ?
शोर
एक मिनट के लिए आँखें बंद करके बिल्कुल चुपचाप बैठ जाओ। ध्यान से आसपास की आवाजें सुनो।
- अब आँखें खोलो। क्या याद है , तुमने किस - किसकी आवाज़ सुनी थी ? नीचे उनके नाम लिखो।
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- इनमें से कौन - कौन बहुत शोर मचा रहे थे ?
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पहेली
कागज़ का घोड़ा ,
धागे की लगाम ,
छोड़ दो धागा , तो
करे सलाम।