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8. बंदर - बाँट

स्थान : खुली जगह या कोई बड़ा कमरा।

पात्र : एक बंदर और दो बिल्लियाँ। सात - आठ बरस का लड़का बंदर और पाँच - छह बरस की लड़कियाँ बिल्ली बन सकती हैं।

बंदर के लिए पोशाक : पीला चूड़ीदार पाजामा , कुर्ता और दुपट्टा , जो कमर में पूँछ - सी निकालकर बाँधा जा सकता है। मुँह पर लगाने के लिए बंदर का चेहरा जिसमें आँखों और मुँह की जगह छेद हों।

बिल्लियों के लिए पोशाक : काली सफ़ेद सलवारें , कमीजें , दुपट्टे जो कमर में पूँछ - सी निकालकर बाँधे जा सकते हैं। मुँह पर लगाने के लिए काली - सफ़ेद बिल्लियों के चेहरे जिनमें आँखों और मुँह की जगह बड़े छेद हों जिनसे देखा - बोला जा सके।

सामान : एक मेज़ , एक बड़ा मेज़पोश या बड़ी चादर , डबलरोटी का एक टुकड़ा , एक छोटी तराजू। 

( पहला   दृश्य - कोई   कमरा )

( कमरे के बीच में एक मेज़ है जिस पर मेज़पोश पड़ा है जो कि आगे से ढका है , मेज़ पर एक रोटी का टुकड़ा है। मेज़ के नीचे एक तराजू रखा है , पर दिखाई नहीं देता )

( म्याऊँ - म्याऊँ की आवाज़ होती है और दाहिनी तरफ़ से काली बिल्ली और बाईं तरफ़ से सफ़ेद बिल्ली प्रवेश करती है। )

काली बिल्ली : बिल्ली बहन , नमस्ते !

सफ़ेद बिल्ली : नमस्ते बहन , नमस्ते !

काली बिल्ली  : अच्छी तो हो ?

सफ़ेद बिल्ली  : अच्छी क्या हूँ , भूखी हूँ !

काली बिल्ली   : मैं भी भूखी हूँ।

सफ़ेद बिल्ली  : खाने को कुछ ढूँढ रही हूँ।

काली बिल्ली  : उस खोज में मैं भी निकली हूँ।

सफ़ेद बिल्ली  : मुझे महक रोटी की आती।

काली बिल्ली   : हाँ , मेरी भी नाक बताती , पास कहीं है।

सफ़ेद बिल्ली   : रखी मेज़ पर है वो रोटी।

लपकूँ ? कोई आ न जाए तो ...

बिल्ली मेज़ पर रखी रोटी को देख रही है।

काली बिल्ली : तू डर , मैं तो लेने चली ...

( काली बिल्ली लपकती है और रोटी लेकर भागने लगती है )

सफ़ेद बिल्ली : ठहर , कहाँ भागी जाती है रोटी लेकर , रोटी मेरी।

काली बिल्ली : रोटी तेरी ! कैसे तेरी ? रोटी मेरी।

सफ़ेद बिल्ली : मैं न दिखाती तो तू जाती ?

काली बिल्ली : अच्छा , क्या मैं खुद न देखती ?

क्या मेरी दो आँखें नहीं है ?

डरती थी उस तक जाने में ! जा डरपोक कहीं की , जा भग , रोटी मेरी।

सफ़ेद बिल्ली  :   रोटी , कहे दे रही , मेरी।

मैं ले जाने तुझे न दूंगी।

काली बिल्ली : देख , राह से मेरी हट जा।

ले जाऊँगी , तुझे न दूंगी।

सफ़ेद बिल्ली  : देखू , कैसे ले जाती है !

जो पहले देखे हक उसका है रोटी पर !

काली बिल्ली  : पहले दौड़े , दौड़ के ले ले पहले उसका

हक रोटी पर। रोटी पर पहला हक मेरा।

सफ़ेद बिल्ली  : मैं कहती हूँ , रोटी मेरी।

काली बिल्ली : मैं कहती हूँ , रोटी मेरी।

सफेद बिल्ली काली बिल्ली को पकड़ रही है।  काली बिल्ली के हाथ में रोटी है।

( दोनों झगड़ती हैं , ' रोटी मेरी ', ' रोटी मेरी ' कहकर एक - दूसरे पर गुर्राती हैं )

( बंदर   का   प्रवेश )

बंदर   : क्यों तुम दोनों झगड़ रही हो ? तुम कहती हो रोटी मेरी। ( सफ़ेद बिल्ली से ) तुम कहती हो रोटी मेरी। ( काली बिल्ली से ) रोटी किसकी ? मैं इसका फ़ैसला करूँगा। चलो कचहरी , मेरे पीछे - पीछे आओ।

( बंदर दोनों से छीनकर रोटी अपने हाथ में लेकर चलता है , दोनों बिल्लियाँ पीछे - पीछे जाती हैं )

( दूसरा   दृश्य  - बंदर   की   कचहरी )

( बंदर मेज़ पर बैठा है। रोटी का टुकड़ा सामने रखा है। दोनों बिल्लियाँ मेज़ के सामने इधर - उधर खड़ी हैं। )

बंदर ( सफ़ेद बिल्ली से ) : बोलो , तुमको क्या कहना है ?

सफ़ेद बिल्ली : श्रीमान , पहले मैंने ही रोटी देखी थी , इससे रोटी पर पूरा हक मेरा बनता है।

बंदर ( काली बिल्ली से ) : बोलो , तुमको क्या कहना है ?

काली बिल्ली : श्रीमान , पहले मैं झपटी थी रोटी लेने , इससे रोटी पर मेरा हक पूरा बनता है।

बंदर ( सफ़ेद बिल्ली से ) : एक आँख से देखी थी , या दो आँखों से ?

सफ़ेद बिल्ली : दो आँखों से , दोनों आँखों से।

बंदर ( काली बिल्ली से ) : एक टाँग से झपटी थी या दोनों टाँगों से ?

काली बिल्ली : दो टाँगों से , दोनों टाँगों से।

बंदर : तुम दोनों का था गवाह भी ?

दोनों बिल्लियाँ : कहीं न कोई।

कोई न कहीं।

बंदर : बात बराबर। बात बराबर। मेरा फ़ैसला है कि रोटी तोड़ - तोड़कर तुम्हें बराबर दे दी जाए। मेरे पास धरम - काँटा है।

( बंदर मेज़ के नीचे से तराजू निकालकर लाता है। दो हिस्सों में तोड़कर दोनों पलड़ों पर रखता है और उठाता है। एक पलड़ा नीचे रहता है , दूसरा ऊपर )

बंदर काली और सफेद बिल्ली से बात कर रहा है।

बंदर : यह टुकड़ा कुछ भारी निकला। इसमें से थोड़ा खाकर हल्का कर दूँ।

( फिर तराजू उठाता है। अब पहला पलड़ा ऊपर है और दूसरा नीचे )

बंदर : अब यह टुकड़ा भारी निकला। अब इसको थोड़ा खाकर हल्का कर दूँ।

( फिर तराजू उठाता है। अब पहला पलड़ा नीचे हो गया और दूसरा ऊपर )

बंदर  : अब यह टुकड़ा भारी निकला। टुकड़े भी कितने खोटे हैं , एक - दूसरे को छोटा दिखलाने में ही लगे हुए हैं। मुँह थक गया बराबर करते - करते और तराजू उठा - उठाकर हाथ थक गया।

बंदर तराजू में रोटी के टुकड़े तोल रहा है।

( बिल्लियों को बंदर की चालाकी का पता चल गया। हाथ मलती हुई बड़ी उदासी से एक - दूसरे को देखते हुए )

सफ़ेद बिल्ली : आप थक गए , अब न उठाएँ और तराजू।

काली बिल्ली : बचा - खुचा जो उसको दे दें , हम आपस में बाँट खाएँगी।

बंदर :  नहीं , नहीं , तुम फिर झगड़ोगी। मैं झगड़े की जड़ को ही काटे देता हूँ। बचा - खुचा भी खा लेता हूँ।

सफेद और काली बिल्ली हैरानी से रोटी खाते हुए बंदर को देख रही हैं।

( इतना कहकर बची - खुची रोटी भी बंदर खा जाता है और तराजू लेकर भाग जाता है )

दोनों बिल्लियाँ : आपस में झगड़ा कर बैठीं , बुद्धि अपनी खोटी।

अब पछताने से क्या होता , बंदर हड़पा रोटी।

हरिवंशराय बच्चन


लड़ाई - झगड़ा  

  • दोनों बिल्लियों के बीच झगड़े की जड़ क्या थी ?
  • उनके झगड़े का हल कैसे निकाला गया ?
  • तुम किस - किस के साथ अक्सर झगड़ते हो ?
  • झगड़ते समय तुम क्या - क्या करते हो ?
  •   जब तुम किसी से झगड़ते हो तो तुम्हारा फ़ैसला कौन करवाता है ?

जूले  

लेह में लोग एक - दूसरे से मिलने पर एक - दूसरे को जूले कहते हैं। मिलने पर दोनों बिल्लियाँ एक - दूसरे को नमस्ते कहती हैं।

  • तुम इन लोगों से मिलने पर क्या कहती हो ?
  • तुम्हारी सहेली / दोस्त
  • तुम्हारे शिक्षक
  • तुम्हारी दादी / नानी
  • तुम्हारे बड़े भाई / बहन
  • अब पता लगाओ तुम्हारे साथी कक्षा में कितने अलग - अलग तरीकों से नमस्ते कहते हैं ?

तुम्हें   क्या   लगता   है  

  • अगर बंदर बीच में नहीं आता तो तुम्हारी राय में रोटी किस बिल्ली को मिलनी चाहिए थी ?
  • बंदर ने बिल्लियों से यह सवाल क्यों पूछा होगा कि उन्होंने रोटी  
  • एक आँख से देखी थी या दोनों आँखों से ?  
  • एक टाँग से झपटी थी या दोनों टाँगों से ?

बंदर - बाँट  

  • कहानी का शीर्षक बंदर - बाँट क्यों है ?
  • तुम नाटक को क्या नाम देना चाहोगी ?
  • जो शीर्षक तुमने दिया , उसे सोचने का कारण बताओ।

माप - तोल  

  • बंदर   ने   रोटी   बराबर   बाँटने   के   लिए   तराजू   का   इस्तेमाल   किया।   तराजू   का   इस्तेमाल   चीज़ों   को   तोलने   के   लिए   करते   हैं।   नीचे   दी   गई   चीज़ों   में   से   किन   चीज़ों   को   तोलकर   खरीदा   जाता   है ?
केला।foxगुलाब का फूल।कद्दू।एक केन।नारियल और उसका पेड़।एक रबड़।कुछ चावल के दाने।तरबूज।
  • तोलते   वक्त   एक   पलड़े   में   तोली   जाने   वाली   चीज़   रखी   जाती   है   और   दूसरे   में   तोलने   के   लिए   बाट।   बाट   किस   धातु   या   चीज़   का   बना   होता   है ?
  • बाट तोली जाने वाली चीज़ का वज़न बताता है। वज़न किलोग्राम या ग्राम में बताया जाता है। पता करो बाज़ार में कितने किलोग्राम या ग्राम के बट्टे मिलते हैं। ( फलवाले , सब्जीवाले या परचून की दुकान से पता कर सकते हो। )

वाह ! क्या   खुशबू   है !

बिल्लियों को रोटी की महक आ रही थी।

  • तुम्हें   किन - किन   चीज़ों   के   पकने   की   महक   अच्छी   लगती   है ?
  • और   किन - किन   चीज़ों   की   महक   आती   है   जो   खाने   से   जुड़ी   नहीं     हैं।   जैसे साबुन   की   सुगंध , जूते   की   पॉलिश   की   गंध   आदि।  

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आगे - पीछे  

मुझे महक रोटी की आती।

इस वाक्य को इस तरह भी लिख सकते हैं

मुझे रोटी की महक आती। तुम भी इसी तरह नीचे दिए वाक्यों के शब्दों को आगे - पीछे करके लिखो

  • उसी   खोज   में   मैं   भी   निकली।  

मैं भी _____

  • रखी   मेज़   पर   है   वो   रोटी।  

वो रोटी _____

  • डरती   थी   उस   तक   जाने   में।  

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  • मैं   ले   जाने   तुझे     दूंगी।  

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  • जो   पहले   देखे   हक   उसका   है   रोटी   पर।  

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एक   और   बँटवारा  

अगले दिन दोनों बिल्लियों को एक तरबूज़ मिला। दोनों सोचने लगीं , इस तरबूज़ को कैसे बाँटा जाए कि तभी फिर से बंदर आ गया। आगे क्या हुआ होगा ?

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बंदर, तरबूज और सफेद और काली बिल्ली।


माथापच्ची  

बहुत सारी बिल्लियाँ एक बगीचे में खेल रही हैं।

कट्टो बिल्ली बगीचे में अपने भाई - बहनों के साथ खेल रही थी। इतने में बंदर ने उसकी तस्वीर खींच ली। तस्वीर देखकर बताओ इनमें से कट्टो बिल्ली कौन - सी है ?

एक बिल्ली की तस्वीर।

कट्टो बिल्ली की तस्वीर


मुखौटे  

बिल्ली का मखौटा।

बच्चों से ऐसा ही मुखौटा बनाने के लिए कहें। इसी प्रकार से अन्य जानवरों के मुखौटे बनाए जा सकते हैं। इन मुखौटों को पहनाकर उनसे अभिनय करवाएँ।