अक्ल बड़ी या भैंस

पहलवान और आफ़ती आपस में बात कर रहे हैं।

आफंती के शहर में एक पहलवान भी रहता था। एक दिन वह आफंती से बोला ,तुम भले ही अक्ल में बड़े हो , लेकिन , ताकत तो मुझमें ही अधिक है।  

आफ़ती पहलवान से उसकी ताकत पूछ रहा है।

अच्छा ! पर यह तो बताओ , तुम्हारे अंदर कितनी ताकत है ?  

आफ़ती पहलवान की ताकत देख रहा है।

मैं पाँच क्विंटल की चट्टान को सिर्फ एक हाथ से उठाकर आसमान में उछाल सकता हूँ।  

आफ़ती पहलवान को बुला रहा है।

अच्छा ! आओ मेरे साथ , देखते हैं। कौन अधिक ताकतवर है ठीक है।  


आफ़ती और पहलवान शहर की चारदीवारी के पास खड़े हैं।

आफंती पहलवान को शहर की चारदीवारी के पास ले गया। और बोला ...  

आफ़ती पहलवान को रुमाल दे रहा है।

ज़रा इस रुमाल को दीवार के पार फेंककर दिखाओ।  

पहलवान रुमाल पकड़ कर हंस रहा है।

यह भी कोई बड़ी बात है !  

पहलवान ज़ोर लगाकर रुमाल फेंक रहा है।

पहलवान ने रुमाल उठाकर पूरी ताकत लगाकर ज़ोर से फेंका।  


आफ़ती पहलवान पर हंस रहा है।

लेकिन रुमाल वहीं गिर पड़ा। आफ़ती ठहाका मारकर हँस पड़ा।  

आफ़ती अपनी ताकत के लिए बोल रहा है।

अब मेरी ताकत देखो।

आफ़ती रुमाल में छोटा-सा पत्थर बांध रहा है।  

आफ़ती ने एक छोटा - सा पत्थर उठाया। रुमाल में उसको बांधा और दीवार के पार फेंक दिया।  

आफ़ती ने रुमाल दीवार के पार फेंक दिया है।

शिवेंद्र पांडिया  


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9. कब आऊँ

अवंती ने एक छोटी - सी रंगाई की दुकान खोली और गाँववासियों के लिए कपड़ा रंगना शुरू कर दिया। सब लोग उसकी रंगाई की प्रशंसा करने लगे। धीरे - धीरे उसकी दुकान चल निकली। अवंती की प्रशंसा सुनकर एक सेठ को बहुत ईर्ष्या महसूस होने लगी।

सेठ अवंती को कपड़ा दे रहा है।


अवंती को परेशान करने के लिए वह सेठ कपड़े का एक टुकड़ा लेकर अवंती की दुकान में जा पहुँचा। दरवाज़े के अंदर घुसते ही सेठ बुलंद आवाज़ में बोला अवंती , ज़रा यह कपड़ा तो अच्छी तरह से रंग दो। मैं देखना चाहता हूँ तुम्हारा हुनर कैसा है। तुम्हारी काफी तारीफ़ सुनी थी , इसीलिए आया हूँ।

अवंती ने सेठजी से पूछा सेठजी , इस कपड़े को आप किस रंग में रंगवाना चाहते हैं ?

सेठ ने कहा रंग ? रंग के बारे में मेरी कोई खास पसंद तो है नहीं , पर मुझे हरा , पीला , सफ़ेद , लाल , नारंगी , नीला , आसमानी , काला और बैंगनी रंग कतई अच्छे नहीं लगते। समझे कि नहीं ?

अवंती ने जवाब दिया समझ गया हूँ , अच्छी तरह समझ गया हूँ। मैं ज़रूर आपकी पसंद की रंगाई कर दूंगा !

अवंती ने सेठ का मंसूबा भाँपते हुए उसके हाथ से कपड़े का टुकड़ा ले लिया।

सेठ ने खुश होकर कहा अच्छा , तो इसे लेने मैं किस दिन आऊँ ? अवंती ने कपड़े को अलमारी में बंद करके उसमें ताला लगा दिया और सेठ से बोला आप इसे लेने सोमवार , मंगलवार , बुधवार , बृहस्पतिवार , शुक्रवार , शनिवार और रविवार को छोड़कर किसी भी दिन आ सकते हैं।

सेठ समझ गया कि उसकी चाल उल्टी पड़ चुकी है अतः भलाई धीरे से खिसक लेने में ही है। फिर उस सेठ ने दोबारा अवंती की दुकान में घुसने की हिम्मत नहीं की।

आर . एस . त्रिपाठी


कहानी से

  1. सेठ   ने   किस   रंग   में   कपड़ा   रंगने   को   कहा ?
  2. अवंती   ने   कपड़ा   अलमारी   में   बंद   कर   दिया।   क्यों ?
  3. सेठ   कपड़ा   लेने   किस   दिन   आया   होगा ?

कौन   छुपा   है   कहाँ ?

नीचे के वाक्यों में कुछ हरी - भरी सब्जियों के नाम छुपे हैं। ढूँढो तो ज़रा

  • अब   भागो   भी , बारिश   होने   लगी   है।  
  • मामू   लीला   मौसी   कहाँ   है ?
  • शीला   के   पास   बैग   नहीं   है।  
  • रानी   बोली   - हमसे   मत   बोलो।  
  • गोपाल   कबूतर   उड़ा   दो।  

सही जोड़े मिलाओ

प्रशंसा

बुलंद  

ईर्ष्या

बिल्कुल

ऊँची

तारीफ़

कतई

अवश्य

जलन

ज़रूर  


मुहावरे

चित्रों को देखो। क्या इन्हें देखकर तुम्हें कुछ मुहावरे या कहावतें याद   आती हैं ? उन्हें लिखो।

अँधेरा   एक जलता हुआ दीया।

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आरसी   औरत ने हाथ में कंगन पहना  है।

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आस्तीन आदमी की शर्ट की आस्तीन की पट्टी से निकलता सांप।

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ग्यारह लड़की ने दोनो हाथों में 1-1  नंबर पकड़ा  है।

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कहो कहानी

विद्यालय , गुरुजी , छुट्टी , बंदर , डंडा , पेड़ , केला , ताली , बच्चे , भूख।

इन शब्दों को पढ़कर तुम्हारे मन में कुछ बातें आई होंगी। इन सब चीज़ों के बारे में एक छोटी - सी कहानी बनाओ और अपने साथियों को सुनाओ।

उछालो

एक रुमाल या कोई छोटा - सा कपड़ा उछालकर देखो। किसका रुमाल सबसे ऊँचा उछलता है ?

रुमाल के साथ बिना कुछ बाँधे इसे और ऊँचा कैसे उछाला जा सकता है ?


समझ - समझदारी

रंगाई शब्द रंग से बना है। इसी तरह और शब्द बनाओ -

रंग  

रंगाई

साफ़

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चढ़

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बुन

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क्या समझे

जिन शब्दों के नीचे रेखा खिंची है , उनका मतलब बताओ

  • मुझे   बैंगनी   रंग   कतई   अच्छा   नहीं   लगता।  _____
  • अवंती   ने   सेठ   का   मंसूबा   भाँप   लिया।  _____
  • मैं   तुम्हारा   हुनर   देखना   चाहता   हूँ।  _____
  • सेठ   बुलंद   आवाज़   में   बोला।  _____
  • सेठ   को   ईर्ष्या   होने   लगी।  _____
  • रंग   के   बारे   में   मेरी   कोई   खास   पसंद   तो   है   नहीं।  _____


कैसा लगा आफँती

आफंती के बारे में कुछ वाक्य लिखो। तुम उसके कपड़ों , शक्ल - सूरत , पालतू पशु , बुद्धि आदि के बारे में बता सकती हो।

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जोड़े ढूँढो  -

  • दिन     दीन
  • मेला     मैला  

ऊपर दिए गए शब्दों के जोड़ों में केवल एक मात्रा बदली गई है। किसी भी मात्रा को बदलने से अर्थ भी बदल जाता है। ऐसे और जोड़े बनाओ। देखें , कौन सबसे ज़्यादा जोड़े ढूँढ पाता है।

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कुछ कलाकारी

कब आऊँ वाले किस्से को चित्रकथा के रूप में लिखो।

क्या है फ़ालतू

कभी - कभी हम अपनी बात करते हुए ऐसे शब्द भी बोल देते हैं , जिनकी कोई जरूरत नहीं होती। इसी तरह इन वाक्यों में कुछ शब्द फ़ालतू हैं। उन्हें ढूँढकर अलग करो

  • बाज़ार   से   हरा   धनिया   पत्ती   भी   ले   आना।  
  • एक   पीला   पका   पपीता   काट   लो।  
  • अरे ! रस   में   इतनी   सारी   ठंडी   बर्फ़   क्यों   डाल   दी ?
  • ज़ेबा , बगीचे   से   दो   ताजे   नींबू   तोड़   लो।  
  • बेकार   की   फ़ालतू   बात   मत   करो।