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10. क्योंजीमल और कैसे - कैसलिया

गधा सामान ढो रहा है और आदमी उसको रस्सी से खींच रहा है।

क्योंजीमल और कैसे-कैसलिया।

इनसे मिलिए ये हैं , क्योंजीमल। बात - बात पर पूछ देते हैं क्यों - क्यों - क्यों ? भले ही आप से जवाब देते बने या नहीं। पता नहीं क्यों !

और ये हैं उनके दोस्त कैसे - कैसलिया। ये भी कोई कम नहीं हैं , मौका लगते ही पूछ देते हैं कैसे - कैसे - कैसे ? भूले - भटके कभी दोनों से एक साथ मुलाकात हो गई तो क्यों और कैसे के बीच ही भटकते रहेंगे आप। क्यों - क्यों - क्यों ? कैसे - कैसे - कैसे ? पढ़िए और पता कीजिए ।


एक बूढ़ा आदमी साइकिल पे थैला लटका कर जा  रहा है और क्योंजीमल और कैसे-कैसलिया उनके साथ खड़े हैं।

गुरुजी नमस्ते ! किधर चले ?

नमस्ते ! ज़रा बाज़ार जा रहा हूँ।

बाज़ार ? क्यों - क्यों - क्यों ?

गेहूँ पिसवाना है , इसलिए।

बाज़ार ? कैसे - कैसे - कैसे ?

साइकिल पर

वैसे निकला तो पैदल था , पर थैली देख कर शिवदास ने अपनी गाड़ी दे दी।


एक प्लेट में आटा पड़ा है, फिर उसमे पानी डाला  और हाथों से गूँध लिया।

अच्छा , गेहूँ पिसवाना है। क्यों - क्यों - क्यों ?

अरे , आटा जो चाहिए।

पिसवाना ? कैसे - कैसे - कैसे ?

चक्की में , भई।

आटा ? क्यों - क्यों - क्यों ?

क्यों भैया रोटी नहीं बनाएँगे ?

रोटी ? कैसे - कैसे - कैसे

अरे आटे को सानेंगे , बेलेंगे , तवे पर पकाएँगे , आग पर फुलाएँगे ।

सानेंगे ? क्यों - क्यों - क्यों ?

सुनो - सने आटे में थोड़ा पानी रहता है न ?

आग पर तपने से यही पानी भाप बनकर बिली हुई रोटी को पकाता है , इसलिए सानेंगे। 

औरत चूल्हे पर रोटी बना रही है।

सानेंगे , कैसे - कैसे - कैसे ?

तुमने कभी देखा नहीं है क्या ?

परात पर आटा निकालेंगे , चुटकी भर नमक डालेंगे , फिर धीरे - धीरे एक हाथ से पानी डालते हुए सानना शुरू करेंगे। पहले - पहले सारा आटा बिखरेगा , फिर उसे समेटेंगे , और अच्छे से सान लेंगे। समझे ?

अच्छा , परात पर ! क्यों - क्यों - क्यों ? कैसे - कैसे - कैसे ?

गुरुजी : तुम लोगों की क्यों और कैसे में तो मेरी चक्की ही बंद हो जाएगी !

बंद हो जाएगी ! क्यों - क्यों - क्यों ?

बंद हो जाएगी ! कैसे - कैसे - कैसे ?

लेकिन तब तक गुरुजी साइकिल पर सवार फुर्र हो चुके हैं।

सुबीर शुक्ला  


तुम्हारी समझ में क्या आया ?

  • गुरुजी   थैली   में   क्या   लिए   जा   रहे   थे ?
  • क्योंजीमल   और   कैसे - कैसलिया   से   मिलने   पर   तुम   दोनों   के   बीच   में   क्यों   भटकते   रह   जाओगे ?
  • शिवदास   ने   गुरुजी   की   थैली   देखकर   अपनी   गाड़ी   क्यों   दे   दी ?

रोटी एक , नाम अनेक

  • रोटी   को   अलग - अलग   जगहों   पर   अलग - अलग   नाम   से   पुकारा   जाता   है।   कुछ   और   नाम   पता   करके   लिखो।  
  • तुम्हारे   घर   में   आटा   सानने   को   क्या   कहते   हैं ?
  • आटा   गूंधना  
  • आटा   गलाना  
  • आटा   मलना  
  • या   कुछ   और ?
  • गुरुजी   कौन - से   आटे   की   रोटी   खाते   थे ? अपने   साथियों , घर   के   बड़ों   से   पता   करो   कि   क्या   किसी   और   चीज़   की   रोटी   भी   बनती   है ? उनके   नाम   लिखो।   यदि   उसका   दाना   या   बाली   मिलती   है   तो   उसे   भी   अपनी   कॉपी   में   चिपका   दो।  
  • रोटी   क्या   ऐसे   बनेगी ?
  • आटे   को   सानेंगे , गेहूँ   को   पिसवाएँगे , आग   पर   फुलाएँगे , तवे   पर   पकाएँगे , चकले   पर   बेलेंगे , गरम - गरम   खाएँगे।  

नहीं ? तो फिर कैसे ?

तो फिर , कैसे ? सही क्रम बताओ।

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  • गुरुजी ने कैसे - कैसलिया को समझाया कि आटा कैसे साना जाता है। अब तुम घर पर किसी को रोटी बेलते देखो और लिखो कि रोटी कैसे बेली जाती है।
  • रोटी बनाने के लिए कितना कुछ काम करना पड़ता है जैसे सानना , बेलना आदि। पता करो और लिखो कि इन्हें बनाने के लिए क्या करना पड़ता है — 
  • चाय बनाने के लिए।
  • सब्जी बनाने के लिए।
  • दाल बनाने के लिए।
  • हलवा बनाने के लिए।
  •  लस्सी बनाने के लिए।

दाम

नीचे कुछ आटों के नाम लिखे हैं। उनके दाम पता करो।

नाम

वज़न

दाम

मक्की

बाजरा

चना


आसपास

हम गेहूँ पिसवाने आटा - चक्की पर जाते हैं। हम इन कामों के लिए कहाँ जाते हैं ?

  • आटा   खरीदने   _____
  • पंचर   बनवाने  _____
  • दूध   खरीदने  _____
  • जूते   की   मरम्मत   करवाने  _____
  • सुराही   खरीदने  _____
  • कॉपी - किताब   खरीदने  _____
  • बाल   कटवाने  _____
  • अपने   घर   के   पास   की   आटा - चक्की   पर   जाओ   और   पता   करो   कि  
  • वहाँ क्या-क्या पिसता है ?
  • आटा-चिक्की किस चीज़ से चलती है ?
  • दिन में चक्की को कितनी बार रोका जाता है ?

आटा चक्की में आदमी गेहूं पीस रहा है।


कैसे बनेगी रोटी

नीचे रसोई की कुछ चीज़ों के चित्र बने हैं उन्हें देखकर बताओ कि रोटी बनाने में कौन - कौन सी चीज़ इस्तेमाल नहीं होती। तो ऐसी चीज़ों का इस्तेमाल किस काम के लिए किया जाएगा ? लिखो।

रसोई से जुड़े कुछ चीज़ों के चित्र बने हैं।

सामान का नाम

इस्तेमाल

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सर्दी आई

तीन आदमी आग के आगे बैठकर हाथ सेक रहे हैं।

सर्दी आई , सर्दी आई

ठंड की पहने वर्दी आई।

सबने लादे ढेर से कपड़े

चाहे दुबले , चाहे तगड़े

आदमी ठंड में शॉल पहनकर खड़ा है।

नाक सभी की लाल हो गई

सुकड़ी सबकी चाल हो गई।


ठिठुर रहे हैं , काँप रहे हैं

दौड़ रहे हैं , हाँफ रहे हैं।

धूप में दौड़ें तो भी सर्दी

छाँओं में बैठे तो भी सर्दी।

बिस्तर के अंदर भी सर्दी

बिस्तर के बाहर भी सर्दी

बाहर सर्दी , घर में सर्दी

पैर में सर्दी , सर में सर्दी।


एक लड़की टोपी पहने बिस्तर में राजाई डालकर बैठी है।

इतनी सर्दी किसने कर दी

अंडे की जम जाए ज़र्दी।

सारे बदन में ठिठुरन भर दी

जाड़ा है मौसम बेदर्दी।

सफ़दर हाश्मी

शॉल लपेट कर आदमी गरम चाय पी रहा है।