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11. मीरा बहन और बाघ
मीरा बहन का जन्म इंग्लैंड में हुआ था। गांधी जी के विचारों का उन पर इतना असर हुआ कि वे अपना घर और अपने माता - पिता को छोड़कर भारत आ गईं और गांधी जी के साथ काम करने लगीं।
आज़ादी के पाँच साल बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के एक पहाड़ी गाँव , गेंवली में गोपाल आश्रम की स्थापना की। उस आश्रम में मीरा बहन का बहुत सारा समय पालतू पशुओं की देखभाल में बीतता था लेकिन गेंवली गाँव के आसपास के जंगलों में बाघ जैसे खतरनाक जानवर भी रहते थे।
पहाड़ी गाँवों में अक्सर बाघ का डर बना रहता है। जंगल कटने के कारण शिकार की तलाश में बाघ कभी - कभी गाँव तक पहुँच जाता है। गेंवली गाँव में एक बार यही हुआ। एक बाघ ने गाँव में घुसकर एक गाय को मार डाला। सुबह होते ही यह खबर पूरे गाँव में फैल गई। गाँव के लोग डरे कि यह बाघ कहीं फिर से आकर दूसरे पालतू जानवरों और किसी आदमी को ही अपना शिकार न बना ले। गाँव के लोग गोपाल आश्रम गए और उन लोगों ने मीरा बहन को अपनी चिंता बताई।
गाँव के लोगों ने अंत में तय किया कि बाघ को कैद कर लिया जाए। उसे कैद करने के लिए उन्होंने एक पिंजड़ा बनाया। पिंजड़े के अंदर एक बकरी बाँधी। योजना यह थी कि बकरी का मिमियाना सुनकर बाघ पिंजड़े की तरफ़ आएगा। पिंजड़े का दरवाज़ा इस प्रकार खुला हुआ बनाया गया था कि बाघ के अंदर घुसते ही वह दरवाज़ा झटके से बंद हो जाए। शाम होने तक पिंजड़े को ऐसी जगह पर रख दिया गया जहाँ बाघ अक्सर दिखाई देता था। यह जगह मीरा बहन के गोपाल आश्रम से ज़्यादा दूर नहीं थी।
रात बीती। सुबह की रोशनी होते ही लोग पिंजड़ा देखने निकल पड़े। उन्होंने दूर से देखा कि पिंजड़े का दरवाज़ा बंद है। वे यह सोचकर बहुत खुश हुए कि बाघ ज़रूर पिंजड़े में फँस गया होगा
लेकिन जब वे पिंजड़े के पास पहुँचे तो क्या देखते हैं — पिंजड़े में बाघ नहीं था !
लोग चकित थे — बाघ के अंदर गए बिना पिंजड़ा बंद कैसे हो गया ? लोग मीरा बहन के पास पहुँचे। लोगों ने सोचा कि गोपाल आश्रम पास में ही था , इसलिए शायद मीरा बहन को मालूम हो कि रात में क्या हुआ। पूछने पर मीरा बहन बोली —
देखो भाई , मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैं सोचती रही कि आखिर बाघ को धोखा देकर हम क्यों फँसाएँ। इसलिए मैं गई और पिंजड़े का दरवाज़ा बंद कर आई।
कहानी से
- कहानी में बाघ को खतरनाक जानवर बताया गया है। नीचे दी गई सूची में सबसे खतरनाक चीज़ तुम्हारी समझ में क्या है और क्यों ?
- मीरा बहन की बात सुनकर गाँव के लोगों को निराशा हुई होगी। उन्होंने मीरा बहन से क्या कहा होगा ? सोचकर गाँव के लोगों की बातें लिखो।
खतरनाक है या नहीं
गेंवली गाँव के आसपास के जंगलों में बाघ जैसे खतरनाक जानवर भी रहते थे। तुम्हारे हिसाब से नीचे लिखे जंतुओं में से कौन - कौन खतरनाक हो सकते हैं ? उन पर गोला लगाओ।
भैंस , चीता , बकरी , कुत्ता , बिल्ली , चूहा , साँप , बिच्छू , कछुआ , केंचुआ , तिलचट्टा , कबूतर , भालू
जिनके नाम पर तुमने गोला लगाया , वे कब खतरनाक हो सकते हैं ?
पिंजड़ा
- चूहा पकड़ने का पिंजड़ा देखकर बताओ कि वह अपने आप कैसे बंद हो जाता है और एक बार कैद हो जाने के बाद चूहा उससे बाहर क्यों नहीं आ पाता ? गाँव वालों ने बाघ को पिंजड़े में बंद करने की योजना बनाई थी। किसी आज़ाद पशु या पक्षी को पिंजड़े में बंद करके रखना सही है या गलत ? क्यों ?
क्यों ? कैसे
अपने मन से सोचकर लिखो , ऐसा कैसे किया होगा ?
- बाघ की खबर पूरे गाँव में फैल गई। कैसे ?
- लोग मीरा बहन के पास पहुँचे। क्यों ?
- पिंजड़ा बिना बाघ के बंद हो गया। कैसे ?
बकरी कहे कहानी
सोचो , अगर यह कहानी बकरी सुनाती , तो क्या - क्या बताती। उसकी कहानी मज़ेदार होती न ?
बकरी अपनी कहानी में क्या - क्या बताती ?
चलो , पकड़ें
गाँववालों ने बाघ को पकड़ने के लिए एक योजना बनाई थी। कक्कू के घर में रोज़ बिल्ली आकर दूध पी जाती है। कक्कू की मदद करने के लिए कोई योजना बनाओ।
पाठ से आगे
ये सभी चित्र किसी एक व्यक्ति से जुड़े हुए हैं ? पता करो कौन ?
कौन क्या है ?
- बाघ , गाय , बकरी , हाथी और हिरण जानवर हैं। नीचे लिखी हुई चीजें क्या है ? खाली जगहों में लिखो।
- अगरतला , अल्मोड़ा , रायपुर , कोच्चि , वडोदरा _____
- जलेबी , लड्डू , मैसूरपाक , कलाकंद , पेड़ा _____
- नर्मदा , कावेरी , सतलुज , ब्रह्मपुत्र , यमुना _____
- बरगद , नारियल , पीपल , चीड़ , नीम _____
- गेहूँ , बाजरा , चावल , रागी , मक्का _____
- कुर्ता , साड़ी , फ़िरन , लहँगा , कमीज़ _____
कोयल कू - कू , बकरी में - में
जानवरों की बोलियाँ तो तुमने सुनी ही होंगी। कोयल की बोली को जैसे कूकना कहते हैं और मक्खी की बोली को भिनभिनाना , वैसे ही अन्य जानवरों की बोलियों के भी नाम हैं।
नीचे दिए गए खाने में एक तरफ़ जानवरों के नाम हैं , दूसरी तरफ़ बोलियों के। ढूँढ निकालो कौन - सी बोली किसकी है ?
जानवर | बोलियाँ |
भैंस | मिमियाना |
घोड़ा | रँभाना |
हाथी | चिघांड़ना |
बकरी | हिनहिनाना |
शेर | रेंकना |
गधा | रँभाना |
गाय | भौंकना |
कुता | दहाड़ना |
ठीक करो
हवाई जहाज़ आसमान उड़ रहा है।
तुम्हें यह वाक्य कुछ अटपटा लग रहा होगा। इस वाक्य को फिर से पढ़ो।
हवाई जहाज़ आसमान में उड़ रहा है।
- अब इसी तरह इन वाक्यों को ठीक करो।
- धूप बैठकर ढोकला खाया।
- पुतुल काम करने मना कर दिया।
- लता सब मूंगफली खिलाई।
- पहाड़ी गाँवों बाघ डर बना रहता है।
- अब वे सभी शब्द फिर से लिखो जिन्हें तुमने जोड़ा है।
कहानी की कहानी
कहानी सुनने में हम सब को मज़ा आता है।
तुम्हें घर पर कौन कहानी सुनाता है ?
किसकी कहानियाँ सबसे अच्छी लगती हैं ?
किसका सुनाने का तरीका सबसे मजेदार है ? भला क्यों ?
बहुत पुरानी बात है। तब भी लोग कहानियाँ सुनते और सुनाते थे — राजा - रानी , परियों की कहानी , शेर और गीदड़ की कहानी। माँ - बाप , बच्चे , दादी - नानी को घेरकर बैठ जाते और बार - बार अपनी मनपसंद कहानी सुनते। बड़े होने पर वे बच्चे अपने बच्चों को कहानी सुनाते। फिर बड़े होकर बच्चे आगे अपने बच्चों को वही कहानियाँ सुनाते। इसी तरह कहानियों का यह सिलसिला आगे बढ़ता। उनके बच्चों के बच्चे , फिर उनके बच्चों के बच्चे उन कहानियों का मज़ा लेते जाते। सुनने - सुनाने से ही कई कहानियाँ आज हम तक पहुँची हैं।
कहानी सुनाने के कई अलग तरीके थे। कोई आवाज़ बदल - बदलकर सुनाता। कोई आँखें मटकाकर। कोई हाथ के इशारों से बात आगे बढ़ाता। कोई गाकर और कोई नाचकर भी कहानी को सजाता। आज भी कई लोग पुरानी कहानियों को नाच - गाकर सुनाते हैं। हर जगह नाच के ऐसे कई अलग - अलग तरीके हैं। क्या तुम्हारे इलाके में कोई ऐसा कलाकार या कहानी कहने वाला है ?
पंचतंत्र की कहानियाँ सालों से लोग सुनते - सुनाते चले आ रहे थे। फिर लोगों ने सोचा क्यों न इनको लिखकर रख लें। इस तरह भूलेंगी नहीं और सँभली भी रहेंगी। ऐसी कई कहानियों को एक - साथ पोथी में लिख लिया। पोथी का नाम रखा — पंचतंत्र।
उस समय लोगों के पास कागज़ और किताबें तो होती नहीं थीं। सोचो , कहानियों को कैसे लिखा होगा ?
उस ज़माने में लोग पत्तों पर या पत्थर पर लिखते थे। पेड़ की छाल का भी इस्तेमाल करते थे। खजूर के बड़े पत्ते देखे हैं ? उनको छाया में सुखा लेते थे। तेल से उनको नरम बनाकर फिर उन पर कहानी लिखते , पर लिखते किससे ? पेंसिल और पेन तो तब थे नहीं। पक्षी के पंख से
ही कलम बना लेते या बाँस को नुकीला बनाकर उससे लिखते। स्याही भी खुद घर पर बनाते थे। क्या तुमने कहीं लकड़ी की कलम देखी है ?
पंचतंत्र की कहानियाँ कई सौ साल पहले लिखी गई थीं। दुनिया भर में ये कहानियाँ पसंद की जाती थीं। कई लोगों ने अपनी - अपनी भाषा में इस पोथी को लिखा था। जैसे – उड़िया , बंगाली , मराठी , मलयालम , कन्नड़ आदि।
यहाँ पंचतंत्र की एक कहानी की एक पंक्ति दी गई है। यह पंक्ति कई भाषाओं में लिखी है।
सिंह - शृगाल - कथा
अस्ति कस्मिंश्चित् वनोद्देशे वज्रदंष्ट्रो नाम सिंहः ।
किसी वन के एक इलाके में वज्रदंष्ट्र नाम का एक सिंह रहता था ।
କୌଣସି ବଣର ଏକ ସ୍ଥାନରେ ବଜ୍ରଦୃଷ୍ଟ୍ର ନାମକ ସିଂହଟିଏ ରହୁଥିଲା ।
কোনাে বােনের এক ভাগে বজ্রদংষ্ট্র নামের ঐকটা সিংহাে থাকতাে ।
ഏതോ ഒരു കാട്ടി വ്രജദംഷ്ട്രനഏന്നു പേരായ ഒരു സിംഹം ഉ ായിരുന്നു
इनमें से तुम कौन - सी भाषा पहचान पाए ?
क्या कोई पुरानी पोथी तुमने अपने आस - पास देखी है ?
आज हम इन पुरानी पोथियों को सँभालकर रखते हैं। लोगों ने बहुत मेहनत से इन्हें लिखा था। इनमें कहानियाँ संजोकर , बचाकर रखी थीं। वे कहानियाँ हम आज भी सुनते और पढ़ते हैं। इन्हें तुम अपने बच्चों को भी सुनाओगे और पढ़ाओगे और इन्हें तुम्हारे बच्चों के बच्चे भी पढ़ेंगे। पढ़ेंगे न ?