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13. मिर्च का मज़ा
एक काबुलीवाले की कहते हैं लोग कहानी ,
लाल मिर्च को देख गया भर उसके मुँह में पानी।
सोचा , क्या अच्छे दाने हैं , खाने से बल होगा ,
यह ज़रूर इस मौसिम का कोई मीठा फल होगा।
एक चवन्नी फेंक और झोली अपनी फैलाकर ,
कुँजड़िन से बोला बेचारा ज्यों - त्यों कुछ समझाकर।
लाल - लाल , पतली छीमी हो चीज़ अगर खाने की ,
तो हमको दो तोल छीमियाँ फ़कत चार आने की।
हाँ , यह तो सब खाते हैं – कुँजडिन झट से बोली ,
और सेर भर लाल मिर्च से भर दी उसकी झोली।
मगन हुआ काबुली फली का सौदा सस्ता पाके ,
लगा चबाने मिर्च बैठकर नदी - किनारे जाके।
मगर , मिर्च ने तुरंत जीभ पर अपना ज़ोर दिखाया ,
मुँह सारा जल उठा और आँखों में जल भर आया।
पर , काबुल का मर्द लाल छीमी से क्यों मुख मोड़े ?
खर्च हुआ जिस पर उसको क्यों बिना सधाए छोड़े ?
आँख पोंछते , दाँत पीसते , रोते और , रिसियाते ,
वह खाता ही रहा मिर्च की छीमी को सिसियाते।
इतने में आ गया उधर से कोई एक सिपाही ,
बोला — बेवकूफ़ ! क्या खाकर यों कर रहा तबाही ?
कहा काबुली ने — मैं हूँ आदमी न ऐसा - वैसा।
जा तू अपनी राह सिपाही , मैं खाता हूँ पैसा !
रामधारीसिंह दिनकर
कैसे समझाओगे ?
- काबुलीवाले को सब्जी बेचने वाली की भाषा अच्छी तरह समझ नहीं आती थी। इसलिए उसे अपनी बात समझाने में बड़ी मुश्किल हुई। चलो , देखते हैं तुम अपनी बात बिना बोले अपने साथी को कैसे समझाते हो ? नीचे लिखे वाक्य अलग - अलग पर्चियों में लिख लो। एक पर्ची उठाओ। अब यह बात तुम्हें अपने साथी को बिना कुछ बोले समझानी है
- मुझे बहुत सर्दी लग रही है।
- बिल्ली दूध पी रही है , उसे भगाओ।
- मेरे दाँत में दर्द है।
- चलो , बाज़ार चलते हैं।
- अरे , ये तो बहुत कड़वा है।
- चोर उधर गया है , चलो उसे पकड़ें।
- पार्क में चलकर खेलेंगे।
- मुझे डर लग रहा है।
- उफ़ ! ये बदबू कहाँ से आ रही है ?
- अहा ! लगता है कहीं हलवा बना है।
सही सवाल
काबुलीवाले ने कहा — अगर ये लाल चीज़ खाने की है , तो मुझे भी दे दो।
सब्जी बेचने वाली ने कहा — हाँ , ये तो सब खाते हैं। ले लो।
इस तरह बेचारा काबुलीवाला मिर्च खा बैठा। तुम्हारे हिसाब से काबुलीवाले को मिर्च देखने के बाद क्या पूछना चाहिए था ?
जल या जल ?
मुँह सारा जल उठा और आँखों में जल भर आया।
यहाँ जल शब्द को दो अर्थों में इस्तेमाल किया गया है।
जल - जलना
जल - पानी
इसी तरह नीचे दिए गए शब्दों के भी दो अर्थ हैं। इन शब्दों का इस्तेमाल करते हुए एक - एक वाक्य बनाओ पर ध्यान रहे -—
- वाक्य में वह शब्द दो बार आना चाहिए
- दोनों बार उस शब्द का मतलब अलग निकलना चाहिए। ( जैसे ऊपर दिए गए वाक्य में जल )
- हार _____
- आना _____
- उत्तर _____
- फल _____
- मगर _____
- पर _____
छाँटो
कविता की वे पंक्तियाँ छाँटकर लिखो जिनसे पता चलता है कि
- काबुलीवाला कुछ शब्द अलग तरीके से बोलता था।
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- काबुलीवाला कंजूस था।
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- मिर्च बहुत तीखी थी।
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- काबुलीवाले को मिर्च के बारे में नहीं पता था।
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- काबुलीवाले को 25 पैसे की मिर्च चाहिए थी।
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चार आना
- चवन्नी मतलब चार आना। चार आना मतलब 25 पैसे। तो एक रुपए में कितने पैसे ?
अब बताओ —
अठन्नी मतलब _____ आने।
इकन्नी मतलब _____ आना।
दुअन्नी मतलब _____ आने।
तुम कैसे पूछोगे ?
तुम बाज़ार गए। दुकानों में बहुत - सी चीजें रखी हैं। तुम्हें दूर से ही अपनी मनपसंद चीज़ का दाम पता करना है , पर तुम्हें उस चीज़ का नाम नहीं पता। अब दुकानदार से दाम कैसे पूछोगे ?
बातचीत के लिए
- काबुलीवाले ने मिर्च को स्वादिष्ट फल क्यों समझ लिया ?
- सब्जी बेचने वाली ने क्या सोचकर उसे झोली भर मिर्च दी होगी ?
- सारी मिर्च खाने के बाद काबुलीवाले की क्या हालत हुई होगी ?
- अगले दिन सब्जी वाली टमाटर बेच रही थी। क्या काबुलीवाले ने टमाटर खाया होगा ?
आगे - पीछे
कुंजड़िन से बोला बेचारा ज्यों - त्यों कुछ समझाकर
इस पंक्ति को ऐसे भी लिख सकते हैं —
बेचारा ज्यों - त्यों कुछ समझाकर कुंजड़िन से बोला।
अब इसी तरह इन पंक्तियों को फिर से लिखो —
- हमको दो तोल छीमियाँ फ़कत चार आने की।
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- वह खाता ही रहा मिर्च की छीमी को सिसियाते।
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- जा तू अपनी राह सिपाही , मैं खाता हूँ पैसा।
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- एक काबुलीवाले की कहते हैं लोग कहानी।
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कविता करो
अपने मन से बनाकर एक कविता यहाँ लिखो।
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मुँह में पानी
- लाल - लाल मिर्च देखकर काबुलीवाले के मुँह में पानी आ गया। तुम्हारे मुँह में किन चीजों को देखकर या सोचकर पानी आ जाता है ?
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