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पाठ - 4
अमृता की कहानी
अमृता की कहानी
यह बात बहुत पुरानी है, करीब तीन सौ साल पुरानी ! और हाँ, यह किस्सा सच्चा है ! अमृता राजस्थान में जोधपुर के पास खेजड़ली गाँव की रहने वाली थी। जानते हो – उस गाँव का नाम खेजड़ली क्यों था ? उसके गाँव में खेजड़ी के बहुत से पेड़ थे।
गाँव के सभी लोग पेड़ -पौधों और जानवरों का बहुत ध्यान रखते थे। गाँव में बकरियाँ, हिरन, खरगोश, मोर और न जाने कितने जानवर बिना किसी डर के घूमते थे। गाँव वालों को बुजुर्गों की कही बातें आज भी याद थीं। उन का कहना था कि “अगर पेड़ हैं, तो हम हैं। पेड़ और जानवर हमारे बिना रह सकते हैं, पर हम उनके बिना नहीं। "
अध्यापक के लिए — बच्चों को भारत के नक्शे में राजस्थान ढूँढ़ने के लिए प्रेरित करें।
अमृता के दोस्त
अमृता सुबह -सुबह उठकर अपने सारे दोस्त -पेड़ों से खुशी से मिलती थी। अमृता के लिए रोज़ उनमें से एक पेड़ उस दिन के लिए खास होता था। वह उस पेड़ से लिपटकर उसके कान में धीरे -से कहती, “दोस्त ! तुम सुंदर और ताकतवर हो। तुम ही हो, जो हम सब का ध्यान रखते हो। इसके लिए धन्यवाद। मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। तुम अपनी शक्ति मुझे भी दो। "
अमृता की तरह गाँव के दूसरे बच्चों की भी पेड़ों से दोस्ती थी। वे घंटों पेड़ों की छाया में खेलते थे।
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क्या तुम्हारे घर के आस -पास किसी मैदान या स्कूल के रास्ते में, कोई ऐसी जगह है जहाँ पेड़ लगाए गए हैं ?
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उन्हें वहाँ क्यों लगाया गया है ?
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क्या तुमने किसी को उनकी देखभाल करते देखा है ? किसको ?
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क्या उनमें से किसी पेड़ पर फल लगते हैं ? उन्हें कौन खाता है ?
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ललिता को लगता है कि उसके स्कूल की दीवार के साथ उगे हए छोटे -छोटे पौधे और घास किसी ने लगाए नहीं हैं। क्या तुम भी किसी ऐसी जगह के बारे में जानते हो जहाँ घास, छोटे -छोटे पौधे और पेड़ अपने -आप ही उग गए हों ?
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तुम्हें यह क्यों लगता है कि ये पौधे अपने -आप उग रहे हैं ?
पेड़ खतरे में
समय बीतता गया। अमृता बड़ी हो गई। एक दिन वह अपने पेड़ों से मिल रही थी। तभी उसने देखा कि गाँव में कुछ अनजान लोग कुल्हाड़ी लेकर खड़े हैं। पूछने पर पता चला कि वे राजा के आदमी थे। राजा के कहने पर वे लकड़ी के लिए पेड़ काटने आए थे। लकड़ी राजा के महल के लिए चाहिए थी।
Aयह सुनते ही अमृता के होश उड़ गए। उन आदमियों ने जिस पेड़ को काटने के लिए चुना, अमृता उस पेड़ है। लिपट गई। उन लोगों के डराने -धमकान । पर भी वह नहीं हटी। राजा के आदमियों को राजा की बात तो माननी थी, वरना उनकी अपनी जान चली जाती। उनकी कुल्हाड़ी के एक ही वार से अमृता के पैरों से खून बहने लगा और वह गिर गई, लेकिन उसने पेड़ को नहीं छोड़ा। अमृता को देखकर उसकी बेटियों और गाँव के तीन सौ से भी ज्यादा लोगों ने पेड़ों से लिपटकर अपनी जान दे दी।
जब राजा को इस बात का पता चला, तो उन्हें यह बात समझ नहीं आई कि लोग पेड़ों के लिए अपनी जान भी दे सकते हैं। वे खुद वहाँ आए और स्वयं लोगों का पेड़ों के प्रति प्यार देखा।
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तुम्हें याद है न, उस गाँव के बुजुर्गों की बातें ?
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अगर पेड़ और जानवर नहीं होंगे, तो क्या हम रहेंगे ? इस बारे में कक्षा में चर्चा करो।
सुरक्षित गांव
राजा पर गाँव वालों की बातों का बहुत गहरा असर पड़ा। उसने आदेश दिया कि इस इलाके में कभी कोई पेड़ नहीं काटेगा और न ही कोई शिकार करेगा। आज, तीन सौ साल बाद भी, यहाँ के लोग जो 'बिश्नोई ' कहलाते हैं, पेड़ों और जानवरों की रक्षा करते हैं। रेगिस्तान में होते हुए भी यह इलाका आज भी हरा -भरा है। जानवर बिना किसी डर के इधर -उधर घूमते हैं।
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तुमने तीसरी कक्षा में जिस पेड़ से दोस्ती की थी, वह अब कैसा है ?
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इस साल एक और नए पेड़ से दोस्ती करो। अपने दोस्त पेड़ों को क्या तुमने साल भर में मौसम के साथ, बदलते देखा है ?
किसी एक पेड़ के बारे में लिखो—
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क्या उस पर फूल आते हैं ?
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फूल क्या साल भर रहते हैं ?
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पत्तियाँ किस महीने में झड़ती हैं ?
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क्या उस पर फल लगते हैं ?
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फल किन -किन महीनों में लगते हैं ?
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क्या तुमने कभी ये फल खाए हैं ?
कुछ दिनों पहले तुमने टी .वी . या अखबार में देखा या पढ़ा होगा कि फ़िल्म एक्टरों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हुई थी।
चर्चा करो
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लोग शिकार क्यों करते हैं ?
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क्या तुम्हें पता है कि शिकार करने पर सजा होती है ? शिकार करने पर सज़ा क्यों रखी गई है ?
अपने दादी -दादा से पता करके लिखो कि—
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उनके बचपन में जितनी तरह के पक्षी दिखाई देते थे, क्या उतनी ही तरह के आज भी दिखाई देते हैं ?
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कौन -से पक्षी कम हुए हैं ?
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ऐसे कौन -से जंतु एवं पक्षी हैं जो अब उनके आस -पास दिखाई नहीं देते ?
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शांति के दादा जी ने बताया कि जब वे छोटे थे तब बहुत -सी चिड़िया, मैना आदि दिखाई देती थीं। क्या तुम अंदाजा लगा सकते हो कि इन पक्षियों की संख्या कम क्यों हो गई है ? कोई दो कारण लिखो।
अमृता के गाँव में बहुत सारे खेजड़ी के पेड़ थे। तुम्हारे इलाके में कौन -से पेड़ ज्यादा पाए जाते हैं ? दो के नाम बताओ।
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अपने बड़ों से पता करो कि क्या इन पेड़ों की कोई खास बात है ?
खेजड़ी -यह पेड़ रेगिस्तानी इलाके में खूब पाया जाता है। इसे ज़्यादा पानी की जरूरत नहीं होती। इस पेड़ की छाल दवा के काम आती है और इसकी लकड़ी को कीड़ा भी नहीं लगता। इस पेड़ की फलियों की सब्जी भी बनाई जाती है। इसकी पत्तियाँ वहाँ पर रहने वाले जानवर खाते हैं। और इसकी छाया में तुम जैसे बहुत से बच्चे खेलते भी हैं।
अध्यापक के लिए— बच्चों को बड़ों से जानवरों और कीड़े -मकौड़ों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें। पर्यावरण में हो रहे बदलावों के कारण पक्षियों की संख्या कम हो रही है। इस पर चर्चा करवाएँ।