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पाठ - 17
नंदिता मुंबई में
आज मुझे मुंबई आए एक महीना हो गया है। माँ तभी से अस्पताल में भर्ती है। उनके इलाज के लिए ही तो हम गाँव से मुंबई आए हैं।
मुंबई एक बड़ा शहर।
मुझे धीरे-धीरे शहर की आदत पड़ गई है। पर आज भी वह दिन याद है, जब माँ और मैं, मुंबई स्टेशन पर ट्रेन से उतरे थे। कितनी भीड़ थी। मैंने फ़टाफ़ट माँ का हाथ पकड़ लिया था। मैं सोच रही थी इतनी भीड़ में मामा कैसे दिखाई देंगे। तभी पीछे से ज़ोर से आवाज़ आई, "नंदिता! नंदिता!!" मुड़कर देखा तो मामा ही थे।
स्टेशन से मामा के घर की ओर चले, पर यह क्या? फिर से इतनी भीड़ वाला इलाका।
अध्यापक के लिए— माँ के भाई को मामा कहते हैं। बच्चों से पूछिए कि वे अपनी माँ के भाई को क्या कहते हैं।
संकरी गली के दोनों तरफ़ साथ-साथ सटी हुई झुग्गियाँ। उसी गली से होते हुए हम मामा के घर पहुंचे। यहाँ एक कमरे में मामा, मामी, उनकी दो बेटियाँ और बेटा रहते हैं, और अब मैं भी। वहीं बैठना, वहीं सोना, वहीं पकाना और वहीं नहाना।
हमारे गाँव के घर में भी एक ही कमरा है, पर रसोईघर और नहाने की जगह अलग-अलग है। बाहर आँगन भी है।
पानी की किल्लत
मैं, मामी और सीमा के साथ सुबह चार बजे उठकर नल पर पानी भरने जाती हूँ। बाप रे! वहाँ पानी के लिए कितने झगड़े होते हैं। अगर पहुँचने में देर हो गई तो समझो, दिन भर का पानी भरा नहीं जाएगा। हमारे गाँव के घर में भी नल नहीं है। गाँव में तालाब बीस मिनट की दूरी पर है। गर्मियों में कभी-कभी तालाब का पानी सूख जाता है।
अध्यापक के लिए— माँ के भाई की पत्नी को मामी कहते हैं। बच्चों से पूछिए कि वे अपने इलाके में उन्हें क्या कहते हैं।
तब घंटा-भर चल कर नदी से पानी लाना पड़ता है। पर पानी के लिए इतने झगड़े तो नहीं होते।
मामा की गली के एक कोने पर टॉयलेट बना है। गली के सभी लोग वहीं जाते हैं। इतनी गंदगी और बदबू! वहाँ जाने पर मुझे पहले तो मितली आती थी। अकसर वहाँ पानी भी नहीं होता। पानी साथ ही ले जाना पड़ता है। अब तो इस सबकी आदत पड़ गई है। गाँव में तो सब खुली जगह पर जाते हैं, लेकिन उसके लिए आदमी और औरतों की जगह अलग-अलग हैं।
लिखो
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नंदिता को गाँव से माँ को मुंबई क्यों लाना पड़ा?
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मामा की बस्ती के टॉयलेट में जाने पर नंदिता को पहले मितली आती थी। क्यों?
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नंदिता को अपने और मामा के घर में क्या अंतर लगा?
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बस्ती के नल से पानी भरने और गाँव में पानी भरने में नंदिता को क्या अंतर लगा?
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तुम्हारे अनुसार, क्या नंदिता के मामा की बस्ती में बिजली होगी?
सीख ही लिया
मैं रोज़ माँ से मिलने बस से अस्पताल जाती हूँ। शुरू में तो बसों में भीड़ देखकर हिम्मत ही नहीं पड़ती थी, उनमें चढ़ने की। आदत जो नहीं थी। डर भी लगता था। पर अब ठीक है। मुझे समझ आ गया है कि कैसे लाइन में लगना है, कितने का टिकट लेना है, कहाँ उतरना है।
बस्ती से कुछ दूर एक ऊँची बिल्डिंग है। वहीं सात घरों में मामी सफ़ाई और बर्तन धोने का काम करती हैं। एक दिन मैं भी मामी के साथ वहाँ गई। देखने पर पहले मुझे लगा कि एक ही बड़ा घर है। पर नहीं, वे तो एक के ऊपर एक बने बहुत सारे घर थे। मैं सोच रही थी कि इतनी सारी सीढ़ियाँ कैसे चढूँगी। पर वहाँ लिफ्ट भी लगी थी-एक बड़े से लोहे के पिंजरे जैसी। पंखा, घंटी और बल्ब सभी लगे थे उसमें। हम कितने सारे लोग उसमें घुस गए। बटन दबाया और झट पहुँच गए ऊपर। सच बताऊँ, मुझे पहले बहुत डर लगा था।
बताओ
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क्या कभी कोई तुम्हारा अपना अस्पताल में भर्ती हुआ है?
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कितने दिन के लिए?
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क्या तुम उनसे मिलने जाते थे?
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वहाँ उनकी देखभाल कौन-कौन कर रहे थे?
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क्या तुमने कभी ऊँची बिल्डिंग देखी है? कहाँ?
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उस बिल्डिंग में कितनी मंजिलें थीं?
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तुम कितनी मंज़िल तक किसी बिल्डिंग में चढ़े हो?
दूसरे घर में
मामी सबसे पहले मुझे बबलू के घर ले गई। उसका घर बारहवीं मंजिल पर था। कितना बड़ा घर था! बैठक, खाने का कमरा, सोने का कमरा - सब अलग और रसोई भी अलग। वहाँ टॉयलेट भी घर के अंदर ही था। मामी को बबलू के घर काम करने में टाइम तो बहुत लगा, पर खास परेशानी नहीं हुई। रसोईघर में ही नल लगा था और झर-झर पानी बह रहा था। बबलू ने नहाने के लिए पानी की बालटी लगाई और टी.वी. देखने बैठ गया। कितना पानी बेकार बह गया! यह मुझे अच्छा नहीं लगा। मैंने जाकर नल बंद कर दिया।
बबलू के घर में बड़ी-बड़ी काँच की खिड़कियाँ थीं। मामी ने मुझे खिड़की से नीचे देखने को कहा। बबलू के घर की खिड़कियों से मामा की बस्ती दिखाई दे रही थी। बस्ती तो दिखाई दी, पर पता नहीं चल रहा था कि मामा का घर कौन-सा है। ऊपर से नीचे, सब कुछ खिलौने की तरह छोटा-छोटा लग रहा था। मुझे डर भी कितना लगा था, ऊपर से बहुत नीचे झाँकने में।
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शुरू में नंदिता को मुंबई में क्या-क्या करने में डर लगता था?
अध्यापक के लिए— पाठ में मामा की बस्ती और ऊंची बिल्डिंग के बीच के अंतर की बात की गई है। इनके कारणों पर चर्चा करते समय बच्चों को उनके अनुभवों से और भी अंतर और उसके कारणों के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
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मामा के घर और बिल्डिंग के मकानों में क्या-क्या अंतर है?
मामा की बस्ती के घर | ऊँची बिल्डिंग में बने घर |
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यह अंतर क्यों है? चर्चा करो।
अपने बारे में बताओ
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इनमें से तुम्हारा घर किसके जैसा है? उस पर गोला लगाओ।
नंदिता, मामा, बबलू, किसी और तरह का
तुम्हारे घर में पानी कहाँ से आता है?
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क्या तुम्हारे घर में बिजली का कनेक्शन है? यदि हाँ, तो एक दिन में बिजली कितने घंटे आती है?
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तुम्हारे घर के पास कौन-सा अस्पताल है?
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नीचे दी गई जगहें तुम्हारे घर से लगभग कितनी दूर हैं?
समय (मिनटों में) | दूरी (कि.मी.) | |
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बस स्टॉप | ||
स्कूल | ||
बाजार | ||
पोस्टऑफ़िस | ||
अस्पताल |
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तुम्हारे इलाके में बने अलग-अलग तरह के घरों का चित्र कॉपी में बनाओ।
एक नई चिंता
मामा ने कहा था कि वे मुझे मुंबई घुमाने ले जाएँगे। बस्ती के बच्चे चौपाटी की बहुत बातें करते हैं। सुना है, वहाँ बड़े-बड़े फ़िल्म स्टार भी आते हैं। काश, जब हम वहाँ जाएँ, तो मुझे भी कोई फ़िल्म स्टार दिख जाए!
आजकल मामा बहुत परेशान हैं। मैं उनसे मुझे मुंबई घुमाने को भी नहीं कह सकती। पिछले हफ़्ते कुछ लोग बस्ती खाली करने का नोटिस दे गए थे। अब यहाँ बड़ा होटल बनेगा। मामा ने बताया था कि पिछले दस सालों में उन्हें तीसरी बात नोटिस मिला है। जो लोग यहाँ रह रहे हैं, उन्हें अपना घर बनाने के लिए कोई दूसरी जगह दी जा रही है। इस झुग्गी के बदले जो जगह मिली है, वह शहर से बहुत दूर है। समझो, शहर का दूसरा कोना। वहाँ न पीने का पानी है, न बिजली। पता नहीं वहाँ कोई बस भी जाती है या नहीं! मामा इतनी दूर से काम पर कैसे आएँगे? कितना ज़्यादा पैसा लगेगा और कितना ज़्यादा टाइम भी और मामी, उनको वहाँ काम मिलेगा भी या नहीं! अगर मामा नई जगह चले गए, तो में माँ से मिलने कैसे आऊँगी? माँ तो अभी पूरी तरह से ठीक भी नहीं हुईं।
अध्यापक के लिए— नंदिता के मामा के परिवार की तरह ही कई लोगों को अपने घर छोड़ने पड़ते है। कक्षा में इनके कारणों पर चर्चा करवाई जा सकती है। इस बदलाव से उन परिवारों पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी चर्चा हो सकती है।
कॉपी में लिखो
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मामा को अपना घर क्यों बदलना पड़ रहा है?
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क्या तुमने कभी अपना घर बदला है? यदि हाँ, तो किन कारणों से?
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क्या तुम्हारे परिवार के लोगों को काम के लिए दूर जाना पड़ता है? वे कहाँ जाते हैं? वे कितनी दूर जाते हैं?
चर्चा करो
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क्या मामा की बस्ती को हटाकर वहाँ पर होटल बनाना ठीक है?
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इससे किसको फायदा होगा?
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इससे किसको परेशानी होगी?
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क्या तुम किसी ऐसे परिवार को जानते हो, जिन्हें नंदिता के मामा के परिवार की तरह ही परेशानियों का सामना करना पड़ा हो? उसके बारे में कक्षा में बताओ।
अपनी पसंद के घर का चित्र बनाओ और उसमें रंग भरो। |
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