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पाठ 19
जड़ो का जाल
अब्दुल छुट्टी के दिन बगीचे की देखभाल में अपने अब्बू की मदद करने गया। अब्बू आज मटर की क्यारियों में से सूखे पत्ते और जंगली घास निकाल कर एक जगह जमा कर रहे थे। अब्दुल भी पास की एक क्यारी में से घास खींचने लगा। वह घास के पौधे को आसानी से नहीं खींच पा रहा था। दो-तीन घास के पौधे खींचते ही उसके हाथ लाल हो गए। खींचने के चक्कर में बेल के सहारे के लिए जो डंडी लगी थी, गिर गई। और तो और मटर की नाजुक बेल भी टूट गई। अब्बू ने कहा, "तुम घास के पौधें क्यों खींच रहे हो? घास की जड़ें बहुत मजबूत होती हैं। तुम्हें इन्हें खोदकर निकालना पड़ेगा।" अब्दुल ने खुरपी से कुछ घास के पौधों को उखाड़ना चाहा, पर मुश्किल था। उसने देखा कि घास का पौधा जितना बड़ा जमीन के ऊपर था, उससे कहीं ज़्यादा ज़मीन के नीचे फैला हुआ था।
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घास का छोटा-सा पौधा भी आसानी से क्यों नहीं निकल पाया, जबकि मटर की बेल के सहारे के लिए लगी डंडी एक झटके में गिर गई?
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क्या सभी पौधों की जड़ें होती हैं?
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अपने आस-पास कुछ पेड़-पौधे देखो। अंदाज़ा लगाओ, इनकी जड़ें कितनी गहरी होंगी?
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तीन दिन बाद अब्दुल ने देखा कि मटर के पौधे का टूटा हुआ एक हिस्सा सूख गया था। चित्र को देखो। अंदाजा लगाओ, पौधे का कौन-सा हिस्सा सूखा होगा? क्यों?
अब्दुल को याद आया कि सलाद के लिए कुछ मूलियाँ निकालनी हैं। अब्दुल मूलियाँ उखाड़ने लगा। उसने सोचा-क्या ये भी जड़ें हैं? अभी अब्दुल ने कुछ ही मूलियाँ उखाड़ी थीं कि बहुत तेज आँधी-बारिश होने लगी। उन्होंने मूलियों को उठाया और घर की ओर भागे। वे अभी घर पहुँचे ही थे कि अचानक आँगन में खड़े नीम के पेड की टहनी टूट कर गिर गई। अब्बू बाल-बाल बचे। वे दोनों अम्मा के साथ चाय पीने बैठ गए। अब्बू बोले, "पौधे सूखे जा रहे थे। अब बारिश हो गई है, सो हमें पौधों को पानी देने की जरूरत नहीं है। अब हम आराम से बैठकर लूडो खेल सकते हैं।"
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तुम क्या सोचते हो कि तेज़ आँधी के बावजूद नीम का पेड़ क्यों नहीं गिरा?
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मुरझाए हुए पौधों को पानी देने से उनकी पत्तियाँ फिर से हरी हो जाती हैं। कैसे?
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तुम्हें क्या लगता है, क्या सभी पौधों को पानी चाहिए?
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तुम्हारे आस-पास किन पौधों को नियमित रूप से पानी देने की ज़रूरत होती है?
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अगर इन पौधों को पानी न दें, तो क्या होगा?
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अब्दुल का ध्यान इस बात पर गया कि उसने तो कभी नीम के पेड को पानी नहीं दिया। उसने सोचा, "नीम के पेड़ को पानी मिलता कहाँ से है?"
- तुम्हारे आस-पास ऐसे कौन-से पेड़-पौधे हैं, जिन्हें पानी देने की ज़रूरत नहीं पड़ती। उन्हें पानी कहाँ से मिलता है? कोई दो अंदाज़ लगाओ।
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अब्दुल को यह सोचकर आश्चर्य हुआ, क्या मूली भी जड़ है। क्यों?
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नीचे दिए गए चित्र को देखो। पता लगाओ, इनमें कौन-सी सब्जियाँ पौधों की जड़े हैं।
सवाल ही सवाल
आजकल तो अब्दुल के दिमाग में पौधे ही घूमते हैं। उनके बारे में अनेकों सवाल उठते हैं। स्कूल की दीवार से एक पौधा निकलते देखकर अब्दुल सोचने लगा—
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इस पौधे की जड़ें कहाँ तक जा रही होंगी?
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इसकी जड़ों को पानी कहाँ से मिलता होगा?
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यह पौधा कितना बड़ा होगा?
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दीवार का क्या होगा?
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सामने के चित्र में दिखाए गए पौधे को पहचानो और नाम बताओ?
अध्यापक के लिए- पौधे, जड़ों द्वारा पानी कैसे लेते है, यह इस उम्र के बच्चों के लिए समझना कठिन है। फिर भी यह आवश्यक है कि उन्हें इस बारे में सोचने के अवसर दिए जाएँ। बच्चों का चिंतन अलग-अलग स्तर का होता है। यह जरूरी है कि उनके विचार भी सुनें।
क्या तुमने कभी किसी दीवार की दरार से कोई पौधा उगते हुए देखा है? कहाँ पर? उसे देखकर क्या तुम्हारे मन में कोई सवाल उठा?
कुछ प्रश्न बताओ। अपने बड़ों से उनके उत्तर पता करो। उस पौधे का नाम पता करो, जिसे तुमने देखा।
अब्दुल ने देखा कि रास्ते में एक बहुत बड़ा पेड़ गिरा हुआ था। उस पेड़ की कुछ टूटी हुई जड़ें भी दिखाई दी। उसे अपने घर का नीम का पेड़ याद आ गया। उसने सोचा-
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क्या इतने बड़े पेड़ को किसी ने उखाड़ा होगा या यह अपने आप ही गिर गया?
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यह पेड़ कितना पुराना होगा?
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चित्र में देखो, कैसे पेड़ के चारों तरफ़ की जमीन सीमेंट से पक्की की गई है। इसे बारिश का पानी कैसे मिलेगा?
बताओ
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तुम्हारे इलाके में सबसे पुराने पेड़ कौन-से हैं? अपने बड़ों से पता करो कि वे पेड़ कितने साल पुराने हैं?
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इस पेड़ पर कौन-कौन से पक्षी रहते हैं?
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क्या कभी तुमने कोई बड़ा पेड़ गिरा हुआ देखा है? उसे देखकर तुमने क्या सोचा?
अरे, जड़ें ऐसी भी।
और सुनो, एक मजेदार बात! बरगद के पेड की लटकन, जिस पर अब्दुल और तुम्हारे जैसे बच्चे झूला झूलते हैं, असल में इसकी जड़ें हैं। वे टहनियों से निकलती हैं और बढ़ते बढ़ते जमीन के अंदर चली जाती हैं। ये मज़बूत खंभों की तरह पेड़ को सहारा देती है। दूसरे पेड़ों की तरह ज़मीन के अंदर भी बरगद की जड़ें होती है।
पेड़ काटने के खिलाफ़ कानून है।
सड़क पर बिजली के खंभे के पास एक इतना लंबा घना पेड़ था कि बल्ब की रोशनी भी नहीं आ रही थी। इसलिए लोगों को उसकी छँटाई की ज़रूरत हुई। ऐसा करने के लिए भी लोगों को इलाके के सरकारी दफ्तर से लिखित मंजूरी लेनी पड़ी।
क्या तुमने कभी कोई ऐसा पेड़ देखा है, जिसकी जड़ें, टहनियों से लटकती हों?
आओ करें
क्लास में तीन या चार बच्चों के समूह में बँट जाओ। इन चीजों को इकट्ठा करो।
काँच का गिलास या चौड़े मुँह वाली बोतल, रुई, रबर-बैंड या धागा, कुछ दाने साबूत मूंग, गेहूँ, बाजरा, सरसों, चना या राजमा।
अब यह प्रयोग करो। हर समूह अलग-अलग प्रकार के बीज ले। एक ही तरह के (5-6) बीजों को एक कटोरी पानी में रात भर भिगो दो। एक काँच का गिलास या कर चौड़े मुँह वाली बोतल लो। इसके मुँह पर रुई की एक तह गीली करके रखो। इसे रबर-बैंड या धागे से बाँध दो। भीगे हुए इन बीजों को गीली रुई पर रखो। ध्यान रखें कि रुई गीली रहे। इसे दस-बारह दिन तक रोज देखो। क्या बीजों में से कुछ निकलता हुआ दिखा रहा है। पौधा चौथे और आठवें दिन कैसा दिखता है, उसका चित्र बनाओ।
इन प्रश्नों के उत्तर कॉपी में लिखो
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सूखे और भिगोये हुए बीजों में क्या अंतर दिखे?
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अगर रुई सूखी रह जाती, तो क्या होता?
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जड़ किस तरफ़ उगी? तना किस तरफ़ उगा?
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ये पौधे रुई में कितने बड़े हो पाए?
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क्या सभी बीजों में से पौधे निकले?
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जड़ों का रंग क्या है?
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क्या तुम्हें जड़ों पर बाल दिखाई दे रहे हैं?
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इन पौधों को रुई से अलग करने की कोशिश करो। क्या अलग कर पाए? क्यों?
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तुमने देखा कि जड़ों ने रुई को जकड़ा हुआ था। तुम क्या सोचते हो, क्या इसी तरह से जड़ें मिट्टी को जकड़े रहती हैं?अपने दोस्तों के उगाये हुए पौधों को भी देखो।
क्या तुम जानते हो?
ऑस्ट्रेलिया में एक पेड़ पाया जाता है, जिसका नाम है 'रेगिस्तानी ओक'। इसकी ऊँचाई तुम्हारी क्लास की दीवार के लगभग होती है और पत्तियाँ बहुत ही कम। अंदाजा लगाओ, इसकी जड़ें जमीन में कितनी गहरी जाती होंगी। सोचो, यदि ऐसे तीस पेड़ ज़मीन पर लाइन से लिटा दिए जाएँ। उस लंबाई तक जमीन में गहरी जाती हैं इस पेड़ की जड़ें, जब तक कि पानी तक न पहुँच जाएँ। यह पानी पेड़ के तने में जमा होता रहता है। उस इलाके में रहने वाले लोग यह बात जानते थे। जब कभी इस इलाके में पानी नहीं होता तो वहाँ के लोग इसके तने के अंदर पतला पाइप डालकर पानी निकाल लेते थे।
क्या -क्या बढ़ता है?
आरिफ़ और रूपाली में आपस में बहस छिड़ गई कि ये-ये चीजें बढती हैं
आरिफ़ - पत्ते, मुन्ना, कली, पिल्ला, नाखून, गाड़ी
रूपाली - चाँद, पेड़, मैं, बाल, तरबूज़, मच्छर, कौआ
तुम्हें क्या लगता है, इनमें से कौन-कौन सी चीजें बढ़ती हैं। तुम भी अपनी एक सूची बनाओ और लिखो।
तुम अपने बारे में सोचो, तुम किस-किस तरह से पिछले कुछ वर्षों में बदले हो, जैसे—
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क्या तुम्हारी लम्बाई बढ़ी है? पिछले एक साल में कितनी?
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सोचो, अगर तुमने अपने नाखून कभी काटे ही न होते, तो वे कितने बड़े होते। अपनी कॉपी में उनका चित्र बनाकर दिखाओ।
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तुम्हारे शरीर की क्या ऐसी कोई चीज़ है, जो बढ़ती रहती है? क्या उसे समय-समय पर काटना पड़ता है?
अध्यापक के लिए - बच्चों को स्कूल अथवा अपने इलाके में विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधे लगाने के लिए प्रेरित करें। पौधे के लगाने के बाद उसकी देखभाल भी करने को कहें।