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6 नाव बनाओ नाव बनाओ
नाव बनाओ, नाव बनाओ।
भैया मेरे, जल्दी आओ।।
वह देखो, पानी आया है,
घिर-घिर कर बादल छाया है,
सात समुंदर भर लाया है,
तुम रस का सागर भर लाओ।
भैया मेरे, जल्दी आओ।।
पानी सचमुच खूब पड़ेगा,
लंबी-चौड़ी गली भरेगा,
लाकर घर में नदी धरेगा,
ऐसे में तुम भी लहराओ।
भैया मेरे, जल्दी आओ।।
गुल्लक भारी, अपनी खोलो,
हल्की मेरी, नहीं टटोलो,
पैसे नए-नए ही रोलो,
रोलो- लुढ़काओ
फिर बाज़ार लपक तुम लाओ।
भैया मेरे, जल्दी आओ।।
ले आओ कागज़ चमकीला,
लाल-हरा या नीला-पीला,
रंग-बिरंगा खूब रंगीला,
कैंची, चुटकी, हाथ चलाओ।
भैया मेरे, जल्दी आओ।।
छप-छप कर कूड़े से अड़ती,
बूंदों-लहरों लड़ती-बढ़ती,
सब की आँखों चढ़ती-गढ़ती
नाव तैरा मुझको हर्षाओ।
भैया मेरे, जल्दी आओ।।
क्या कहते? मेरे क्या बस का?
क्यों? तब फिर यह किसके बस का?
खोट सभी है बस आलस का,
आलस छोड़ो सब कर पाओ।
भैया मेरे, जल्दी आओ।।
हरिकृष्णदास गुप्त
कविता से
क्या कहते? मेरे क्या बस का?
- भैया ने क्या बहाना किया? क्यों?
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बूंदों-लहरों लड़ती-बढ़ती
- कौन बूंदों और लहरों से लड़ते हुए आगे बढ़ रही है?
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गुल्लक भारी, अपनी खोलो।
- किसकी गुल्लक भारी है? किसकी गुल्लक हल्की है?
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नाव की कहानी
एक बार फिर से कविता पढ़ो। इस कविता में एक नाव के बनने और पानी में में सफ़र करने की कहानी छिपी है। मान लो तुम ही वह नाव हो। अब अपनी कहानी सबको सुनाओ।
शुरुआत हम कर देते हैं।
'मैं एक नाव हूँ । मैं कागज़ से बनी हूँ। मुझे एक लड़के ने बनाया। उसका
नाम तो मुझे नहीं पता पर
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अहा! बारिश!!
- तुमने बरसात पर पहले भी कभी कोई कविता या लोकगीत सुना होगा। उसे नीचे दी गई जगह में लिखो।
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- इस कविता को पढ़ते समय तुम्हारे मन में कई चित्र आए होंगे। उनके बारे में बताओ या उनका चित्र बनाओ।
सचमुच
पानी सचमुच खूब पड़ेगा।
सचमुच का इस्तेमाल करते हुए तुम भी दो वाक्य बनाओ।
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सात समुद्र
घिर-घिर कर बादल छाया है,
सात समुंदर भर लाया है।
- पता करो, सात समुद्र कौन-कौन से होंगे जिनसे बादल पानी भरकर लाया है।
- क्या सचमुच बारिश के बादल समुद्र से पानी लाते हैं? वे इतना सारा पानी कैसे लाते होंगे? आपस में बातचीत करके पता करो। (तुम इस काम में बड़ों की या किताबों की मदद भी ले सकती हो।)
तरह-तरह की नावें
तुम कागज़ से कितनी तरह की नाव बना सकते हो? बनाकर कक्षा में दिखाओ। उनमें से किसी एक के बारे में लिखकर बताओ कि तुमने वह कैसे बनाई।
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आई बरसात
- बरसात के दिनों में अक्सर घरों के दरवाज़े और खिड़कियों से पानी की बौछार आ जाती है। कभी-कभी छत से पानी टपकता है, सीलन भी आ जाती है। ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए तुम्हारे घर में क्या-क्या किया जाता है?
- बारिश के मौसम में गलियों और सड़कों पर भी पानी भर जाता है। तुम्हारे मोहल्ले और घर के आस-पास बारिश आने पर क्या-क्या होता है? बताओ।
काम वाले शब्द
- पिछले साल रिमझिम में तुमने पढ़ा था कि बनाना काम वाला शब्द होता है। काम वाले शब्दों को क्रिया कहते हैं। इस कविता में ढेर सारी क्रियाएँ या काम वाले शब्द आए हैं। उन्हें छाँटो और नीचे लिखो।
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- तुमने जो क्रियाएँ छाँटी हैं, वर्णमाला के हिसाब से उनके आगे 1, 2, 3 आदि लिखकर उन्हें क्रम से लगाओ।