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5. दुनिया कुछ ऐसी दिखती है
गप्पू की हवाई यात्रा
गप्पू एक छोटा-सा बहादुर चूहा था। एक दिन उसने देखा कि बच्चे एक बड़े से गैस के गुब्बारे के साथ खेल रहे हैं। गुब्बारा उड़ा और कमरे की छत से जा टकराया। गप्पू खुशी से झूम गया। तभी उसे कुछ सूझा। अगले दिन जब बच्चे स्कूल चले गए तो गप्पू गुब्बारे के धागे से ऊपर चढ़ गया। अब वह ऊपर से पंखे की पंखुड़ियाँ देख सकता था।
ओह! इन पंखुड़ियों पर कितनी धूल जमी है। नीचे से तो कितने साफ़ दिखते हैं!
- पंखा नीचे से कैसा दिखता है, बनाकर देखो।
अब गप्पू ने नीचे देखा। उसे बिस्तर दिखाई दिया, कुर्सी दिखाई दी, एक मेज़ पर अखबार और दूसरी मेज़ पर बोतल, जग और फल आदि रखे हुए थे।
- चित्र में इन चीज़ों को पहचानो।
ये बुद्ध चिंकी पनीर ढूँढ रही होगी। देख भी नहीं सकती कि वह जग के ऊपर रखा है।
अलग-अलग दृष्टिकोणों से और दूरियों से देखने पर वस्तुओं की आकृति और लम्बाई-चौड़ाई अलग दिखती हैं, इस पर बच्चों को पर्याप्त चर्चा की ज़रूरत है। लेकिन ध्यान रखें कि कहानी का आनंद बना रहे।
- क्या तुम सोच सकते हो, कि गप्पू को जग के ऊपर रखा पनीर कैसे नज़र आ गया जबकि चिंकी उसे नहीं देख पाई?
जब मैं घर में घूमता था तो घर बहुत बड़ा लगता था लेकिन यहाँ से इतना छोटा दिख रहा है। ऐसा क्यों?
तभी ज़ोर से हवा चली और गुब्बारा कमरे से बाहर उड़ गया।
गुब्बारा ऊपर की ओर उड़ने लगा। साथ ही गप्पू भी आसमान में उड़ने लगा। जब उसने नीचे देखा तो उसे अपना घर नज़र आया।
जैसे-जैसे गप्पू ऊपर उठता गया, उसे घर के आसपास की चीजें भी दिखने लगी - पार्क, गुरुद्वारा, रेल की पटरी, मिठाई की दुकान और सुहासिनी का घर – जिसकी छत पर बड़ी-सी पानी की टंकी रखी थी ..
यह रेल की पटरी पर कौन कूद रहा है? कहीं मोटी बिल्ली मोंटी तो नहीं। हा, हा, हा! यहाँ से तो ये एक बड़े सफ़ेद चूहे जैसी नज़र आ रही है।
अरे! यहाँ मिठाई की दुकान भी है। मुझे नहीं पता था। यम..यम..यमी
यह गुरुद्वारा ही होगा, अमरजीत रोज़ यहीं जाता है।
- सोचो, तुम्हारी कक्षा ऊपर से कैसी लगती होगी? उसका चित्र बनाने की कोशिश करो और चित्र में बैंच, ब्लैकबोर्ड, दरवाजे, खिड़कियाँ आदि भी दिखाओ।
गुब्बारा ऊपर की ओर बढ़ता रहा और छोटा गप्पू हैरान होकर सोचता रहा कि यह दुनिया कितनी बड़ी है! अब उसे बहुत सारे घर दिख रहे थे, गलियाँ, सड़कें और गाड़ियाँ भी।
यहाँ से ये कारें और बसें कितनी छोटी दिखती हैं! बिल्कुल खिलौनों की तरह। और आदमी चींटियों जैसे नज़र आते हैं।
अरे! क्या यह रेलगाड़ी है, यहाँ से तो एक लम्बे बॉक्स जैसी लग रही है।
अचानक, एक ज़ोर से आवाज़ हुई ... फट! गुब्बारा फट गया और नीचे गिरने लगा ... नीचे ... और नीचे ... सभी चीजें बड़ी-बड़ी नज़र आने लगीं। धप्प ... गप्पू रेल की पटरी पर जा गिरा। और वह डरावनी मोंटी से बचने के लिए भागा जो गप्पू और दूसरे चूहों के पीछे पड़ी थी।
जब गप्पू ने ऊपर से रेल की पटरी को देखा तो वह कुछ ऐसी लग रही थी -
लेकिन जब वह पटरी पर गिरा तो पटरी कुछ इस तरह दिख रही थी।
- इन चित्रों को देखो और चर्चा करो कि चीजें क्यों एक सिरे पर चौड़ी और बड़ी दिखाई देती हैं जबकि दूसरे सिरे पर सँकरी और छोटी।
एक आसन के दो चित्रों का मिलान करो
ऊपर से लिए इस चित्र में एक लड़की योग-आसन में बैठी है।
नीचे दिए गए चित्रों में उसी योग-आसन से केवल एक का ही मिलान किया जा सकता है। पहचान करो।
इन चित्रों में कटोरों को दो अलग-अलग तरह से दिखाया गया है।
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- कौन से चित्र में कटोरे पलटकर रखे गये हैं?
जवाब खोजने के लिए चित्र 3 में देखो कटोरे साइड से कैसे लगते हैं।
- इन चित्रों की ऊपर से दिखने वाली आकृति और साइड से दिखने वाली आकृति का मिलान करो
- एक नली
- एक कुप्पी
- एक जूते का एक तरफ से, ऊपर से, सामने से दिखने वाले चित्र बनाने की कोशिश करो।
बच्चों को यह सोचना और मालूम करना मज़ेदार होगा कि अलग-अलग वस्तुएँ अलग-अलग कोणों से कैसी दिखती हैं। यह गतिविधि उनकी स्थान संबंधी समझ को विकसित करने में मदद करेगी।
गप्पू के घर के पीछे का पार्क
क्या तुम्हें गप्पू के घर के पीछे का पार्क याद है?
यहाँ पार्क की एक बड़ी-सी तस्वीर है। इसको ध्यान से देखो और प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश करो।
गप्पू का घर
- मिठाई की दुकान के सबसे पास वाले गेट पर निशान लगाओ। ए / बी / सी / डी
- कौन-सा गेट गप्पू के घर के सबसे पास है?
- अगर तुम गेट 'बी' से अंदर जाओ तो हरा बैंच किस तरफ़ होगा - दाएँ / बाएँ / सामने
- जब सुहासिनी पार्क में घुसी तो फूलों की क्यारी उसके दाईं तरफ़ थी। वह कौन-से गेट से अंदर आई होगी?
- अगर तुम गेट 'सी' से घुसो तो तुम्हारे सबसे पास क्या होगा?
- बॉस्केट बॉल कोर्ट
- फूलों की क्यारी
- हरा बैंच
- सी सॉ झूला
छोटे बच्चे अक्सर बाएँ, सामने आदि दिशा-निर्देशों को निरपेक्ष (absolute) मान लेते हैं। स्थान संबंधी समझ विकसित करने के लिए यह आवश्यक है कि उन्हें यह अवगत कराया जाए कि दिशाएँ अपनी स्थिति के सापेक्ष होती हैं। कोई वस्तु किसी के संदर्भ में बाईं ओर है किसी और के संदर्भ में दाईं ओर हो सकती है। कक्षा में इस अवधारणा पर आधारित और भी क्रियाएँ कराई जा सकती हैं।
इस्माइल का घर
इस्माइल ने श्रीजाता को टेलीफ़ोन पर उसके घर से अपने घर का रास्ता समझाया। रास्ते का नक्शा नीचे दिया गया है।
इस्माइल ने श्रीजाता को यह बताया -
अपने घर से दूध की दुकान तक पहुँचो और फिर बाएँ मुड़ जाओ। दूसरे चौराहे से दाएँ मुड़ जाओ और पुल को पार करो, वहाँ से सीधे जाओ और फिर पहले दाएँ मोड़ से मुड़ जाओ। लगभग 100 मीटर जाने के बाद तुम्हें एक बड़ा पार्क दिखाई देगा।
जैसे ही पार्क को पार करोगी तुम्हें बराबर में एक छोटी गली दिखाई देगी। उस गली का पहला घर ही मेरा है।
- क्या इस्माइल कुछ गलत बता गया? क्या तुम उसे ठीक कर सकते हो?
- वह रास्ता दिखाओ – यदि श्रीजाता इस्माइल के बताए रास्ते पर चलती तो वह कहाँ पहुँचती?
- अब इस्माइल के घर से श्रीजाता के घर जाने के लिए रास्ता बताओ।
गिब्ली और बड़ा बक्सा
क्या तुम्हें कक्षा 3 की किताब 'गणित का जादू' में गिब्ली नाम की चींटी याद है?
गिब्ली ने एक दिन रास्ते में एक बड़ा बक्सा देखा। वह कुछ ऐसा दिखाई दे रहा था।
गिब्ली उसके सामने से गई और बाएँ मुड़ गई। अब वह उस बड़े बक्से की दूसरी सतह देख सकती थी।
गिब्ली को कुछ समझ नहीं आया। यह बक्सा क्या था? वह एक कप पर चढ़ गई और वहाँ से देखने लगी। बक्सा कुछ इस तरह दिखाई दे रहा था।
क्या तुम सोच सकते हो कि वह बक्से जैसी चीज़ क्या थी?
इस बक्से की आमने-सामने वाली सतहों पर लिखी संख्याओं का जोड़ हमेशा 7 होता है।
- संख्या 5 के आमने-सामने कौन-सी संख्या होगी?
- चित्र में सबसे नीचे कौन-सी संख्या लिखी होगी?
- अगर गिब्ली एक बार फिर 5 से बाईं तरफ मुड़े, तो उसे कौन-सी संख्या दिखेगी?
- क्या तुम सोच सकते हो कि अगर तुम इस बक्से को खोल दो तो वह कैसा लगेगा? सही चित्र पर निशान लगाओ।
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पता लगाओ
इस तरह की आकृति एक मोटे कागज़ पर बनाओ। उसे काटो और उसकी अलग-अलग सतहों पर अलग-अलग रंग भरो।
क्या तुम इस बक्से का प्रयोग कोई खेल खेलने के लिए कर सकते हो?