QR Code Chapter 4


4. खाएँ आम बारहों महीने!

अमन के डिब्बे में तो मीठी पूरी है।

नीतू आलू की सब्जी लाई है।

मैं भिंडी लाई हूँ।

तीन बच्चे हैं, नीतू, अमन  और प्रीति। तीनों ने हाथों में एक एक टिफ़िन बॉक्स पकड़ा है, जिसमें खाना है।

हाँ, इन्हें मत खाओ। कहीं तुम्हारा पेट खराब न हो जाए। अरे, तुम ये भिंडी ले लो न!

नीतू! लगता है तम्हारे आल तो खराब हो गए हैं।

तस्वीर में नीतू अपने टिफिन बॉक्स में आश्चर्यजनक रूप से देख रही है।  अमन नीतू को देख रहा है और प्रीति नीतू को अपना टिफिन बॉक्स दे रही है।

चर्चा करो

  • अमन को क्यों लगा कि आलू खराब हो गए हैं?
  • क्या तुमने कभी ऐसा खाना देखा है जो खराब हो गया हो? तुम्हें कैसे पता चला कि वह खराब हो गया है?
  • प्रीति ने नीतू को आलू खाने से मना किया। तुम्हें क्या लगता है कि यदि नीतू वह खा लेती तो क्या होता?

शिक्षक संकेत-खाना कब-कब खराब होता है, बच्चों के अनुभवों से निकलवाया जा सकता है। खाना खराब होने में और खाना बर्बाद होने में स्पष्ट रूप से अंतर करने की ज़रूरत है। पाठ में ब्रेड से किया गया प्रयोग शुरू में ही किया जा सकता है। प्रयोग को शुरू करके छह दिन तक चलाना है।

लिखो

  • रसोईघर में से खाने-पीने की कुछ चीजें चुनकर लिखो –

- जो दो-तीन दिन में खराब हो सकती हैं _____

- हफ़्ते भर तक खराब नहीं होंगी _____

- महीने भर तक खराब नहीं होंगी _____

  • अपने दोस्त की सूची देखो और उस पर चर्चा करो।
  • क्या तुम्हारी सूची हर मौसम में यही रहेगी? क्या बदलेगा?
  • तुम्हारे घर पर खाना खराब हो जाता है तो तुम उसका क्या करते हो?

बीजी ने लौटाई ब्रेड

अमन की बीजी बाज़ार से ब्रेड लेने गईं। दुकान पर काफ़ी भीड़ थी। जल्दी में दुकानदार ने ब्रेड का एक पैकेट दिया। पर बीजी ने पैकेट देखकर उसे लौटा दिया।

ब्रेड का एक पैकेट। ब्रेड स्लाइस पर कुछ हरे धब्बे हैं।

  • क्या तुम पैकेट की तस्वीर देखकर अनुमान लगा सकते हो कि बीजी ने पैकेट क्यों लौटा दिया होगा?
  • उन्हें ब्रेड खराब क्यों लगी?

पता करो

खाने की किन्हीं दो-तीन चीज़ों के पैकेट देखो।

  • पैकेट पर दी गई जानकारी से हमें क्या-क्या पता चलता है?
  • जब तुम बाज़ार से कोई सामान खरीदते हो तो पैकेट पर लिखी कौन-सी जानकारी देखते हो?

शिक्षक संकेत- अलग-अलग खाली पैकेटों पर लिखी जानकारी, जैसे- मूल्य, वज़न, तारीख आदि देखने में बच्चों की मदद करना अच्छा होगा। कक्षा में प्रयोग करते समय मौसम के अनुसार सावधानियाँ बरतें - ब्रेड सूखी न हो, कमरे में हवा हो। तालिका को चार्ट पर बनाकर कक्षा में लगाएँ और बच्चों से रोज़ भरवाएँ।

खाना कैसे होता है खराब

प्रयोग - पूरी कक्षा मिलकर यह प्रयोग करे। रोटी या ब्रेड के एक टुकड़े पर पानी की कुछ बूँदें डालकर एक डिब्बे में बंद कर दो। कुछ दिन तक ब्रेड को रोज़ देखो, जब तक तुम्हें ब्रेड पर कुछ बदलाव न दिखे। दी गई तालिका को चार्ट पर बनाओ और पूरी कक्षा में चर्चा करने के बाद उसे रोज़ भरो।

एक प्लेट में रखी ब्रेड का चौकोर टुकड़ा। ब्रेड के टुकड़े पर कुछ हरे धब्बे हैं।


दिन

ब्रेड में बदलाव

 

छूने से

गंध में

हैंड लेंस से देखने में

रंग में

1

 

 

 

 

2

 

 

 

 

3

 

 

 

 

4

 

 

 

 

5

 

 

 

 

6

 

 

 

 

  • पता करो, इस बदलाव का क्या कारण हो सकता है? ब्रेड पर फफूँदी कहाँ से आई होगी?
  • अलग-अलग खाना कई तरह से खराब हो सकता है। कुछ खाना जल्दी खराब होता है, तो कुछ देर में। खाना किन कारणों से और किन स्थितियों में जल्दी खराब हो सकता है, उसकी सूची बनाओ।

शिक्षक संकेत - बच्चे जब भी इस प्रयोग को कक्षा में करें, उन्हें प्रयोग के बाद अच्छी तरह हाथ धोने के लिए अवश्य कहें।

  • दी गई तालिका में एक तरफ़ खाने की कुछ चीज़ों के नाम हैं और दूसरी तरफ़ उन्हें एक-दो दिन तक खराब होने से बचाने के कुछ घरेलू उपाय। खाने की चीजों का उनके उपाय से लाइन बनाकर मिलान करो।
  • चीजें

    घरेलू उपाय

    दूध

    एक कटोरे में डालकर पानी के बर्तन में रखते हैं।

    पके हुए चावल

    गीले कपड़े में लपेटकर रखते हैं।

    हरा धनिया

    उबालते हैं।

    प्याज, लहसुन

    खुले में रखते हैं, नमी से बचाकर।

    चिट्टीबाबू और चिन्नाबाबू ने बनाया मामिडी तान्ड्रा

    चिट्टीबाबू और चिन्नाबाबू आंध्र प्रदेश के आत्रेयपुरम गाँव में रहते हैं। छुट्टियों में उन्हें आम के बाग में खेलना बहुत पसंद है, जब पेड़ आम से लदे होते हैं। उन्हें कच्चे आम को काटकर नमक-मिर्च लगाकर खाना भी बहुत पसंद है।

    उनके घर पर उनकी अम्मा कच्चे आम को अलग-अलग तरह से पकाती हैं। वे आम का अचार भी तीन-चार तरीके से बनाती हैं। आम का यह अचार साल भर तक चलता है, अगले मौसम के आम आने तक।

    एक दिन शाम को खाना खाते समय चिन्नाबाबू ने कहा, “अम्मा इतने सारे आम पके रखे हैं। उनका मामिडी तान्ड्रा (आमपापड़) बनाओ न।” फिर उनके अप्पा ने कहा, “यह तो चार हफ़्तों का मेहनत वाला काम है। अगर तुम दोनों भी मदद करोगे, तो ही हम सब मिलकर मामिडी तान्ड्रा बनाएँगे।”

    भाइयों ने मदद के लिए जल्दी से हामी भर दी। अगले दिन सुबह दोनों भाई अपने अप्पा के साथ बाज़ार गए। वहाँ से चटाई, कैज्युरीना पेड़ के डंडे, नारियल से बनी रस्सी, गुड़ और चीनी खरीदकर लाए।

    खुले मैदान में एक पेड़ की डालियों पर खेलते और बैठे दो लड़के।

    दो लड़के खुले मैदान में एक आदमी के साथ खेल रहे हैं।

    एक बर्तन में आम का गूदा निचोड़ता एक आदमी। कुछ आम बर्तन के पास पड़े हैं।

    एक महिला चटाई पर आम के गूदे की परत फैला रही है और दोनों लड़के उस महिला के पास बैठे हैं।

    दोनों लड़के आम की बनी मिठाई खा रहे हैं।

    अम्मा ने आँगन में एक कोना ढूँढ़ा जहाँ दिन भर अच्छी धूप आती हो। यहाँ दोनों भाइयों ने डंडों से एक ऊँचा मचान बनाया। उन्होंने उस मचान पर रस्सी की सहायता से चटाई बाँधी।

    अगले दिन अप्पा ने सबसे ज़्यादा पके हुए आम अलग छाँटे। सभी ने मिलकर आम का गूदा निकाला। फिर एक बड़े से बरतन पर पतले सूती कपड़े से आम के

    रस को छाना ताकि गूदे में आम के रेशे न रहें। चिट्टीबाबू ने गुड़ को अच्छे से तोड़ा ताकि उसमें बिल्कुल गाँठ न रहे। फिर उन्होंने आम के रस में बराबर मात्रा में गुड़ और चीनी डाली। चिन्नाबाबू ने उसे बड़े चम्मच से खूब अच्छी तरह मिलाया। अम्मा ने इस मीठे गूदे की एक पतली-सी परत चटाई पर फैला दी। फिर उसे धूप में सूखने के लिए छोड़ दिया। दिन छिपने पर उन्होंने चटाई को एक साड़ी से ढँक दिया।

    अगले दिन उन्होंने फिर से आमों का गूदा निकाला। उसमें चीनी-गुड़ डाला। फिर पिछले दिन वाली आम की परत पर एक और परत जमा दी। चौथे दिन से अम्मा ने बाकी का काम चिन्नाबाबू और चिट्टीबाबू को खुद करने को कहा। दोनों ने मिलकर ऐसे ही कई परतें जमाईं। अगले चार हफ्ते तक उन्हें यही चिंता रही कि कहीं बारिश न हो जाए। चार हफ्ते बाद आमपापड़ की परत पर परत पर परत चार सेंटीमीटर की हो गई और एक सुनहरी बिछौनी की तरह लगने लगी। कुछ दिन बाद भानुमति ने कहा, “अब आमपापड़ तैयार है, कल हम उसे निकालकर उसके टुकड़े काटेंगे।”

    अगले दिन उन्होंने आँगन में मचान पर से चटाई हटाई। आमपापड़ की परत को छोटे टुकड़ों में काटा और अपना बनाया हुआ आमपापड़ चखा। “हूँ............ट् ट् ट”, चिन्नाबाबू बोले, 'वाह मज़ा आ गया। आखिर अपना हाथ भी तो लगा है इसमें।'

    लिखो

    • आम के गूदे में गुड़ और चीनी मिलाकर धूप में क्यों सुखाया होगा?
    • बाबा ने आमपापड़ बनाने के लिए सबसे पके हुए आम पहले क्यों छाँटे?
    • भाइयों ने मामिडी तान्ड्रा कैसे बनाया? अलग-अलग चरण समझाओ।
    • तुम्हारे घर में कच्चे व पके हुए आम से क्या-क्या बनाते हैं?
    • तुम्हें कितनी तरह के अचार के बारे में पता है? सूची बनाओ तथा कक्षा में साथियों से उस पर बात-चीत करो।

    पता करो और चर्चा करो

    • क्या तुम्हारे घर पर कोई अचार बनाता है? कौन-सा अचार, कौन बनाता है? उन्होंने यह तरीका किससे सीखा?

    अचार से भरा जार।

    • तुम्हारे घर में बनने वाले किसी एक अचार बनाने में किन चीज़ों का इस्तेमाल होता है? अचार बनाने का क्या-क्या तरीका है?

    अचार से भरा जार।

    • पापड़, चटनी, बड़ियाँ, सॉस आदि तुम्हारे यहाँ कैसे बनाते हैं?

    अचार से भरा जार।

    • पुणे से कोलकाता तक रेलगाड़ी से जाने में दो दिन लगते हैं। अगर तुम्हें उस सफ़र में जाना हो तो तुम खाने में क्या ले जाना पसंद करोगे? उसको पैक कैसे करोगे? सब मिलकर ब्लैकबोर्ड पर एक सूची बनाओ। सबसे पहले क्या खाओगे?

    अचार से भरा जार।

    हम क्या समझे

    • शीशियों में अचार रखने से पहले शीशियों को धूप में सुखाया जाता है। क्यों? अगर किसी शीशी में थोड़ा पानी रह जाए तो क्या होगा? (क्या तुम्हें ब्रेड वाला प्रयोग याद है?)
    • आम को पूरे साल चलाने के लिए उसका अचार, आमपापड़, चटनी, टॉफी, रस आदि, कई चीजें बनाते हैं। कुछ और खाने की चीज़ों के नाम लिखो जिन्हें लंबे समय तक चलाने के लिए उनसे अलग-अलग तरह की चीज़ें बनाते हैं।