QR Code Chapter 7


7. पानी के प्रयोग

क्या डूबा, क्या तैरा?

आईशा बेसब्री से खाने का इंतज़ार कर रही थी। आज घर में पूरी और चटपटे आलू की सब्जी जो बन रही थी। पूरी बनते देख उसे एक बात बड़ी दिलचस्प लगी। उसने देखा – जब अम्मी बेली हुई पूरी गर्म तेल में छोड़ती, तो पहले पूरी तेल में डूब जाती। जैसे-जैसे पूरी फूलती जाती, वैसे-वैसे ऊपर आती जाती और तेल पर तैरने लगती। एक पूरी फूली नहीं और वह तैरी भी नहीं। यह देखकर उसने गूंधे हुए आटे की एक गोली बनाई और चपटी कर ली। उसने इस चपटे गोले को पानी से भरे बर्तन में डाला। पर यह क्या! वह तो डूब गई।

सोचो और अंदाज़ा लगाओ

  • अगर आईशा फूली हुई पूरी, पानी से भरे बर्तन में रखती तो वह तैरती या डूबती?
  • स्टील की प्लेट पानी में तैरेगी या डूबेगी? और चम्मच?
  • प्लास्टिक का ढक्कन डूबेगा या तैरेगा?

शाम को जब आईशा नहाकर आई तो माँ ने कहा, “आईशा, आज फिर तुमने साबुन पानी में गिरा दिया। पहले उसे निकालकर ऊपर रखो।” साबुन रखने की जल्दी में साबुनदानी आईशा के हाथ से छूट गई और पानी में तैरने लगी। आईशा ने बहुत धीरे-से

पानी से भरी बाल्टी के पास बैठी एक लड़की और उसके हाथ में साबुन है।

साबुन की टिकिया साबुनदानी में रखी। पर साबुन की टिकिया रखने पर भी साबुनदानी पानी में तैरती रही!

लड़की पानी से भरी बाल्टी के पास खड़ी है और उसके डिब्बे में रखा साबुन बाल्टी में पानी में तैर रहा है।

आईशा की तरह तुमने भी कभी देखा होगा कि कुछ चीजें पानी में डूब जाती हैं, जबकि कुछ चीजें पानी में तैरती रहती हैं। देखो, यह कविता भी कुछ ऐसे ही सवाल उठा रही है।


देखो, चाचा, इस सुई को

तैराना चाहा, डूबी,

पर भारी-भरकम जहाज़ तो,

तैरता, उसमें क्या खूबी?

लोहे का भारी जहाज़ है

सदा तैरता पानी में,

सुई हल्की, फिर भी डूबी,

बहती नहीं रवानी में।

एक लड़का बैठा पानी में तैरती अपनी छोटी लकड़ी की नाव और पास में  पानी  में  डूबी एक छोटी सुई को देख रहा है। वह पानी में तैरते लोहे के जहाज के बारे में भी सोच रहा है।

- शिशिर शोभन अष्ठाना

चकमक, दिसम्बर 1985

करके देखो

कक्षा में चार-पाँच दोस्तों के समूह बनाकर यह प्रयोग करो। तुम्हें चाहिए पानी से भरा एक बड़ा बर्तन और तालिका में लिखी चीज़।

अब पानी से भरे बर्तन में ये चीजें एक-एक करके डालो और देखो क्या होता है? अपने अवलोकनों को अगले पृष्ठ पर दी तालिका में भरो।

तैरती चीज़ के लिए (सही) का निशान और डूबती के लिए (गलत) का निशान लगाओ।

पानी में डाली चीज़

मुझे पहले लगता था

प्रयोग किया तो पाया

  • खाली कटोरी

(ख) कटोरी में एक-एक करके छह-सात कंकड़ डालने पर

 

 

  • लोहे की कील या पिन

 

 

  • माचिस की तीली

 

 

  • प्लास्टिक की खाली बंद बोतल

(ख) पानी से आधी भरी बोतल

(ग) पानी से पूरी भरी बोतल

 

 

  • दवाई की पन्नी (एल्यूमीनियम की)

(क) फैली हुई

(ख) मोड़कर गोली-सी बनाकर

(ग) कटोरी-सी बनाकर

 

 

  • साबुन की टिकिया

(ख) साबुन की टिकिया प्लास्टिक की प्लेट पर रखकर

 

 

  • बर्फ़ का टुकड़ा

 

 

अपने साथी के समूह से भी पता करो- क्या तैरा, क्या डूबा? लिखकर पूरा करो –

1. लोहे की कील पानी में _____ गई, जबकि कटोरी _____ । मुझे लगता है, यह इसलिए हुआ होगा क्योंकि _____

2. प्लास्टिक की खाली बोतल तो पानी में _____ पानी से पूरी भरी बोतल इसलिए होगी _____ क्योंकि _____

3. दवाई की पन्नी जब फैली हुई थी, तब _____ । खूब दबाकर गोली जैसी बनाने पर _____ । यह इसलिए हुआ होगा क्योंकि _____।

यह जादू तो नहीं!

आईशा सुबह उठी तो पता चला कि अम्मी को बुखार है। पापा ने अम्मी के लिए चाय बनाई और दवाई खिलाने लगे। उन्होंने आईशा से कहा, “अंडे उबलने के लिए रख दो। हाँ, पानी में थोड़ा नमक डाल देना।” आईशा ने बर्तन में पानी डालकर नमक डाला, तो कुछ ज़्यादा ही गिर गया। तब उसने देखा कि बर्तन की तली पर बैठे अंडे अब थोड़ा ऊपर पानी में तैरने लगे।

  • एक गिलास या किसी बर्तन में पानी लो। उसमें एक साबुत नींबू डालो। आधा-आधा चम्मच करके उसमें नमक डालो। क्या नींबू को पानी में तैरा पाए?
  • तुम्हें क्या लगता है? नमक डालने पर नींबू तैरा होगा क्योंकि...

खारे पानी से भरे गिलास में तैरते दो नींबू देख रही एक लड़की।


मृत सागर

वैसे तो सभी सागरों के पानी में नमक होता है, लेकिन मृत सागर दुनिया का सबसे नमकीन सागर है। इतना नमकीन कि लगभग एक लीटर पानी में 300 ग्राम नमक! क्या इतना नमकीन पानी चख भी पाओगे? बहुत ही कड़वा लगेगा! सबसे मज़े की बात तो यह है कि मृत सागर में हम ऐसे तैर सकते हैं, जैसे आराम से लेटे हों। याद है नींबू को तुमने नमक के पानी में तैराया था।

पानी की लहरों पर लेटा एक बच्चा।


क्या घुला, क्या नहीं?

आईशा का चचेरा भाई हामिद उसके साथ खेलने आया। उसने आते ही शक्करपारे की फ़रमाइश की। अम्मी ने कहा, “मैं पहले बाज़ार हो आऊँ। आकर शक्करपारे बना दूंगी। तब तक एक बर्तन में दो गिलास पानी लेकर उसमें एक कटोरी शक्कर घोलकर रखो।” हामिद ने सोचा, “जल्दी ही कर लूँ, फिर टी.वी. देखूगा।”

  • तुम हामिद को पानी में शक्कर जल्दी घोलने के लिए क्या-क्या उपाय सुझाओगे?

शिक्षक संकेत– इस पाठ से यह अपेक्षा नहीं है कि बच्चों को 'घनत्व' के बारे में बताया जाए। बच्चों के सभी तरह के उत्तरों, जैसे- पानी 'भारी' हो जाता है या 'गाढ़ा' हो जाता है, को हम स्वीकार करें।

करके देखो

तीन-चार साथियों के समूह बनाओ। प्रयोग के लिए चार-पाँच गिलास और तालिका में लिखी चीजें इकट्ठी करो। हर गिलास में थोड़ा पानी लो। कोई एक चीज़ एक गिलास में डालो और मिलाओ। जो देखो, उसे तालिका में लिखो।

चीजें

घुला या नहीं घुला

2-3 मिनट रखने पर क्या हुआ?

1. नमक

 

 

2. मिट्टी

 

 

3. चॉक पाउडर

 

 

4. एक चम्मच दूध

 

 

5. तेल

 

 

बताओ

  • क्या पानी में घुलने के बाद नमक दिख रहा है? अगर नहीं, तो क्यों नहीं?
  • क्या अब पानी में नमक नहीं है? अगर है, तो कहाँ?
  • नमक और चॉक पाउडर के घोल को थोड़ी देर पानी में रखने पर दोनों में क्या अंतर दिखा? कपड़े से छानकर तुम किस चीज़ को पानी से अलग कर पाओगे?

शिक्षक संकेत-बहुत-सी चीजें ऐसी हैं जिन्हें हम स्पष्ट रूप से घुलनशील या अघुलनशील नहीं कह सकते। वैसे भी इन शब्दों की यहाँ ज़रूरत नहीं। बच्चों को प्रोत्साहित करें कि वह अपने अवलोकन के हिसाब से तालिका भरें।

आईशा और हामिद में बहस छिड़ गई। आईशा को लगा कि चम्मच से हिलाने पर तेल पानी में घुल गया। हामिद बोला, “तेल की पीली-पीली नन्हीं बूंदें अभी भी अलग दिख रही हैं।” आईशा बोली, “चलो, थोड़ी देर रखने के बाद देखते हैं।”

  • तुम्हें क्या लगता है कि तेल पानी में घुल पाया या नहीं? क्यों?

बूँदों की रेस

आईशा ने अपने टिफिन के ढक्कन पर एक साथ दो बूँदें तेल की टपकाईं। उसी के पास पानी की बूँदें और शक्कर के घोल की बूँदें भी टपकाईं। टिफिन के ढक्कन को टेढ़ा करने पर कुछ बूँदे तेज़ी से बहकर आगे निकल गईं, जबकि कुछ पीछे रह गईं।

एक लड़की हाथ में टिफिन बॉक्स लिए हुए है, उसके ढक्कन पर अलग-अलग तरल पदार्थ की तीन बूंदें हैं, जो अलग-अलग गति से नीचे खिसक रही हैं।

  • तुम भी यह करके देखो और बताओ- कौन-सी बूँद सबसे आगे निकली? ऐसा क्यों हुआ होगा?

पानी गया कहाँ?

एक दिन आईशा की अम्मी चाय बना रही थीं। वे पानी चूल्हे पर रखकर भूल गईं। उन्होंने थोड़ी देर में आकर देखा तो कुछ ही पानी बर्तन में रह गया था।

  • सोचो, बाकी का पानी कहाँ गायब हो गया?
  • सोचो, चिट्टीबाबू और चिन्नाबाबू के घर में आमपापड़ बनाने के लिए उसे धूप में क्यों रखा होगा? (पाठ 4)
  • तुम्हारे घर में कौन-सी चीजें धूप में रखकर बनाई जाती हैं?

डाँडी यात्रा

यह घटना 1930 की है। भारत की आज़ादी से पहले। बहुत सालों से अंग्रेजों ने आम लोगों के नमक बनाने पर रोक लगाई हुई थी। ऊपर से नमक पर भारी टैक्स भी लगा दिया। इस कानून से तो लोग अपने घर के इस्तेमाल के लिए भी नमक नहीं बना सकते थे। भला बताओ, नमक जैसी चीज़ के बिना गुज़ारा कैसे हो? लोगों को मजबूरी में दुकानों से महँगा नमक खरीदना पड़ता था। इस बात से लोग बहुत नाराज़ थे। गांधीजी का कहना था, “जो चीज़ हमें कुदरत ने दी है, उसे बनाने पर बंदिश कैसी।” उन्होंने लोगों के साथ मिलकर अहमदाबाद से डाँडी के समुद्र तट तक एक लंबी यात्रा की और इस गलत कानून को तोड़ा। जानते हो, नमक कैसे बनाया जाता है? समुद्र के पानी को ज़मीन पर क्यारियों में भर दिया जाता है। तेज़ धूप में पानी सूख जाता है और नमक के ढेर वहीं रह जाते हैं।

डांडी यात्रा की तस्वीर जिसमे गांधी जी तट से मुट्ठी में नमक भर रहे हैं और कई लोग उनके पास खड़े हैं।


हम क्या समझे

  • तुमने एक रूमाल धोया है। अब तुम उसे जल्दी से सुखाना चाहते हो। सोचो, उसके लिए क्या-क्या कर सकते हो।
  • चाय बनाने के लिए तुम पानी में कौन-कौन सी चीजें डालते हो? पानी में क्या-क्या घुल जाता है?
  • तुम्हें मिश्री के टुकड़े दिए गए हैं। उन्हें जल्दी घोलने के कुछ तरीके लिखो।

शिक्षक संकेत-यह अपेक्षा नहीं है कि इस उम्र में बच्चे वाष्पीकरण समझ सकेंगे पर उसके बारे में सोचना शुरू करेंगे। साथ ही यह अच्छा मौका है कि डाँडी यात्रा का संदर्भ लेकर भारत की आज़ादी की बात की जाए।