QR Code Chapter 8


8 मच्छरों की दावत?


मलेरिया की जाँच

आज रजत बहुत दिनों के बाद स्कूल आया है। सभी बच्चे उसे घेरकर खड़े हो गए। आरती ने पूछा – “अब तुम कैसे हो?" "ठीक हूँ"- रजत ने धीरे से जवाब दिया।

जसकीरत नाम की एक लड़की।

जसकीरत- घर पर तो खूब खेलते होगे?

रजत नाम का एक लड़का।

रजत (कुछ चिढ़कर बोला)- बुखार में खेलने का दिल ही नहीं करता। ऊपर से कड़वी दवाई भी खानी पड़ी और खून टेस्ट भी करवाना पड़ा।

जसकीरत- खून टेस्ट! वह क्यों? बहुत दर्द हुआ होगा।

रजत- नहीं। जब सुई चुभी तो लगा जैसे चींटी ने काटा हो। दो-तीन बूंद खून लेकर टेस्ट करने से पता चला कि मुझे मलेरिया है।

नैन्सी नाम की एक लड़की।

नैन्सी- मलेरिया तो मच्छर के काटने से होता है।

रजत–हाँ। पर पता तो खून की जाँच से ही चलता है।

जसकीरत – मेरे घर में तो आजकल बहुत मच्छर हैं पर मुझे तो मलेरिया नहीं हुआ।

नैन्सी- अरे भई! मलेरिया हर मच्छर के काटने से थोड़े ही होता है। वह तो बीमारी वाले मच्छर से ही होता है।

आरती नाम की एक लड़की।

आरती- मुझे तो सारे मच्छर एक ही जैसे लगते हैं।

रजत- होते तो अलग-अलग होंगे।


परीक्षण के लिए एक छोटी आयताकार कांच की स्लाइड पर मानव उंगली से रक्त लेना।

काँच की स्लाइड पर खून की बूंदें मलेरिया मादा मच्छर (एनॉफ़िलिस) से फैलता है।

लैब में बैठी  डॉक्टर माइक्रोस्कोप के नीचे स्लाइड देख रही  है।

डॉक्टर मरियम स्लाइड को माइक्रोस्कोप (सूक्ष्मदर्शी) से देखते हुए। इस माइक्रोस्कोप से एक चीज़ हज़ार गुना बड़ी दिखती है। इसीलिए खून के अंदर की बारीकियाँ साफ़ दिखाई पड़ती हैं। कई माइक्रोस्कोप से तो इससे भी ज़्यादा बड़ा दिखाई देता है।

नैन्सी- क्या उसी जगह से खून लिया था जहाँ मच्छर ने काटा था?

रजत- नहीं भई! मच्छर ने कब और कहाँ काटा, यह तो मुझे भी नहीं पता।

नैन्सी- खून में क्या दिखा होगा? उसमें क्या होगा, जिससे मलेरिया का पता चल पाया?

एक मच्छर

पता करो

  • क्या तुम किसी को जानते हो जिसे कभी मलेरिया हुआ हो? कैसे पता लग पाया था कि उन्हें मलेरिया है?
  • उन्हें मलेरिया होने पर क्या-क्या तकलीफ़ हुई?
  • मच्छरों के काटने से और कौन-कौन-सी बीमारियाँ होती हैं?
  • कौन-से मौसम में मलेरिया ज़्यादा फैलता है? क्यों?
  • मच्छरों से बचने के लिए तुम्हारे घर में क्या-क्या उपाय किए जाते हैं? अपने साथियों से भी पता करो कि वे बचाव के लिए क्या करते हैं।

क्लीनिकल विकृति रिपोर्ट 

CLINICAL PATHOLOGY REPORT 

केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना

Central Govt. Health Scheme

18/08/2007

नाम/Name Rajat आयु/Age 11 स्त्री या पुरुष/Sex Male रोग की पहचान/Diagnosis Fever with Chills and Rigors (ठंड लगकर कंपकपी के साथ बुखार)"

Malarial Parasite Found in Blood Sample 

(खून में मलेरिया के जीवाणु पाए गए)

Pathologist


  • यहाँ पर खून की जाँच की रिपोर्ट दी गई है। इसमें किन शब्दों से पता चल रहा है कि मरीज़ को मलेरिया है?

मलेरिया की दवाई-

मलेरिया की दवाई बहुत पुराने समय से सिनकोना पेड़ की छाल से बनाई जाती है। पहले तो लोग छाल को उबालकर और छानकर ही इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब छाल से दवाई बनाते हैं।

अनीमिया क्या है?

आरती- खून टेस्ट तो मेरा भी हुआ था। सीरिन्ज (इंजेक्शन) भरकर खून लिया था। जाँच में तो अनीमिया निकला।

रजत- वह क्या होता है?

आरती-डॉक्टर ने कहा कि खून में हीमोग्लोबिन' या 'आयरन' की कमी है। डॉक्टर ने ताकत की दवाई दी। गुड़, आँवला और हरी पत्तेदार सब्जियाँ ज़रूर खाने के लिए कहा। यह भी बताया कि इनमें आयरन यानी 'लोहा' होता है।

नैन्सी- कहीं उन्होंने मज़ाक तो नहीं किया। भई, खून में लोहा कैसे?

जसकीरत-कल अखबार में इस बारे में आया था।

रजत (हँसते हुए) - तो फिर तुमने लोहा खाया!

आरती- ओ हो! यह कोई चाबी वाला लोहा थोड़े ही होता होगा। पता नहीं कैसा होता होगा। जब मैंने खूब सब्जियाँ खाईं तो मेरा हीमोग्लोबिन बढ़ गया।

शिक्षक संकेत- खून की रिपोर्ट लाकर कक्षा में चर्चा करवाई जा सकती है।


दिल्ली के स्कूलों में अनीमिया के कारण परेशानी-

17 नवंबर 2007 दिल्ली

नगर निगम के बहुत-से स्कूलों में हज़ारों बच्चे अनीमिया का शिकार हैं। इससे बच्चों की शारीरिक और दिमागी तंदुरुस्ती पर असर होता है। इस कारण बच्चे ठीक से बढ़ नहीं पाते हैं और उनमें फुर्ती भी कम होती है। जो कुछ पढ़ाया जाता है, उसे समझने में भी परेशानी होती है। आजकल इन स्कूलों में बच्चों के हैल्थ कार्ड बन रहे हैं और उनकी जाँच भी चल रही है। अनीमिक बच्चों को आयरन (लोहे) की दवाई दी जा रही है।


बताओ-


एक क्लीनिकल विकृति रिपोर्ट जो कि केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना द्वारा जारी की है, रिपोर्ट आरती नामक बारह साल की लड़की को अनीमिया दिखा रही है। उसका हीमग्लोबिन आठ है और नीचे चिकित्सक के हस्ताक्षर भी है।

 

क्लीनिकल विकृति रिपोर्ट CLINICAL PATHOLOGY REPORT केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना Central Govt. Health Scheme

20/06/2007 नाम/Name Aarti आयु/Age 12 स्त्री या पुरुष/Sex Female रोग की पहचान/Diagnosis. Anaemia (अनीमिया)

Haemoglobin (हीमोग्लोबिन) 8... gm/dl Normal Range (नॉरमल रेंज) 12 to 16gm/dl

Pathologist

एक क्लीनिकल विकृति रिपोर्ट जो कि केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना द्वारा जारी की है, रिपोर्ट आरती नामक बारह साल की लड़की को अनीमिया दिखा रही है। उसका हीमग्लोबिन दस पॉइंट पाँच  है और नीचे चिकित्सक के हस्ताक्षर भी है।

क्लीनिकल विकृति रिपोर्ट CLINICAL PATHOLOGY REPORT केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना Central Govt. Health Scheme

15/09/2007

नाम/Name Aarti आयु/Age 12 स्त्री या पुरुष/Sex Female रोग की पहचान/Diagnosis .Anaemia (अनीमिया) Haemoglobin (हीमोग्लोबिन) 10.5. gm/dl Normal Range (नॉरमल रेंज) 12 to 16gm/dl

Pathologist

  • आरती की रिपोर्ट के हिसाब से हीमोग्लोबिन कम-से-कम कितना होना चाहिए था?
  • आरती का हीमोग्लोबिन कितने दिनों में कितना बढ़ पाया?
  • अखबार की रिपोर्ट में अनीमिया से होने वाली परेशानी के बारे में क्या लिखा है?
  • क्या तुम्हें या तुम्हारे घर में किसी को खून टेस्ट की ज़रूरत पड़ी है? कब और क्यों?

  • खून टेस्ट से क्या पता चला था?
  • क्या तुम्हारे स्कूल में कभी हैल्थ (स्वास्थ्य) जाँच हुई है? डॉक्टर ने तुम्हें क्या बताया?

पता करो-

  • किसी डॉक्टर से या अपने बड़ों से पता करो कि खाने की किन चीज़ों में लोहा होता है?

मच्छर के बच्चे

जिसकीरत – मलेरिया के बारे में एक पोस्टर तो हमारी क्लास के बाहर ही लगा है। (सभी झटपट पोस्टर देखने पहुंच गए।)

टंकी व बाल्टी से रिस रहा पानी।

एयर कंडीशनर के आउटलेट से पानी गिर रहा है।

हैंडपंप के पास जमा हुआ पानी

पौधों के पास  जमा पानी।

क्या आप मच्छरों को दावत दे रहे हैं?

सावधान!

मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया हो सकता है!

  • आस-पास पानी इकट्ठा जमा न होने दें। गड्ढों को भर दें।
  • पानी के बरतन, टंकी, कूलर को साफ़ रखें। हर हफ़्ते सुखाएँ।
  • मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
  • गड्ढों में भरे पानी में मिट्टी का तेल छिड़कें।
 

रजत- देखो इस पोस्टर में लारवे के बारे में क्या लिखा है। वे क्या होते हैं?

नैन्सी- मच्छरों के छोटे बच्चे! ये दिखने में मच्छर जैसे बिल्कुल नहीं होते।

आरती - तुमने कहाँ देखे?

नैन्सी- हमारे घर के पीछे रखे पुराने घड़े में बहुत दिनों से पानी भरा पड़ा था। उसमें पतले-पतले, छोटे, भूरे से रंग के कीड़े तैरते देखकर मैं हैरान रह गई। मम्मी ने बताया कि मच्छर पानी में अंडे देते हैं, उन्हीं से ये निकले हैं। इन्हें 'लारवे' कहते हैं।

रजत-फिर तुमने क्या किया?

नैन्सी- पापा ने फौरन ही घड़े का पानी फेंक दिया और घड़ा साफ़ करके, सुखाकर, उल्टा रख दिया।

जसकीरत- मुझे शाज़िया आँटी ने बताया था कि मक्खियों से भी बीमारी होती है, पेट की बीमारी।

रजत- मक्खी तो काटती नहीं है, वह कैसे बीमारी फैलाती होगी?

एक कांच की बोतल में पानी में छोटे कीड़े।

मच्छर के लारवे

छोटे कीड़े हैन्ड  लेंस से देखने पर चाबी जैसे आकार के दिख रहे है।

हैंड लेंस से देखने पर लारखे

बताओ-

  • क्या तुमने ऐसा पोस्टर कहीं लगा हुआ देखा है?
  • ये पोस्टर कौन लगाता होगा? अखबार में इस तरह के पोस्टर कौन देता होगा?
  • इसमें किन बातों पर ध्यान दिलाने की कोशिश की गई है?
  • तुम्हें क्या लगता है कि इसमें टंकी, कूलर तथा गड्ढों के चित्र क्यों दिखाए गए हैं?

सोचो और पता करो-

  • सोचो, पानी में मछलियाँ डालने के लिए क्यों कहा होगा? ये मछलियाँ क्या-क्या खाती होंगी?
  • पानी में तेल का छिड़काव करने को क्यों कहा गया होगा?

शिक्षक संकेत- मक्खियों से कैसे और कौन-सी बीमारियाँ फैलती हैं, इस बारे में चर्चा करवाई जा सकती है। अखबार के किसी समाचार या रिपोर्ट का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

पता करो

  • मक्खी से कौन-कौन सी बीमारियाँ फैलती हैं? और कैसे?

कुछ मछलिया पानी में तैर रही हैं।

खोज-खबर-

• कक्षा के सभी बच्चे दो या तीन समूहों में बँट जाएँ। समूहों को आपस में यह तय कर लेना होगा कि स्कूल और आस-पास के इलाके में कौन-सी जगह का निरीक्षण कौन करेगा। स्कूल में या स्कूल के आस-पास इन जगहों को देखो। क्या इन जगहों पर कहीं पानी इकट्ठा है या नालियाँ बंद हैं? अगर हाँ, तो (✓) का निशान लगाओ

गमले ☐ कूलर ☐ टंकी ☐ स्कूल का मैदान ☐ गड्ढे ☐ नालियाँ ☐ या और कोई जगह ☐

  • यहाँ कितने दिनों से पानी इकट्ठा है?
  • इन जगहों की सफ़ाई की ज़िम्मेदारी किसकी है?
  • पानी में क्या-क्या नज़र आ रहा है?
  • इन गड्ढों और नालियों की मरम्मत करवाने की ज़िम्मेदारी किसकी है?
  • क्या इनमें से किसी जगह पर इकट्ठे हुए पानी में लारवे भी दिखे?
  • इन जगहों पर पानी इकट्ठा होने से क्या-क्या परेशानियाँ हो रही हैं? लिखो।

पोस्टर बनाओ, ज़िम्मेदारी याद दिलाओ-

  • अपने समूह में कूलर, टंकी, नालियों जैसी जगह (जहाँ पानी इकट्ठा होता है) साफ़ रखने के लिए पोस्टर बनाओ। स्कूल और घर के आस-पास यह पोस्टर लगाओ।

कुछ मछलिया पानी में तैर रही हैं।

  • पता करो, तुम्हारे स्कूल के आस-पास की सफ़ाई करवाने की ज़िम्मेदारी किसकी है।

यह भी पता करो कि चिट्ठी किसके नाम लिखनी है। यह कौन-से दफ़्तर में जाएगी? अपनी कक्षा की तरफ़ से उन्हें अपने इलाके की सफ़ाई के बारे में जानकारी देते हुए एक पत्र लिखो।

सर्वे रिपोर्ट-

कुछ और बच्चों ने भी सर्वे किया। उनकी रिपोर्ट के कुछ अंश यहाँ दिए गए हैं। आओ, इन्हें पढ़ें।

समूह 1

हमारे स्कूल में नल के पास कुछ हरा-हरा-सा था जिसे काई (एक तरह के पौधे) कहते हैं। काई से वहाँ फिसलन भी ज़्यादा थी। बारिश में तो यह काई बहुत बढ़ जाती है। हमें तो लगता है ये पानी में उगने वाले छोटे-छोटे पौधे हैं।


समूह 2

स्कूल के पास का तालाब छोटे-छोटे पौधों से भरा पड़ा है। देखने पर पानी तो नज़र ही नहीं आता। एक आंटी ने बताया कि ये पौधे तो अपने-आप ही उग गए हैं। तालाब के आस-पास गड्ढों में भी पानी जमा है। इसमें हमने लारवे भी देखे। आस-पास लगे पौधों को छूने पर बहुत सारे मच्छर जो छुपे बताओ बैठे थे, उड़ गए। जसकीरत को लगता है | कि यह गंदा तालाब पास में है, इसीलिए | उसके घर में इतने मच्छर हैं।

बताओ-

अगर तुम्हारे घर या स्कूल के आस-पास तालाब या नदी हो तो उसे देखने जाओ।

  • क्या पानी में या उसके आस-पास हरी-हरी काई दिखाई दे रही है?
  • तुमने काई और किन-किन जगहों पर देखी है?
  • क्या किनारे पर या पानी में कुछ पौधे दिख रहे हैं? उनके नाम पता करो। उनके चित्र अपनी कॉपी में बनाओ।
  • इन्हें लगाया गया है या फिर ये अपने-आप ही उग गए हैं?
  • पानी में और क्या-क्या दिख रहा है? सूची बनाओ।

 

मच्छर के पेट की कहानी, वैज्ञानिक की जुबानी-

यह मज़ेदार किस्सा आज से लगभग सौ साल पहले का है। एक वैज्ञानिक ने यह पता लगाया कि मलेरिया मच्छर से फैलता है। चलो, उनसे ही सुनते हैं कि वे इस बारे में क्या कहते हैं। "मेरे पिता भारतीय थल सेना में जनरल थे। मैंने डॉक्टरी की पढ़ाई की, लेकिन मेरी दिलचस्पी कहानियाँ पढ़ने, कविता लिखने, संगीत और ड्रामे में थी। खाली समय में मैं यही सब किया करता था।"

रोनाल्ड रॉस की तस्वीर।

रोनॉल्ड रोस

उस समय मलेरिया से बहुत जाने जाती थीं। यह बीमारी ज़्यादा बारिश और दलदल वाले इलाकों में पाई जाती थी। कुछ लोगों का सोचना था कि गंदगी में कुछ ज़हरीली गैस होती होगी, जिससे यह बीमारी फैलती है। एक डॉक्टर ने मलेरिया के मरीज़ के खून में माइक्रोस्कोप से बहुत छोटे-छोटे बारीक जीवाणु देखे थे। लेकिन यह समझ में नहीं आ रहा था कि ये जीवाणु खून में कैसे पहुँचते होंगे।

मेरे विज्ञान के गुरु ने अंदाज़ा लगाया और कहा- "मुझे लगता है कि शायद मलेरिया मच्छर से फैलता है।" इसकी जाँच करने के लिए मैं दिन-रात मच्छरों के पीछे ही पड़ गया! हम एक-एक मच्छर के पीछे बोतल लेकर दौड़ते। फिर मलेरिया के मरीजों को मच्छरदानी में बिठाकर उन मच्छरों को दावत देते। एक मच्छर को अपना खून चुसाने के लिए मरीज़ को एक आना मिलता। मुझे सिकंदराबाद के अस्पताल के वे दिन हमेशा याद रहेंगे! मच्छर को काटकर खोलना और उसके पेट के अंदर ताक-झाँक। एक बार मैं भी मलेरिया का शिकार हो गया। माइक्रोस्कोप पर झुककर बारीकियाँ देखते-देखते शाम तक आँखें जैसे धुंधला-सी जाती थीं। गर्दन अलग अकड़ जाती। इतनी गर्मी थी, फिर भी पंखा नहीं झल सकते थे, क्योंकि हवा से मच्छर उड़ जाते। माइक्रोस्कोप में यह सब करने के बावजूद कुछ हाथ नहीं लगा। एक दिन किस्मत मेहरबान हो ही गई। हमने कुछ मच्छर पकड़े, जो देखने में थोड़े अलग थे। इनका रंग भूरा था और पंख छींटेदार थे। उनमें से एक मच्छरी के पेट में देखते-देखते कुछ काला-काला-सा दिखा। गौर करने पर पता चला कि वे छोटे-छोटे जीवाणु बिल्कुल वैसे ही थे, जैसे हमने मलेरिया के मरीजों के खून में देखे थे। उसी से हमें यह सबूत मिल पाया कि मच्छर से ही मलेरिया फैलता है।" रोनॉल्ड रोस को दिसम्बर, 1902 में चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ा पुरस्कार मिला, नोबल पुरस्कार। 1905 में मरते हुए भी वे कह रहे थे, “कुछ ढूँढ़ लूँगा, नया ढूँढ़ लूँगा।"


एक लड़का कुछ सोच रहा है।

हम क्या समझे-

  • अपने घर में, स्कूल में और आस-पास मच्छर न हों उसके लिए तुम्हारी क्या ज़िम्मेदारी है? इसके लिए तुम क्या-क्या करोगे?
  • कैसे पता कर सकते हैं कि किसी को मलेरिया तो नहीं?

शिक्षक संकेत– 'एक आना' के बारे में बताएँ कि ऐसे सिक्के पहले इस्तेमाल होते थे। रोनॉल्ड रोस की कहानी से बच्चों को वैज्ञानिक प्रक्रिया के बारे में बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करें। वैज्ञानिक खोज की यह कहानी बताती है कि सिकंदराबाद के एक मामूली अस्पताल में कई प्रयासों से – कुछ कामयाब और । कुछ नहीं भी- कैसी अद्भुत जानकारी दुनिया को मिली। इसी तरह बीमारियों के इलाज के बारे में और कहानियाँ भी इकट्ठी करके चर्चा करवाई जा सकती है।