QR Code Chapter 12


12 खत्म हो जाए तो...?

बस का सफ़र-

आज हम अहमदाबाद से लगभग 18 किलोमीटर दूर अडालज की बावड़ी को देखने जा रहे थे। हम सभी आती-जाती गाड़ियों को गिन रहे थे। कोई साइकिलें गिन रहा था तो कोई बसें। कोई कारों की गिनती कर रहा था तो कोई मोटरसाइकिलों की। अब्राहम साइकिलें गिनने में बोर हो रहा था क्योंकि इस हाइवे पर साइकिलें तो इक्का-दुक्का ही नज़र आ रही थीं।

क्री ऽऽऽऽऽ च! हम चौंक गए। हमारी बस ने लाल बत्ती पर ब्रेक लगाई। यह एक बड़ा-सा चौराहा था। मैं चारों तरफ़ गाड़ियों की लंबी कतारें देख रहा था। पों-पों-पों का शोरगुल। कितना धुंआ! शायद उसी धुंए से परेशान होकर रिक्शे में बैठा एक बच्चा ज़ोर-ज़ोर से खाँस रहा था। मुझे अजीब-सी बू आ रही थी, जैसी गाँव में बाबा के ट्रैक्टर से भी आती है।

रेड सिग्नल पर कई स्कूटर, कार, ऑटोरिक्शा सड़क पर रुके।

शिक्षक संकेत- अपने इलाके के आस-पास के 'हाइवे' (राजमार्ग) के उदाहरण देकर इस बारे में बच्चों की समझ बनाई जा सकती है। वाहनों से होने वाले शोर और धुएँ के प्रभावों पर चर्चा बच्चों के अनुभव सुनकर करें। कक्षा में सड़क पर चलने के नियमों पर चर्चा करवाएँ।

पृष्ठ 110 पर चित्र देखकर लिखो -

• कौन-कौन-सी गाड़ियाँ दिख रही हैं?
• इनमें से कुछ वाहनों को पेट्रोल, डीज़ल की ज़रूरत होती है, क्यों?
• चित्र में दिए गए जिस-जिस वाहन में से धुआँ नहीं निकलता, उस पर लाल निशान लगाओ।
• कौन-कौन से वाहन बिना पेट्रोल, डीज़ल से चलने वाले हैं?
• वाहनों के तेज़ हॉर्न से हमें क्या-क्या परेशानी होती है?

बताओ-

• क्या तुम साइकिल चलाते हो? यदि हाँ, तो उससे कहाँ-कहाँ जाते हो?
• तुम स्कूल किस तरह आते हो?
• तुम्हारे परिवार के लोग घर से बाहर काम पर कैसे-कैसे जाते हैं?
• क्या गाड़ियों से निकलने वाले धुएँ से हमें कुछ परेशानी हो सकती है? किस तरह की?
• क्या गाड़ियों के तेज़ हॉर्न से हमें कुछ परेशानी हो सकती है? किस तरह की?

पेट्रोल पंप पर लंबी कतार में खड़े वाहन।

पेट्रोल पंप पर-

कुछ दूर जाने के बाद ड्राइवर ने तेल भरवाने के लिए बस एक पेट्रोल पंप पर रोक दी। गाड़ियों की कतार देखकर हमें लगा कि हमारा नंबर काफ़ी देर से आएगा। सब बस से नीचे उतरकर पेट्रोल पंप पर ही घूमने लगे। वहाँ पर कई बोर्ड और बड़े-बड़े पोस्टर भी लगे थे।

शिक्षक संकेत- पाठ में आम बोलचाल की भाषा में 'तेल' शब्द का प्रयोग पेट्रोल, डीज़ल और खनिज तेल के लिए किया गया है। बच्चों से इस पर चर्चा करें कि ज़मीन के नीचे से निकलने वाले खनिज क्या-क्या हो सकते हैं।

तेल का भंडार सीमित है, इसे अपने बच्चों के लिए बचाएँ।

हर बूंद से अधिक लाभ लें, गाड़ी रोकें तो, इंजन बंद रखें।

एक आयताकार आकार का ईंधन डिस्पेंसर और पेट्रोल की एक बड़ी बूंद।

पेट्रोल की एक बड़ी बूंद।

मूल्य

दिनांक 13.07.2017

पेट्रोल-₹ 64.91 प्रति लीटर

डीज़ल- ₹ 54.70 प्रति लीटर


पोस्टर पर लिखे नारे हम समझ नहीं पाए कि तेल का भंडार सीमित क्यों है? हमने सोचा, चलो पेट्रोल डालने वाले भइया से पूछते हैं।

अब्राहम – भइया, यह तेल कहाँ से मिलता है?

पेट्रोल डालने वाले भइया- ज़मीन के बहुत बहुत नीचे से।

मंजु- ज़मीन के नीचे! वहाँ कैसे बनता है?

भइया- यह ज़मीन के नीचे बहुत धीरे-धीरे अपने-आप ही बनता रहता है। कोई मशीन या आदमी नहीं बनाते इसे।

अब्राहम- तब तो हम खरीदने की बजाए खुद निकाल लें, बोरिंग या पंप लगाकर, पानी की तरह।

भइया- यह हर जगह नहीं होता। देश में कुछ ही जगह तेल निकलता है। निकालने, साफ़ करने के लिए बड़ी-बड़ी मशीनों का इस्तेमाल होता है।

कार, ​​ऑटोरिक्शा, ट्रक, बस और स्कूटर जैसे एक पंक्ति में बहुत सारे वाहन।

पता करो-

• भारत में तेल के भंडार किस-किस राज्य में हैं?
• ज़मीन के बहुत अंदर से तेल के अलावा और क्या-क्या मिलता है?
• सड़क पर चलने के नियम पता करो और उन पर कक्षा में चर्चा करो।
• पेट्रोल, डीज़ल का इस्तेमाल हमें सोच-समझकर करना चाहिए। सोचो क्यों?

आगे की बातचीत-

दिव्या- पेट्रोल खत्म होने वाला है क्या? पोस्टर पर लिखा था कि भंडार सीमित हैं।

भइया- हम जितनी तेज़ी से तेल निकाल रहे हैं उतनी तेज़ी से वह बन नहीं रहा है। वैसे भी इसके बनने में लाखों-लाखों साल लग जाते हैं।

अब्राहम - अगर तेल खत्म हो गया तो गाड़ियाँ चलेंगी कैसे?

मंजु-सी.एन.जी. से। मैंने टी.वी. पर देखा था। इससे धुंआ भी कम होता है।

भइया- (हँसते हुए) अरे! वह भी तो ज़मीन से ही मिलती है और सीमित ही है।

दिव्या- बिजली से भी तो गाड़ियाँ चलती हैं। मैंने बैटरी से चलने वाली साइकिल देखी है।

अब्राहम-कुछ-न-कुछ तो करना ही होगा। वरना हम बड़े होकर गाड़ियाँ कैसे चलाएँगे।

दिव्या- अगर गाड़ियाँ कम चलेंगी तो मेरी दादी खुश हो जाएँगी। वे कहती हैं, “तौबा, चींटियों की तरह आज गाड़ियों की कतारें ही कतारें हैं। आगे चलकर तुम्हारा क्या होगा!"

मंजु-हाँ! देखो न, ज्यादातर गाड़ियों में एक-दो ही लोग बैठे हैं। सब बस में क्यों नहीं जाते?

अब्राहम- हाँ पेट्रोल तो बचेगा। एक बस में तो कितने ही लोग जा सकते हैं।

मंजु– मैं बड़ी होकर कोशिश करूँगी कि हम सूरज की किरणों से गाड़ियाँ चला सकें। फिर खत्म होने का कोई चक्कर ही नहीं! जितना मर्जी इस्तेमाल करो।


शिक्षक संकेत- सूरज की किरणों का इस्तेमाल और किस-किस काम में होता है इस पर बच्चे चर्चा करें। ऊर्जा की अवधारणा इस उम्र के लिए अमूर्त है पर बच्चे इसे ताकत, शक्ति, आदि कहकर इसके बारे में सोचना शुरू करें। सीमित भंडार किसका और क्यों है, इस पर सोचें। कक्षा में चर्चा करवाएँ।


ज़मीन से खज़ाना-

यह पता लगाना आसान नहीं है कि ज़मीन के अंदर गइराई में तेल कहाँ मौजूद है। वैज्ञानिक खास तरीकों और मशीनों से यह समझते हैं और अंदाज़ा लगाते हैं। फिर गहराई तक पाइप और मशीनें डालकर तेल ऊपर खींचा जाता है। निकाला गया तेल गहरे रंग का गाढ़ा बदबूदार होता है। इसमें घुली, मिली और छुपी होती हैं बहुत सारी चीजें। इन चीज़ों को अलग-अलग और साफ़ करने के लिए तेल को रिफ़ाइनरी में भेजा जाता है। क्या तुमने कभी रिफ़ाइनरी के बारे में सुना है? इसी तेल से हमें मिलता है केरोसिन, डीज़ल, पेट्रोल, इंजन ऑयल और हवाई जहाज़ के लिए ईंधन। जानते हो एल.पी.जी. (खाना पकाने की गैस), मोम, कोलतार और ग्रीस भी इसी से मिलते हैं। प्लास्टिक और पेंट को बनाने के लिए भी तेल का इस्तेमाल होता है।

एक लड़का कुछ सोच रहा है।

मैं तेल की बचत के बारे में सोचने लगा। मुझे ध्यान आया कि बाबा तो ट्रैक्टर का इंजन चलता छोड़कर दूसरे काम करने में लग जाते हैं। कभी-कभी खेत में पंप भी चलता ही रह जाता है। कितना तेल खर्च हो जाता होगा। घर जाकर बाबा से ज़रूर बात करूँगा!

कार, ​​ऑटोरिक्शा, ट्रक, बस और स्कूटर जैसे एक पंक्ति में बहुत सारे वाहन।

लिखो-

• गाड़ी चलाने के लिए किस-किस चीज़ का इस्तेमाल हो सकता है?
• अगर इसी तरह सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ती रही, तो क्या-क्या समस्याएँ हो सकती हैं? जैसे – सड़क पर ट्रैफ़िक बढ़ जाएगा। बड़ों से बात करके अपने विचार लिखो।
• मंजु ने कहा, "सब बस में क्यों नहीं जाते?" सभी लोग बस में सफ़र क्यों नहीं करते?
• बत्ती पर रुकी गाड़ी के इंजन बंद कर देने के क्या-क्या फ़ायदे हैं?
• सड़कों पर वाहनों की बढ़ती संख्या से आई परेशानियों को कम करने के लिए कुछ तरीके सुझाओ।

शिक्षक संकेत-सड़कों पर वाहनों की बढ़ती संख्या को कम करने के लिए विकल्पों की तथा इससे जुड़ी खबर पर चर्चा करें।

पता करो और लिखो

कितना तेल लगे?

स्कूटर

कार

ट्रैक्टर

ये एक बार में कितना पेट्रोल/ डीज़ल भर पाए?

 

 

 

ये एक लीटर पेट्रोल/डीज़ल से कितनी दूर जाए?

 

 

 

हर शहर में पेट्रोल की कीमत अलग होती है। इस तालिका में दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमत दी गई हैं। इसे देखकर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दो।

तेल

सन् 2002 में एक लीटर की कीमत (अक्तूबर)

सन् 2007 में एक लीटर की कीमत (अक्तूबर)

सन् 2014 में एक लीटर की कीमत (अक्तूबर)

पेट्रोल

₹ 29.91

₹ 43.52

₹ 67.86

डीज़ल

₹ 18.91

₹ 30.48

₹ 58.97

• सन् 2007 की तुलना में 2014 में पेट्रोल की कीमत _____ रुपये बढ़ी और डीजल की कीमत _____ रुपये बढ़ी।
• सन् 2007 में डीज़ल और पेट्रोल की कीमत में क्या अंतर था?

पता करो -

• तुम्हारे इलाके में आजकल पेट्रोल और डीजल की कीमत क्या है?
• पेट्रोल और डीजल की कीमत क्यों बढ़ रही है?
• तुम्हारे घर में एक महीने में कितना पेट्रोल और डीज़ल खर्च होता है? किस-किस काम में?

• एक पोस्टर नीचे दिया हुआ है।

मैं छिपा हूँ, कहाँ-कहाँ?

एक लंबी डंडी पर हंगेरों में टंगे कुछ कपड़े।

ड्राईक्लीनिंग में

 

 

एक लालटेन

रोशनी में

एक गाड़ी, एक ट्रैक्टर और एक वायुयान।

पेट्रोल, डीज़ल और वायुयान ईंधन के रूप में

एक सिलिन्डर और तेल की एक गैलन।

मिट्टी के तेल और गैस के रूप में

 

 

एक जनरेटर मशीन।

मशीनों में

पैंट की बाल्टियाँ और ब्रश।

प्लास्टिक, रंग-रोगन में

"तेल की बचत, आपकी आदत"

पोस्टर को देखकर लिखो -

• तेल का इस्तेमाल कहाँ-कहाँ होता है?
• डीज़ल कहाँ-कहाँ इस्तेमाल किया जाता है? पता करो

शिक्षक संकेत- कक्षा में पोस्टर पर खुलकर चर्चा की जानी अच्छी रहेगी। इस बातचीत से बच्चों में यह समझ पैदा होगी कि पेट्रोल, डीज़ल, केरोसिन, एल.पी.जी. आदि सभी ज़मीन के अंदर से निकलने वाले खनिज के रूप हैं। इन सभी का हमारे जीवन में अलग-अलग जगह उपयोग होता है। इस बारे में उनके अनुभव सुनने से पोस्टर पर उनकी समझ अच्छी बनेगी।


दिव्या ने बस में ही एक कविता लिखकर सबको सुनाई। पढ़ो और चर्चा करो।


बताओ, बताओ कौन हूँ मैं?

काला-काला गाढ़ा तरल, 

जीवन जीना करे सरल। सोचो, 

सोचो कौन हूँ मैं? 

जल्दी बोलो कौन हूँ मैं? 

धीरे खर्चों, मुझे बचाओ, 

सीमित है मेरा भंडार। 

लाखों साल में बन पाता हूँ 

नहीं अब मेरी भरमार 

जब लोगों को नहीं मिलूँगा 

कैसे तब सब काम चलेंगे? 

मेरे लिए क्या युद्ध लड़ेंगे? 

फिर भी ज़ाया मुझे करेंगे? 

सोचो, सोचो कौन हूँ मैं? 

जल्दी बोलो कौन हूँ मैं?


सोचो और चर्चा करो -

• तुम्हारे गाँव या शहर में एक हफ़्ता पेट्रोल या डीज़ल नहीं मिले तो क्या होगा?
• तेल बचाने के तरीके सुझाओ।

घर में चूल्हा कैसे जले-

दुर्गा हरियाणा के एक गाँव में रहती है। दिन के कई घंटे उसके चूल्हे के लिए लकड़ियाँ इकट्ठी करने में चले जाते हैं। उसकी बेटी को भी उसकी मदद करनी पड़ती है। दुर्गा को कई महीनों से खाँसी है। सीली हुई लकड़ियाँ जलाने में धुंआ भी बहुत होता है। लेकिन दुर्गा के पास कोई और चारा भी तो नहीं। जब खाना जुटाने के पैसे ही नहीं तो उसे पकाने के लिए पैसे कहाँ से लाएँ?

दो औरतें सर पर टोकरियों में सूखी लकड़ियाँ इककट्ठे किए जा रही हैं।

चर्चा करो-

• क्या तुमने कभी सूखी लकड़ियाँ इकट्ठी की हैं या उपले बनाए हैं? उपले कैसे बनाते हैं?
• क्या तुम किसी को जानते हो जो चूल्हे जलाने के लिए गिरी हुई सूखी टहनी या पत्ते इकट्ठे करते हैं?
• तुम्हारे घर में और आस-पास खाना बनाने की ज़िम्मेदारी किसकी है?
• अगर वे लकड़ी या उपलों पर खाना पकाते हैं तो धुंए से किस तरह की परेशानी होती होगी?
• क्या दुर्गा लकड़ी की जगह किसी और चीज़ का इस्तेमाल कर सकती है? क्यों नहीं?

आज हमारे देश के लगभग 2/3 (दो-तिहाई) लोग उपले, लकड़ी, सूखी टहनियाँ आदि का इस्तेमाल करते हैं। केवल खाना पकाने के लिए ही नहीं, आग सेंकने, पानी गरम करने और रोशनी के लिए भी। घर के अलग-अलग कामों के लिए कई और चीज़ों का भी इस्तेमाल होता है जैसे–केरोसिन (मिट्टी का तेल), एल.पी.जी. (खाना पकाने की गैस), कोयला, बिजली, आदि। 

काँचा ने एक किताब में यह बार चार्ट देखा। इस बार चार्ट में दिखाया है कि अगर 100 घरों को देखें तो उनमें से कितनों में किस ईंधन का इस्तेमाल होता है। चार्ट यह भी दिखाता है कि बीस सालों में किस चीज़ का इस्तेमाल बढ़ा और किसका घटा।

गांव में गाय के गोबर का उपला बनाती महिला।

बीस साल में बदलाव

100 में से कितने घरों में होता है इस्तेमाल

सौ में से घरों की पहली बार शोचार्ट संख्या, जो वर्ष 1976 में विभिन्न प्रकार के ईंधन का उपयोग करती है। चौरासी घरों में लकड़ी और लकड़ी का उपयोग होता है, दस घरों में एलपीजी और मिट्टी के तेल का उपयोग होता है, पांच घरों में कोयले का उपयोग होता है, एक घर में बिजली का उपयोग होता है।

दूसरा बार चार्ट सौ में से घरों की संख्या दर्शाता है, जो वर्ष 1996 में विभिन्न प्रकार के ईंधन का उपयोग करते हैं। पचहत्तर घरों में अपल और लकड़ी का उपयोग होता है, अठारह घरों में एलपीजी और मिट्टी के तेल का उपयोग होता है, दो घरों में कोयले का उपयोग होता है, पांच घरों में बिजली का उपयोग होता है।

  • देश में सन् 1976 में 100 में से कितने घरों में उपले और लकड़ी का इस्तेमाल होता था?
  • 1976 में सबसे कम किसका इस्तेमाल हो रहा था?
• 1976 में एल.पी.जी. और केरोसिन का इस्तेमाल _____ घरों में था जो 1996 में बढ़कर _____ हो गया। यानी बीस सालों में इनका इस्तेमाल _____ प्रतिशत बढ़ा।
• 1996 में 100 में से कितने घरों में बिजली का इस्तेमाल हो रहा था?
• 1996 में किसका इस्तेमाल सबसे कम था? 1976 में यह कितने प्रतिशत घरों में इस्तेमाल हो रहा था?

अपने घर में बड़ों से पता करो-

• जब वे बच्चे थे तब उनके परिवार में खाना पकाने के लिए किन चीज़ों का इस्तेमाल होता था?
• पिछले दस सालों में तुम्हारे इलाके में खाना पकाने के लिए किस चीज़ का इस्तेमाल बढ़ा है और किस चीज़ का घटा है?
• अनुमान से बताओ अगले दस सालों में खाना पकाने के लिए किस चीज़ का इस्तेमाल बढ़ेगा और किस का घटेगा?

एक लड़का सोच रहा है।

हम क्या समझे-

• किसी कंपनी ने तुम्हें लोगों के लिए एक नया वाहन जैसे-बस, मिनी बस का डिज़ाइन बनाने का मौका दिया है। तुम किस तरह की बसें चलाना चाहोगे? उसके बारे में लिखो और उसका चित्र बनाकर रंग भरो।
• बस का डिज़ाइन बनाते समय इन लोगों की सुविधा के लिए तुमने क्या-क्या सोचा? _____

बुजुर्ग _____

छोटे बच्चे _____

जो लोग देख नहीं पाते _____

• तेल के बारे में छपी खबरों को अखबार में से काटो और एक चार्ट पर चिपकाकर कोलाजबनाओ। उसे अपनी कक्षा में लगाओ और अपने कुछ विचार लिखो।
• तेल बचाने के लिए पोस्टर बनाकर उस पर नारा भी लिखो। पोस्टर कहाँ लगाना चाहोगे?