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22. फिर चला काफ़िला
धनु का गाँव
धनु के यहाँ आज दशहरे का बड़ा त्योहार मनाया जाएगा। सब रिश्तेदार अपनी-अपनी बैलगाड़ियों पर सामान लादकर लाए हैं। धनु के बाबा परिवार में सबसे बड़े हैं इसलिए सभी त्योहार उन्हीं के यहाँ मनाए जाते हैं। इस त्योहार पर मामी, आई (माँ) और चाची मिलकर गुड़ और पूरणपोली (चने की दाल की मीठी रोटियाँ) बनाती हैं। साथ में तीखी कढ़ी। दिन में गपशप चलती है। मगर शाम को माहौल कुछ बदल-सा जाता है। सब औरतें और बूढ़े-बच्चे सामान बाँधने लगते हैं। आदमी लोग मुकदम (कर्ज़ वसूल करने वाले) के साथ मीटिंग के लिए बैठते हैं। मीटिंग में मुकादम सभी के कर्जे के पैसों का हिसाब करता है। किस परिवार के ऊपर उसका कितना कर्जा बाकी है, यह भी देखता है।
फिर शुरू होती हैं आगे की बातें। मुकादम सभी गाँववालों को अगले छः महीनों में कौन-से इलाके में जाना है, यह भी बताता है। साथ ही देता है खर्चे के लिए कुछ
शिक्षक संकेत- कक्षा में कर्ज, लेनदार, देनदार और दलाल के बारे में बातचीत करें। इन शब्दों का अर्थ रोज़मर्रा की जिंदगी के साथ जोड़ें।
पैसे। जब से धनु को याद है, तब से यही चलता आया है। बरसात के पहले से दशहरे तक, गाँव के बड़े किसानों के खेतों में काम होता है। इन खेतों में धनु के परिवार जैसे ही कई परिवार काम करते हैं। इस कमाई से उनका इन महीनों का खर्चा चल जाता है। पर बाकी के कुछ महीने जब बरसात नहीं होती, तब खेतों में भी काम नहीं होता। फिर उस समय गुजारा कैसे हो? इसलिए सब कर्जा लेते हैं। इस कर्जे को चुकाने के लिए वे मुकादम के लिए काम करते हैं। यह मुकादम शक्कर के कारखाने का दलाल है। वह उन्हें गन्ने के खेतों में काम दिलवाता है।
बताओ
- क्या धनु के गाँव में सभी किसान अपनी जमीन पर काम करते थे?
- धनु के परिवार के पास अपने गाँव में कब काम होता था और कब नहीं?
- क्या तुम कुछ ऐसे परिवारों को जानते हो, जो खेती से जुड़े हैं, और जिन्हें काम के लिए कुछ महीने घर छोड़ना पड़ता है?
सोचो और पता करो
- अगर धनु के गाँव के लोग अपना गाँव छोड़कर काम के लिए न जाएँ तो वहाँ उन्हें कैसी परेशानियाँ हो सकती हैं?
शिक्षक संकेत बच्चों का ध्यान इस ओर दिलाएँ कि गन्ने के इन खेतों में सिंचाई के साधन होने के कारण बारिश के पानी के बिना भी खेती हो पाती है। बच्चों से खेती में सिंचाई के अलग-अलग तरीकों के बारे में चर्चा करें, चित्र बनवाएँ, जैसे- ट्यूबवैल, नहर निकालना, इत्यादि। अगर संभव हो तो उन्हें दिखाने ले जाएँ या उन्हें परिवार के साथ जाकर देखने के लिए कहें।
- धनु के गाँव में जब बारिश नहीं होती तब खेती भी नहीं हो पाती। क्या बारिश के पानी के बिना भी खेती की जा सकती है?
अब आगे कुछ महीने धनु, उसके आई-बापू, चाचा, उनके दो बड़े बच्चे, मामा-मामी, उनकी दो लड़कियाँ और गाँव के चालीस-पैंतालीस परिवार अपने घर से दूर रहेंगे। छः महीने धनु और उसके जैसे कई बच्चे स्कूल नहीं जा पाएँगे। धनु के घर में उसकी बूढ़ी दादी, एक चाची, जो देख नहीं सकतीं और दो महीने की चचेरी बहन ही रह जाएंगे।
इसी तरह गाँव के अन्य कई परिवारों में भी बूढ़े और बीमार लोग रह जाते हैं।
धनु को अपनी दादी की बहुत याद आती है। वे उसे बहुत प्यार जो करती हैं। धनु हमेशा सोचता है कि उसके पीछे से दादी की देखभाल कौन करेगा? पर धनु क्या करे?
सोचो
- जब धनु का परिवार और गाँव के लोग काम के लिए दूसरी जगह जाते हैं तब कुछ लोग गाँव में ही रह जाते हैं। ऐसा क्यों होता होगा?
- जब धनु और उसके जैसे कई बच्चे छः महीने तक गाँव छोड़कर चले जाते हैं, तब गाँव के स्कूल में क्या होता होगा?
- तुम्हारे घर के लोग जब काम के लिए घर से बाहर जाते हैं तो बुजुर्गों और बीमारों की देखभाल के लिए घर में क्या इंतज़ाम होता है?
दशहरे के बाद
परिवारों का यह काफ़िला अब गन्ने के खेतों और शक्कर के कारखानों के पास झोंपड़ियाँ बनाकर रहेगा। अपनी झोंपड़ियाँ ये गन्ने के सूखे पत्तों और रस निकले गन्नों से बनाते हैं। सुबह के अँधेरे में उठकर घर के आदमी खेतों में गन्नों की कटाई करते हैं। बच्चे और
शिक्षक संकेत- यदि कुछ बच्चे अपने परिवार के सदस्यों की आदतों जैसे नशीली/मादक दवाओं की लत के बारे में बताना चाहते हों तो ऐसे किस्सों पर बात-चीत बड़ी ही संवेदनशीलता से की जानी चाहिए। उनसे होने वाले हानिकारक प्रभाव पर चर्चा जरूरी है। इन मुद्दों पर आप सेवाकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी चर्चा अवश्य करें।
औरतें गन्नों के गट्ठर बाँधते हैं। फिर उन्हें शक्कर के कारखानों में ले जाते हैं। कई बार धनु भी उनके साथ जाता है। कारखानों के बाहर कभी-कभी दो-तीन रातें बैलगाड़ियों पर गुजारनी पड़ती हैं। तब धनु अपने बैलों के साथ खेलता है, यहाँ-वहाँ घूमता है।
कारखाने पर अपने परिवार के हिस्से के गन्नों का वज़न करवाकर धनु के बापू रसीद लेते हैं। जब-जब मुकादम मिलने आता है, तब उसे ये रसीदें दिखाकर कर्जे का हिसाब रखा जाता है। मुकादम अगले हफ्ते के खर्चे के पैसे भी दे जाता है। तब धनु की आई और मामी बच्चों को लेकर पास के गाँव के बाज़ार से हफ्ते भर का आटा-तेल खरीदती हैं। बच्चों के लिए एक-आध लड्डू, सेव-चने भी ले लेती हैं। मामी, धनु के लिए पेंसिल, रबड़ या कॉपी भी खरीदती हैं। धनु, मामी का लाडला जो है। पर छ: महीने तो ये चीजें धनु के काम ही नहीं आ पातीं। वह स्कूल जो नहीं जाता। मामी चाहती हैं, वह पढ़े और बड़ा होकर कुछ बने। उसे इस तरह परिवार के साथ भटकना न पड़े।
आजकल मामा-मामी, धनु के आई-बापू से कहते हैं, “अगली बार जब दशहरे पर हम लोग गाँव छोड़कर जाएँगे, तब धनु अपनी दादी और चाची के साथ रहेगा। वह गाँव के बाकी बच्चों की तरह स्कूल जाएगा। बीच में पढ़ाई नहीं छोड़ेगा। आगे पढ़ेगा और कुछ बनेगा।"
शिक्षक संकेत- कभी-कभी कुछ ऐसे परिवारों (नशीली दवाओं की लत) के बच्चों में भी यह लत पड़ जाती है। यदि उन बच्चों में या किसी अन्य बच्चे में ऐसा व्यवहार दिखाई दे तो उनसे अलग से बात-चीत की जानी चाहिए ताकि समय पर उनकी यह लत छुड़वाई जा सके। इस विषय पर बच्चों से पोस्टर अथवा चार्ट बनवाएँ और उन पर चर्चा करें।
सोचो और बताओ
- मामी क्यों चाहती हैं कि धनु साल भर स्कूल जाए, पढ़े और कुछ बने?
- जब तुम लंबे समय के लिए स्कूल नहीं जा पाते हो तो क्या होता है?
चर्चा करो और लिखो
- धनु छः महीनों के लिए जहाँ गाँव वालों के साथ जाता है, वहाँ पढ़ाई का इंतज़ाम किया जा सकता है? कैसे?
- ऐसे कुछ और भी काम हैं जिनके लिए लोगों को कई महीनों तक अपने घरों से दूर रहना पड़ता है? किताब से और उदाहरण ढूँढ़ो और लिखो।
- अलग-अलग किसानों के जीवन में क्या समानताएँ हैं और क्या फ़र्क हैं?
हम क्या समझे
- तुमने कई पाठों में अलग-अलग तरह के किसानों के बारे में पढ़ा। दी गई तालिका में उनके बारे में लिखो।
किसान का नाम | खुद की खेती (सही या गलत)
| क्या उगाते हैं | क्या परेशानियाँ आईं
| और कुछ
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दामजीभाई (पाठ.....) |
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हसमुख (पाठ.....) |
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शिक्षक संकेत-बच्चों से बात हो सकती है कि कई जगह ऐसे काफ़िलों में रहने वाले बच्चों की पढ़ाई का
भी इंतजाम किया जाता है। कई बार इनके टीचर इन्हीं के साथ जगह-जगह घूमते हैं। किन-किन कामों के लिए काफ़िलों में लोग पलायन करते हैं इस पर भी चर्चा की जाए।