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14 बाघ आया उस रात
"वो इधर से निकला
उधर चला गया ऽऽ"
वो आँखें फैलाकर
बतला रहा था-
"हाँ बाबा, बाघ आया उस रात,
आप रात को बाहर न निकलो!
जाने कब बाघ फिर से आ जाए!"
"हाँ, वो ही ी ी! वो ही जो
उस झरने के पास रहता है
वहाँ अपन दिन के वक्त
गए थे न एक रोज?
बाघ उधर ही तो रहता है
बाबा, उसके दो बच्चे हैं
बाघिन सारा दिन पहरा देती है
बाघ या तो सोता है
या बच्चों से खेलता है ---"
दूसरा बालक बोला-
"बाघ कहीं काम नहीं करता
न किसी दफ़्तर में
न कॉलेज में ऽऽ"
छोटू बोला-
"स्कूल में भी नहीं ---"
पाँच-साला बेटू ने
हमें फिर से आगाह किया
"अब रात को बाहर होकर बाथरूम न जाना!"
नागार्जुन
बात-बात में
"वो इधर से निकला, उधर चला गया"
(क) यह बात कौन किसे बता रहा होगा?
(ख) तुम्हें यह उत्तर कविता की किन पंक्तियों से पता चला?
ख़बर तेंदुए की
(क) कक्षा 2 की रिमझिम में अखबार में छपा एक समाचार दिया गया है। साथ में उस समाचार के आधार पर लिखी एक कहानी भी दी गई है। उसे एक बार फिर से पढ़ो।
(ख) अब ‘बाघ आया उस रात’ कविता के आधार पर एक ‘समाचार’ लिखो।
(ग) तेंदुए और बाघ में क्या अंतर है? पता करो। इस काम के लिए तुम बड़ों से बातचीत भी कर सकते हो।
उस रात
इस कविता में एक ऐसी रात की बात की गई है जिस रात को कुछ अनोखी घटना घटी थी।
(क) उस रात को कौन-सी अनूठी बात हुई थी?
(ख) तुम्हारे विचार से क्या सचमुच यह बात अनूठी है? क्यों?
(ग) उस रात को और क्या-क्या हुआ होगा? अपने साथियों से बातचीत करके लिखो।
बाघ के काम
"बाघ कहीं काम नहीं करता, न किसी द"ऱतर में, न कॉलेज में"
बाघ दिन भर क्या-क्या करता होगा? कहाँ-कहाँ जाता होगा? अपने साथियों के साथ मिलकर जानकारी एकत्रित करो। फिर चर्चा करके उस पर एक चित्रत्मक पुस्तक तैयार करो। इसे तुम अपने पुस्तकालय में भी रख सकते हो।
आँखें फैलाकर
वो इधर से निकला उधर चला गया
वो आँखें फैलाकर बतला रहा था।
नीचे आँख से जुड़े कुछ और मुहावरे दिए गए हैं, वाक्यों में इनका इस्तेमाल करो।
आँख लगना
आँख दिखाना
आँख मूँदना
आँख बचाना
आँखें भर आना
सिर-आँखों पर बैठाना
शब्दों की दुनिया
(क) पाँच साला बेटू ने हमें फिर से आगाह किया। ‘आगाह किया’ का मतलब क्या हो सकता है?
• सचेत किया
• मनोरंजन किया
• बताया
• समझाया
(ख) कविता में इनमें से कौन-सा भाव झलकता है?
(ग) किन-किन पंक्तियों/शब्दों से ये भाव व्यक्त हो रहे हैं?
• आश्चर्य
• डर
• अविश्वास
(घ) जब हम कविता के जरिए कोई बात कहते हैं तो आम तौर पर शब्दों के क्रम को बदल देते हैं।
• जैसे कविता का शीर्षक "बाघ आया उस रात" गद्य में "उस रात बाघ आया" होगा।
ऐसा क्यों किया जाता होगा?
• इस किताब की दूसरी कविताएँ भी पढ़ो और शब्दों के क्रम में आए बदलाव पर गौर करो। ऐसे ही कुछ वाक्यों की सूची भी बनाओ।
• क्या शब्दों के क्रम में बदलाव अखबार की खबरों में भी आता है? नीचे बने कोलाज को देखो और बताओ।
एशियाई शेर के लिए मीठी गोलियाँ
नई दिल्ली : घाघस एक एशियाई शेर चिकित्सा की दुनिया का एक जीता जागता चमत्कार बन गया। बचने की कोई उम्मीद न होने पर भी आज वह जिंदा है और पहले की तरह गरजता है।
घाधस को अक्टूबर 2004 को दिल्ली के चिड़ियाघर में लाया गया था। वह चिड़ियाघर के माहौल में अच्छी तरह से रम गया था। 15 मार्च को उसने रोज़ की तरह अपना खाना पूरा नहीं खाया। चिड़ियाघर के डॉक्टरों ने इस बात पर ध्यान देते हुए उसे तीन दिन तक लगातार सुई लगाई। पर इससे उसे कोई फायदा न हुआ. अब तो उसने खाना एकदम छोड़ ही दिया था और मुंह से लार भी बहने लगी थी।
घाघस की गिरती हुई हालतदेख उसके खून के नमूने जांच के लिए भेजे गए। हालांकि इस बीच पाथस ने थोड़ा-बहुत तो खाना शुरू कर ही दिया था पर उसकी हालत ठीक नहीं कही जा सकती थी।
वह अपने पिछले पैरों से सँगड़ाने भी लगा था और ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। दिल्ली के चिड़ियाघर सभी लोग चिंतित हो गए। हालत ऐसी हो गई थी कि अब दिन गिनने के अलावा कोई चारा न था के निदेशक डी.एन. सिंह ने बताया “ एक महीने बाद तो पापस की यह दशा देखकर हमने गुजरात के वन्यजीव हालत यह हो गई कि पापस अपने शरीर का पिछला हिस्सा विशेषज्ञों से यह सोचकर सलाह लेने का निर्णय किया कि उठाने में असमर्थ हो गया। हमने उसे नियमित रूप से दिए सिंह भारत में सिर्फ गुजरात के गिर जंगलों में पाए जाते हैं,
जाने वाले माँस के स्थान पर मन और चिकन खाने के लिए शायद वे ही कोई राह सुझा सके।" सिंह ने आगे बताया दिया। खाने में किए गए बदलाव का असर हुआ और पायस गुजरात के प्रमुख वन्यजीव संरक्षक ने उन्हें आणंद के डॉक्टर 70-80 प्रतिशत तक खाना खाया जो कि एक अच्छा आरजी जानी से संपर्क करने का सुझाव दिया। संकेत था। हालाँकि उसकी हालत में कोई सुधार नजर नहीं पायस के इलाज की रिपोर्ट देखने के बाद डॉ जानी ने उसे होम्योपैथी दवाइयाँ देने की सलाह दी। होम्योपैथी इलाज आ रहा था। पायस को इलाज के लिए दूसरे विशेष चिकित्सकीय शुरू होने के दो माह के भीतर ही चापस की हालत सुधरनी पिंजरे में रखा गया। उसके इलाज में कोई कोताही नहीं बरती शुरू हो गई और अब वह अपने चारों पैरों पर खड़ा हो पा जा रही थी, उसके शरीर की भाप से सिंकाई भी की जाती रहा था। यह बात है 3 अगस्त को वानी कि पूरे छह माह थी और अब वह भोजन भी अच्छी तरह से लेने लग गया वह तकलीफ में रहा। बीमारी की वजह से वह बहुत कमज़ोर था घर हालत उसकी वैसी ही बनी हुई थी। चिड़ियाघर के हो गया है घर हालात में अभी सुधार है।