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तेईसवाँ पाठ
हाथी
सूंड उठा कर हाथी बैठा
पक्का गाना गाने, मच्छर
इक घुस गया कान में,
लगा कान खुजलाने।
फटफट-फटफट तबले
जैसा हाथी कान बजाता,
पूछ रहा है एक-दूसरे से
जंगल– ‘एे भैया, हमें बता दो,
इन दोनों में अच्छा कौन गवैया?
सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
अभ्यास
शब्दार्थ
पक्का गाना -- ताल-सुर के साथ गाया जाने वाला गाना
घुसना - -भीतर जाना, अंदर जाना
मौज -- उमंग, खुशी, मस्ती
गवैया -- गायक, गाना गानेवाला
भावार्थ
एक हाथी जंगल में बैठा था। वह सूंड उठाकर गाना गाने लगा। तभी उसके कान के भीतर एक मच्छर चला गया। वह कान खुजलाने लगा। परेशान होकर अपने बड़े-बड़े कान तेजी से हिलाने लगा। फटफट-फटफट की आवाज होने लगी। मानो तबला बज उठा हो। और हाथी मच्छर के गाने के सुर पर ताल दे रहा हो।
इस अनहोनी घटना को जंगल देख रहा था। उसने पूछा– ‘ओ भाइयो! मुझे बता सकोगे, मच्छर और हाथी में से अच्छा गायक कौन है?’
कवि ने हँसने-हँसाने के लिए इस घटना की कल्पना की है। इसमें हाथी स्वयं एक खिलौना बन गया है और जंगल के पेड़ हाथी के आसपास खड़े दर्शक स्रोता हो गए हैं।
इस कविता में एक बाल-सुलभ कौतुक है कवि ने जानवर और जंगल से मनुष्य के संसार को जोड़ कर शब्द का सजीव खिलौना बनाया है।
1. कविता की अधूरी पंक्तियाँ पूरी करो
(क) सूंड उठाकर हाथी बैठा ....................................................
(ख) बड़े मौज़ से भीतर बैठा ....................................................
(ग) हमें बता दो इन दोनों में ....................................................
2. कविता के आधार पर बताओ
(क) हाथी सूंड उठाकर किसलिए बैठा?
(ख) हाथी के कान क्यों बज उठे?
(ग) मच्छर कहाँ बैठकर गाना गा रहा था?
3. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दो
(क) हाथी गाना गाने के बदले तबला क्यों बजाने लगा?
(ख) वाक्य के खाली स्थान को अपनी कल्पना से भरो–
(1) जंगल के पेड़ों के बीच बैठकर कान हिलाता हाथी ............................... जैसा दिखता था
(क) कार्टून (ख) खिलौना (ग) मूर्ति
(2) मच्छर जब हाथी के कान के भीतर बैठकर गाना गा रहा था, उसके गाने को ....................................... सुन रहा था