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भारत : जलवायु, वनस्पति तथा वन्य प्राणी

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आप मौसम के बारे में प्रतिदिन समाचार पत्रों में पढ़ते हैं तथा टेलीविज़न पर देखते हैं अथवा दूसरों को इस संबंध में बातें करते हुए सुनते भी हैं। आप जानते हैं कि मौसम वायुमंडल में दिन-प्रतिदिन होने वाला परिवर्तन है। इसमें तापमान, वर्षा तथा सूर्य का विकिरण इत्यादि शामिल हैं। उदाहरण के लिए मौसम कभी गर्म या कभी ठंडा होता है, कभी-कभी आसमान में बादल छा जाते हैं, तो कभी वर्षा होती है। आपने ध्यान दिया होगा कि जब बहुत दिनों तक मौसम गर्म रहता है तब आपको ऊनी वस्त्रों की आवश्यकता नहीं पड़ती है। आप खाने-पीने में ठंडे पदार्थों को पसंद करते हैं। इसके विपरीत एेसे भी दिन होते हैं जब आपको ऊनी वस्त्रों के बिना ठंड लगती है। ठंडी और तेज़ हवाएँ चलती हैं। इन दिनों में आप गर्म चीज़ें खाना पसंद करते हैं।

सामान्यतः भारत में प्रमुख मौसम होते हैं :

दिसंबर से फरवरी तक ठंडा मौसम (सर्दी)

मार्च से मई तक गर्म मौसम (गर्मी )

जून से सितंबर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून का मौसम (वर्षा)

अक्टूबर और नवंबर में मानसून के लौटने का मौसम (शरद)

शीत ऋतु

ठंडे मौसम में सूर्य की सीधी किरणें नहीं पड़ती हैं जिसके परिणामस्वरूप उत्तर भारत का तापमान कम हो जाता है।

ग्रीष्म ऋतु

गर्मी के मौसम में सूर्य की किरणें अधिकतर सीधी पड़ती हैं। तापमान बहुत अधिक हो जाता है। दिन के समय गर्म एवं शुष्क पवन बहती है जिसे लू कहा जाता है।

आओ खेलें

1. हमारे देश के सभी भागों में लोग अपने क्षेत्रों में पाए जाने वाले फलों के ठंडे पेय, जिसे शर्बत कहा जाता है, का सेवन करते हैं। ये पेय पदार्थ प्यास को बुझाने के सबसे अच्छे साधन हैं तथा लू के दुष्प्रभावों से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। क्या आपने कभी आम, बेल, नींबू, इमली, तरबूज तथा दही का शर्बत, जैसे- छाछ, मट्ठा, मोरी, इत्यादि पिए हैं? बहुत से लोग केला तथा आम के मिल्कशेक भी बनाते हैं।

2. गर्मी के बाद, पहली वर्षा हमें आनंद प्रदान करती है। हमारी सभी भाषाओं में वर्षा पर गीत हैं। वे सुनने में अच्छे लगते हैं तथा हमें आनंदित करते हैं। वर्षा के दो गानों को याद करें तथा एक साथ मिलकर गाएँ।

वर्षा पर पाँच कविताओं को इकट्ठा करें या लिखें। विभिन्न भाषाओं में वर्षा के नामों की जानकारी अपने मित्रों, पड़ोसियों तथा परिवार के सदस्यों से प्राप्त करें। उदाहरण के लिए,

हिंदी - वर्षा 

उर्दू - बारिश

मराठी - पाउस 

बंगाली - बॉर्षा

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दक्षिण-पश्चिम मानसून या वर्षा का मौसम

यह मानसून के आने तथा आगे बढ़ने का मौसम है। इस समय पवन बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर से स्थल की ओर बहती है। वे अपने साथ नमी भी लाती हैं। जब ये पवन पहाड़ों से टकराती हैं तब वर्षा होती है।

मानसून के लौटने का मौसम या शरद् ऋतु

इस समय पवन स्थल भागों से लौटकर बंगाल की खाड़ी की ओर बहती है। यह मानसून के लौटने का मौसम होता है। भारत के दक्षिणी भागों विशेषकर तमिलनाडु तक आंध्र प्रदेश में इस मौसम में वर्षा होती है।

किसी स्थान पर अनेक वर्षों में मापी गई मौसम की औसत दशा को जलवायु कहते हैं।

अगर किसी वर्ष मानसूनी वर्षा कम हो या नहीं हो तो क्या होगा? सही उत्तर पर चिह्न () लगाओ।
  •   फसल 
    प्रभावित होगी / नहीं होगी
  • कुएँ के पानी का स्तर
    ऊपर जाएगा / नीचे चला जाएगा
  • गर्मी का मौसम
    लंबा होगा / छोटा होगा 

भारत की जलवायु को मोटे तौर पर मानसूनी जलवायु कहा जाता है। मानसून शब्द अरबी भाषा के मौसिम से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है मौसम। भारत की स्थिति उष्ण कटिबंध में होने के कारण अधिकतर वर्षा मानसूनी पवन से होती है। भारत में कृषि वर्षा पर निर्भर है। अच्छे मानसून का मतलब है पर्याप्त वर्षा तथा प्रचुर मात्रा में फसलों का उत्पादन।

आओ कुछ करके सीखें

भारत के मानचित्र पर इस पैराग्राफ में दिए गए स्थानों को चिह्नित करें।

किसी स्थान की जलवायु उसकी स्थिति, ऊँचाई, समुद्र से दूरी तथा उच्चावच पर निर्भर करती है। इसलिए हमें भारत की जलवायु में क्षेत्रीय विभिन्नता का अनुभव होता हैं। राजस्थान के मरुस्थल में स्थित जैसलमेर तथा बीकानेर बहुत गर्म स्थान हैं, जबकि जम्मू तथा कश्मीर के द्रास एवं कारगिल में बर्फीली ठंड पड़ती है। तटीय क्षेत्र जैसे मुंबई तथा कोलकाता की जलवायु मध्यम है। वे न ही अधिक गर्म हैं और न ही अधिक ठंडे। समुद्र तट पर होने के कारण ये स्थान बहुत अधिक आर्द्र हैं। विश्व में सबसे अधिक वर्षा मेघालय में स्थित मौसिनराम में होती है, जबकि किसी-किसी वर्ष राजस्थान के जैसलमेर में वर्षा होती ही नहीं है।

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चित्र 8.1 : उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन

प्राकृतिक वनस्पति

हम अपने चारों तरफ विभिन्न प्रकार का पादप जीवन देखते हैं। हरे घास वाले मैदान में खेलना कितना अच्छा लगता है। कुछ पौधे छोटे होते हैं जिन्हें झाड़ी कहा जाता है, जैसे कैक्टस तथा फूलों वाले पौधे इत्यादि। इसके अतिरिक्त बहुत से लंबे वृक्ष होते हैं उनमें से कुछ में बहुत शाखाएँ तथा पत्तियाँ होती हैं; जैसे- नीम, आम, तो कुछ वृक्ष एेसे होते हैं जिनमें पत्तियों की मात्रा बहुत कम होती है, जैसे नारियल। घास, झाड़ियाँ तथा पौधे जो बिना मनुष्य की सहायता के उपजते हैं उन्हें प्राकृतिक वनस्पति कहा जाता है। क्या आप कभी यह नहीं सोचते कि ये एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं। अलग-अलग जलवायु में अलग-अलग प्रकार की वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। इनमें वर्षा की मात्रा सबसे महत्त्वपूर्ण होती है।

जलवायु की विभिन्नता के कारण भारत में अलग- अलग तरह की वनस्पतियाँ पाई जाती हैं।

हमें वनों की आवश्यकता क्यों है?

वन हमारे लिए बहुत ही लाभदायक हैं। ये विभिन्न कार्य करते हैं। पेड़-पौधे अॉक्सीजन छोड़ते हैं जिसे हम साँस के रूप में लेते हैं तथा कार्बन डाइअॉक्साइड को ग्रहण करते हैं। पेड़-पौधों की जड़ें मिट्टी को बाँध कर रखती हैं तथा इस प्रकार वे मिट्टी के अपरदन को रोकते हैं।

वनों से हमें ईंधन, लकड़ी, चारा, जड़ी-बूटियाँ, लाख, शहद, गोंद इत्यादि प्राप्त होते हैं।

वन वन्यजीवों के प्राकृतिक निवास हैं।

पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण भारी मात्रा में प्राकृतिक वनस्पतियाँ समाप्त हो गई हैं। हमें अधिक पौधे लगाने चाहिए, जो पेड़ बचे हैं उनकी रक्षा करनी चाहिए एवं लोगों को पेड़ों के महत्त्व के बारे मेें बताना चाहिए। हम लोग कुछ खास आयोजन जैसे वनमहोत्सव मनाकर अधिक से अधिक लोगों को इस प्रयास में शामिल कर सकते हैं तथा पृथ्वी को हरा-भरा रख सकते हैं।

लीला के माता-पिता ने उसके जन्म पर नीम के एक पौधे को रोपा। प्रत्येक जन्मदिन पर उन्होंने अलग- अलग पौधों को रोपा था। इनको हमेशा पानी से सींचा जाता था तथा अत्यधिक गर्मी, सर्दी एवं जानवरों से बचाया जाता था। बच्चे भी यह ध्यान रखते थे कि कोई उन्हें नुकसान न पहुँचा पाए। जब लीला 20 वर्ष की हुई तब 21 सुंदर वृक्ष उसके घर के चारों ओर खड़े थे। चिड़ियों ने उन पर अपना घोंसला बना लिया था, फूल खिलते थे, तितलियाँ उनके चारों ओर मंडराती थीं, बच्चों ने उनके फलों का आनंद लिया था, उनकी शाखाओं पर झूले तथा उनकी छाया में खेले थे।

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चित्र 8.2 : वनों के उपयोग

वन्य प्राणी

वन विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का निवास होता है। वनों में जंतुओं की हजारों प्रजातियाँ तथा बड़ी संख्या में विभिन्न प्रकार के सरीसृपों, उभयचरों, पक्षियों, स्तनधारियों, कीटों तथा कृमियों का निवास होता है।

बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है। यह देश के विभिन्न भागों में पाया जाता है। गुजरात के गिर वन में एशियाई शेरों का निवास है। हाथी तथा एक सींग वाले गैंडे असम के जंगलों में घूमते हैं। हाथी, केरल एवं कर्नाटक में भी मिलते हैं। ऊँट भारत के रेगिस्तान तथा जंगली गधा कच्छ के रन में पाए जाते हैं। जंगली बकरी, हिम तेंदुआ, भालू इत्यादि हिमालय के क्षेत्र में पाए जाते हैं। इनके अतिरिक्त बहुत से दूसरे जानवर; जैसे- बंदर, सियार, भेड़िया, नीलगाय, चीतल इत्यादि भी हमारे देश में पाए जाते हैं।

भारत में पक्षियों की भी एेसी ही प्रचुरता है। मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी है। भारत में पक्षी तोता, मैना, कबूतर, बुलबुल तथा बतख इत्यादि हैं। अन्य बहुत सारे राष्ट्रीय पक्षी उद्यान हैं जो पक्षियों को उनका प्राकृतिक निवास प्रदान करते हैं। उद्यान शिकारियों से पक्षियों की रक्षा करते हैं। क्या आप अपने क्षेत्र में पाए जाने वाले पाँच पक्षियों के नाम बता सकते हैं?

भारत में साँपों की सैकड़ों प्रजातियाँ पाई जाती हैं। उनमें कोबरा एवं करैत प्रमुख हैं।

वनों के कटने तथा जानवरों के शिकार के कारण भारत में पाए जाने वाले वन्यजीवों की प्रजातियाँ तेज़ी से घट रही हैं। बहुत सी प्रजातियाँ तो समाप्त भी हो चुकी हैं। उनको बचाने के लिए बहुत से नेशनल पार्क, पशुविहार तथा जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र स्थापित किए गए हैं। सरकार ने हाथियों तथा बाघों को बचाने के लिए बाघ परियोजना एवं हस्ति परियोजना जैसी परियोजनाओं को शुरू किया है। क्या आप भारत के कुछ पशुविहारों के नाम तथा मानचित्र पर उनकी स्थिति बता सकते हैं?

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चित्र 8.3 : वन्य जीवन

आप वन्यजीवों के संरक्षण में भी अपना हाथ बँटा सकते हैं। आप जानवरों के शरीर के विभिन्न अंगों; जैसे- हड्डी, सींग तथा पंख से बने पदार्थों को खरीदने से इनकार कर सकते हैं। प्रत्येक वर्ष हम लोग अक्टूबर के पहले सप्ताह को वन्यजीव सप्ताह के रूप में मनाते हैं ताकि वन्यजीवों के निवास को संरक्षित रखने के लिए जागरूकता लाई जा सके।

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प्रवासी पक्षी
कुछ पक्षी पिंटेल बत्तख, कर्लियू, फ़्लैमिंगो, अॉस्प्रे, लिटिल स्टिंट प्रत्येक वर्ष सर्दी के मौसम में हमारे देश आते हैं। सबसे छोटी लिटिल स्टिंट जिसका वजन लगभग 15 ग्राम होता है , आर्कटिक प्रदेश से 8000 किलोमीटर की दूरी तय करके भारत आती है

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1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए।

(i) कौन-सी पवन भारत में वर्षा लाती है? यह इतनी महत्त्वपूर्ण क्यों है?

(ii) भारत के विभिन्न मौसमों के नाम लिखिए।

(iii) प्राकृतिक वनस्पति क्या है?

2. सही उत्तर चिह्नित () कीजिए।

(i) विश्व में सबसे अधिक वर्षा वाला क्षेत्र कौन-सा है

क. मुंबई ख. आसनसोल ग. मौसिनराम

(ii) जंगली बकरी तथा हिम तेंदुए कहाँ पाए जाते हैं?

क. हिमालय क्षेत्र में ख. प्रायद्वीपीय क्षेत्र में ग. गिर वन में

(iii) दक्षिण-पश्चिम मानसून के समय आर्द्र पवनें कहाँ बहती हैं?

क. स्थल से समुद्र की ओर

ख. समुद्र से स्थल की ओर

ग. पठार से मैदान की ओर

3. खाली स्थान भरें।

(i) गर्मी में दिन के समय शुष्क तथा गर्म पवनें चलती हैं जिन्हें ________________ कहा जाता है।

(ii) आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु में ________________ के मौसम में बहुत अधिक मात्रा में वर्षा होती है।

(iii) गुजरात के ________________ वन ________________ का निवास है।

  

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1. अपने आस-पास के वृक्षों की सूची बनाएँ, वनस्पति, जंतुओं एवं पक्षियों के चित्र इकट्ठा करें तथा उन्हें अपनी कॉपी पर चिपकाएँ।

2. अपने घर के पास एक पौधा लगाएँ तथा उसकी देखभाल करें एवं कुछ महीने के भीतर उसमें आए परिवर्तनों का अवलोकन करें।

3. क्या आपके आस-पास के क्षेत्र में कोई प्रवासी पक्षी आता है? उसको पहचानने की कोशिश करें। सर्दी के मौसम में विशेष ध्यान दें।

4. बड़ों के साथ अपने शहर के चिड़ियाघर या नजदीक के वन या पशुविहार को देखने जाएँ। वहाँ विभिन्न प्रकार के वन्य जीवन को ध्यानपूर्वक देखें।