क्यू आर कोड





अध्याय 3

सरकार क्या है?

आपने 'सरकार' शब्द का ज़िक्र कई बार सुना होगा।इस पाठ में आप यह पढ़ेंगी कि सरकार क्या है और यह हमारे जीवन में कितनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।सरकारें क्या करती हैं? वे निर्णय कैसे लेती हैं? अलग-अलग तरह की सरकारों, जैसे लोकतांत्रिक सरकार एवं राजतंत्रीय सरकार के बीच क्या अंतर है? चलिए, पढ़ कर पता लगाते हैं ...

सरकार से कामगारों के अधिकारों की रक्षा की माँग

बाढ़पीड़ितों के लिए सरकार की ओर से राहत सामग्री

सर्वोच्च न्यायालय के लिए पाँच और न्यायाधीश - सरकार

प्याज की दर में उछाल : सरकार ने प्याज के दाम तय किए

कोयला और बिजली विभागों के पुनर्गठन के पक्ष में है सरकार

सरकार ने 15000 से अधिक गाँवों को सूखाग्रस्त घोषित किया

ऊपर दी गई अखबार की सुर्खियों को देखिए।इनमें सरकार के जिन कामों की बात की जा रही है, उनकी सूची बनाइए।

1.

2.

3.

4.

क्या सरकार का काम बहत ही विस्तत नहीं है? आपके अनुसार सरकार क्या है? कक्षा में इस पर चर्चा कीजिए।

हर एक देश को विभिन्न निर्णय लेने एवं काम करने के लिए सरकार की ज़रूरत है, होती है।ये निर्णय कई विषयों से संबंधित हो सकते हैं - सड़कें और स्कूल कहाँ बनाए जाएँ, बहुत ज्यादा महँगी हो जाने पर किसी चीज़ के दाम कैसे घटाए जाएँ अथवा बिजली की आपूर्ति को कैसे बढ़ाया जाए।सरकार कई सामाजिक मुद्दों पर भी कार्रवाई करती है।उदाहरण के लिए सरकार गरीबों की मदद

क्या आप सरकार के ऐसे कुछ और कामों के उदाहरण दे सकती हैं जिनकी चर्चा ऊपर नहीं की गई है?

1.

2.

3.

करने के लिए कई कार्यक्रम चलाती है।इनके अलावा वह अन्य महत्त्वपूर्ण काम भी करती है, जैसे डाक एवं रेल सेवाएँ चलाना।

सरकार का काम देश की सीमाओं की सुरक्षा करना और दूसरे देशों से शांतिपूर्ण संबंध बनाए रखना भी है।उसकी जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि देश के सभी नागरिकों को पर्याप्त भोजन और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलें।जब प्राकृतिक विपदा घेरती है, जैसे सुनामी या भूकंप, तो मुख्य रूप से सरकार ही पीड़ित लोगों की सहायता करती है।अगर कहीं कोई विवाद होता है या कोई अपराध करता है तो लोग न्यायालय जाते हैं।न्यायालय भी सरकार का ही अंग है।

शायद आपको यह जानकर अचरज हो रहा होगा कि सरकार इतना सब कुछ कैसे कर पाती है और सरकार के लिए इन कामों को

करना क्यों ज़रूरी है।जब लोग इकट्ठे रहते हैं और काम करते हैं तो कुछ हद तक एक व्यवस्था की ज़रूरत होती है जिससे आवश्यक निर्णय लिए जा सकें।कुछ नियमों की ज़रूरत होती है जो सब पर लागू हों।उदाहरण के लिए संसाधनों के नियंत्रण और देश की सीमा की सुरक्षा की ज़रूरत होती है ताकि लोग सुरक्षित महसूस कर सकें।लोगों के लिए सरकार कई तरह के काम करती है।वह नियम बनाती है, निर्णय लेती है और अपनी सीमा में रहने वाले लोगों पर उन्हें लागू करती है।

सर्वोच्च न्यायालय और उसके बाद की छवि भारत पेट्रोलियम का एक गोलाकार लोगो है।

कुछ उदाहरण जो सरकार के अंग हैं – सर्वोच्‍च न्‍यायालय, भारत पेट्रोलियम, भारतीय रेल

एक रेल।

सरकार के स्तर  

अब आपको पता है कि सरकार कितनी सारी अलग-अलग चीज़ों के लिए जिम्मेदार है तो क्या आप सोच सकती हैं कि सरकार ये सारे इंतज़ाम कैसे करती होगी? दरअसल सरकार अलग - अलग स्तरों पर काम करती है - स्थानीय स्तर पर, राज्य के स्तर पर एवं राष्ट्रीय स्तर पर।स्थानीय स्तर का मतलब आपके गाँव, शहर या मोहल्ले

से है।राज्य स्तर का मतलब है जो पूरे राज्य को ध्यान में रखे, जैसे हरियाणा या असम की सरकार पूरे राज्य में काम करती है (मानचित्रों को देखें)।राष्ट्रीय स्तर की सरकार का संबंध पूरे देश से होता है।इस किताब में आप आगे चलकर पढ़ेंगी कि स्थानीय सरकार कैसे काम करती है और आगे की कक्षाओं में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सरकार के कामों के बारे में जानेंगी।

भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दर्शाने वाला एक राजनीतिक मानचित्र।


भारत का एक राजनीतिक मानचित्र जिसमें उसके सभी प्रशासनिक विभाजन दर्शाए गए हैं।

स्रोतः www.censusindia.gov.in/2011census/maps/atlas/00partl.pdf


नोटः आंध्र प्रदेश राज्य के पुनर्गठन के बाद, 2 जून 2014 को तेलंगाणा भारत का 29 वाँ राज्य बना।

31 अक्तूबर 2019 से जम्मू और कश्मीर राज्य दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बाँटा गया - जम्मू और कश्मीर तथा लदाख।

सरकार एवं कानून  

सरकार कानून बनाती है और देश में रहने वाले सभी लोगों को वे कानून मानने होते हैं।केवल हैं।यही वह तरीका है जिससे सरकार काम कर सकती है।सरकार के पास जैसे कानून बनाने की ताकत होती है वैसे ही यह ताकत भी होती है कि लोगों को कानून मानने के लिए बाध्य करे।उदाहरण के लिए एक कानून है कि गाड़ी चलाने वाले के पास लाइसेंस होना चाहिए।अगर कोई लाइसेंस के बिना गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाए तो उसे जेल की सज़ा काटनी पड़ती है या जुर्माना भरना पड़ता है।

किसी दूसरे कानून को लेकर यह विचार कीजिए कि लोगों के लिए उसे मानना क्यों ज़रूरी है।

सरकार जो कार्रवाई कर सकती है, उसके अलावा अगर लोगों को लगे कि किसी कानून का ढंग से पालन नहीं हो रहा है तो वे भी कुछ कदम उठा सकते हैं।उदाहरण के लिए अगर किसी व्यक्ति को यह लगे कि उसको उसके धर्म या उसकी जाति के कारण किसी नौकरी में नहीं लिया गया तो वह न्यायालय जा सकती है और यह दावा कर सकती है कि कानून का पालन नहीं हो रहा है।तब न्यायालय आदेश देगा कि क्या कदम उठाने की ज़रूरत है।

सरकार के प्रकार  

सरकार को निर्णय लेने और कानूनों का पालन करवाने यानी उन्हें बाध्य बनाने की शक्ति कौन देता है ?

इस प्रश्न का उत्तर इस बात पर निर्भर करता है कि उस देश में कैसी सरकार है।लोकतंत्र में तो लोग ही सरकार को यह शक्ति देते हैं।लोग ऐसा चुनाव के माध्यम से करते वे अपनी पसंद के नेता को वोट देकर चुनते हैं।एक बार चुन लिए जाने के बाद यही लोग सरकार बनाते हैं।लोकतंत्र में सरकार को अपने निर्णयों एवं उठाए गए कदमों का आधार बताना होता है और सफाई देनी होती है।

एक दूसरी तरह की सरकार होती है जिसे राजतंत्रीय सरकार कहते हैं।इसमें राजा या रानी के पास निर्णय लेने और सरकार चलाने की शक्ति होती है।राजा के पास सलाहकारों का एक छोटा-सा समूह होता है जिससे वह विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर सकता है।अंतिम निर्णय लेने की शक्ति उसी के पास रहती है।लोकतंत्र के समान राजतंत्र में राजा या रानी को अपने निर्णय के आधार नहीं बताने पड़ते और न ही अपने निर्णयों की सफ़ाई देनी पडती है।

एक राजा

  • लोकतंत्र में लोगों की भागीदारी उन निर्णयों को लेने में महत्त्वपूर्ण है जो उनको प्रभावित करते हैं।क्या आप इससे सहमत हैं? अपने जवाब के दो कारण लिखिए।
  • आपके यहाँ जिस प्रकार की शासन व्यवस्था है, उसके स्थान पर आप कैसी शासन व्यवस्था चाहेंगी? और क्यों?
  • नीचे दिए गए कथनों में जो गलतियाँ हैं, उन्हें सुधार कर लिखिए।
  • राजतंत्र में देश के नागरिकों को अपनी पसंद का नेता चुनने की छूट होती है।
  • लोकतंत्र में एक राजा के पास देश पर शासन करने की संपूर्ण ताकत होती है।
  • राजतंत्र में राजा या रानी द्वारा लिए गए निर्णयों पर लोग प्रश्न उठा सकते हैं।

लोकतांत्रिक सरकार  

भारत एक लोकतंत्र है।इस लोकतांत्रिक व्यवस्था को पाने के लिए हमने लंबी लड़ाई लड़ी है।संसार में और भी कई देश हैं जहाँ लोगों ने लोकतंत्र लाने के लिए संघर्ष किए हैं।ऊपर बताया जा चुका है कि लोकतंत्र की मुख्य बात यह है कि लोगों के पास अपने नेता को चुनने की शक्ति होती है।इसलिए एक अर्थ में लोकतंत्र लोगों का ही शासन होता है।

लोकतंत्र में मूलभूत विचार यह है कि लोग नियमों को बनाने में भागीदार बनकर खुद ही शासन करें।आज के समय में लोकतांत्रिक सरकार को प्रायः प्रतिनिधि लोकतंत्र कहते हैं।प्रतिनिधि लोकतंत्र में लोग सीधे भाग नहीं लेते हैं, बल्कि चुनाव की प्रक्रिया के द्वारा अपने प्रतिनिधि को चुनते हैं।ये प्रतिनिधि मिलकर

मतदान कक्ष में वृद्ध की अंगुली पर निशान लगाती महिला। वार्ड में मतदाताओं की लंबी कतार है।

मतदान के समय मतदाता की उँगली पर स्याही से निशान लगाया जाता है ताकि वह केवल एक वोट दे सके - ग्रामीण मतदान केंद्र का दृश्य

सारी जनता के लिए निर्णय लेते हैं।आजकल कोई भी सरकार अपने आपको तब तक लोकतांत्रिक नहीं कह सकती जब तक वह देश के सभी वयस्क नागरिकों को वोट देने का अधिकार न दे।

लेकिन हमेशा ऐसा नहीं था।क्या आप विश्वास कर सकती हैं कि एक समय ऐसा था जब लोकतांत्रिक सरकारें औरतों और गरीबों को चुनाव में भाग नहीं लेने देती थीं? अपने शुरुआती दौर में सरकारें केवल उन्हीं पुरुषों को वोट देने देती थीं जो पढ़े-लिखे थे और जिनके पास अपनी संपत्ति होती थी।इसका मतलब था कि औरतों, गरीबों और अशिक्षितों को वोट देने का अधिकार नहीं था।ऐसी स्थिति में देश उन्हीं नियमों के सहारे चलते थे जो ये गिने-चुने पुरुष बनाते थे।

भारत में आज़ादी से पहले बहुत ही कम लोगों को वोट देने का अधिकार था।इसीलिए जनता ने संगठित होकर इस अधिकार की माँग की।गाँधीजी समेत कई नेताओं ने इस अन्यायपूर्ण व्यवहार का विरोध किया।उन्होंने भी जोर-शोर से यह मांग उठाई।1931 में यंग इंडिया पत्रिका में लिखते हुए गाँधीजी ने कहा था, "मैं यह विचार सहन नहीं कर सकता कि जिस आदमी के पास संपत्ति है वह वोट दे सकता है, लेकिन वह आदमी जिसके पास चरित्र है पर संपत्ति या शिक्षा नहीं, वह वोट नहीं दे सकता या जो दिनभर अपना पसीना बहाकर ईमानदारी से काम करता है वह वोट नहीं दे सकता क्योंकि उसने गरीब आदमी होने का गुनाह किया है...।"

हाथ में पोस्टर पकड़े दो महिलाएं, जिस पर लिखा है,  वॉट्स फ़र वुमन ।

संसार में कहीं भी सरकारों ने स्वेच्छा से अपनी शक्ति लोगों के साथ नहीं बाँटी है।पूरे यूरोप और अमरीका में महिलाओं और गरीबों को सरकार के कार्यों में भागीदारी के लिए संघर्ष करना पड़ा।महिलाओं द्वारा मताधिकार के लिए किए गए संघर्ष ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान और मज़बूती पकड़ी।इस आंदोलन को महिला मताधिकार आंदोलन कहते हैं और अंग्रेजी में इसे 'सफ्रेज मूवमेंट' कहते हैं।'सफ्रेज़' का मतलब होता है वोट देने का अधिकार।युद्ध के दौरान बहुत-से पुरुष लड़ाई में थे, इसीलिए महिलाओं को उन कामों को करने के लिए बुलाया गया जो पहले पुरुषों के काम माने जाते थे।जब महिलाओं ने विभिन्न प्रकार के काम और उनकी व्यवस्था करना शुरू किया तो लोगों को यह देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि उन्होंने महिलाओं और उनकी क्षमताओं के बारे में क्यों इतनी गलत रूढिबद्ध धारणाएँ बना रखीं थीं कि महिलाएँ ये काम नहीं कर सकतीं।इस तरह महिलाओं को निर्णय लेने में समान रूप से योग्य माना जाने लगा।महिला मताधिकार आंदोलन की साथियों ने सभी महिलाओं के लिए वोट देने के अधिकार की माँग की।उनकी आवाज़ सुनी जाए , इसके लिए उन्होंने जगह-जगह पर अपने आपको लोहे की जंजीरों से बाँधकर प्रदर्शन किया।उनमें से कई क्रांतिकारी महिलाएँ जेल गईं और भूख हड़ताल पर बैठीं।

अमरीका में औरतों को वोट देने का अधिकार 1920 में मिला, जबकि इंग्लैंड की औरतों को यह अधिकार कुछ सालों बाद 1928 में मिला।



पृष्ठ 33 और 34 पर मानचित्रों को देखिए।वे भारत के राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और जिलों को दर्शातें हैं।इन मानचित्रों और विभिन्न अन्य संसाधनों से निम्न जानकारी का पता लगाएं।

  • भारत के पड़ोसी देशों के नाम
  • अपने राज्य या केंद्र शासित प्रदेश और उसके पड़ोसियों के नाम
  • अपने जिले और उसके पड़ोसी जिलों के नाम
  • अपने जिले से राष्ट्रीय राजधानी के लिए जानेवाले मार्ग

नीचे की तालिका में दिए गए कथनों पर नज़र दौड़ाइए।क्या आप पहचान सकती हैं कि वे सरकार के किस स्तर से संबंधित हैं? उनके आगे निशान लगाइए।

भारत सरकार का रूस के साथ मैत्री संबंध बनाने का निर्णय

पश्चिम बंगाल सरकार का सारे सरकारी स्कूलों में कक्षा 8में बोर्ड की परीक्षा लेने का निर्णय

डिब्रूगढ़ और कन्याकुमारी के बीच में नई रेल सेवाएँ शुरू करने का निर्णय

गाँव में एक सार्वजनिक कुएँ के स्थान को चुनने का निर्णय

पटना में बच्चों के लिए बड़ा-सा पार्क बनाने का निर्णय

हरियाणा सरकार का सारे किसानों को मुफ्त बिजली देने का निर्णय

1000 रुपये का नया नोट शुरू करने का निर्णय

तीन स्तंभों वाली एक तालिका, पहला स्तम्भ है स्थानीय , फिर राज्य और फिर राष्ट्रीय। तीनो के नीच खली गोले बने हैं निशान लगाने के लिए।

अभ्यास

1. आप 'सरकार' शब्द से क्या समझती हैं? एक सूची बनाइए कि किस तरह से सरकार आपके जीवन को प्रभावित करती है।

2. सरकार को कानून के रूप में सबके लिए नियम बनाने की क्या ज़रूरत है?

3. लोकतांत्रिक सरकार के आवश्यक लक्षण क्या हैं?

4. महिला मताधिकार आंदोलन क्या है? उसकी उपलब्धि क्या थी?

5. गांधीजी का दृढ़ विश्वास था कि भारत में हर एक वयस्क को वोट देने का अधिकार मिलना चाहिए।लेकिन बहुत सारे लोग उनके विचारों से सहमत नहीं हैं।बहुत लोगों को लगता है कि अशिक्षित लोगों को, जो ज़्यादातर गरीब हैं, वोट देने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए। आपका क्या विचार है? क्या आपको लगता है कि यह भेदभाव का एक रूप होगा?