VasantBhag2-013

एक तिनका 13


मैं घमंडों में भरा ऐंठा हुआ,

एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा।

आ अचानक दूर से उड़ता हुआ,

एक तिनका आँख में मेरी पड़ा।



मैं झिझक उठा, हुआ बेचैन-सा,

लाल होकर आँख भी दुखने लगी।

मूँठ देने लोग कपड़े की लगे,

ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी।


जब किसी ढब से निकल तिनका गया,

तब ‘समझ’ ने यों मुझे ताने दिए।

ऐंठता तू किसलिए इतना रहा,

एक तिनका है बहुत तेरे लिए।

अयोध्या सिह उपाध्याय ‘हरिऔध’

प्रश्न-अभ्यास

कविता से

  1. नीचे दी गई कविता की पंक्तियों को सामान्य वाक्य में बदलिए।

    जैसे-एक तिनका आँख में मेरी पड़ा-मेरी आँख में एक तिनका पड़ा।

    मूँठ देने लोग कपड़े की लगे-लोग कपड़े की मूँठ देने लगे।

    (क) एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा- ................................................

    (ख) लाल होकर आँख भी दुखने लगी- ................................................

    (ग) ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी- ................................................

    (घ) जब किसी ढब से निकल तिनका गया- ........................................

  2. ‘एक तिनका’ कविता में किस घटना की चर्चा की गई है, जिससे घमंड नहीं करने का संदेश मिलता है?
  3. आँख में तिनका पड़ने के बाद घमंडी की क्या दशा हुई?
  4. घमंडी की आँख से तिनका निकालने के लिए उसके आसपास लोगों ने क्या किया?
  5. ‘एक तिनका’ कविता में घमंडी को उसकी ‘समझ’ ने चेतावनी दी-

    ऐंठता तू किसलिए इतना रहा,

    एक तिनका है बहुत तेरे लिए।

    इसी प्रकार की चेतावनी कबीर ने भी दी है-

    तिनका कबहूँ न निंदिए, पाँव तले जो होय।

    कबहूँ उड़ि आँखिन परै, पीर घनेरी होय।।

    इन दोनों में क्या समानता है और क्या अंतर? लिखिए।

    अनुमान और कल्पना

  1. इस कविता को कवि ने ‘मैं’ से आरंभ किया है-‘मैं घमंडों में भरा ऐंठा हुआ’।

    कवि का यह ‘मैं’ कविता पढ़नेवाले व्यक्ति से भी जुड़ सकता है और तब अनुभव यह होगा कि कविता पढ़नेवाला व्यक्ति अपनी बात बता रहा है। यदि कविता में ‘मैं’ की जगह ‘वह’ या कोई नाम लिख दिया जाए, तब कविता के वाक्यों में बदलाव आ जाएगा। कविता में ‘मैं’ के स्थान पर ‘वह’ या कोई नाम लिखकर वाक्यों के बदलाव को देखिए और कक्षा में पढ़कर सुनाइए।

  2. नीचे दी गई पंक्तियों को ध्यान से पढ़िए-

    एेंठ बेचारी दबे पाँवों भगी,

    तब ‘समझ’ ने यों मुझे ताने दिए।

    इन पंक्तियों में ‘ऐंठ’ और ‘समझ’ शब्दों का प्रयोग सजीव प्राणी की भाँति हुआ है। कल्पना कीजिए, यदि ‘ऐंठ’ और ‘समझ’ किसी नाटक में दो पात्र होते तो उनका अभिनय कैसा होता?

  3. नीचे दी गई कबीर की पंक्तियों में तिनका शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार किया गया है। इनके अलग-अलग अर्थों की जानकारी प्राप्त करें।

    उठा बबूला प्रेम का, तिनका उड़ा अकास।

    तिनका-तिनका हो गया, तिनका तिनके पास।।

    भाषा की बात

    ‘किसी ढब से निकलना’ का अर्थ है किसी ढंग से निकलना। ‘ढब से’ जैसे कई वाक्यांशों से आप परिचित होंगे, जैसे–धम से वाक्यांश है लेकिन ध्वनियों में समानता होने के बाद भी ढब से और धम से जैसे वाक्यांशों के प्रयोग में अंतर है। ‘धम से’, ‘छप से’ इत्यादि का प्रयोग ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने के लिए किया जाता है। नीचे कुछ ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने वाले वाक्यांश और कुछ अधूरे वाक्य दिए गए हैं। उचित वाक्यांश चुनकर वाक्यों के खाली स्थान भरिए-

    छप से टप से थर्र से फुर्र से सन् से

    (क) मेंढक पानी में...........कूद गया।

    (ख) नल बंद होने के बाद पानी की एक बूँद...........चू गई।

    (ग) शोर होते ही चिड़िया...........उड़ी।

    (घ) ठंडी हवा...........गुज़री, मैं ठंड में...........काँप गया।