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संसाधान
मोना और राजू अपना घर साफ़ करने में अम्मा की मदद कर रहे थे। "इन सभी चीज़ो को देखो... कपड़े, बर्तन, अनाज, कंघा, शहद की बोतल,किताबेंण्ण्ण् इनमें से प्रत्येक उपयोगी है," मोना ने कहा। "इसलिए ये महत्त्वपूर्ण हैं," अम्मा ने कहा। "ये संसाधन हैं।" "संसाधन क्या है?" अम्मा से राजू ने प्रश्न पूछा। अम्मा ने बताया, "प्रत्येक वस्तु जिसका उपयोग आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जा सकता है, वह संसाधन है।"
"अपने चारों ओर देखिए और निरीक्षण कीजिए, आप संसाधनों के विविध प्रकारों को पहचानने में सक्षम होंगे। आप प्यास लगने पर जो जल पीते हैं, आप अपने घर में जिस विद्युत का उपयोग करते हैं, स्कूल से घर पहुँचने के लिए उपयोग किया गया रिक्शा, पाठ्यपुस्तक जिसका उपयोग आप अध्ययन के लिए करते हैं, ये सभी संसाधन हैं। आपके पिता ने आपके लिए नाश्ता तैयार किया है। उन्होंने जिन ताज़ी सब्जियों का उपयोग किया है, वे भी एक संसाधन हैं।"
आओ कुछ करके सीखें
अपने घर और अपनी कक्षा में उपयोग किए जाने वाले किन्हीं पाँच संसाधनों की सूची बनाइए।
जल, विद्युत, रिक्शा, सब्जियाँ और पाठ्यपुस्तक सभी में कुछ एक जैसा क्या है? उनमें से सभी वस्तुओं का उपयोग आपके द्वारा किया गया है। इसीलिए वे उपयोगी हैं। एक वस्तु अथवा पदार्थ की उपयोगिता अथवा प्रयोज्यता उसे एक संसाधन बनाती है।
राजू अब जानना चाहता था कि, "कोई भी वस्तु संसाधन कैसे बनती है?" अम्मा ने बच्चों को बताया वस्तुएँ उस समय संसाधन बनती हैं जब उनका कोई मूल्य होता है। "इसका प्रयोग अथवा उपयोगिता इसे मूल्य प्रदान करते हैं। सभी संसाधन मूल्यवान होते हैं।" अम्मा ने कहा।
मूल्य का अर्थ महत्त्व होता है। कुछ संसाधनों का आर्थिक मूल्य होता है जबकि कुछ संसाधनों का आर्थिक मूल्य नहीं होता है। उदाहरणार्थ धातुओं का आर्थिक मूल्य होता है लेकिन एक मनोरम भूदृश्य का आर्थिक मूल्य नहीं होता है। परन्तु ये दोनों संसाधन महत्त्वपूर्ण हैं और मनुष्य की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
कुछ संसाधन समय के साथ आर्थिक रूप से मूल्यवान हो सकते हैं। आपकी दादी के घरेलू नुस्खों का आज कोई वाणिज्यिक मूल्य नहीं है। लेकिन यदि वे पेटेन्ट करने के उपरांत मेडिकल फर्म द्वारा बेचे जाते हैं, तब वे आर्थिक रूप से मूल्यवान हो सकते हैं।
शब्दावली
पेटेन्ट
इसका तात्पर्य किसी विचार अथवा आविष्कार पर एकमात्र अधिकार से है।
समय और प्रौद्योगिकी दो महत्त्वपूर्ण कारक हैं जो पदार्थों को संसाधन में परिवर्तित कर सकते हैं। दोनों लोगों की आवश्यकताओं से संबंधित हैं। लोग स्वयं ही सबसे महत्त्वपूर्ण संसाधन हैं। ये लोगों के विचार, ज्ञान, आविष्कार और खोज ही हैं जो और अधिक संसाधनों की रचना करते हैं। प्रत्येक खोज अथवा आविष्कार से बहुत से अन्य खोज एवं आविष्कार होते हैं। आग की खोज से खाना पकाने की पद्धति एवं अन्य प्रक्रियाओं का प्रचलन हुआ जबकि पहिए के आविष्कार से अन्तत: परिवहन की नवीनतम विधियों का विकास हुआ। जलविद्युत बनाने की प्रौद्योगिकी ने तेजी से बहते जल से ऊर्जा उत्पन्न करके, उसे एक महत्त्वपूर्ण संसाधन बना दिया है।
शब्दावली
प्रौद्योगिकी : किसी कौशल करने अथवा वस्तु बनाने में नवीनतम ज्ञान का अनुप्रयोग प्रौद्योगिकी है।
क्रियाकलाप
अम्मा की सूची से उन संसाधनों पर गोला बनाइए जिनका अभी वाणिज्यिक मूल्य नहीं है।
अम्मा की सूची
सूती वस्त्र
लौह-अयस्क
बुद्धि
औषधीय पौधे
चिकित्सा ज्ञान
कोयला निक्षेप
मनोरम दृश्य
कृषि भूमि
शुद्ध पर्यावरण
लोक गीत
सुहावना मौसम
संसाधन परिपूर्णता
एक अच्छी संगीत ध्वनि
दादी माँ के घरेलू नुस्खे
मित्रों एवं परिवारों से स्नेह
संसाधनों के प्रकार
सामान्यत: संसाधनों को प्राकृतिक, मानव निर्मित और मानव में वर्गीकृत किया गया है।
प्राकृतिक संसाधन
जो संसाधन प्रकृति से प्राप्त होते हैं और अधिक संशोधन के बिना उपयोग में लाए जाते हैं, प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। वायु, जिसमें हम साँस लेते हैं, हमारी नदियों और झीलों का जल, मृदा और खनिज, सभी प्राकृतिक संसाधन हैं। इन संसाधनों में से बहुत से प्रकृति के नि:शुल्क उपहार हैं और सीधे ही उपयोग में लाए जा सकते हैं। कुछ परिस्थितियों में, प्राकृतिक संसाधन का सबसे अच्छी तरह उपयोग करने के लिए औज़ारों और प्रौद्योगिकी की आवश्यकता हो सकती है।
प्राकृतिक संसाधनों को विस्तृत रूप से नवीकरणीय और अनवीकरणीय संसाधनों में विभाजित किया जा सकता है।
शब्दावली
संसाधन का भंडार यह उपयोग के लिए संसाधन की उपलब्ध मात्रा है।
अनवीकरणीय संसाधन वे संसाधन हैं जिनका भंडार सीमित है। भंडार के एक बार समाप्त होने के बाद उनके नवीकृत अथवा पुन: पूरित होने में हज़ारों वर्ष लग सकते हैं। यह अवधि मानव जीवन की अवधि से बहुत अधिक है, इस प्रकार के संसाधन अनवीकरणीय कहलाते हैं। कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस इसके कुछ उदाहरण हैं।
प्राकृतिक संसाधनों का वितरण भूभाग, जलवायु, ऊँचाई जैसे अनेक भौतिक कारकों पर निर्भर करता है। पृथ्वी पर इन कारकों में विभिन्नता होने के कारण संसाधनों का वितरण असमान है।
आओ कुछ करके सीखें
कुछ नवीकरणीय संसाधनों के बारे में सोचिए और बताइए कि किस प्रकार संसाधनों का अधिक उपयोग उनके भंडार को प्रभावित करता है।
मानव निर्मित संसाधन
कभी-कभी प्राकृतिक पदार्थ तब संसाधन बन जाते हैं जब उनका मूल रूप बदल दिया जाता है। लौह-अयस्क उस समय तक संसाधन नहीं था जब तक लोगों ने उससे लोहा बनाना नहीं सीखा था। लोग प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग पुल, सड़क, मशीन और वाहन बनाने में करते हैं जो मानव निर्मित संसाधन के नाम से जाने जाते हैं। प्रौद्योगिकी भी एक मानव निर्मित संसाधन है।
आओ कुछ करके सीखें
पाँच मानव निर्मित संसाधनों की सूची बनाइए जिन्हें आप अपने चारों ओर देख सकते हैं।
"इसीलिए हम जैसे लोग प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके मानव निर्मित संसाधन बनाते हैं", मोना ने समझाते हुए कहा। "हाँ" राजू ने स्वीकृति में सिर हिलाया।
क्या आप जानते हैं?
मानव संसाधन से तात्पर्य लोगों की संख्या और योग्यता (मानसिक तथा शारीरिक) से है। यद्यपि मानव को संसाधन मानने के संदर्भ में लोगों में मतभेद है। इतना होते हुए भी इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता कि मूलत: मनुष्य की कुशलताएँ ही भौतिक पदार्थों को मूल्यवान संसाधन बनाने में सहायता करती हैं।
मानव संसाधन
लोग और अधिक संसाधन बनाने के लिए प्रकृति का सबसे अच्छा उपयोग तभी कर सकते हैं जब उनके पास एेसा करने का ज्ञान, कौशल तथा प्रौद्योगिकी उपलब्ध हो। इसलिए मनुष्य एक विशिष्ट प्रकार का संसाधन है। अत:, लोग मानव संसाधन हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य, लोगों को बहुमूल्य संसाधन बनाने में मदद करते हैं। अधिक संसाधनों के निर्माण में समर्थ होने के लिए लोगों के कौशल में सुधार करना मानव संसाधन विकास कहलाता है।
पढ़ें एवं मनन करें: मनुष्य एक-दूसरे पर निर्भर हैं। किसान सभी के लिए अन्न उपजाते हैं। वैज्ञानिक कृषि से जुड़ी विभिन्न समस्याओं और अन्न उत्पादन बढ़ाने के उपाय खोजते हैं।
संसाधन संरक्षण
उसने अपनी माँ को सपने के बारे में बताया। उसने पूछा, "अम्मा क्या यह सच में हो सकता है?"
"हाँ," अम्मा ने उत्तर दिया। "यदि हम नवीकरणीय संसाधनों के प्रति सतर्क नहीं रहते हैं तो वे बहुत ही दुर्लभ हो सकते हैं और अनवीकरणीय संसाधन निश्चय ही समाप्त हो सकते हैं।" राजू ने पूछा, "हम इसके लिए क्या कर सकते हैं?" "बहुत कुछ," अम्मा ने उत्तर दिया, "आप अपने दोस्तों से बात क्यों नहीं करते?"
संसाधनों का सतर्कतापूर्वक उपयोग करना और उन्हें नवीकरण के लिए समय देना, संसाधन संरक्षण कहलाता है। संसाधनों का उपयोग करने की आवश्यकता और भविष्य के लिए उनके संरक्षण में संतुलन बनाए रखना, सततपोषणीय विकास कहलाता है। संसाधनों के संरक्षण के अनेक तरीके हैं। प्रत्येक व्यक्ति उपभोग को कम करके वस्तुओं के पुन:चक्रण और पुन: उपयोग द्वारा योगदान दे सकता है। अन्तत: यह एक विभिन्नता बनाता है क्योंकि सभी जीवन एक-दूसरे से जुड़े हैं।
शब्दावली
सततपोषणीय विकास संसाधनों का सावधानीपूर्वक उपयोग ताकि न केवल वर्तमान पीढ़ी की अपितु भावी पीढ़ियों की आवश्यकताएँ भी पूरी होती रहें।
उस शाम बच्चों और उनके मित्रों ने पुराने समाचारपत्रों, व्यर्थ वस्त्रों तथा बाँस की डण्डियों से लिफ़ाफे और खरीददारी के लिए थैले बनाए। मोना ने कहा, "हम इन वस्तुओं में से कुछ वस्तुएँ उन परिवारों को देंगे जिन्हें हम जानते हैं।" मुस्तफ़ा ने कहा, "अपने संसाधनों को बचाना और अपनी पृथ्वी को सजीव रखना यह एक बहुत अच्छा कार्य है।"
जेस्सी ने कहा, "मैं बहुत ही सतर्क रहूूँगी कि कागज़ व्यर्थ न हो।" उसने स्पष्ट किया, "कागज़ बनाने के लिए बहुत से पेड़ों को काट दिया जाता है।"
"मैं ध्यान रखूँगा कि मेरे घर में विद्युत व्यर्थ न हो," मुस्तफ़ा ने ज़ोर से कहा, "विद्युत जल और कोयले से मिलती है।" "मैं विश्वास दिलाती हूँ कि घर में जल बेकार नहीं होगा। जल की एक-एक बूँद मूल्यवान है," आशा ने कहा। बच्चों ने कहा "हम सब मिलकर अन्तर ला सकते हैं।"
यह कुछ कार्य मोना, राजू और उनके मित्रों ने किए हैं। आपका क्या विचार है? आप संसाधन संरक्षण में कैसे मदद करने जा रहे हैं?
सततपोषणीय विकास के कुछ सिद्धाँत
- जीवन के सभी रूपों का आदर और देखभाल।
- मानव जीवन की गुणवता को बढ़ाना।
- पृथ्वी की जीवन शक्ति और विविधता का संरक्षण करना।
- प्राकृतिक संसाधनों के ह्रास को कम-से-कम करना।
- पर्यावरण के प्रति व्यक्तिगत व्यवहार और अभ्यास में परिवर्तन।
- समुदायों को अपने पर्यावरण की देखभाल करने योग्य बनाना।
हमारी पृथ्वी और इस पर निवास करने वाले लोगों का भविष्य पेड़-पौधों और परितंत्र की सुरक्षा और संरक्षण से जुड़ा है।
अब यह सुनिश्चित करना हमारा कर्त्तव्य हो जाता है कि-
- सभी नवीकरणीय संसाधनों के उपयोग सततपोषणीय हैं।
- पृृथ्वी पर जीवन की विविधता संरक्षित की जाए।
- प्राकृतिक पर्यावरणीय तंत्र की हानि को कम-से-कम किया जाए।
अभ्यास
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
(i) पृथ्वी पर संसाधन असमान रूप से क्यों वितरित हैं?
(ii) संसाधन संरक्षण क्या है?
(iii) मानव संसाधन महत्त्वपूर्ण क्यों हैं?
(iv) सततपोषणीय विकास क्या है?
2. सही उत्तर पर निशान लगाइए -
(i) निम्नलिखित में से कौन संसाधन को निर्धारित नहीं करता?
(क) उपयोगिता
(ख) मूल्य
(ग) मात्रा
(ii) निम्नलिखत में से कौन-सा मानव निर्मित संसाधन है?
(क) कैंसर उपचार की औषधियाँ
(ख) झरने का जल
(ग) उष्णकटिबंधीय वन
(iii) कथन पूरा कीजिए-
जैव संसाधन ...... होते हैं।
(क) जीव-जन्तुओं से व्युत्पन्न
(ख) मनुष्यों द्वारा निर्मित
(ग) निर्जीव वस्तुओं से व्युत्पन्न
3. क्रियाकलाप -
"रहिमन पानी राखिए बिनु पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरे मोती, मानुस, चून...."
ये पंक्तियाँ अकबर के दरबार के नौ रत्नों में से एक, कवि अब्दुर रहीम खानखाना द्वारा लिखी गई थीं। कवि किस प्रकार के संसाधन की ओर संकेत कर रहा है? इस संसाधन के समाप्त हो जाने पर क्या होगा? इसे 100 शब्दों में लिखिए।
आओ खेलें -
1. सोचिए कि आप प्रागैतिहासिक काल में एक ऊँचे हवादार पठार पर रहते हैं। आप और आपके मित्र तेज पवनों का उपयोग कैसे करेंगे? क्या आप पवन को एक संसाधन कह सकते हैं?
अब कल्पना कीजिए कि आप वर्ष 2138 में उसी स्थान पर रह रहे हैं। क्या आप पवनों का कोई उपयोग कर सकते हैं? कैसे? क्या आप बता सकते हैं कि अब पवन एक महत्त्वपूर्ण संसाधन क्यों है?
2. एक पत्थर, एक पत्ता, एक गत्ता और एक टहनी लीजिए। सोचिए कि आप इनका उपयोग संसाधन की भाँति किस प्रकार कर सकते हैं? नीचे दिए उदाहरण को देखिए और रचना कीजिए।