Bhugolmeprayogatmakkaryabhag1-002

अध्याय 2

मानचित्र मापनी

जैसा कि अध्याय 1 में आपने पढ़ा है कि मापनी सभी प्रकार के मानचित्रों के लिए आवश्यक तत्त्व है। यह इतनी अधिक महत्त्वपूर्ण है कि अगर रेखाओं एवं बहुभुजों का एक जाल बिना मापनी के बनाया जाए, तो उसे केवल एक रेखाचित्र कहा जाता है। मापनी इतनी महत्त्वपूर्ण क्यों है? इसका अर्थ क्या है? मानचित्र पर मापनी को दिखाने के विभिन्न तरीके कौन-कौन से हैं? क्षेत्र एवं दूरियों को मापने मेें मापनी कितनी उपयोगी है? इस तरह के प्रश्नों का उत्तर इस अध्याय में देने का प्रयास किया गया है।

शब्दावली

अंशः  भिन्न में रेखा के ऊपर स्थित अंक को अंश कहते हैं। उदाहरण के लिए, 1ः50,000 के भिन्न में 1 अंश है।

निरूपक भिन्नः  मानचित्र अथवा प्लान की मापनी को प्रदर्शित करने की एक एेसी विधि, जिसमें मानचित्र या प्लान पर दिखाई गई दूरी तथा धरातल की वास्तविक दूरी के बीच के अनुपात को भिन्न के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।

हरः  भिन्न में रेखा के नीचे स्थित अंक को हर कहते हैं। उदाहरण के लिए, 1:50,000 के भिन्न में 50,000 हर है।

मापनी क्या है?

आपने मानचित्रों में अवश्य देखा होगा, जिनमें एक रेखिका समान विभाजनों को व्यक्त करती है तथा प्रत्येक का मान किलोमीटर या मील में अंकित होता है। मानचित्र पर धरातल की दूरियों का पता लगाने के लिए इन विभाजनों का उपयोग किया जाता है। दूसरे शब्दों में, मापनी, मानचित्र पर दिखाए गए संपूर्ण पृथ्वी या इसके किसी आंशिक भाग के साथ मानचित्र के संबंध को दर्शाता है। इस संबंध को मानचित्र पर किन्हीं दो स्थानों के बीच की दूरी एवं धरातल पर उन्हीं दोनों स्थानों के बीच की वास्तविक दूरी के अनुपात के रूप में भी व्यक्त कर सकते हैं।

मानचित्र एवं धरातल के आपसी संबंधों को तीन विधियों से व्यक्त किया जाता है। जो हैंः 

1. मापनी का प्रकथन

3. आलेखी अथवा ग्राफ़ी विधि

2. निरूपक भिन्न (R. F.)

उपरोक्त विधियों के अपने-अपने लाभ एवं सीमाएँ हैं। किन्तु इन तथ्यों को जानने से पूर्व, यह जानने का प्रयास करें कि सामान्यतः मापनी को माप की एक या अन्य पद्धति के द्वारा कैसे व्यक्त किया जाता है। धरातल पर दो बिंदुओं के बीच की क्षैतिज दूरी को मापने के लिए किलोमीटर, मीटर एवं सेंटीमीटर इत्यादि का प्रयोग किया जाता है। प्रायः आपने मील, फर्लांग, गज व फीट आदि के बारे में भी सुना होगा। विश्व के विभिन्न देशों में माप के लिए उपयोग में लायी जाने वाली ये दो विभिन्न पद्धतियाँ हैं। इनमें से पहली पद्धति को माप की मेट्रिक (मीटरीय) प्रणाली कहते हैं, जिसका उपयोग भारत तथा विश्व के अनेक अन्य देशों में किया जाता है। दूसरी पद्धति को माप की अंग्रेज़ी प्रणाली कहते हैं, जिसका उपयोग संयुक्त राज्य अमेरिका एवं इंग्लैंड दोनों स्थानों में प्रचलित है। रेखीय दूरियों को मापने तथा दिखाने के लिए, 1957 के पूर्व इस प्रणाली का उपयोग भारत में भी किया जाता था। इन पद्धतियों के मापकों की इकाई को बॉक्स 2.1 में दिया गया है।

बॉक्स 2.1- माप की पद्धतियाँ

माप की मेट्रिक प्रणाली

1 कि.मी. = 1,000 मीटर

1 मीटर = 100 सें.मी.

1 सें.मी. = 10 मिली मीटर

माप की अंग्रेज़ी प्रणाली

1 मील = 8 फर्लांग

1 फर्लांग = 220 यार्ड

1 यार्ड = 3 फुट

1 फुट = 12 इंच

मापनी व्यक्त करने की विधियाँ

जैसा पूर्व में स्पष्ट किया गया है कि मानचित्र की मापनी को कई विधियों के द्वारा व्यक्त किया जा सकता है। यहाँ पर यह प्रयास किया गया है कि इन विधियों का उपयोग किस प्रकार किया जाता है तथा उनके लाभ एवं सीमाएँ क्या हैं?

1. मापनी का प्रकथनः  मानचित्र की मापनी को जब लिखित प्रकथन में व्यक्त किया जाता है, तो उसे मापनी का प्रकथन कहते हैं। उदाहरण के लिए, यदि मानचित्र पर 1 सेंटीमीटर बराबर 10 किलोमीटर लिखा हो, तो इसका अर्थ है कि मानचित्र पर 1 सेंटीमीटर की दूरी, धरातल की 10 किलोमीटर की दूरी के बराबर होती है। इसी प्रकार दूसरा उदाहरण, 1 इंच बराबर 10 मील, जिसका अभिप्राय है कि 1 इंच मानचित्र की दूरी धरातल पर 10 मील के बराबर है। यह मापनी प्रदर्शित करने की विधियों में सबसे सरल विधि है। कभी-कभी एक पद्धति से परिचित लोग दूसरी पद्धति में दी गई मापनी के कथन को नहीं समझ पाते हैं। इसी प्रकार, वास्तविक मानचित्र को बड़ा या छोटा करने पर इसकी मापनी पूर्ववत् नहीं रहती तथा इसके लिए एक नई मापनी की गणना करनी पड़ती है। एेसी स्थिति में मापनी व्यक्त करने की अन्य विधियों का उपयोग किया जाता है।

2. आलेखी अथवा ग्राफ़ीः  मापनी की दूसरी विधि में मानचित्र पर किन्हीं दो स्थानों के बीच की दूरी एवं धरातल पर उन्हीं दो स्थानों के बीच की दूरी को एक क्षैतिज मापनी के द्वारा दिखाया जाता है, जिस पर प्राथमिक एवं द्वितीयक विभाजक चिह्नित होते हैं। इसे आलेखी मापनी अथवा रेखिका मापनी भी कहा जाता है। चित्र 2.1 से स्पष्ट है कि मापनी में माप को किलोमीटर या मीटर में ही व्यक्त किया गया है। किसी अन्य रेखिका मापनी में माप की इकाई को मील तथा फर्लांग में भी व्यक्त किया जा सकता है। मापनी के प्रकथन की तरह ही, यह विधि भी केवल उन्हीं के लिए उपयुक्त है, जो मापनी में प्रयुक्त विशिष्ट इकाई से परिचित हों। इसके विपरीत, मानचित्र को बड़ा या छोटा करने पर भी आलेखी मापनी मान्य रहती है। आलेखी मापनी की यह एक प्रमुख विशेषता है।


चित्र 2-1: आलेखी मापनी

3. निरूपक भिन्न (R. F.) ः मापनी प्रदर्शित करने की तीसरी विधि निरूपक भिन्न है। यह मानचित्र पर दी गई दूरी तथा धरातल पर उन्हीं दूरियों के बीच के अनुपात को व्यक्त करती है। मापनी में व्यक्त इकाइयों के उपयोग ने इस विधि को सबसे उपयुक्त बना दिया है।

इसे प्रायः भिन्न के रूप में व्यक्त किया जाता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि मानचित्र पर दिखाने के लिए वास्तविक विश्व को कितना छोटा किया गया है। उदाहरण के लिए, 1ः24,000 एक भिन्न दिखाता है जिसका अर्थ है कि मानचित्र पर दी गई दूरी की 1 इकाई, भूमि पर दूरी की 24,000 इकाइयों को निरूपित करती है। निरूपक भिन्न का अंश हमेशा 1 इकाई में होता है। इसे किसी भी इकाई में माना जा सकता है। जैसे कि एक मि.मी., एक सें.मी. या एक इंच धरातल पर क्रमशः 24,000 मि.मी., 24,000 सें.मी. या 24,000 इंच को दर्शाता है। यहाँ, यह भी याद रखना चाहिए कि इकाइयों के भिन्न को मेट्रिक या अंग्रेज़ी पद्धति में बदलते समय सेंटीमीटर या इंच की इकाइयों का उपयोग सामान्यतः परिपाटी के अनुसार लिया जाता है। निरूपक भिन्न विधि में मापनी की इकाई को व्यक्त करने का यह तरीका इस विधि को सार्वत्रिक मान्य एवं उपयोज्य बनाता है। आइए, 1ः36,000 के निरूपक भिन्न को निरूपक भिन्न विधि की सार्वत्रिक प्रकृति के रूप में समझें।

यदि दी गयी मापनी 1ः36,000 है, मेट्रिक प्रणाली से परिचित व्यक्ति दी गई इकाइयों को सेंटीमीटर में बदलकर पढ़ेगा, यानी मानचित्र पर 1 इकाई दूरी को 1 सेंटीमीटर तथा 36,000 इकाइयों की दूरी को धरातल के 36,000 सेंटीमीटर के रूप में पढ़ेगा। निरूपक भिन्न को साधारण कथन में बदला जा सकता है, यानी 1 सेंटीमीटर = 360 मीटर को व्यक्त करता है। (यहाँ भिन्न के हर में सेंटीमीटर की संख्या को 100 से भाग देकर मीटर में बदल दिया गया है)। अंग्रेज़ी प्रणाली से परिचित एक अन्य व्यक्ति दी गई मापनी को अपनी सुविधानुसार इंच में बदल सकता है। इस प्रकार 1 इंच मापनी को 1,000 गज के रूप में समझेगा। दी गई मापनी के अनुसार 36,000 को 36 से भाग देने पर 1,000 प्राप्त किया जा सकता है।

मापनी का रूपांतरण

इस प्रकार मापनी प्रदर्शित करने वाली उपर्युक्त विधियों के अध्ययन के पश्चात् मापनी के प्रकथन को निरूपक भिन्न में एवं निरूपक भिन्न को मापनी के प्रकथन में परिवर्तित किया जा सकता है।

मापनी के प्रकथन को निरूपक भिन्न में बदलनाः 

प्रश्नः एक मानचित्र की मापनी में दिए गए 4 मील को 1 इंच में व्यक्त करने वाले मापनी के प्रकथन को निरूपक भिन्न में बदलिए।

हलः  निम्नलिखित चरणों के द्वारा, दी गई मापनी को निरूपक भिन्न में बदला जा सकता है। मानचित्र की 1 इंच दूरी, धरातल की 4 मील की दूरी को व्यक्त करती है

अर्थात्, 1 इंच = 4 × 63,360 इंच को व्यक्त करता है (1 मील = 63,360 इंच)

इस प्रकार, 1 इंच = 253,440 इंच दूरी को व्यक्त करता है।

नोटः अब हम ‘इंच’ के स्थान पर ‘इकाई’ रखकर इस प्रकार पढ़ सकते हैंः 

1 इकाई 253,440 इकाइयों को दर्शाता है

उत्तरः निरूपक भिन्न 1ः253,440

निरूपक भिन्न को मापनी के प्रकथन में परिवर्तित करना

प्रश्नः निरूपक भिन्न 1ः253,440 को मापनी के प्रकथन (मेट्रिक प्रणाली) में परिवर्तित करें।

हलः  दिए गए निरूपक भिन्न 1ः253,440 को निम्नलिखित चरणों के द्वारा मापनी के प्रकथन में बदला जा सकता हैः

1ः253,440 का अर्थ है,

मानचित्र की 1 इकाई दूरी, धरातल की 253,440 इकाइयों को व्यक्त करती है।

अर्थात, 1 सें.मी. = 253,440/100,000 किलोमीटर को व्यक्त करेगा।

(1 किलोमीटर = 100,000 सेंटीमीटर)

या, 1 सेंटीमीटर = 2.5344 किलोमीटर को व्यक्त करता है।

दशमलव के बाद के दो अंकों के साथ उत्तर होगाः 

उत्तरः 1 सेंटीमीटर 2.53 किलोमीटर को व्यक्त करता है।

आलेखी या रेखिका मापनी की रचना

प्रश्न 2ः 1ः50,000 मापक पर निर्मित मानचित्र के लिए एक आलेखी मापनी की रचना कीजिए, जिसमें किलोमीटर तथा मीटर पढ़े जा सकें।

नोटः परिपाटी के अनुसार, एक आलेखी मापनी बनाने के लिए लगभग 15 सेंटीमीटर की लंबाई ली जाती है।

हलः निम्न चरणों में आलेखी मापनी की लंबाई ज्ञात की जाती है-

1ः50,000 का अर्थ है मानचित्र की एक इकाई दूरी धरातल की 50,000 इकाइयों को व्यक्त करती है।

अर्थात्, 1 सेंटीमीटर, 50,000 सेंटीमीटर को व्यक्त करता है।

या, 15 सेंटीमीटर = 50,000 × 15/100,000 किलोमीटर को व्यक्त करता है।

या, 15 सेंटीमीटर = 7.5 कि.मी.

चूँकि, 7.5 (किलोमीटर) एक पूर्णांक नहीं है, इसलिए हम 5 या 10 (किलोमीटर) को पूर्णांक के रूप में ले सकते हैं। इस प्रश्न में 7.5 का निकटतम मान 5 को पूर्णांक के रूप में लेते हैं।

इस प्रकार 5 किलोमीटर को रेखा की लंबाई में व्यक्त करने के लिए निम्नलिखित गणनाएँ करेंगेः 

- 7.5 किलोमीटर को 15 सेंटीमीटर की रेखा के द्वारा व्यक्त किया जाता है।

- 5 कि.मी. को 15 × 5/7.5 की रेखा के द्वारा व्यक्त किया जाएगा।

अर्थात्, 5 किलोमीटर को 10 सेंटीमीटर की रेखा के द्वारा व्यक्त किया जाएगा।

आलेखी मापनी को निम्नलिखित चरणों में बनाया जा सकता हैः

सर्वप्रथम 10 सेंटीमीटर की एक सीधी रेखा खींचें तथा इसे 5 बराबर मुख्य भागों में विभाजित करें। बायें वाले एक मुख्य भाग को छोड़कर 0 से दाईं ओर प्रत्येक भाग को 1 कि.मी. का मान प्रदान कर देते हैं। अब रेखा के बायें भाग को 10 बराबर भागों में विभाजित करें तथा 0 से शुरू करते हुए प्रत्येक भाग को 100 मीटर के मान के द्वारा चिह्नित करें। (आप इसे 2, 4 या 5 भागों में भी विभाजित कर सकते हैं तथा प्रत्येक उपभागों के लिए 500, 250 या 200 मीटर के मान रख सकते हैं।)


चित्र 2.2

प्रश्न 2ः एक आलेखी मापनी की रचना कीजिए जिसकी मापनी का प्रकथन 1 मील = 1 इंच है और जिसे मील एवं फर्लांग में पढ़ा जा सके।

नोटः परिपाटी के अनुसार, आलेखी मापनी बनाने के लिए लगभग 6 इंच की लंबाई ली जाती है।

गणनाः आलेखी मापनी के लिए निम्नलिखित तरीके से रेखा की लंबाई ज्ञात की जा सकती हैः

चूँकि, 1 इंच = 1 मील

या, 6 इंच = 6 मील

रचनाः  निम्नलिखित तरीके से आलेखी मापनी बनायी जा सकती हैः

6 इंच लंबी एक सीधी रेखा खींचें तथा इसे 6 बराबर भागों में बाँट दें। दाहिनी ओर के पाँचों भागों में प्रत्येक का मान 1 मील रखें। अब बायें भाग को भी चार बराबर भागों में विभक्त कर दें तथा 0 से शुरू करते हुए प्रत्येक भाग का मान 2 फर्लांग रखें।


चित्र 2.3

प्रश्न 3ः एक आलेखी मापनी बनाएँ, जिसमें दिया गया निरूपक भिन्न 1ः50,000 है तथा दूरियों को मील एवं फर्लांग में व्यक्त करें।

गणनाः आलेखी मापनी के लिए रेखा की लंबाई जानने के लिए निम्नलिखित गणना की जाती हैः

1ः50,000 का अर्थ है-

1 इकाई दूरी, 50,000 इकाइयों को व्यक्त करती है।

इस प्रकार, 1 इंच = 50,000 इंच

6 इंच = 50,000 × 6/63,360 (1 मील = 63,360")

= 6 इंच = 4.73 मील

चूँकि, 4.73 (मील) पूर्णांक नहीं है, इसलिए पूर्णांक के रूप में 5 को लेते हैं।

अब रेखा की लंबाई को 5 किलोमीटर के रूप में व्यक्त करने के लिए निम्नलिखित गणना की जाती हैः

चूँकि, 6 इंच की रेखा के द्वारा 4.73 मील को व्यक्त किया जाता है।

इसलिए, 6 × 5/4.73 की रेखा के द्वारा 5 मील को व्यक्त किया जाएगा।

6.34 इंच के द्वारा 5 मील को व्यक्त किया जाएगा।

रचनाः  आलेखी मापनी निम्न तरीके से बनायी जा सकती हैः

5 मील को व्यक्त करने के लिए 6.34 इंच की एक रेखा खीचिए तथा इसे 5 बराबर भागों में विभाजित कीजिए। रेखा के पाँच बराबर भाग करने के लिए निम्न प्रक्रिया अपनाई जाती हैः

6.3 इंच की एक सीधी रेखा खींचे।

रेखा के प्रारंभिक एवं अंतिम सिरे से 40° या 45° के कोण पर रेखाओं को खींचें तथा उनको लगभग 1 या 1.5 इंच वाले पाँच बराबर भागों में विभक्त करें।

दोनों रेखाओं पर चिह्नित विभाजनों को बिंदुओं के द्वारा मिला दें।

मापनी पर इन रेखाओं के विभाजक-बिंदुआें को चिह्नित करें।

एेसा करके आप 6.3 इंच की असमान रेखा को 5 बराबर भागों में बाँट लेंगें। पुनः बायें भाग को फर्लांगों में व्यक्त करने के लिए 4 या 8 भागों में विभाजित कीजिए।

चित्र 2.4 आलेखी मापनी पर समान वितरण का चिह्न

अभ्यास

1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनेंः 

(i) निम्नलिखित में से कौन-सी विधि मापनी की सार्वत्रिक विधि है?

(क) साधारण प्रकथन

(ख) निरूपक भिन्न

(ग) आलेखी विधि

(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं

(ii) मानचित्र की दूरी को मापनी में किस रूप में जाना जाता है?

(क) अंश

(ख) हर

(ग) मापनी का प्रकथन

(घ) निरूपक भिन्न

(iii) मापनी में ‘अंश’ व्यक्त करता है-

(क) धरातल की दूरी

(ख) मानचित्र पर दूरी

(ग) दोनों दूरियाँ

(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में देंः

(i) मापक की दो विभिन्न प्रणालियाँ कौन-कौन सी हैं?

(ii) मेट्रिक एवं अंग्रेज़ी प्रणाली में मापनी के एक-एक उदाहरण दें।

(iii) निरूपक भिन्न विधि को सार्वत्रिक विधि क्यों कहा जाता है?

(iv) आलेखी विधि के मुख्य उपयोग क्या हैं?

3. निम्न मापनी के प्रकथन को निरूपक भिन्न में बदलें।

(i) 5 सेंटीमीटर, 10 किलोमीटर को व्यक्त करता है।

(ii) 2 इंच के द्वारा 4 मील व्यक्त होता है।

(iii) 1 इंच के द्वारा 1 गज व्यक्त होता है।

(iv) 1 सेंटीमीटर, 100 मीटर को व्यक्त करता है।

4. निरूपक भिन्न को कोष्ठक में दी गई माप-प्रणाली के अनुसार मापनी के प्रकथन में परिवर्तित करेंः

(i) 1ः100,000 (किलोमीटर में)

(ii) 1ः31,680 (फर्लांग में)

(iii) 1ः126,720 (मील में)

(iv) 1ः50,000 (मीटर में)

5. 1ः50,000 मापक पर एक आलेखी मापनी की रचना कीजिए जिसमें किलोमीटर एवं मीटर पढ़े जा सकें।