Solution of Chapter 4. Chaand Se Thodi Gappen (NCERT Hindi -वसंत भाग 1 Book)

Chapter Exercises

Kavita se

Anuman aur kalpana

Bhasha ki baat

Kuch karne ko

1

पृथ्वी के चारों ओर परिभ्रमण करते हुए चंद्रमा भी पृथ्वी के साथ-साथ सूर्य का परिभ्रमण करता है। इन्हीं दोनों परिभ्रमणों से वर्ष और मास की गणनाएँ होती हैं। सामान्यतः तीस दिनों के महीने होते हैं जिन्हें चंद्रमा की वार्षिक गति को बारह महीनों में विभाजित करके निर्धारित किया जाता है। तीस दिनों में पंद्रह-पंद्रह दिनों के दो पक्ष होते हैं। जिन पंद्रह दिनों में चंद्रमा बढ़ते-बढ़ते पूर्णिमा तक पहुँचता है, उसे शुक्ल पक्ष और जिन पंद्रह दिनों में चंद्रमा घटते-घटते अमावस्या तक जाता है, उसे कृष्ण पक्ष कहते हैं। इसी तरह एक वर्ष के बारह महीनों में छह-छह माह के दो अयन होते हैं। जिन छह महीनों में मौसम का तापमान बढ़ता है, उसे उत्तरायण और जिन छह महीनों में मौसम का तापमान घटता है, उसे दक्षिणायन कहते हैं। संवत के बारह महीनों के नाम इस प्रकार हैं- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन।

अंग्रेजी कैलेंडर की वार्षिक गणना सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिभ्रमण की अवधि के अनुसार तीन सौ पैंसठ दिनों की होती है। इसके महीनों की गणना पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा के परिभ्रमण पर आधारित नहीं है। इसमें वर्ष के तीन सौ पैंसठ दिनों को ही बारह महीनों में विभाजित किया गया है। इस कैलेंडर के सभी महीने तीस-तीस दिन के नहीं होते। अप्रैल, नवंबर, जून, सितंबर-इनके हैं दिन तीस। फरवरी है अट्ठाइस दिन की, बाकी सब इकतीस।


नीचे दो प्रकार के कैलेंडर दिए गए हैं। इन्हें देखों और प्रश्नों के उत्तर दो।



(क) ऊपर दिए गए कैलेंडरों में से किस कैलेंडर में चंद्रमा के अनुसार महीने के दिन दिए गए हैं?


(ख) दिए गए दोनों कैलेंडरों के अंतर स्पष्ट करो।


(ग) कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष का क्या अर्थ होता है?