लड़ाई भी खेल जैसी
“अनेक देशों के बच्चों की यह फ़ौज अलग-अलग भाषा, वेशभूषा, में होकर भी एक जैसी ही है। कई देशों के बच्चों को इक्टठा कर दो, वे खेलेंगे या लड़ेंगे और यह लड़ाई भी खेल जैसी ही होगी।
वे रंग, भाषा जाति पर कभी नहीं लड़ेंगे।”
ऊपर के वाक्यों को पढ़ो और बताओ कि-
क) यह कब, किसने, किसमें और क्यों लिखा?
ख) क्या लड़ाई भी खेल जैसी हो सकती है? अगर हां तो कैसे और उस खेल में तुम्हारे विचार से क्या-क्या हो सकता है।