बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे?
बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाढ़ का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था?
सबकी जबान पर एक ही जिज्ञासा-‘पानी कहाँ तक आ गया है?’ इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं?
‘मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा गया है और क्यों?
आपदाओं से निपटने के लिए अपनी तरप़्ाफ़ से कुछ सुझाव दीजिए।
‘ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए……..अब बूझो!’-इस कथन द्वारा लोगों की किस मानसिकता पर चोट की गई है?
खरीद-बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई थी?
जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने क्या-क्या प्रबंध किए?
बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में कौन-कौन सी बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है?
नौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में कूद गया। दोनों ने किन भावनाओं के वशीभूत होकर ऐसा किया?
‘अच्छा है, कुछ भी नहीं। कलम थी वह भी चोरी चली गई। अच्छा है, कुछ भी नहीं-मेरे पास।’-मूवी कैमरा टेप रिकॉर्डर आदि की तीव्र उत्कंठा होते हुए भी लेखक ने अंत में उपर्युक्त कथन क्यों कहा?
आपने भी देखा होगा कि मीडिया द्वारा प्रस्तुत की गई घटनाएँ कई बार समस्याएँ बन जाती हैं, ऐसी किसी घटना का उल्लेख कीजिए।
अपनी देखी-सुनी किसी आपदा का वर्णन कीजिए।