भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में किस बात का डर था?
मक्खनपुर पढ़ने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढेला क्यों फेंकती थी?
‘साँप ने फुसकार मारी या नहीं, ढेला उसे लगा या नहीं, यह बात अब तक स्मरण नहीं’-यह कथन लेखक की किस मनोदशा को स्पष्ट करता है?
किन कारणों से लेखक ने चिट्ठयों को कुंएँ से निकालने का निर्णय लिया ?
साँप का ध्यान बटाने के लिए लेखक ने क्या-क्या युक्तियाँ अपनाई ?
कुँए में उतरकर चिट्ठियों को निकालने संबंधी साहसिक वर्णन को अपने शब्दों में लिखिए?
इस पाठ को पढ़ने के बाद किन-किन बाल-सुलभ शरारतों के विषय में पता चलता है?
‘मनुष्य का अनुमान और भावी योजनाएँ कभी-कभी कितनी मिथ्या और उलटी निकलती है’- का आशय स्पष्ट कीजिए?
‘फल तो किसी दूसरी शक्ति पर निर्भर है’- पाठ के संदर्भ में इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए?