निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
पहले पद में भगवान और भक्त की जिन-जिन चीजों से तुलना की गई है, उनका उल्लेख कीजिए।
पहले पद की प्रत्येक पंक्ति के अंत में तुकांत शब्दों के प्रयोग से नाद-सौंदर्य आ गया है, जैसे- पानी, समानी आदि। इस पद में से अन्य तुकांत शब्द छाँटकर लिखिए।
पहले पद में कुछ शब्द अर्थ की दृष्टि से परस्पर संबद्ध हैं। ऐसे शब्दों को छाँटकर लिखिए।
दूसरे पद में कवि ने ‘गरीब निवाजु’ किसे कहा है? स्पष्ट कीजिए।
दूसरे पद की ‘जाकी छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै’ इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
‘रैदास’ ने अपने स्वामी को किन-किन नामों से पुकारा है?
निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिएः
मोरा, चंद, बाती, जोति, बरै, राती, छत्रु, धरै, छोति, तुहीं, गुसईआ
नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
जाकी अँग-अँग बास समानी
जैसे चितवत चंद चकोरा
जाकी जोति बरै दिन राती
ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै
नीचहु ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै
रैदास के इन पदों का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
भक्त कवि कबीर, गुरु नानक, नामदेव और मीराबाई की रचनाओं का संकलन कीजिए।
पाठ में आए दोनों पदों को याद कीजिए और कक्षा में गाकर सुनाइए।