निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता?
हमें अपना दुःख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?
रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?
एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?
जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता?
अवध नरेश को चित्रकुट क्यों जाना पड़ा?
‘नट’ किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है?
‘मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ मे पानी के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
टूट से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।
सुनि अठिलैहें लोग सब, बाँटि न लैहें कोय।
रहिमन मूलहिं सीचिबों, फूलै फलै अघाय।
दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।
नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।
जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।
पानी गए ने ऊबरै, मोती, मानुष, चून।
निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है-
क) जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।
ख) कोई लाख कोशिश करे पर बिगड़ी बात फिर बन नहीं सकती।
ग) पानी के बिना सब सूना है अतः पानी अवश्य रखना चाहे।।
उदाहरण के आधार पर पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए।
‘सुई की जगह तलवार काम नहीं आती’ तथा ‘बिन पानी सब सून’ इन विषयों पर कक्षा में परिचर्चा आयोजित कीजिए।
‘चित्रकूट’ किस राज्य में स्थित है, जानकारी प्राप्त कीजिए।
निति संबंधी अन्य कवियों के दोहे/ कविता एकत्र कीजिए और उन दोहो/कविताओं चार्ट पर लिखकर भित्ति पत्रिका पर लगाइए।