कवि ने ‘श्रीब्रजदूलह किसके लिए प्रयुक्त किया है और उन्हें संसार रूपी मंदिर का दीपक क्यों कहा है?
पहले सवैये में से उन पंक्तियों को छाँटकर लिखिए जिनमें अनुप्रास और रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है?
निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
पाँयनि नूपुर मंजु बजैं, कटि किंकिनि के धुनि की मधुराई।
साँवरे अंग लसै पट पीत, हिये हुलसै बनमाल सुहाई।
दूसरे कवित्त के आधार पर स्पष्ट करें कि ऋतुराज वसंत के बाल-रूप का वर्णन परंपरागत वसंत वर्णन से किस प्रकार भिन्न है।
‘प्रातहि जगावत गुलाब चटकारी है’-इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
चाँदनी रात की सुंदरता को कवि ने किन-किन रूपों में देखा है?
‘प्यारी राधिका को प्रतिबिंब सो लगत चंद’- इस पंक्ति का भाव स्पष्ट करते हुए बताएँ
कि इसमें कौन-सा अलंकार है?
तीसरे कवित्त के आधार पर बताइए कि कवि ने चाँदनी रात की उज्ज्वलता का वर्णन करने के लिए किन-किन उपमानों का प्रयोग किया है?
पठित कविताओं के आधार पर कवि देव की काव्यगत विशेषताएँ बताइए।
आप अपने घर की छत से पूर्णिमा की रात देखिए तथा उसके सौंदर्य को अपनी कलम से
शब्दबद्ध कीजिए।
भारतीय ऋतु चक्र में छह ऋतुएँ मानी गई हैं, वे कौन-कौन सी हैं?
‘ग्लोबल वार्मिंग’ के कारण ऋतूओं में क्या परिवर्तन आ रहे हैं? इस समस्या से निपटने में आपकी क्या भूमिका हो सकती है?