निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
पहले पद में मीरा ने हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती किस प्रकार की है?
दूसरे पद में मीराबाई श्याम की चाकरी क्यों करना चाहती हैं? स्पष्ट कीजिए।
मीराबाई ने श्रीकृष्ण के रूप-सौंदर्य का वर्णन कैसे किया है?
मीराबाई की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
वे श्रीकृष्ण को पाने के लिए क्या-क्या कार्य करने को तैयार हैं?
निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
हरि आप हरो जन री भीर।
द्रोपदी री लाज राखी, आप बढ़ायो चीर।
भगत कारण रूप नरहरि, धर्यो आप सरीर ।
बूढ़तो गजराज राखो, काटी कुण्जर पीर।
दासी मीराँ लाल गिरधर, हरो म्हारी भीर।
चाकरी में दसरण पास्यूँ, सुमरण पास्यूँ खरची।
भाव भगती जागीरी पास्यूँ, तीनूं बाताँ सरसी।
उदाहरण के आधार पर पाठ में निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए-
उदाहरण- भीर- पीड़ा/कष्ट/दुख; री- की