निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
पावस ऋतु में प्रकृति में कौन-कौन से परिवर्तन आते है? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
‘मेखलाकार’ शब्द का क्या अर्थ है? कवि ने इस शब्द का प्रयोग यहाँ क्यों किया है?
‘सहस्र दृग-सुमन’ से क्या तात्पर्य है? कवि ने इस पद का प्रयोग किसके लिए किया होगा?
कवि ने तालाब की समानता किसके साथ दिखाई है और क्यों?
पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर क्यों देख रहे थे और वे किस बात को प्रतिबिंबित करते हैं?
शाल के वृक्ष भयभीत होकर धरती में क्यों धँस गए?
झरने किसके गौरव का गान कर रहे हैं? बहते हुए झरने की तुलना किससे की गई है?
निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
है टूट पड़ा भू पर अंबर।
यों जलद-यान में विचर-विचर
था इंद्र खेलता इंद्रजाल।
गिरिवर के उर से उठ-उठकर
उच्चाकांक्षाओं से तरूवर
है झाँक रहे नीरव नभ पर
अनिमेष, अटल, कुछ चिंतापर।
इस कविता में मानवीकारण अलंकार का प्रयोग किस प्रकार किया गया है? स्पष्ट कीजिए।
आपकी दृष्टि में इस कविता का सौंदर्य इनमें से किस पर निर्भर करता है-
(क) अनेक शब्दों की आवृत्ति पर ।
(ख) शब्दों की चित्रमयी भाषा पर ।
(ग) कविता की संगीतात्मकता पर ।
कवि ने चित्रात्मक शैली का प्रयोग करते हुए पावस ऋतु का सजीव चित्र अंकित किया है। ऐसे स्थलों को छाँटकर लिखिए।